मंगलवार, 31 अगस्त 2021

भारत की जीडीपी में रेकॉर्ड तेजी

भारत की जीडीपी में रेकॉर्ड तेजी



पहली तिमाही में ही 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी अर्थव्यवस्था!

एजेंसी

नई दिल्ली। कोरोना काल में सबसे तगड़ा झटका देश की जीडीपी को लगा था। अब इसमें सुधार दिखने लगा है। सरकार की तरफ से जीडीपी के ताजा आंकड़े जारी किए गए। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही यानी अप्रैल 2021 से जून 2021 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ में 20.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।

आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के पहली तिमाही में जीडीपी 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है, जो 2020-21 की पहली तिमाही में 26.95 लाख करोड़ रुपये थी। यानी साल दर साल के आधार पर जीडीपी में 20.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल 2020-21 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई थी।

एसबीआई की ईकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी की दर 18.5 फीसदी रह सकती है। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान था कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 21.4 फीसदी की दर दिखा सकती है। अभी सरकारी आंकड़ों के अनुसार जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी है, जो रिजर्व बैंक के अनुमान के बेहद करीब है। जीडीपी की इतनी शानदार ग्रोथ रेट ये संकेत दे रही है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधर रही है।

ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। जीडीपी किसी देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। अधिक जीडीपी का मतलब है कि देश की आर्थिक बढ़ोतरी हो रही है। अगर जीडीपी बढ़ती है तो इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था ज्यादा रोजगार पैदा कर रही है। इसका यह भी मतलब है कि लोगों का जीवन स्तर भी आर्थिक तौर पर समृद्ध हो रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि कौन से क्षेत्र में विकास हो रहा है और कौन सा क्षेत्र आर्थिक तौर पर पिछड़ रहा है।


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प्रकृति जीवन के लिए अनमोल धरोहरः वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक सोनी

 प्रकृति जीवन के लिए अनमोल धरोहरः वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक सोनी



संवाददाता

देहरादून। पर्यावरणीय संतुलन बनाने के लिए जनता इण्टर कालेज नयागांव मलहान में वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य गिरीश दत्त सेमवाल की अध्यक्षता में विद्यालय परिसर में मोरपंखी, तुलसी के पौधों का रोपण किया। इस दौरान प्रधानाचार्य को मोरपंखी का पौधा उपहार में भेंट भी किया गया।     

वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि प्रकृति हमारी जगत जननी हैं, जो हमारे जीवन को चलाती हैं। मनुष्य की भोगवादी प्रवृति ने प्रकृति को अपने अधीन कर खुद को इसका स्वामी समझ लिया है जो चिंतनीय हैं। 

उन्होंने कहा कि हमें इस धरती की सेवा करके पर्यावरण संतुलन बनाने के क्षेत्र में कार्य करना चाहिए तभी प्राकृतिक संसाधन बच पाएंगे। अन्यथा जिस प्रकार से पर्यावरण का दोहन किया जा रहा है, आने वाले समय में बहुत बड़ी दिक्कत का सामना आने वाली पीढ़ी को करना पड़ेगा। बारिश के मौसम में बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ जैसे आपदाएं होती हैं जिसमंे मानव जीवन असुरक्षित होता जा रहा है।

प्रधानाचार्य गिरीश दत्त सेमवाल ने कहा कि बच्चे हमारे भविष्य हैं। बच्चों में पौधारोपण संस्कारों में निहित होना चाहिए तभी हमारी धरती हरी भरी रहेगी। किशन सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रकृति हमारी धरोहर है इसलिए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सबको लेनी होगी। 

पौधारोपण में हिमांशु ठाकुर, दिनेश रतूड़ी, महिपाल सिंह, यशपाल, आशुतोष, रिया, राशिका, करन आदि शामिल थे।


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बीएड टीईटी प्रशिक्षितों का शिक्षा निदेशालय में धरना जारी

 बीएड टीईटी प्रशिक्षितों का शिक्षा निदेशालय में धरना जारी



अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर विगत एक माह से शिक्षा निदेशालय में धरनारत

संवाददाता

देहरादून। बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का सांकेतिक धरना शिक्षा निदेशालय में जारी है। महासंघ के धरने में टिहरी जनपद से पहुंचे अरविन्द शाह ने बीएड प्रशिक्षितों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के बीएड प्रशिक्षित अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर विगत एक माह से शिक्षा निदेशालय में धरनारत है मगर विभागीय अधिकारियों द्वारा हमारी मांगों पर कोई भी ठोस कार्यवाही नही की जा रही है जिससे प्रदेश के बीएड प्रशिक्षितों में भारी रोष हैं।

उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि हम बीएड प्रशिक्षितों की सिर्फ एक मांग है कि राज्य सरकार राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में मार्च 2022 तक पदोन्नति, सेवानिवृत्त तथा अन्य कारणों से रिक्त होने वाले सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के समस्त पदों को वर्तमान में गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करते हुए भर्ती चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करे।

चमोली जनपद से पहंुचे बीएड प्रशिक्षित जयप्रकाश पंवार ने कहा कि वर्तमान में गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती को विभिन्न याचिकाओं के द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है जिसके कारण भर्ती पूर्ण होने में विलम्ब हो रहा है अतः राज्य सरकार को महाधिवक्ता के माध्यम से सभी याचिकाओं के जल्द निस्तारण हेतु उच्च न्यायालय में ठोस पैरवी करनी चाहिए जिससे गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती समय से पूर्ण हो सके।

महासंघ के धरने में अभिषेक भट्ट, जयप्रकाश, अरविन्द शाह, राजीव, नरेश, मनोज, हरि थपलियाल, रेखा, प्रीति, उर्मिला, सुनीता आदि बीएड प्रशिक्षित उपस्थित रहे।


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उक्रांद द्वारा रानीपोखरी पुल टूटने के दोषियों को दंडित करने की मांग

 उक्रांद द्वारा रानीपोखरी पुल टूटने के दोषियों को दंडित करने की मांग



संवाददाता

डोईवाला। रानीपोखरी पुल का उत्तराखंड क्रांति दल के पदाधिकारियों ने निरीक्षण किया और मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द पुल की मरम्मत का कार्य शुरू करवाया जाए और पुल टूटने के कारणों की जांच कराई जाये। उनका कहना था कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाए।

उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पुल टूटने का कारण अवैध खनन है। रिवर ट्रेनिंग के मानकों को दरकिनार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपने कार्यकाल में अनगिनत खनन के पट्टे बांटे हुए हैं। जिसकी आड़ में पूरे डोईवाला में अवैध रूप से खनन जोरों शोरों पर चलता है, जिसकी जानकारी सभी को है पर कार्यवाही करने से पुलिस प्रशासन समेत सरकार भी पीछे हट जाती है।

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में कहीं पुल टूट रहे हैं तो कहीं सड़कें तो कहीं पहाड़ों में भूस्खलन हो रहा है, जिसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ डबल इंजन की भाजपा सरकार है। वहीं उक्रांद जिला अध्यक्ष संजय डोभाल ने कहा कि पुल टूटने का मुख्य कारण अवैध खनन है। यह भाजपा सरकार खनन मापिफयाओं की सरकार है। पुल टूटने से जहां यातायात प्रभावित हुआ है तो वही लोग भी प्रभावित हुए हैं। आवागमन का एकमात्र रास्ता होने के कारण कुछ दुश्वारियां भी हैं। गुणवत्ता के साथ सरकार ने समझौता किया है। तभी आज यह दुर्घटनाएं लगातार घट रही है, इसका खामियाजा केवल जनता भुगत रही है।

इस दौरान उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व जिला अध्यक्ष केंद्रपाल सिंह तोपवाल, धर्मवीर गुसाईं, प्रमोद डोभाल, अरविंद बिष्ट, अशोक तिवारी, सीमा रावत आदि शामिल थे।


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सोमवार, 30 अगस्त 2021

राज्यपाल द्वारा गोद लिये गये विद्यालय में वृहद वृक्षारोपण

 राज्यपाल द्वारा गोद लिये गये विद्यालय में वृहद वृक्षारोपण 



राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झाझरा में आयोजित किया गया कार्यक्रम

संवाददाता

देहरादून। राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झाझरा जोकि उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्या द्वारा गोद लिया गया है, में सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एबियंस संस्था ने वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर 75 वृक्ष विभिन्न प्रजातियों के लगाये गये जिनमें अमलताश, पीपल, पिलखन, आंवला, गुलमोहर, जकरैण्डा, तेजपात, रीठा, निम्बू, अर्जुन इत्यादि वृक्ष शामिल किये गये। वृक्षारोपण के इस अभियान में समिति के अध्यक्ष राम कपूर तथा समस्त सदस्यों के साथ-साथ राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झाझरा के प्रधानाध्यापक राजपाल चौहान, शिक्षक अर्जुन बिष्ट तथा आदर्श प्राथमिक विद्यालय सेलाकुई के शिक्षक सुशील सहगल ने सहयोग प्रदान किया।

समिति द्वारा विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों को लगाये गये वृक्षों को बचाने तथा इनकी देखभाल करने का प्रण दिलाया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक चौहान द्वारा समिति के अध्यक्ष राम कपूर को सपफल वृक्षारोपण अभयान आयोजित किये जाने हेतु विद्यालय की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। वृक्षारोपण के इस अवसर पर समिति के समस्त सदस्यों द्वारा लाकडाउन के नियमों का पूर्णतः पालन किया गया। समिति द्वारा वर्ष 2021 का यह 7वां वृक्षारोपण अभियान है। समिति द्वारा इस मानसून सत्र में अभी तक 900 से अधिक वृक्ष विभिन्न क्षेत्रों में रोपित किये जा चुके हैं।



झाझरा क्षेत्र के राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय झाझरा में किये गये वृक्षारोपण अभियान में संस्था के अमरनाथ कुमार, रंदीप अहलूवालिया, नितिन कुमार, जे0पी0 किमोठी, दीपक वासुदेवा, अमर सिंह, आर0के0 हाण्डा, अनुराग शर्मा, हर्षवर्धन जमलोकी, आलोक आहूजा, विरेन्द्र कुमार, अमित चौधरी, संदीप मेंहदीरत्ता, संदीप भाटिया, प्रकाश राठौड़, केवल शुक्ला आदि मौजूद रहे।


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कमजोर नेतृत्व और गलत नीतियों के कारण गैर-भाजपाईयों का घटता प्रभाव

 कमजोर नेतृत्व और गलत नीतियों के कारण गैर-भाजपाईयों का घटता प्रभाव



आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा बनाम क्षेत्रीय दल होने की संभावना

प0नि0ब्यूरो

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश में लगातार पांव पसार रही है और विपक्ष लगातार बैक फुट पर दिख रहा है। ऐसे में यह सवाल स्वाभाविक है कि क्या प्रमुख विपक्षी दलों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा? विपक्षी दलों में एकता की कवायद को इसका प्रमाण माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी द्वारा विपक्षी एकता और वामदलों का अपने धुर विरोधी ममता बनर्जी के साथ भाजपा को हराने के प्रयास में उनका साथ देने का ऐलान प्रमाणित करता है कि आगामी लोकसभा चुनाव के पहले ही विपक्ष को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। तभी यह सवाल भी उठ रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कुछ दलों का नामोनिशान समाप्त हो जायेगा?

वामदलों का देश की राजनीति में शुरू से ही दबदबा रहा है। हर राज्य में उनकी पैठ होती थी। पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा को वामदलों का गढ़ माना जाता था। दूसरे राज्यों में भी वाममोर्चा कुछ सीटें जीत ही जाती थी। दो प्रमुख वामदल सीपीएम और सीपीआई देश के राष्ट्रीय दलों की सूची में शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में लगातार 34 वर्षों तक शासन, त्रिपुरा में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहना, केरल में मजबूत स्थिति और केंद्र की सत्ता में दखल, इस तरह वामदलों की तूती बोलती थी। लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव से वामदलों के पतन का सिलसिला थम नहीं रहा है।

2004 के चुनाव में 4 दलों के वाममोर्चा के लोकसभा में 59 सांसद थे जो घटकर 2009 में 24 हो गए। 2014 में 11 वाममोर्चा के सांसद चुने गए और 2019 में 6 सांसदों का चुना जाना दिखाता है कि वाममोर्चा धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ रहा है। 2011 में पश्चिम बंगाल में 34 वर्षों के बाद सत्ता से बाहर और 2018 में त्रिपुरा में सत्ता का अंत, और अब पश्चिम बंगाल चुनाव में वाममोर्चा एक भी सीट नहीं जीत पाई। बस केरल में वामदलों को जिन्दा रखा हुआ है।

ऐसा ही हाल कांग्रेस पार्टी का भी है। इसके लगातार 10 वर्षों तक केंद्र की सत्ता में रहने के बाद 2014 में भाजपा की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी। कांग्रेस 206 सीटों से लुढ़क कर 44 सीटों पर पहुंच गयी और 2019 में 52 पर आ गई। पिछले सात वर्षों में पार्टी की हालत बद से बदतर होती गयी और अब सिर्फ तीन राज्यों में ही कांगेस सत्ता में है- पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़। इन तीनांे प्रदेशों में भी गुटबाजी के कारण पार्टी दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है।

दिलचस्प है कि कांग्रेस, सीपीएम और सीपीआई की तरह क्षेत्रीय दलों का भाजपा के बढ़ते प्रभाव से अंत नहीं दिख रहा है। जबतक देश में क्षेत्रावाद और जातिवाद का बोलबाला रहेगा तब तक क्षेत्रीय दल टिके रहेंगे। भाजपा को अपने राज्यों में क्षेत्रीय दल ही टक्कर देते नजर आ रहें है। तो क्या कांग्रेस पार्टी या सीपीएम और सीपीआई का अंत हो जाएगा? उनका अस्तित्व अभी खत्म नहीं होगा। कांग्रेस यदि एकजुट हो जाए तो पार्टी के पतन को रोका जा सकता है। लेकिन ऐसा ही चलता रहा तो तो कांग्रेस को और भी बुरे दिनों का सामना करना पड़ सकता है।


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रविवार, 29 अगस्त 2021

राज्यसभा सांसद को बीएड टीईटी ओबीसी संगठन ने सौंपा ज्ञापन

राज्यसभा सांसद को बीएड टीईटी ओबीसी संगठन ने सौंपा ज्ञापन 



प्रारंभिक शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलाग पदों को भरे जाने की मांग

संवाददाता

रुड़की। बीएड टीईटी ओबीसी संगठन ने राज्यसभा सांसद को ज्ञापन सौंपकर उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलाग पदों को भरे जाने की मांग की। राज्यसभा सांसद ने मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता कर जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया।

देहरादून रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को बीएड टीईटी ओबीसी संगठन द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग सहायक अध्यापक के 990 पदों का बैकलाग रिक्त है जिसे आज तक किसी भी भर्ती में नहीं भरा गया है। संगठन के अध्यक्ष सुनील कुमार नामदेव ने कहा कि 2016 में उच्च न्यायालय ने इन पदों को भरने के लिए आदेशित किया है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने राज्यसभा सांसद से मांग की कि मामले की पैरवी करते हुए जल्द से जल्द इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाने की कार्रवाई शुरू करवाएं।

ओबीसी बीएड संघटन के पदाधिकारी सुखराम ने राज्य सभा सांसद नरेश बंसल को अवगत कराते हुए बताया कि विभागीय अधिकारी ओबीसी बैकलाग की याचिका पर उच्च न्यायालय के एकल बैंच, डबल बैंच तथा कंटेम्प्ट आफ कोर्ट के आदेश का भी अनुपालन नही कर रहा है तथा वर्तमान में ओबीसी बैकलाग की कंटेम्प्ट आफ कोर्ट की याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय विगत मार्च 2021 से सुरक्षित रखा गया है जिस पर राज्य सरकार तथा विभागीय अधिकारी संज्ञान नही ले रहे है। 

ओबीसी बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी विगत 7 सालों से ओबीसी बैकलाग के पदों पर बैकलाग भर्ती जारी करवाने के लिए उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिका के निस्तारण के लिए संघर्षरत है। राज्यसभा सांसद ने मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता कर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

इस अवसर पर संगठन के उपाध्यक्ष रविंदर सैनी, राजवीर, सुखराम, चरण सिंह, अनुज जयवीर, पंकज सैनी और सुनील पाल मौजूद रहे।


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टाईगर रिजर्व में अतिक्रमण पर प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड सख्त

 टाईगर रिजर्व में अतिक्रमण पर प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड सख्त 



रेंज से जांच ली वापस, किया जांच अधिकारी नामित 

तन्ख्वाह (वेतन) विभाग की ओर खिदमत भूमाफियाओं की 

जांच के आदेश के बाद भूमाफियाओं की बड़ी मुश्किलें 

संवाददाता

हरिद्वार। पिपुल्स फार एनिमल्स संस्था के पदाधिकारी आदित्य शर्मा ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड को अवगत कराया है कि टाईगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज में पिछले कुछ वर्षों से विभागीय मिलीभगत से अतिक्रमणों की बाड़ सी आ गई हैं। शिकायतों के बावजूद अतिक्रमणों को गम्भीरता से नही लिया जा रहा हैं क्योंकि अवैध अतिक्रमण विभागीय मिलीभगत से कराए जा रहे है। 



उन्होंने आरोप लगा कि अवैध अतिक्रमणों के टाईगर रिजर्व के नक्शे में होने के बावजूद पैसों का लेनदेन कर बिना किसी खौफ के भूमाफियाओं को संरक्षण देकर वन्यजीवों के वास स्थल को हटा कर अवैध पक्के निर्माण कर अतिक्रमण कराए जा रहे है।

संस्था की शिकायत पर दिनांक 22/05/2020 खड़खड़ी बिट के वन दरोगा देव सिंह बिष्ट द्वारा भीमगोडा कुण्ड के समीप पहाड़ काट कर चट्टान पर ही पिलर खड़े कर दो मंजिली इमारत खड़ी की जा रही थी। संस्था को दिखाने के लिए वन विभाग द्वारा एचडीए, रेलवे एवं नगर निगम को पत्र लिख कर स्पष्टीकरण मांगा। अब अधिकारियो को कौन बताए कि चट्टान को काटकर उसपर ही पिलर खड़े कर दिए लेकिन टाईगर रिजर्व पिफर भी आंखे मूंदे चुपचाप बिना संस्था को बताए सर्वे करा कर उक्त चट्टान को टाईगर रिजर्व से बाहर करना मिली भगत का साफ उदाहरण हैं।



जांच में संस्था को सम्मिलित ना करना और ना ही जांच से अवगत कराना, ये मिलीभगत ही हैं। इतना ही नही दिनांक 25/08/2021 को पुनः नव निर्माण अवैध अतिक्रमण खड़खड़ी बिट हिल बाईपास पुल के समीप सड़क पर ही बनाया जा रहा हैं। उक्त भूमि भी टाईगर रिजर्व के क्षेत्र का ही भाग हैं। फिर भी खुले आम सड़क पर ही इस अवैध पक्के निर्माण को मिली भगत से उसी वन दरोगा के संरक्षण में बनाया जा रहा है। बता दें कि आधा बना यह पक्का निर्माण रेंज अधिकारी दिनेश प्रसाद उनियाल के कार्यकाल मंे तीन वर्ष पूर्व रुकवा दिया था। लेकिन मामला शांत हो जाने पर दोबारा मिलीभगत से अवैध पक्का निर्माण शुरू करा दिया। फोटोग्राफ में साफ देख सकते है कि नीचे का निर्माण पुराना हैं और ऊपर की दीवार हाल फिलहाल बना है। 

रेंज से महज 1 किलोमीटर दूरी पर हरिद्वार इंड्रस्ट्रीयल एरिया (समीप पुलिस चौकी) होटल हिल फारेस्ट द्वारा होटल के सामने टाईगर रिजर्व की भूमि की सीमा में फेर बदल कर जेसीबी लगा कर समतल कर अवैध पार्किंग बना दी गई। उक्त स्थान टाईगर रिजर्व के नक्शे में होने के बावजूद केस नही कटा और भूमाफियाओं को उक्त अवैध पार्किंग से सम्बंधित कागजात रेज कार्यालय लाने को कहा गया। 

प्रार्थी ने प्रमुख वन संरक्षक से अनुरोध किया हैं कि इन दिनों अवैध अतिक्रमणों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27, 35, 51व 52 एवं भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के तहत टाईगर रिजर्व के अंदर बिना अनुमति प्रवेश कर वन्य जीवों को क्षति पहंुचाने एवं वन्य जीवों के वास स्थल को हटा कर टाईगर रिजर्व की सीमा में फेर बदल करने व पार्किंग व पक्के निर्माण करने पर तीनों प्रकरणों की रेंज स्तर पर जांच ना करें। किसी बाहरी अधिकारी को जांच अधिकारी नामित कर जांच में संस्था को भी सम्मिलित करते हुए निष्पक्ष जांच कराये।

इस गम्भीर विषयांे का संज्ञान लेते हुए प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड ने जांच हेतु अखिलेश तिवारी वन संरक्षक शिवालिक वृत उत्तराखण्ड को जोच अधिकारी नामित कर 10 दिन के भीतर आख्या उपलब्ध कराने के निदेश दिए अथवा जांच में संस्था को भी सम्मिलित करने के भी निर्देश दिये।


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श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन

 श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारियों  का धरना प्रदर्शन



सरकार की नीतियों के विरुद्व, वेतन कटौती व उत्पीड़न का कार्य बहिष्कार 

संवाददाता

डोईवाला। चीनी मिल श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारियों ने राज्य सरकार की नीतियों के विरुद्व, वेतन कटौती एवं कर्मचारियों के उत्पीड़न को लेकर कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। इस दौरान उनको समर्थन देने कांग्रेस नगर अध्यक्ष राजवीर सिंह खत्री, नगर पालिका परिषद के अध्यक्षा प्रतिनिधि सागर मनवाल, सभासद गौरव मल्होत्रा, किसान मोर्चा ब्लाक अध्यक्ष उम्मेद बोरा, राजीव गांधी संगठन प्रदेश संयोजक मोहित उनियाल सहित विभिन्न कांग्रेसी मौजूद रहे।

डोईवाला चीनी मिल के श्रमिक संगठनों एवं कर्मचारियांे ने राज्य सरकार की नीतियों के विरुद्व कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। डोईवाला चीनी मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष गोपाल शर्मा एवं चीनी मिल एम्पलाई यूनियन के अध्यक्ष सुभाष पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार व शासन के अधिकारियों द्वारा प्राइवेट चीनी मिलों के प्रबंधकों के प्रभाव में कार्य किया जा रहा है। 

यही वजह है कि सरकारी व सहकारी चीनी मिलों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी व उनके अन्य पूर्वर्ती मांगों को पूरा करने के बजाय वेज बोर्ड के अंतर्गत आने वाली सभी सुविधाओं को काटने का कार्य करने जा रहा है जिससे चीनी मिल कर्मचारियों में राज्य सरकार व शासन अधिकारी के प्रति आक्रोश है। भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री अवधेश कुमार एवं श्रमिक संगठन महामंत्री व प्रदेश संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, शासन एवं मिल प्रबंधक ने चीनी मिल वेज बोर्ड कर्मचारियों का पुनरीक्षित वेतनमान 1 अक्टूबर 2015 से श्रम विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर मिल कर्मचारियों को 3 माह के अंतराल में सम्पूर्ण भुगतान करने के निर्देश दिए थे। 

उनका कहना था कि प्रबन्धक द्वारा कर्मचारियों को 1 जनवरी 2017 से बढ़ा हुआ वेतनमान दे रहे है। वही दूसरी ओर प्रबंधन द्वारा 1 अक्टूबर 2015 से 31 दिसम्बर 2016 के एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। श्रमिक संघ अध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, उपाध्यक्ष नरेन्द्र धीमान, प्रभु विश्कर्मा, प्रताप रावत ने कहा कि चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए सरकार को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। चीनी के कम दामों से भी मिल को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 2 चीनी मिले पूर्ण रूप से बन्द हो चुकी है। 

चीनी मिल कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा अपना फैसला जबरदस्ती थोप रही है। कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध कर रहे है। प्रदेश सरकार के द्वारा मिल कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। वहीं कांग्रेसियों ने कर्मचारियों को समर्थन देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी श्रमिक कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। 

इस अवसर पर डोईवाला शुगर कंपनी के अधिशासी मनमोहन सिंह रावत ने श्रमिक संगठनों व कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि चीनी मिलों को न तो पीपीपी मोड में दिया जा रहा है न ही चीनी मिल कर्मचारियों का बढ़े हुए वेतन में से कटौती की जा रही है। शासन स्तर पर जो गठित कमेटी द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा, उस निर्णय के आधार पर उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा उचित निर्णय निर्णय लिया जाएगा। 

धरना प्रदर्शन में अरविंद शर्मा, सतनाम सिंह, भूपेन्द्र रावत, विजय श्रीवास्तव, तपन सूद, पंकज गुप्ता, बलविंदर सिंह, अमरजीत सिंह, काशी, अशोक कुमार, टेक बहादुर, राकेश कोठारी, मानवेंद्र सिंह, मंजू देवी, परमजीत कौर, शांति देवी आदि श्रमिक मौजूद थे।


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शनिवार, 28 अगस्त 2021

बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का सांकेतिक धरना जारी

 शिक्षा निदेशालय में बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का सांकेतिक धरना जारी 



कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अगवाई में महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्ममंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की 

संवाददाता

देहरादून। बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ द्वारा अपनी एक सूत्रीय मांग उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के रिक्त पदों पर गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती 9 नवम्बर 2020 में 31 मार्च 2021 तक सेवानिवृत्त तथा पदोन्नति एवं अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सहायक अध्यापकों (प्राथमिक) के समायोजन से रिक्त हुये पदों को सम्मिलित करते हुए गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती कुल 4,000 पदों पर नियुक्ति चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किये जाने के सन्दर्भ में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अगवाई में महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्ममंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधान सभा कार्यालय में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बीएड टीईटी संगठन के शिष्टमंडल की मांगों पर संज्ञान लेते हुए जल्द कार्यवाही का सकारत्मक संकल्पित आश्वासन प्रदान किया गया।



प्रदेश महिला अध्यक्ष विजयलक्ष्मी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के पदों पर गतिमान शिक्षक भर्ती 9 नवम्बर 2020 के अनुपालन में मार्च 2020 तक रिक्त पदों के सापेक्ष जनपदवार विज्ञापन जारी किये गए हैं जबकि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सेवानिवृति और पदोन्नति तथा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में समायोजन से सहायक अध्यापकों (प्राथमिक) के कुल 4,000 पद रिक्त हो गए हैं। साथ ही उच्च न्यायालय में लंबित वादों और कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उधमसिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून जनपदों में सामान्य भर्ती का विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं हो सका है, जिसको अति शीघ्र बेरोजगारों के हित में विज्ञापित करने की आवश्यकता है क्योंकि इस कारण उत्तराखंड राज्य में अधिकांश बीएड टीईटी-प्रथम उत्तीर्ण प्रशिक्षित बेरोजगार आयुसीमा 42 वर्ष की बाध्यता को पार करने की कगार पर खड़े हैं।

प्रदेश महासचिव बलबीर बिष्ट ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी जैसी विकट परिस्थिति, 42 वर्ष आयुसीमा पार कर रहे बीएड प्रशिक्षितों की संवेदन स्थिति और प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी का संज्ञान लेते हुए वर्तमान में गतिमान प्राथमिक भर्ती राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सेवानिवृति और पदोन्नति तथा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में समायोजित सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के समस्त रिक्त पदों को सम्मिलित करते हुए कुल 4,000 रिक्त पदों पर उच्च न्यायालय में लंबित वादों का निस्तारण करवाकर चयन प्रक्रिया को शीघ्र सम्पन्न करवाने का अनुरोध किया। जिससे उत्तराखण्ड के 35,000 बीएड टीईटी-प्रथम प्रशिक्षित बेरोजगारो को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। 

शिष्टमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीति, मीडिया प्रभारी अरविंद राणा, राजीव राणा, अर्पण जोशी, अभिषेक भट्ट, रेखा फर्स्वाण, राजकिशोर, परवीन सैनी, जयप्रकाश पंवार, अरविंद शाह, सुनील, अरविंद पाल, वंदना तोमर, उर्मिला, उपी शर्मा, बर्फियां लाल आदि उपस्थित रहे।


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अवैध् इमारती लकड़ी मामले में मंत्री पर मामले को दबाने का आरोप

 अवैध् इमारती लकड़ी मामले में मंत्री पर मामले को दबाने का आरोप



जिला पंचायत सदस्य ने पुलिस एवं वन विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

संवाददाता

मुनस्यारी। जीआईसी मुनस्यारी में पकड़ी गई अवैध इमारती लकड़ी के मामले में एक हफ्रते से प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने वन विभाग तथा पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि चार दिन के भीतर वैधानिक कार्यवाही नहीं हुई तो वह पुलिस थाने में धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने जिले के एक कैबिनेट मंत्री पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए इस आशय का पत्र जिलाधिकारी को भेजा है।

गौर हो कि कुछ दिनांे पूर्व जीआईसी के एक कक्ष से भारी मात्रा में लाखों रुपये की लागत की इमारती लकड़ी पुलिस ने पकड़ी थी। थानाध्यक्ष ने मय पुलिस बल अवैध इमारती लकड़ी पकड़ी। पुलिस ने ही वन विभाग को मौके पर बुलाया। अवैध इमारती लकड़ी भाजपा नेता का होने के कारण नाटकीय ढंग से पुलिस पिक्चर से गायब हो गई। वन विभाग को बिना फर्द बनाए लकड़ी सौपकर पुलिस गायब हो गई।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्ताेलिया ने इस ठंडे बस्ते में डाल दिए गए मामले को उठाकर फिर इस मामले को हवा दे दी है। मर्ताेलिया ने कहा कि पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर छापा मारा। उसके बाद सरकार के एक कबीना मंत्री के फोन करने व पुलिस अधीक्षक के फोन आने पर थानाध्यक्ष खुद ब खुद मामले से हट गये। मर्ताेलिया ने कहा कि छापामारी के बाद सरकार के कबीना मंत्री, पुलिस अधीक्षक, थानाध्यक्ष मुनस्यारी का काल डिटेल निकाला जाये तो दूध का दूध तथा पानी का पानी हो जाएगा।

जिपं सदस्य मर्ताेलिया ने कहा कि मुनस्यारी के जंगलो को तस्करों ने साफ कर दिया है। लाखों रुपये की अवैध इमारती लकड़ी पकड़ने के बाद कोई कार्यवाही का न होना समाज को अच्छा संदेश नहीं दे रहा है। मर्ताेलिया ने कहा कि पुलिस की भूमिका संदेहजनक रही है। अब वन विभाग चुप बैठकर नये संदेहों को जन्म दे रहा है।

उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। जांच समिति के सामने वह लिखित में काबीना मंत्री का नाम सार्वजनिक करेंगे। पुलिस इससे पहले काल डिटेल निकालकर सुरक्षित रख ले।


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तेल की कीमतें कम ना कर पाने के लिए आयल बान्ड जिम्मेदार!

तेल की कीमतें कम ना कर पाने के लिए आयल बान्ड जिम्मेदार! 



मोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा जारी आयल बान्ड को जिम्मेदार बताया 

प0नि0डेस्क

देहरादून। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि उनकी सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों पर इसलिए काबू नहीं कर पा रही है क्योंकि उसके ऊपर यूपीए सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों की देनदारी है। वित्त मंत्री वर्ष 2012 में यूपीए सरकार द्वारा जारी किए गए 1.44 लाख करोड़ रुपये के आयल बान्ड की बात कर रही थीं।

दरअसल आयल बान्ड एक तरह का वित्तीय साधन होता जिसके तहत सरकारें तेल वितरण कंपनियों को नकद सब्सिडी देती हैं। यह एक सरकारी प्रतिज्ञापत्र होता है, जिसका इस्तेमाल करके तेल कंपनियां बाजार से पैसे उठा सकती हैं और तेल के दाम घटा सकती हैं। इन प्रतिज्ञापत्रों की जारीकर्ता सरकार होती है जिसकी वजह से इन पर बनने वाला ब्याज भुगतान और इनकी समाप्ति की तारीख के बाद पूरा भुगतान सरकार करती है।

मूल रूप से आयल बान्ड का इस्तेमाल सरकारें बजट में सीधे सब्सिडी देने से बचने के लिए करती हैं। इनका इस्तेमाल कर सरकारों को पेट्रोल, डीजल इत्यादि के दाम कम करने में सहायता मिलती है और वो तात्कालिक रूप से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ने से भी बचा लेती हैं। असल में खर्च का बोझ कम नहीं होता, बस उसे टाला जाता है।

2012 में यूपीए सरकार ने 1.44 लाख करोड़ रुपयों के आयल बान्ड जारी किए थे। इनमें से कुल 3500 करोड़ रुपयों के मूल्य के दो बान्ड की समाप्ति की तारीख 2015 में आई और उस साल एनडीए सरकार को इस राशि का भुगतान करना पड़ा। इसी क्रम में सरकार को 2021-22 वित्त वर्ष में 10,000 करोड़, 2023-24 में 31,150 करोड़, 2024-25 में 52,860 करोड़ और 2025-26 में 36,913 करोड़ रुपयों का भुगतान करना है। इसके अलावा सरकार पिछले 7 सालों से हर साल 10,000 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान भी कर रही है।

आयल बान्ड का भुगतान सरकार को जरूर करना पड़ रहा है लेकिन पेट्रोल, डीजल जैसे तेल उत्पादों पर लगे उत्पाद शुल्क से सरकार की जो कमाई हुई है वो इससे कहीं ज्यादा है। सरकार के अपने आंकड़े कहते हैं कि सिर्फ 2021-22 वित्त वर्ष में ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगे उत्पाद शुल्क से 3.45 लाख करोड़ रुपए कमाए। यानी सरकार पर आयल बान्ड और उन पर ब्याज के भुगतान का जिनका बोझ है, उससे कहीं ज्यादा राशि सरकार उत्पाद शुल्क से कमा रही है।

आयल बान्ड सबसे पहले 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जारी किए गए थे। अप्रैल 2002 में वाजपेयी सरकार ने पहली बार 9,000 करोड़ रुपयों के आयल बान्ड जारी किए थे। मौजूदा एनडीए सरकार में भी बैंकिंग क्षेत्र के लिए इस तरह के बान्ड जारी किए गए हैं। बैंकों में पैसा डालने के लिए सरकार ने 3.1 लाख करोड़ के रीकैपिटलाइजेशन बान्ड जारी किए हैं जिनका भुगतान 2028 से 2035 के बीच में अगली सरकारों को करना होगा।


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अफगानियों को शरण देने में जल्दबाजी करना सही नहीं

भारत को यूरोपियन देशों और रूस के अनुभव से सबक लेना चाहिये
अफगानियों को शरण देने में जल्दबाजी करना सही नहीं


प0नि0ब्यूरो
देहरादून। हमारे पडोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट में स्थानीय नागरिकांे में देश छोड़कर जाने की होड़ लग गई है। वहां के नागरिक तालिबान के इस्लामिक शरिया कानून से डरे हुए है, ऐसा जताया जा रहा है। बहुत से मामले में यह सच भी है। लेकिन यह पूरा सच नहीं है। क्योंकि जैसा कहा जा रहा है या दिख रहा है, हकीकत उसके उलट है।   
यह बात रूस के द्वारा अफगानियों को शरण न देने के फैसले से भी झलकता है। कहा जा रहा है कि अफागनी नागरिक तालिबान से प्रताड़ित है। मासूम है। लेकिन विचार करने योग्य बात है कि कुछ अपवादों को छोड़ भी दिया जाये तो धरातल पर जो तालिबानी प्रभुत्व दिख रहा है, वह बिना लोकल स्पोर्ट के संभव नहीं हो सकता है। फिर जिस तेजी से तालिबान ने अफगानिस्तान की धरती पर अपना परचम फहराया, वह एक दो दिनों की कवायद नहीं है। यह काफी समय पूर्व से हो रहा था। यानि लोग तालिबान की पराधीनता को स्वीकार रहें थे। और जब अमेरिकी सेना ने थोड़ा सा स्पेस दिया, तालिबानी बाहर निकल आये।
इसका मतलब यह कि जो दिखाई दे रहा है, वह सही नहीं है। बल्कि तस्वीर का दूसरा पहलू भी है जिस पर अधिकांश लोगों की नजर नहीं जा रही और हम दयालू बनकर अफागनियों को शरण देने को मरे जा रहें है। जबकि ऐसा करने में जल्दबाजी करना सही नहीं है। रूस ने अफगान नागरिकों को यह कहकर शरण देने से मना कर दिया है कि वह ऐसा करके अपने नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकता है। 
खाड़ी देशों में चल रहें युद्व के बाद सीरिया और इराक जैसे देशों से आ रहें शरणार्थियों को अपने देश में प्रश्रय देकर यूरोपियन देशों ने बड़ी कीमत चुकाई है। क्योंकि वहां शरणार्थियों ने उनकी जिन्दगी में दखल देनी शुरू कर दी है और लगातार शरणार्थी स्थानीय नागरिकों को परेशान कर रहें है। कई देशों में तो यह शरणार्थी आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहें है। इसके प्रफांस और अमेरिका उदाहरण है। इसलिए मानवता की दुहाई देने के साथ-साथ आंख कान खुले रखने होंगे। वरना अफगानी आतंक हमारे देश में कब इंटर कर जायेगा, पता भी नहीं चलेगा। 
रूस और उसके सहोदर देश मसलन तजाकिस्तान और कजाकिस्तान जैसे मुल्क अफगानी लोगों को शरण नहीं दे रहें है तो इसलिए नहीं कि वे मानवतावादी नहीं है। बल्कि इसलिए कि वहां की सरकारें आपे देश के नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर लेना चाहती है। इसके लिए वह कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती। पिफर यूरोपियन देश जिस तरह से शरणार्थियों के कारण परेशानी झेल रही है, वो भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 
भारत सरकार को अफगान लोगों को अपने यहां शरण देते समय इस बात का ख्याल रखना होगा कि वह जल्दबाजी न करे। ऐसा न हो कि गलत लोगों को अपने यहां प्रवेश दे दिया जाये जिसकी वजह से आगे चलकर परेशानी खड़ी हो सकती है। मानवता वहीं तक ठीक, यहां तक कि हमारे नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। लेकिन इसकी एक पर्सेंट भी संभावना हो तो शरण देने से सरकार को बचना चाहिये। क्योंकि अपने नागरिकों एवं राष्ट्र की सुरक्षा को दांव पर लगाकर कर मानवीयता नहीं निभाई जा सकती।

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कर्मकार कल्याण बोर्ड के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग

कर्मकार कल्याण बोर्ड के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग



जन संघर्ष मोर्चा ने राजभवन को पत्र लिखकर की सीबीआई जांच की मांग

संवाददाता

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा कि श्रम मंत्री हरक सिंह रावत एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव श्रीमती दमयंती रावत की जुगलबंदी ने श्रमिकों के नाम पर करोड़ों रुपए की  खरीद की, जिसके ई-वे बिल व किस वाहन से सामान पहुंचा, उसके कोई दस्तावेज विभाग के पास नहीं हैं। मोर्चा द्वारा सबसे पहले इस जुगलबंदी एवं महा घोटाले का पर्दाफाश किया गया था।         

गौर हो कि हाल ही में जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर करोड़ों रुपए की खरीद एवं उसके वितरण की सीबीआई जांच की मांग की, जिससे ये भ्रष्ट-दागी जेल की सलाखों के पीछे हों।             शर्मा ने कहा कि श्रमिकों को विभाग द्वारा घटिया किस्म की साइकिलंे, सोलर लालटेन, टूल किट्स, वेल्डिंग मशीन, सिलाई मशीन, छाते, खाद्यान्न किट्स आदि बांटे गए, जिसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि श्रमिकों ने ओने-पौने दामों में बाजार में कबाड़ के भाव उक्त सामान को नीलाम कर दिया।

इसके अतिरिक्त कर्मकार बोर्ड द्वारा न जाने कितने ही घोटालों को अंजाम दिया गया, जोकि सीधे-सीधे श्रमिकों के हक पर डाका है। मोर्चा ने कहा कि अगर शीघ्र ही राजभवन द्वारा सीबीआई जांच कराने की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई तो मोर्चा उच्च न्यायालय की शरण लेगा।


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शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

आधी-अधूरी तैयारी के साथ सदन में मुद्दा उठाना बंद करे

 मोर्चा की विपक्ष को नसीहत

आधी-अधूरी तैयारी के साथ सदन में मुद्दा उठाना बंद करे    


 
 

# आंदोलनकारी आरक्षण मामले से बेखबर विपक्ष सरकार को जगाने में नाकाम                 
# राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का है मामला                
# विपक्ष आंदोलनकारी आरक्षण मामले की जानकारी से बना हुआ है अनजान                                 
# सरकार की आंदोलनकारी आरक्षण मामले में नहीं है कोई दिलचस्पी             
# मोर्चा के प्रयास से दो बार पत्रावली पहुंची राजभवन    # मोर्चा ने दी विपक्ष को होमवर्क करने की नसीहत 
संवाददाता       
विकासनगर। पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सदन में सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में आधी-अधूरी तैयारी के साथ उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।नेगी ने कहा कि 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी  विधेयक तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने पास किया था, जोकि लगभग 5-6 साल से राजभवन में लंबित है, के मामले में बेखबर होना विपक्ष की सबसे बड़ी नाकामी है। विपक्ष को किसी मुद्दे को उठाने से पहले उसकी तह में जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसका नतीजा शून्य निकला।                
नेगी ने विपक्ष को जानकारी देते हुए कहा कि जनहित याचिका संख्या 67/2011 दिनांक 26/08/2013 को उच्च न्यायालय ने आरक्षण दिए जाने की कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई थी तथा 07/03/ 2018 को उच्च न्यायालय ने आंदोलनकारियों को दिए जाने वाले आरक्षण संबंधी शासनादेश को ही निरस्त कर दिया था। एक अन्य याचिका संख्या 71/ 2014 के द्वारा उच्च न्यायालय ने भी आरक्षण मामले पर रोक लगा दी थी। विपक्ष की जानकारी हेतु उल्लेख करना है कि उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध शाह द्वारा उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर की गई है।      नेगी ने कहा कि विधेयक को स्वीकृति प्रदान कराए जाने को लेकर मोर्चा द्वारा पूर्व में काफी प्रयास किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप सरकार ने दो-तीन बार स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु पत्र राजभवन को प्रेषित किया गया। नेगी ने कहा कि आंदोलनकारी आरक्षण मामले में सरकार की उदासीनता एवं विपक्ष का आधी-अधूरी तैयारियों के साथ मामले को उठाना आंदोलनकारियों के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा है।                
पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व नरेंद्र तोमर भी मौजूद थे।

गुरुवार, 26 अगस्त 2021

शिक्षा निदेशालय में बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का सांकेतिक धरना

 शिक्षा निदेशालय में बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का सांकेतिक धरना



प्रदेश के विभिन्न जनपदों से बीएड प्रशिक्षितों ने दर्ज करायी उपस्थिति 

संवाददाता

देहरादून। बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी एक सूत्राीय मांग वर्तमान में गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में समस्त रिक्त पदों को शामिल करते हुए भर्ती को कुल 4,000 पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रदान किये जाने को लेकर विधायक ट्रांजिकट होस्टल रेसकोर्स में अनेक विधायकों से शिष्टाचार भेंट की तथा विधायकों के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री तथा शिक्षामंत्री के नाम समर्थन पत्र प्रेषित करवाया।



बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने विधायकगणों से अनुरोध किया कि वर्तमान में सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के 2,287 रिक्त पदों पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती गतिमान है मगर राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 31 मार्च 2021 तक लगभग 4,000 पद रिक्त है जिन्हें गतिमान भर्ती में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षक तथा बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके ।

महासंघ के प्रदेश महासचिव बलबीर बिष्ट ने कहा कि वर्तमान में गतिमान शिक्षक भर्ती विगत लंबे समय से उच्च न्यायालय में दायर विभिन्न याचिकाओं के कारण लंबित है मगर सरकार तथा विभाग न्यायालय के वादों के जल्द निस्तारण हेतु किसी भी प्रकार की तत्परता नही दिखा रही है जिसके कारण प्रदेश के बीएड प्रशिक्षित में भारी रोष है। राज्य सरकार को बीएड प्रशिक्षितों की पीड़ा को समझते हुए सभी याचिकाओं के जल्द निस्तारण हेतु उत्तराखंड सरकार के महाधिवक्ता के द्वारा सभी याचिकाओं का जल्द निस्तारण किया जाना चाहिए।

बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक ट्रांजिकट होस्टल में जिन विधायकों से शिष्टाचार भेंट की उनमे राम सिंह कैड़ा, महेश नेगी, महेश जीना, महेंद्र भट्ट, दलीप रावत, भरत चौधरी, बलवंत सिंह भौर्याल, सुरेश राठौर, चंदन राम दास, धनसिंह नेगी, विनोद कण्डारी, देशराज राज कर्णवाल (सभापति सूचना एवं प्रौद्योगिकी), मनोज रावत, राजकुमार से शिष्टमण्डल वार्ता की। समस्त विधायकगणों द्वारा मुख्यमंत्री और शिक्षामंन्त्री से बीएड प्रशिक्षितों की मांग पहंुचाने का संकल्पित आश्वासन भी दिया।

बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के शिष्टमंडल में प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर, प्रदेश महासचिव बलबीर बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य परमार, महामंत्री राजकिशोर शाह चमोली, सलाहकार अर्पण जोशी हरिद्वार, प्रमोद कुमार नैनिताल, अभिषेक भट्ट रुद्रप्रयाग, उपेंद्र शर्मा पुरोला उत्तरकाशी, अमित टिहरी, कार्यकरणी के सदस्य गंगा सिंह बिष्ट अल्मोड़ा, हेमू बिष्ट अल्मोड़ा, भवान सिंह नैनीताल, दीपक कुमार नैनीताल, बपिर्फयां लाल बड़कोट उत्तरकाशी, अरविंद शाह आदि उपस्थित रहे।


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मुख्यमंत्री को पत्रकारों की समस्याओं से अवगत कराया

 सीएम से मिला जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड का प्रतिनिधिमंडल  



मुख्यमंत्री को पत्रकारों की समस्याओं से अवगत कराया

संवाददाता

देहरादून। पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। यूनियन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पिछले बीस वर्षों से पत्रकार मान्यता समितियों का गठन नहीं हुआ है जिस कारण सरकारी स्तर पर मान्यताएं दी जा रहीं है। जो कि लोकतांत्रिक भावनाओं एवं दशकों से चली आ रहीं परम्पराओं के खिलाफ है। 

इसके अलावा सभी पत्रकारों को इलाज के लिए कैशलेस सुविधा का लाभ दिलाया जाने पर भी बात हुयी। यूनियन ने सीएम को बताया कि इस सुविधा का लाभ केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही मिल पा रहा है। इस सुविधा के लाभ से 75 प्रतिशत पत्रकार अभी भी वंचित है। मुख्यमन्त्री से अन्य राज्यों की भांति पत्रकारों को बीमा सुविधा उपलब्ध कराने व लघु एवं मझोले समाचार पत्रों को कम से कम दो लाख रूपये के विज्ञापन जारी किए जाने के सम्बन्ध में भी बातचीत की गयी।

मुख्यमंत्री का ध्यान यूनियन ने सचिव सूचना द्वारा 25 जून 2021 के सन्दर्भित पत्र की ओर भी दिलाया जिसमें पत्रकार पेंशन योजना की वर्तमान नियमावली में पूर्ववर्ती सभी शासनादेशों को अतिक्रमण करते हुए तत्काल प्रभाव से नई शर्तों एवं प्रतिबंधों को लागू किया है। यूनियन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि पत्रकार पेंशन योजना में जो भी परिवर्तन किए गए है उन पर न तो पत्रकारों की राय ली गई है और न ही पत्रकारों के समक्ष इस विषय को लाया गया है। गुपचुप तरीके से पत्रकार पेंशन योजना की नियमावली में बेतुके शर्त और प्रतिबंध थोप दिए गए। जो कि सर्वथा अनुचित एवं पत्रकारों के हितों के खिलाफ है। 

यूनियन ने मुख्यमंत्री को पत्रकारों की समस्याओं व पत्रकार पेंशन योजना के सन्दर्भ में पत्र सौंपते हुए मांग की कि पत्रकार पेंशन योजना के पूर्ववर्ती शासनादेशों को बहाल किया जाये। सचिव सूचना के उन नए आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाये जो पत्रकारों के हितों के खिलाफ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनियन की सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही की जायेगी। 

प्रतिनिधिमंडल में जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह, आईजेयू के नेशनल काउन्सिलर गिरीश पंत एवं यूनियन के देहरादून जिला इकाई के अध्यक्ष चेतन सिंह खड़का शामिल थे।

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आंदोलनकारी चिन्हिकरण प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने किया घेराव

 आंदोलनकारी चिन्हिकरण प्रक्रिया शुरू कराने को मोर्चा ने किया घेराव     


  
        

संवाददाता          
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील घेराव/प्रदर्शन कर राज्य आंदोलनकारियों के पुनः चिन्हीकरण कराने को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम विकासनगर की गैरमौजूदगी में तहसीलदार सोहन सिंह रांघड़ को सौंपा।  घेराव कार्यक्रम में नेगी ने कहा कि प्रदेश में आज भी हजारों आंदोलनकारी चिन्हित होने से वंचित हैं, जिसका मुख्य कारण पुष्ट दस्तावेजों का अभाव है। कई वंचित आंदोलनकारियों ने दिन- रात एक कर आंदोलन में प्रतिभाग किया था तथा गिरफ्तारियां भी दी थी,  जिनको गिरफ्तारी के पश्चात शाम को रिहा कर दिया गया था, लेकिन कतिपय कारणों से उनके नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं हो पाए तथा उनके पास कोई अन्य पुख्ता प्रमाण नहीं  है।                        
नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा पूर्व में 31/12/17 तक  चिन्हिकरण करने के आदेश पारित किए गए थे, लेकिन उसके बाद आज तक कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई | आज भी प्रदेश में हजारों आंदोलनकारी मानकों में ढील एवं पुनः चिन्हिकरण की प्रक्रिया के शुरू होने के इंतजार में हैं।                 
घेराव/ प्रदर्शन में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, ओपी राणा, जयदेव नेगी, जयकृत नेगी, अकरम सलमानी, चौ0 अमन सिंह, मो0 इसरार, प्रवीण शर्मा पिन्नी, खुर्शीद, संदीप ध्यानी, राजेंद्र पवार, चौ0 मामराज, जयपाल सिंह, कुंवर सिंह नेगी, फकीर चंद पाठक, वीरेंद्र सिंह, सफदर अली, राकेश मल्होत्रा, विनोद जैन, दिनेश गुप्ता, रामशरण, विजय गुप्ता, मदन सिंह, सुमेर चंद, सुनील कुमार, सुषमा आदि मौजूद थे।

बुधवार, 25 अगस्त 2021

प्रतिस्पर्धा मेंं आदर्श पाण्डेय व राजबाला शर्मा ने बाजी मारी

 प्रतिस्पर्धा मेंं आदर्श पाण्डेय व राजबाला शर्मा ने बाजी मारी



संवाददाता

इंदौर(मप्र)।हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार की तरफ से मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में निरन्तर स्पर्धा जारी है। इसी कड़ी में गद्य में ‘मेरा विद्यार्थी जीवन’ विषय पर आयोजित स्पर्धा में प्रथम विजेता आदर्श पाण्डेय एवं द्वितीय डा0 धारा वल्लभ पाण्डेय ‘आलोक’ बने हैं। इसी प्रकार पद्य में राजबाला शर्मा ने प्रथम तथा उमेशचंद यादव ने द्वितीय स्थान पाया है।

    मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस 35वीं स्पर्धा में सबने खूब उत्साह दिखाया और अनेक प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप चयन और प्रदर्शन के बाद निर्णायक मंडल ने गद्य विधा में ‘तो ज्ञान दीपक न जलता’ के लिए आदर्श पाण्डेय (मुम्बई,महाराष्ट्र) को पहला स्थान दिया तो दूसरे स्थान पर रहकर ‘मेरा विद्यार्थी जीवन और रचना धर्मिता’ पर डा0 धारा वल्लभ पाण्डेय (उत्तराखण्ड) ने सबको पीछे कर दिया।

आपने बताया कि स्पर्धा में पद्य में इसी प्रकार ‘मस्ती भरे वो दिन’ पर राजबाला शर्मा (राजस्थान) पहली विजेता बनी जबकि उमेशचंद यादव (उप्र) ने ‘मैं भी पढ़ने जाता था’ पर अपनी जीत का दूसरा स्थान सुरक्षित किया है।
सह-सम्पादक श्रीमती जैन ने बताया कि 1.16 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा चुके इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो0 डा0 सोनाली सिंह व मार्गदर्शक डा0 एम0एल0 गुप्ता ‘आदित्य’ ने सभी विजेताओं तथा सहभागियों को हार्दिक बधाई- शुभकामनाएं देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।

मंगलवार, 24 अगस्त 2021

आश्वासन के बाद विधानसभा कूच का कार्यक्रम स्थगित

 राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा को मुख्यमंत्री धामी से मिला आश्वासन



आश्वासन के बाद विधानसभा कूच का कार्यक्रम स्थगित

संवाददाता

देहरादून। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ वार्ता हुई। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए 25 अगस्त को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा गया था। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आक्रोश को देखते हुए प्रदेश के मुखिया द्वारा राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों को वार्ता हेतु आमंत्रित किया गया। 

इस क्रम में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय, मंडलीय एवं जनपदीय पदाधिकारियों के साथ वार्ता की गई। मुख्यमंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया कि कर्मचारी हित में जो भी संभव होगा वह सरकार द्वारा किया जाएगा। पदाधिकारियों द्वारा अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री से कहा गया कि नई पेंशन व्यवस्था कर्मचारियों के हित में नहीं है। 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को जो सेवानिवृत्त के समय 80,000 वेतन ले रहा है उसे केवल 1100-1200 रुपए मासिक पेंशन मिल पा रही है। जिससे उसका भावी जीवन अंधकार में है। 

पदाधिकारी द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि पेंशन का मुद्दा राज्य सरकार का है। यदि राज्य सरकार चाहे तो अपने 80 हजार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकती है। 25 अगस्त के कार्यक्रम को स्थगित करने एवं अपने सदस्यों को आश्वस्त करने हेतु मुख्यमंत्री से जब बात की गई तो उनके द्वारा पूर्व वरिष्ठ आईएएस शत्रुघ्न सिंह जिनकी अध्यक्षता में वेतन विसंगति समिति का गठन किया गया है उन्हंे इसके अलावा विशेष रूप से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से पुरानी पेंशन पर वार्ता करने हेतु निर्देशित किया गया तथा 1 माह का समय मांगते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वह इस पर सकारात्मक निर्णय लेंगे।

मुख्यमंत्री से वार्ता करने वाले पदाधिकारियों में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बडोनी, कर्मचारियों के हितैषी दीपक जोशी, महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा0 डी0सी0 पसबोला, डा0 अजय चमोला, योगिता पंत, योगेश घिल्डियाल, नरेश भट्ट, शंकर भट्ट, अवधेश सेमवाल, आलोक उनियाल, मक्खन लाल शाह, जयदीप रावत, कमलेश मिश्रा, शेखर पंत, नवीन कुमार सैनी, जसपाल रावत, अंकित रौथान, रजनी रावत, शशि चौधरी बिष्ट, सौरभ नौटियाल, गुरुदेव रावत, प्रवीण घिल्डियाल, मेहरबान सिंह भंडारी, रणवीर सिंधवाल आदि शामिल थे।

वार्ता हेतु पूरे प्रदेश से प्रांतीय मंडलीय एवं जनपद के पदाधिकारियों के अलावा 80 से अधिक कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक के बाद राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने 25 अगस्त को विधान सभा कूच का कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा की।


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सोमवार, 23 अगस्त 2021

शर्मा को राज्यपाल आर0पी0 अर्लेकर एवं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सम्मानित किया

 शर्मा को राज्यपाल आर0पी0 अर्लेकर एवं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सम्मानित किया 



एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा को पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के विशिष्ट पूर्व छात्र के रूप में किया सम्मानित  

संवाददाता

पालमपुर (हिमाचल)। राज्यपाल राजेन्द्र पी0 अर्लेकर और मुख्यमंत्राी जय राम ठाकुर ने एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा को सम्मान पत्र भेंट किया तथा चौधरी श्रवण कुमार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पालमपुर के विशिष्ट पूर्व छात्र के रूप में सम्मानित किया।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल, जो देश के प्रख्यात सीएसके कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (सीएसकेएचपीकेवी) के कुलाधिपति भी हैं द्वारा विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए जबकि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

दीक्षांत समारोह में 393 डिग्री प्राप्तकर्ताओं में से 21 शोध छात्र थे, जिन्होंने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की, इनमें से 8 को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 110 विद्यार्थियों ने मास्टर्स की डिग्री तथा 262 विद्यार्थियों ने स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

इस भव्य समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विशिष्ट पूर्व छात्रों को सम्मान पत्र भेंट किए। नन्द लाल शर्मा, जो विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र हैं, को प्रशासनिक सेवाओं और विद्युत क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान तथा भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम एसजेवीएन में अध्यक्ष एवं प्रबंध निेदेशक के रूप में उनके गतिशील नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया।

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के डोहक गांव में 12 फरवरी 1964 को एक कृषक परिवार में जन्में शर्मा ने सरकारी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल लठियाणी (जिला ऊना) से स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद 1985 में तत्कालीन कृषि महाविद्यालय सोलन से बीएससी (कृषि) की शिक्षा पूर्ण की। इन्होंने 1987 में सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से कृषि अर्थशास्त्र में एमएससी की डिग्री पूर्ण की। नन्द लाल शर्मा ने इंटरनेशनल सेंटर पफार प्रोमोशन आपफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (आईसीपीई) यूनिवर्सिटी आफ ल्युबल्याना स्लोवोनिया (यूरोप) से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स (एमबीए) भी किया है।

नन्द लाल शर्मा ने वर्ष 1989 में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा अधिकारी के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की। इन्होंने जुलाई 2008 में एसजेवीएन में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) के रूप में ज्वाईनिंग से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया।

सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) द्वारा अखिल भारतीय खुली प्रतियोगिता के माध्यम से चयनित शर्मा को मार्च 2011 में एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) के रूप में नियुक्त किया गया। निदेशक (कार्मिक) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने अनेक मानव संसाधन इन्टर्वेशनों का सूत्रपात किया तथा इन्हें सफलतापूर्वक स्थापित करके एसजेवीएन के लिए एक नई व्यावसायिक योजना के पुनर्निमाण में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

दिसम्बर 2017 में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् शर्मा भारत, नेपाल तथा भूटान में परियोजनाओं के प्रचालन एवं निर्माण करने के साथ-साथ एसजेवीएन को एक विविध बहुराष्ट्रीय विद्युत कंपनी के रूप में स्थापित करने हेतु अग्रणी रहे हैं। एसजेवीएन जिसने एक जलविद्युत कंपनी के रूप में शुरूआत की थी ने आज शर्मा के नेतृत्व में थर्मल विद्युत, पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन तथा विद्युत पारेषण के क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक प्रवेश किया है।

आज एसजेवीएन के पास पाइपलाइन में लगभग 10,000 मेगावाट क्षमता की 31 परियोजनाओं का एक सुदृढ़ पोर्टफोलियो है। इसके साथ एसजेवीएन ने अपने लिए वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट स्थापित क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। पुरस्कार वितरण समारोह में बोलते हुए शर्मा ने कहा कि विश्श्वविद्यालय में इस प्रकार सम्मानित होना उन्हें विनयशील बनाता है जहां कभी उन्होंने एक छात्र के रूप में कड़ी मेहनत की थी।

एक मिनी रत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपानी का नेतृत्व करने में विद्युत क्षेत्र तथा नेतृत्व में उनके योगदान के बारे में शर्मा ने कहा कि नेतृत्व एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और लीडर को सबसे आगे रहकर अगुवाई करनी पड़ती है। जैसाकि प्रसिद्व अमरीकी लेखक जान सी मैक्सवैल कहते हैं कि एक नेता वह है जो रास्ते को पहचानता है, रास्ते पर चलता है और सबको रास्ता दिखलाता है।

राज्यपाल अर्लेकर ने अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त करने वाले समस्त मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दी तथा उनसे निःस्वार्थ भाव से राज्य और देश की सेवा करने का आग्रह किया। समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपन परमार सम्मानीय अतिथि के रूप में तथा कृषि, पशुपालन तथा मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में तीन पुस्तकों, एक संग्रह तथा एक रिपोर्ट का विमोचन किया।

इससे पूर्व प्रोफेसर एच0के0 चौधरी कुलपति सीएसकेएचपीकेवी ने इस अवसर पर राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें संस्थान द्वारा सम्पन्न शैक्षणिक वर्ष में की गई प्रगति का विवरण था।


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जोहड़ी गांव के जंगल में किया गया वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम

 जोहड़ी गांव के जंगल में किया गया वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम



सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एबियंस द्वारा लगाये गए बांस के पेड़ 

संवाददाता

देहरादून। सिटीजन्स फार क्लीन एंड ग्रीन एबियंस द्वारा जोहड़ी गांव के जंगल में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर 51 वृक्ष बांस के लगाये गये ताकि जंगलों में बांस की पैदावार को बढ़ाया जा सके। वृक्षारोपण के इस अभियान में समिति के अध्यक्ष राम कपूर तथा समस्त सदस्यों के साथ दून वैली मेल समाचार पत्र के संपादक कांति कुमार ने भी सहयोग प्रदान किया।

कांति कुमार ने समिति के अध्यक्ष तथा संस्थापक राम कपूर से जोहड़ी गांव के जंगल में बांस के वृक्ष लगाये जाने हेतु निवेदन किया। जिसे स्वीकार करते हुए समिति द्वारा वृहद वृक्षारोपण अभियान किया गया और बांस के 51 वृक्ष रोपित किये गये। 

इस अवसर पर समिति के सदस्यों को वृक्षों को लगाने, बचाने और उनकी देखभाल करने का प्रण लिया गया। वृक्षारोपण के इस अवसर पर समिति के समस्त सदस्यों द्वारा लाकडाउन के नियमों का पूर्णतः पालन किया गया। समिति द्वारा वर्ष 2021 का यह छठवां वृक्षारोपण अभियान है। समिति द्वारा इस मानसून सत्र में अभी तक 750 से अधिक वृक्ष विभिन्न क्षेत्रों में रोपित किये जा चुके हैं।



वृक्षारोपण अभियान में अमरनाथ कुमार, शम्भू शुक्ला, रंदीप अहलूवालिया, जे0पी0 किमोठी, आर0के0 हाण्डा, अनुराग शर्मा, हर्षवर्धन जमलोकी, आलोक आहूजा, विरेन्द्र कुमार, गगन चावला, हृदय कुमार, शिवम शुक्ला, सुंदर शुक्ला आदि मौजूद रहे।


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रविवार, 22 अगस्त 2021

छात्र-छात्राओं के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

छात्र-छात्राओं के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

प्रतियोगिता में रिसिका, अदिति व सौरभ शाह सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित



संवाददाता

देहरादून। नेहरूग्राम स्थित अकेशिया पब्लिक स्कूल ने छात्र-छात्राओं के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में सातवीं, अठवीं व नौवीं कक्षा के छात्रों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता में विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने वाले कक्षा सातवीं की रिसिका, आठवीं की अदिति गुसांई और नौवीं के सौरभ शाह को सर्वश्रेठ वक्ता घोषित किया गया। जबकि शताक्षी पेन्यूली और दीप्ति नौटियाल दूसरे और ओजस्वी रावत व भूमिका कैन्थुरा तीसरे स्थान पर रहे।

नौवीं कक्षा से ग्रुप अ में पीयूष बेनिवाल, सपना पंवार, अंजलि रावत व अनुज कुमार और ग्रुप ब में अंजना रावत, दीक्षा जोशी, श्रेय बिष्ट और सौरभ शाह ने लाकडाउन वर्चुअल एकेडमिक्स वरदान या ब्रेकडाउन विषय पर आधारित प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें ग्रुप अ ने बाजी मारी।

वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विद्यालय के निदेशक मनमीत सिंह ढिल्लन ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्ददेश्य बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच उपलब्ध कराना था।

समापन के अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य जान डेविड नन्दा ने विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता की अध्यक्षता गरिमा रतूड़ी द्वारा की गयी और ममता फरस्वाण, स्टेला दास और रमनदीप कौर ने निर्णायक की भूमिका निभाई।


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2025 तक सभी घरों में लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर

 2025 तक सभी घरों में लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर



शहरी क्षेत्रों में पहले मीटर लगाने पर सरकार का जोर

एजेंसी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बिजली आपूर्ति सेवा घाटे कम करने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त इलेक्ट्रिक की सप्लाई सुनिश्चित करने के मकसद से बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में मौजूदा मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटरों में बदलने की योजना है। इसके लिए गजट नोटिफिकेशन के साथ मीटरों को बदलने के लिए समय सीमा भी तय कर दिया गया है। इस योजना तहत प्रीपेड मोबाइल या केबल कनेक्शन की तरह मौजूदा मीटरों को पूर्व भुगतान सुविधा वाले स्मार्ट मीटरों में बदले जाएंगे। प्रीडेप स्मार्ट मीटर सभी सरकारी और गैर सरकारी व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लगाए जाएंगे।

संचार नेटवर्क वाले सभी क्षेत्रों में 2023 तक और देश के अन्य हिस्सों में 2025 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। इस योजना से कृषि क्षेत्रों को फिलहाल बाहर रखा गया है। साथ ही जिन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क कमजोर है या फिर नहीं है उन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति मौजूदा मीटरों के जरिए बहाल रखने को लेकर संबंधित क्षेत्रों में राज्य विनियामक आयोग अंतिम फैसला लेंगे।

ध्यान देने की बात यह है कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं केबल टीवी और मोबाइल फोन की तरह पहले बिजली रिचार्ज कराना होगा। रिचार्ज खत्म होते ही बिजली की आपूर्ति ठप हो जाएगी। विशेष स्थितियों में उपभोक्ताओं को कुछ समय के लिए बिजली की आपूर्ति को बहाल रखा जा सकता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत उपभोक्ता पहले बिजली का उपयोग करते हैं और बिल आने के बाद उसका भुगतान करते हैं।

प्रीडेप स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को न केवल बिजली बिल संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी बल्कि उन्हें अपने घर प्रतिष्ठान में बिजली खपत की पल-पल जानकारी भी हो सकेगी। शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। स्मार्ट मीटर से अधिक बिल नहीं आता है। यह उपभोक्ताओं के वास्तविक खपत को दर्शाता है। बिजली के स्मार्ट मीटर से घर प्रतिष्ठान में बिजली खपत की पल-पल जानकारी मिल सकती है। बिजली बिल व मीटर रीडिंग से छुटकारा। उपभोक्ता स्वयं अपना बिजली बिल रिचार्ज कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी और निर्बाध बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।


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देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना की शुरूवात



एनटीपीसी ने देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना शुरू की


एजेंसी

चैन्नई। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अपने सिम्हाद्री थर्मल स्टेशन के जलाशय पर 25 मेगावाट की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना की शुरूआत की है। यह केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018 में अधिसूचित फ्लेक्सिबिलाइजेशन योजना के तहत स्थापित की जाने वाली पहली सौर परियोजना भी है। सौर पीवी परियोजना का उद्घाटन एनटीपीसी के आरईडी (डब्ल्यूआर2 और एसआर) संजय मदान के द्वारा किया गया।

जलाशय में स्थापित किये गए इस तैरते हुए सोलर इंस्टालेशन को अद्वितीय एंकरिंग डिजाइन में बनाया गया है और यह एक आरडब्ल्यू जलाशय में करीब 75 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस फ्लोटिंग सोलर परियोजना के जरिये 1 लाख से अधिक सोलर पीवी माड्यूल से बिजली पैदा करने की क्षमता है। इससे न केवल लगभग 7,000 घरों को रोशन करने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि इस परियोजना की पूरी समयावधि के दौरान हर वर्ष कम से कम 46,000 टन कार्बन डाइआक्साइड को कम किया जाए। इस परियोजना से प्रति वर्ष 1,3640 लाख लीटर पानी की बचत होने की भी उम्मीद है। इतना पानी 6,700 घरों की वार्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा।

2000 मेगावाट का कोयला आधारित सिम्हाद्री स्टेशन परियोजना बंगाल की खाड़ी से सीडब्ल्यू सिस्टम के लिए समुद्री जल प्राप्त करने वाली पहली बिजली परियोजना है, जो 20 वर्षों से भी अधिक समय से कार्य कर रही है। एनटीपीसी ने सिम्हाद्री में पायलट आधार पर हाइड्रोजन आधारित माइक्रो-ग्रिड प्रणाली स्थापित करने की भी योजना बनाई है। 66900 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ एनटीपीसी समूह के पास 29 नवीकरणीय परियोजनाओं सहित 71 पावर स्टेशन हैं। एनटीपीसी ने वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट (जीडब्ल्यू) अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। एनटीपीसी भारत की ऐसी पहली ऊर्जा कंपनी भी है जिसने ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता (एचएलडीई) के हिस्से के रूप में अपने ऊर्जा समझौता लक्ष्यों को घोषित किया हुआ है।

एनटीपीसी समूह के पास 17 गीगावाट से अधिक ऊर्जा क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 5 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं भी शामिल हैं। पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से सस्ती कीमतों पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति एनटीपीसी की पहचान रही है।


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संत निरंकारी मिशन द्वारा वननेस-वन परियोजना का शुभारम्भ

 संत निरंकारी मिशन द्वारा वननेस-वन परियोजना का शुभारम्भ

वृक्ष की छाया वृद्व का सायाः सद्गुरू सुदीक्षा महाराज



संवाददाता

दिल्ली/देहरादून। देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन द्वारा ‘अर्बन ट्री क्लस्टर’ अभियान का शुभारम्भ किया गया। वननेस-वन नाम की इस परियोजना को मिशन द्वारा देश के 22 राज्यों के 280 शहरों में चयनित करीब 350 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें करीब डेढ़ लाख वृक्षों का रोपण किया गया। 

अभियान का शुभारम्भ करते हुए सद्गुरू सुदीक्षा महाराज ने कहा कि प्राण वायु जो हमें वृक्षों से प्राप्त होती है, धरती पर इसका संतुलन बनाने के लिए जगह-जगह पर वनों का निमार्ण करना जरूरी है। जिससे कि अधिक मात्रा में आक्सीजन का निर्माण होगा और उतनी ही प्राण वायु प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बड़े, बुजुर्गो का आशीर्वाद हमारे लिए अहम है उसी प्रकार से वृक्ष भी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

‘वननेस वन’ नाम की इस परियोजना के अन्तर्गत देश के भिन्न-भिन्न स्थानों पर वृक्षों के समूह लगाये जायेंगे। वृक्षों को स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार रोपा जायेगा। मिशन के सेवादार वृक्षों को लगाने के उपरांत तीन वर्षो तक उनकी देखभाल भी करेंगे। इसमेें वृक्षों की सुरक्षा, खाद व जल की सुचारू रूप से व्यवस्था करना सम्मिलित है। 

संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक मंच है जो सभी में ईश्वर निराकार की उपस्थिति के आधार पर प्रेम, सहिष्णुता व एकता में सद्भाव की विचारधारा में विश्वास रखता है। मिशन द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लगातार कार्य किये जा रहे है। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु मिशन द्वारा देशभर के विभिन्न सत्संग भवनों को ‘कोविड केयर सेंटर’ के रूप में परिवर्तित करके सरकार को उपलब्ध कराया गया। 

संत निरंकारी मिशन एवं गिव मी ट्री संस्था के सहयोग द्वारा बड़े स्तर पर पर्यावरण संरक्षण’ की नींव रखी जा रही है। गिव मी ट्री संस्था द्वारा पिछले 44 वर्षों में 3-25 करोड से अध्कि वृक्षों को लगाया गया। संत निरंकारी मिशन तथा गिव मी ट्री संस्था का सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्र को ‘पर्यावरण संरक्षण’ के उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक नया आयाम स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा। 



इस श्रृंखला में जोन मसूरी के 5 जिले हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं देहरादून सहित 18 जगह यह अभियान चलाया गया। देहरादून में सहस्त्रधारा रोड, नगर निगम धरना पार्क में वृक्षारोपण किया गया इसमें सेवादल के भाई बहनों ने अपना पूरा योगदान दिया। मुख्य रूप से हरभजन सिंह जोनल इंचार्ज मसूरी जोन के दिशा निर्देशों में सेवादल के संचालक मंजीत सिंह एवं नरेश विरमानी ने कार्यक्रम को सुंदर ढंग से सम्पन्न किया।

सद्गुरू सुदीक्षा महाराज द्वारा इस वर्ष 74वें अंतराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की तिथियां 27, 28 व 29 नवम्बर सुनिश्चित की गई हैं। 


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शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

इस बार रक्षाबंधन पर बारह घंटे का शुभ मुहूर्त

 विधि विधान के अनुसार बहनें कब और कैसे बांधे भाई को राखी



इस बार रक्षाबंधन पर बारह घंटे का शुभ मुहूर्त

प0नि0डेस्क

देहरादून। हिंदू धर्म में सावन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होगी और 22 अगस्त को सूर्याेदय पर पूर्णिमा रहेगी। इस वजह से 22 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। 

इस बार रक्षा बंधन के त्योहार पर शोभन योग बन रहा है और राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है। रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इसलिए इस दौरान राखी नहीं बांधी जाती है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसलिए 22 अगस्त को बहनें पूरे दिन भाइयों की कलाई में राखी बांध सकेंगी।

रक्षाबंधन की तिथि 22 अगस्त रविवार को है। पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 22 अगस्त की शाम 5 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। 22 अगस्त के दिन सूर्याेदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा। राखी बांधने का समय सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल समयावधि 12 घंटे और 11 मिनट है। रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से शाम 4 बजकर 23 मिनट तक है।

रक्षाबंधन पर अन्य मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्तः दोपहर 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक।

अमृत कालः सुबह 9ः34 बजे से 11ः07 बजे तक।

ब्रह्म मुहूर्तः सुबह 4ः33 से 5ः21 बजे तक।

भद्रा कालः 23 अगस्त सुबह 05ः34 बजे से 6ः12 बजे तक।

रक्षाबंधन के दिन सुबह उठकर स्नान करें और शुद्व कपड़े पहनें। इसके बाद चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एक साथ मिलाएं और पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। थाली में मिठाई रखें और भाई को पीढ़े पर बिठाएं। 

ध्यान रहे कि रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए। तिलक लगाते समय बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना भी जरूरी है। भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें। 

राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें फिर उसको मिठाई खिलाएं।


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एसजेवीएन कार्यालयों में एकता की शपथ

 एसजेवीएन कार्यालयों में एकता की शपथ

सद्भावना दिवस के अवसर पर देशभर के कार्यालयों में मना एकता दिवस



संवाददाता

देहरादून। एसजेवीएन ने देश के विभिन्न राज्यों में स्थित अपने सभी कार्यालयों और परियोजनाओं में सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों के मध्य राष्ट्रीय अखंडता और साम्प्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए सद्भावना दिवस मनाया।

इस अवसर पर नन्द लाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि शांति और सद्भावना किसी भी समाज और संगठन की प्रगति और विकास के लिए सबसे आवश्यक तत्व है। इसलिए सभी एसजेवीनाई्ट्स को इन मूल्यों को आत्मसात करना चाहिए ताकि एसजेवीएन को 2040 तक 25000 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली कंपनी बना कर हम अपने साझा विजन को प्राप्त कर सके। 

एसजेवीएन के कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) डीपी कौशल ने शिमला में एसजेवीएन के सभी कर्मचारियों को सद्भावना दिवस की शपथ दिलाई। कौशल ने देश के सभी लोगों में भावनात्मक एकता और सद्भावना के लिए कार्य करने की महत्वपूर्ण प्रतिज्ञा एसजेवीएन के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिलाई। प्रतिज्ञा के अनुसार सभी ने यह प्रण लिया कि वे हिंसा का सहारा लिए बिना आपसी संवाद और संवैधानिक माध्यमों से आपसी सभी मतभेदों को सुलझाएंगे। 

इस अवसर पर डी दास कार्यकारी निदेशक, एस मारास्वामी कार्यकारी निदेशक, वी शंकरनारायणन कार्यकारी निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

गौर हो कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर लोगों के मध्य सद्भावना को बढ़ावा देने और उन्हें हिंसा से दूर रहने के लिए प्रेरित करने हेतु 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है।


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मलीन बस्तियों में रहने वालों को देंगे मालिकाना हकः आम आदमी पार्टी

 मलिन बस्तियों के मालिकाना हकः भाजपा-कांग्रेस ने हमेशा छला

मलीन बस्तियों में रहने वालों को देंगे मालिकाना हकः आम आदमी पार्टी



संवाददाता

देहरादून। आम आदमी पार्टी ने कहा कि यदि वह प्रदेश में सत्ता में आयी तो मलीन बस्तिवासियों को मालिकाना हक देगी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल चौधरी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा-कांग्रेस ने मालिकाना हक के विषय पर मलिन बस्तियों के लोगों को हमेशा ठगा है। दोनों ही राजनीतिक दलांे की सत्ता राज्य मंे रही है। आज भाजपा मलिन बस्तियों के लोगों को मात्र तीन वर्ष के अध्यादेशों के नाम पर भ्रमित कर रही है। 

विशाल ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार जिन्होंने अपनी सरकार रहते बस्तियों के विस्तारीकरण पर कोई सुदृढ निर्णय नही लिया था, आज वो भी बस्तियों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते नजर आ रहे है। हम सरकार से यह पूछना चाहते है कि शासकीय अभिलेखानुसार राज्य मंे 582 बस्तियां चिन्हित है जिनमे 11 लाख लोगों की आबादी वास करती है। वही 123 मलिन बस्तियां देहरादून मे है जिनमंे लगभग 6 लाख की आबादी वास करती है। 

उनका कहना था कि जब सरकार द्वारा पिछले कई दशकों से बस्तियों की जनता से पानी-बिजली-सड़क जैसे विभिन्न माध्यमों से राजस्व एकत्रित किया जा रहा है तो मालिकाना हक देने में क्या आपत्ति है। यह विडम्बना है कि बस्तियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगांे ने अपने जीवन की जमा पूंजी लगाकर जैसे तैसे भवन निर्माण किये है लेकिन जब बच्चांे की उच्चतर शिक्षा के लिए यह लोग ऋण का आवेदन करने है तो बैंक में इनका आवेदन मान्य नही हो पाता। यदि समय रहते सरकार ने इस विषय मे उचित निर्णय लेकर बस्तियों की जनता को राहत नही पहुंचाई तो आम आदमी पार्टी सडकों पर आकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।

उन्होंने कहा कि हम यह भी आश्वस्त करते है कि यदि जनता के आशीर्वाद से आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव मे प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने का अवसर मिला तो हम प्राथमिकता के आधार पर मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देकर अपना वादा पूरा करेंगे।


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बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात

 बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के पदाधिकारियों ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात 



मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट कर महासंघ की मांगों का ज्ञापन सौंपा 
संवाददाता
देहरादून। महासंघ के मीडिया प्रभारी अरविन्द राणा ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वर्तमान में राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति तथा सेवानिवृत्त से सहायक अध्यापक  (प्राथमिक) के लगभग 2000 पद रिक्त पड़े हुए है जिन्हें गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाये जिससे राज्य के अधिकतम बीएड प्रशिक्षितों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
महासंघ के सचिव बलबीर बिष्ट ने मुख्यमंत्री से प्राथमिक शिक्षक भर्ती को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं के जल्द निस्तारण हेतु उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता के द्वारा ठोस पैरवी करने का अनुरोध किया जिससे गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं का जल्द निस्तारण हो सके।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने मुख्यमंत्री को बताया कि वर्तमान में राज्य के प्राथमिक विद्यालयों अनेक विद्यालय शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक के द्वारा संचालित हो रहे है जिसके कारण राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत नौनिहालों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नही मिल पा रही है अतः राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के समस्त रिक्त पदों को गतिमान प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल करने पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाये। 
मुख्यमंत्री ने महासंघ के पदाधिकारियों की मांगों पर जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया ।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में महासंघ के पदाधिकारी नरेंद्र तोमर, बलबीर बिष्ट, अरविन्द राणा, जयप्रकाश अभिषेक, महेंद्र पंकज आदि बीएड प्रशिक्षित मौजूद रहे।

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