रविवार, 11 अगस्त 2019

निशंक ज्ञान पर दें ध्यानः अणु परमाणु की खोज ऋषि चरक ने की

निशंक ज्ञान पर दें ध्यानः अणु परमाणु की खोज ऋषि चरक ने की
आईआईटी बाम्बे के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुऐ एचआरडी मंत्री निशंक ने दिया बयान

मुंबई। आईआईटी बाम्बे के 57वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि चरक ऋषि ने अणु और परमाणु की खोज की और उन्होंने ही इस विचार को आगे बढ़ाया था।
पोखरियाल ने कहा कि हमने ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्रा में हमेशा दुनिया का नेतृत्व किया है। हमारे वैज्ञानिक आर्यभट्ट ने दुनिया को शून्य दिया। क्या हम भूल जाएंगे भास्कराचार्य जी ने दशमलव का मायने पूरी दुनिया को समझाया। गणित की बुनियाद रखने वाले को दुनिया कैसे भूल सकती है? क्या हम सुश्रुत को भूल जाएंगे, जिन्होंने शल्य चिकित्सा की खोज की।
उनका कहना था कि क्या चरक ऋषि को हम भूल जाएंगे जिन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति की खोज की। आज बिना आयुर्वेद के चिकित्सा अधूरी है। चरक ऋषि ने अणु और परमाणु की खोज की, अणु-परमाणु के विचार को आगे बढ़ाया। योग को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया। बता दें कि वैज्ञानिक तौर पर माना जाता है कि ब्रिटिश केमिस्ट जान डाल्टन ने 1803 में परमाणु की खोज की थी। 
अपने संबोधन में निशंक ने पूछा कि हमने अपनी चीजों को आगे क्यों नहीं बढ़ाया? निशंक आईआईटी बाम्बे में मुख्य अतिथि के तौर पर आए थे। पोखरियाल ने अव्वल आए छात्रों को मेडल दिया और समारोह को संबोधित किया। इसी संबोधन में पोखरियाल ने कहा कि जब दुनिया में कुछ भी नहीं था तब हमारे पास तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय थे।
पोखरियाल ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कृति का जुड़ना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिना संस्कृति के शिक्षा अपने उद्देश्य तक नहीं पहुंच पाती। पूरी दुनिया ने हमसे सीखा है। जब दुनिया में कुछ भी नहीं था तो हमारा गौरव पराकाष्ठा पर था। तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय थे। पूरी दुनिया के लोग हमारे यहां ज्ञान के लिए आते थे। आज उसी विश्व गुरु को जानने-पहचानने, मानने और बढ़ाने की जरूरत है।


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