रविवार, 31 जनवरी 2021

भारतीय तटरक्षक बल का 45वां स्थापना दिवस

भारतीय तटरक्षक बल का 45वां स्थापना दिवस



एजेंसी

नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल 1 फरवरी को अपना 45वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1978 में केवल 7 जमीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से आज आईसीजी अपनी सूची में 156 जहाजों और 62 विमानों के साथ एक अजेय सेना बन चुका है और 2025 तक 200 जमीनी प्लेटफार्मों और 80 विमानों के लक्षित बल प्राप्त करने की संभावना है।

दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने आदर्श वाक्य वयम रक्षाम का अर्थ हम रक्षा करते हैं। भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने और लगभग 14,000 बदमाशों को पकड़ने का काम किया है।

कोविड-19 महामारी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद भारतीय तटरक्षक बल ने लगभग 50 जहाजों और 12 विमानों को दैनिक रूप से तैनात करके महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में 24ग7 सतर्कता बनाए रखी है। समुद्र में हवाई निगरानी सेवा की मदद से वर्ष 2020 में भारतीय ईईजेड जोन में अवैध रूप से काम कर रहे 80 उपद्रवियों के साथ लगभग 1,500 करोड़ मूल्य की 10 से अधिक विदेशी मछली पकड़ने की नौकाओं को जब्त किया। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा एक साल पहले निवारक और सोची-समझी प्रक्रिया के तहत पिछले साल 11 चक्रवातों के दौरान लगभग 40,000 मछुआरों के साथ 6,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सुरक्षित बंदरगाह पर ले जाया गया। इससे बड़े पैमाने पर समुद्री जान-माल का नुकसान से बचाया गया।

प्रधानमंत्री की सागर दृष्टि के अनुरूप- सुरक्षा और क्षेत्र में सभी की प्रगति, भारतीय तटरक्षक बल ने श्रीलंका के 333 मीटर लंबे बहुत बड़े क्रूड कार्टर मोटर टैंकर न्यू डायमंड जिसमें तीन लाख मैट्रिक टन कच्चा तेल था जिसमें आग लग गयी थी, को बचाने का काम किया जिससे एक बड़ी पारिस्थितिक आपदा टल गई। इसके अलावा आईसीजी ने मर्चेंट वेसेल वेकेशियो की ग्राउंडिंग के दौरान मारीशस को प्रदूषण प्रतिक्रिया सहायता प्रदान की और प्रशिक्षण के अलावा 30टी प्रदूषण उपकरण प्रदान किए। इसके साथ आईसीजी समुद्री देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपनी अधिकार वाले क्षेत्रा में और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सहयोग कर रहा है।

आईसीजी ने समुद्री और नागरिक उड्डयन खोज और बचाव तंत्र का सामंजस्य स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड की बैठक आयोजित की और बड़े पैमाने पर बचाव कार्यों को करने के लिए मौजूदा तंत्र को मान्य करने के लिए एसएआर एक्सरसाइज-2020 (एसएआरईएक्स-2020) के साथ इसका पालन किया। तटीय सुरक्षा और खुफिया समन्वय के लिए हितधारकों के बीच इंटेलिजेंस साझाकरण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक पहली संगोष्ठी आयोजित की गई थी। यह सेवा केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में भी काम कर रही है ताकि एक मजबूत तटीय सुरक्षा तंत्र बनाया जा सके।

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने राष्ट्र के लिए 44 शानदार वर्ष पूरे करने पर भारतीय तटरक्षक बल को बधाई दी और समुद्री क्षेत्रों में देश के हितों की खोज में सेवा द्वारा निभाई गई उल्लेखनीय भूमिका की सराहना की।


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पोटेशियम की कमी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

पोटेशियम की कमी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं



शरीर को हो सकती हैं बीमारियां, इसकी कमी के लक्षण और उपाय

प0नि0डेस्क

देहरादून। पोटेशियम ऐसा मिनरल यानी खनिज पदार्थ है जो शरीर के कई अहम कार्यों के लिए जरूरी है। इसकी कमी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। पोटेशियम मांसपेशियों को विकसित करने, शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने और तंत्रिकाओं को स्वस्थ रूप से काम करने में सहायक है। किडनी शरीर का ऐसा मुख्य अंग है जो पोटेशियम की मात्रा को नियंत्रित करती है और अतिरिक्त को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देती है।

डाक्टरों के मुताबिक एक शरीर को रोजाना 47000 मिलीग्राम पोटेशियम की जरूरत होती है। पोटेशियम की कमी से हाइपोकैलिमिया नामक गंभीर बीमारी का खतरा शरीर को रहता है। साथ ही मानसिक रोग के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। चूंकि पोटेशियम दिल दिमाग और मांसपेशियों को सुचारू रूप से चलाने का कार्य करते हैं। इसीलिए पोटेशियम का शरीर में संतुलित मात्रा में होना बेहद अनिवार्य है।

पोटेशियम की कमी से शरीर में जो लक्षण दिखते हैं, उसे समय से पहचानकर शरीर में पोटेशियम की मात्रा को संतुलित रखा जा सकता है। दिल की धड़कन के तेज होने के तो बहुत से कारण हैं, पोटैशियम की कमी भी इसका एक कारण माना जाता है। रक्त में पोटेशियम की मात्रा घट जाने से दिल के धड़कने में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए कहा जाता है कि पोटेशियम दिल के धड़कन को सामान्य रखने में सहायक होता है।

रक्त के ठीक ढंग से चलने के लिए पोटेशियम मदद करता है। पोटैशियम की कमी से रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बाधित होती है। शरीर को संतुलित आहार न मिलने से थकान बनी रहती है। पोषक तत्वों के कमी से मांस पेशियों का लचीलापन खो जाता है और मांसपेशियां सख्त हो जाते हैं। जो शरीर के थकान का कारण बनती हैं।

भोजन में सभी पोषक तत्वों का होना अनिवार्य है। पोटेशियम की मात्रा कम होने से शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जो कमजोरी का कारण बनती है। अधिक तनाव से डिप्रेशन होता है और इसका एक प्रमुख कारण पोटैशियम की कमी है। इंसोमेनिया एक खास तरह की बीमारी है जो नींद नहीं आने की वजह से होती है। अर्थात नींद का न आना पोटेशियम की कमी का पुख्ता संकेत है।

सोडियम की मात्रा बढ़ने से पोटेशियम की कमी हो जाती है। जिससे दिल की बीमारी के खतरे बने रहते हैं। फास्ट फूड का कम सेवन करना चाहिए जिससे सोडियम की मात्रा कंट्रोल रहे। यदि शरीर को उपरोक्त संकेत मिले तो पोटैशियम के स्त्रोत वाले आहार का सेवन करें। 

पोटैशियम का सबसे अच्छे स्त्रोत आलू, हरी सब्जियां माने जाते हैं। इनके अलावा मछली, अनाज, मशरूम, दही भी अच्छे स्त्रोत हैं। फलों की बात की जाए तो केला और संतरा पोटैशियम से भरपूर आहार हैं।


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गढ़देश पुरानी पेंशन बहाली सम्मेलन सम्पन्न

गढ़देश पुरानी पेंशन बहाली सम्मेलन सम्पन्न



नई पेंशन कर्मचारियों के साथ एक धोखा: डा0 पसबोला
संवाददाता
पौंडी गढ़वाल। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF) द्वारा रामलीला मैदान पौड़ी गढ़वाल में विशाल गढ़देश पुरानी पेंशन बहाली सम्मेलन का आयोजन किया गया। दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी.
एस रावत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र दुबे, प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडो़नी, प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा० डी०सी० पसबोला, प्रदेश महिला उपाध्यक्ष  श्रीमती योगिता पन्त, राष्ट्रीय संयोजक मिलिन्द बिष्ट द्वारा मंचासीन होकर अपने विचार व्यक्त कर सभी कार्मिकों में जोश एवं ऊर्जा का संचार किया गया।
इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं सभी विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति रही, जिनमें कई अधिकारी एवं कर्मचारी दूरस्थ जिलों से भी सम्मिलित हुए। सभी ने पुरानी पेंशन बहाली पर सहमति व्यक्त करते हुए सरकार से नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर मांग की।
सम्मेलन में प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा० डी०सी० पसबोला
द्वारा एनपीएस को पेंशन कम टेंशन ज्यादा बताते हुए सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गयी। उनके द्वारा नई पेंशन की तुलना शेयर्स सट्टा से करते हुए कर्मचारियों के भविष्य और पैसे को असुरक्षित बताते हुए कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ बताया। डा० पसबोला द्वारा नई पेंशन को कर्मचारियों के साथ एक धोखा करार दिया गया।
सम्मेलन में देश विभिन्न प्रदेशों छत्तीसगढ़, झारखण्ड, तेलंगाना, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर आदि के प्रदेश पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। जिन्होंने आन्दोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाकर ओर आगे ले जाने और ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर दिया।

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चौपाल लगाकर चलाया जागरूकता अभियान

जनपद पुलिस ने जन जागरूकता चौपाल मेंं दी महत्वपूर्ण जानकारियां



चौपाल लगाकर चलाया जागरूकता अभियान
संवाददाता
चमोली। पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान के निर्देशन में जनपद पुलिस द्वारा ग्राम- ब्रह्मसैण,एचसीसी कंपनी पीपलकोटी के कर्मचारियों के साथ ग्राम- आगरचट्टी, पुलना, प्रयागराज कस्बा कर्णप्रयाग, मारवाडी चौक जोशीमठ, ग्राम-जौरासी, खालसा आदि गाँवों में पुलिस चौपाल का आयोजन कर ग्रामवासियों को कोरोना संक्रमण से बचने हेतु सामाजिक दूरी अपनाने, मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने संबंधी नियमों की जानकारी दी गयी। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढाओ/कन्या भ्रूण हत्या/ सोशल मीडिया फ्रॉड/एटीएम फ्रॉड/ साईबर अपराध/ऑनलाइन ठगी से सम्बन्धित जानकारी एवं सुझाव/नशे के दुष्प्रभाव एवं नशे से दूर रहने /घरेलू हिंसा/यातायात नियमों का पालन/ महिला एवं बच्चों के विरुद्ध लैगिंग अपराध,मानव तस्करी आदि महत्वपूर्ण जानकारियां देकर जागरूक किया गया। 
पुलिस द्वारा  उपस्थित सभी ग्रामवासियों को जागरूकता पम्पलेट एवं मास्क वितरित किये गए। पुलिस चौपाल में उक्त गांवों के ग्रामीणों द्वारा भारी संख्या मेंं उत्साह के साथ प्रतिभाग किया गया। सभी के द्वारा कोरोना नियमों के तहत सामाजिक दूरी का पालन किया गया व मास्क पहने गये।
पुलिस द्वारा कहा गया कि जनपद पुलिस द्वारा प्रत्येक रविवार को निरन्तर एक-2 गांव में ग्रामीणों के मध्य जाकर पुलिस चौपाल का जनहित में आयोजन जारी रहेगा। 

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5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाया गया

5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाया गया



पोलियो खुराक पिलाकर जीवन को बनाये खुशहाल: डा0 त्रिलोक सोनी
संवाददाता
टिहरी गढवाल। पल्स पोलियो अभियान के तहत मरोड़ा उपकेंद्र बूथ 34 ए राजकीय प्राथमिक विद्यालय लामकाण्डे में शून्य से 5 साल के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाया गया। इस प्लस पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आशा के साथ बच्चों को पोलियो खुराक पिलाया।
वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि जीवन अनमोल हैं। इस जीवन को खुशहाल बनाना सब का दायित्व हैं। पोलियो एक संक्रमण बीमारी है इस बीमारी से तभी छुटकारा पा सकते हैं जब घर घर से शून्य से 5 साल के बच्चों को पोलियो खुराक पिलायेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के प्रधानों से सम्पर्क कर अपने गांव के पाँच साल तक के बच्चों को पोलियो बूथ पर लेजाकर पोलियो ड्राप पिलाने का अनुरोध किया हैं और जन सहभागिता से ही पोलियो बीमारी को जड़ से मुक्त किया जा सकता हैं।
आशा कार्यकर्ती सरिता रावत ने कहा घर घर जाकर पोलियो ड्राप पिलाने के लिए बूथ पर लोगो को बुलाया है और पैंतालीस बच्चों को पोलियो खुराक पिलाया गया हैं।पोलियो खुराक पिलाने में वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी के साथ महेश रावत, राजेन्द्र सिंह, सुमेश रावत का सहयोग रहा। पोलियो खुराक अर्चना, अरुण, सृष्टि, समा, कार्तिक, आरव, दिव्यांशी, विपिन, मीना व 45 बच्चों को पिलाया गया।

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जाट रेजिमेंटल सेंटर सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी

 जाट रेजिमेंटल सेंटर सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी



दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस परेड 2021 के दौरान अपनी श्रेणी सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ियों के रूप में चुनी गई

एजेंसी

नई दिल्ली। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान सेना के तीनों अंगों के बीच जाट रेजिमेंटल सेंटर की मार्चिंग टुकड़ी को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी के रूप में चुना गया है। दिल्ली पुलिस मार्चिंग टुकड़ी को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य सहायक बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी के रूप में चुना गया है।

उन्हें जजों के पैनलों द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन और टुकड़ियों के प्रतिस्पर्धी प्रस्तुतिकरण के परिणामों के आधार पर चुना गया है। सेना के तीनों अंगों से मार्चिंग टुकड़ियों के प्रदर्शन का आकलन करने, सीएपीएफ/अन्य सहायक बलों से मार्चिंग टुकड़ियों, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/सीएपीएफ और अन्य सहायक बलों तथा स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों का आकलन करने के लिए जजों के तीन पैनलों की नियुक्ति की गई थी।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटीज़) के बीच उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और उत्तराखंड की झांकियों को क्रमश प्रथम, द्वितीय और तृतीय के रूप में चुना गया। जैव प्रौद्योगिकी विभाग को केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/सीएपीएफ/अन्य सहायक बलों के बीच सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चुना गया। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी को विशेष पुरस्कार दिया गया।

माउंट आबू पब्लिक स्कूल और विद्या भारती स्कूल के संयुक्त प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ स्कूली प्रदर्शन चुना गया है जबकि सांत्वना पुरस्कार दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन स्कूलों को दिया गया है।


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23 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि

 23 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि

10 में पोल्ट्री फार्म्स में पहुंचा संक्रमण



एजेंसी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया है कि 10 राज्यों में पोल्ट्री बर्ड्स में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हुई है, जबकि 13 राज्यों में कौवे, प्रवासी और जंगली पक्षियों में इस बीमारी की जानकारी मिली है। प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।

केरल, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने पोल्ट्री पक्षियों में एवियन इंफ्लूएंजा फैलने की पुष्टि की है। वहीं मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और बिहार में कौवे, प्रवासी और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की सूचना मिली है।

जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में घरेलू मुर्गी में एवियन इंफ्लूएंजा फैलने की पुष्टि हुई है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा हिमाचल के हमीरपुर जिले में कौवे में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई और बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में यह बीमारी एक मोर में पाई गई।

बयान में कहा गया है कि हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश के प्रभावित केंद्रों में नियंत्रण और रोकथाम अभियान (सफाई और कीटाणुशोधन) चल रहे हैं। उन स्थानों पर निगरानी कार्य चल रहा है, जहां मुर्गी पालन को छोड़कर बाकी पक्षियों की प्रजातियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

जिन किसानों के मुर्गी पक्षियों, अंडे और मुर्गी पालन आहार को राज्य सरकार के निर्देश पर मारा या निस्तारित किया जाता है, उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है। सभी राज्य हर रोज बर्ड फ्लू की रोकथाम, नियंत्रण और रोकथाम के लिए संशोधित कार्य योजना पर अपनाए गए नियंत्रण उपायों के बारे में सूचित किया जा रहा है।


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हवा में चार्ज होगा स्मार्टफोन

 हवा में चार्ज होगा स्मार्टफोन



शाओमी ने लान्च किया एयर चार्जर

एजेंसी 

नई दिल्ली। शाओमी ने एयर चार्जर पेश किया है। यह स्मार्टफोन चार्जर फोन को हवा में ही चार्ज कर देता है। कंपनी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस एयर चार्जर का वीडियो जारी किया है। एमआई एयर चार्जर रिमोट चार्जिंग तकनीक पर काम करता है, जिसमें चार्जर से कुछ पफीट की दूरी पर ही स्मार्टफोन चार्ज होने लगता है। 

चीनी कंपनी का यह अनोखा एयर चार्जर स्मार्टफोन के अलावा स्मार्ट वाच, फिटनेस बैंड और अन्य वियरेबल्स को चार्ज कर सकता है। कंपनी का दावा है कि इस चार्जर के जरिए एक साथ कई इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज को चार्ज किया जा सकता है। इस स्मार्ट एयर चार्जर की खास बात यह है कि चार्जर के बीच में दीवार या फिर कुछ रुकावट आने के बावजूद यह तकनीक काम करता रहता है। 

शिओमी के अलावा मोटोरोला ने भी इसी तरह के अपने वायरलेस चार्जर तकनीक को चीनी माइक्रोब्लागिंग साइट वाइबो पर शेयर किया है। मोटोरोला का यह चार्जर तीन पफुट की दूरी से ही स्मार्टफोन को चार्ज कर सकता है।

शिओमी का यह वायरलेस एयर चार्जर ऐरे और एंटिना के साथ आता है। इस चार्जर में एक आइसोलेटेड चार्जिंग टावर दिया गया है जिसमें फाइव फेज इंटरफेस एंटिना दिया गया है जो स्मार्टफोन के लोकेशन को डिटेक्ट कर लेता है। साथ ही इसमें फेज कंट्रोल एरे भी दिया गया है जिसमें 144 एंटिना अलग से दिया गया है जो मल्टीमीटर वाइड वेव को एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है। यह एयर चार्जर यूजर को एक अनोखा चार्जिंग एक्सपीरियंस कराता है।

चीनी कंपनी की यह नई चार्जिंग तकनीक स्मार्ट होम और नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलाजी का एक नमूना है। इस एयर चार्जर की मदद से यूजर के घर में रहने वाले स्मार्ट डिवाइसेज अपने आप चार्ज होते रहेंगे। हालांकि शिओमी ने अपने वीडियो में इस एयर चार्जर के जरिए स्मार्टफोन फुल चार्ज होने में कितना समय लगता है यह नहीं बताया है। एमआई एयर चार्जर में 18 वाट या इससे ज्यादा फास्ट वायरलेस चार्जिंग एक्सपीरियंस किया जा सकता है।


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शनिवार, 30 जनवरी 2021

आबकारी आयुक्त से शराब ओवर रेटिंग में बेचे जाने की शिकायत

आबकारी आयुक्त से शराब ओवर रेटिंग में बेचे जाने की शिकायत



कांग्रेसियों ने आईएसबीटी/ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में शराब ओवर रेट में बेचे जाने की शिकायत की
संवाददाता
देहरादून। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा के नेतृत्व में महानगर कांग्रेसजनों ने आबकारी आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें शराब बिक्री में हो रही धांधली ओवर रेटिंग से संबधित ज्ञापन प्रेषित कर उचित कार्रवाही किये जानें की मांग की। 
ज्ञापन के माध्यम से लाल चंद शर्मा नें कहा कि आईएसबीटी/ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में शराब बिक्री ओवर रेट पर की जा रही है। उक्त दुकानों पर जांच पड़ताल की गयी तो पाया गया कि शराब की बिक्रि ओवर रेटिंग पर की जा रही है। 
उन्होंंने कहा कि सरकार द्वारा अंग्रेजी/देशी शराब पर एमआरपी से अधिक पर विक्रेता शराब नहीं बेच सकता है लेकिन जनता की शिकायत पर जब उक्त दुकानों पर स्थानीय पार्षद रमेश कुमार मंगू स्वयं पहुंचे तो पाया कि उक्त शराब दुकानदार शराब को ओवर रेटिंग पर बेच रहे थे। 
स्थानीय पार्षद द्वारा इसका विरोध किया गया। विरोध के दौरान स्वयं शराब की दुकान पर स्थित कर्मचारियों ने ओवर रेटिंग की बात को कुबुला है जिसका विडियो उनके पास उपलब्ध है। उन्होंंने कहा कि लगातार इस तरह की शिकायतें सामनें आ रही हैं जिसका कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।
लाल चंद शर्मा ने मांग की उक्त प्रकरण की जांच कर आवश्यक कार्रवाही की जाये तथा गुणवत्ता की भी जांच की जाये।
इस दौरान रमेश कुमार मंगू, दिप बोहरा, अनूप कपूर, राजेश परमार, सिद्धार्थ, राहुल, रोबिन पंवार, प्रियांश छाबड़ा, सुभाश धस्माना आदि उपस्थित थे।

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सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 (सीरीज XI) - निर्गम मूल्य

 

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 (सीरीज XI) - निर्गम मूल्य



एजेंसी
नई दिल्ली। भारत सरकार की अधिसूचना फाइल संख्या 4(4)-B/(डब्ल्यूएंडएम)/2020, दिनांक 9 अक्टूबर 2020 के संदर्भ में, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 (सीरीज XI) 1 से 5 फरवरी 2021 की अवधि के लिए खोले जाएंगे। इसके लिए निपटान की तारीख 9 फरवरी, 2021 होगी। सब्सक्रिप्शन अवधि के दौरान इस बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,912 (केवल चार हजार नौ सौ बारह) रुपये प्रति ग्राम होगा जैसा कि आरबीआई द्वारा दिनांक 29 जनवरी, 2021 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित किया गया है।

 भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार ने उन निवेशकों को निर्गम मूल्य से प्रति ग्राम 50 रुपये (केवल पचास रुपये) की छूट की अनुमति देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं और भुगतान डिजिटल माध्यम से करते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड की कीमत 4,862 रुपये (चार हजार आठ सौ बासठ रुपये) प्रति ग्राम होगी।


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नाफरमान कुलसचिव के खिलाफ फीस वृद्धि मामले में कार्रवाई करने से घबरा गई सरकार: मोर्चा

नाफरमान कुलसचिव के खिलाफ फीस वृद्धि मामले में कार्रवाई करने से घबरा गई सरकार: मोर्चा                    


#उच्च न्यायालय के निर्देशों की भी उड़ाई धज्जियां          
#न्यायालय द्वारा सरकार के आदेश को किया गया था 9/7/18  को अपास्त            
#न्यायालय की खंडपीठ ने भी 9/10/ 2018 को आदेश रखा था बरकरार        
#शासन ने कई पत्र लिखे कुलसचिव आयुर्वेद विश्वविद्यालय को, लेकिन एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं                  
संंवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों को संबोधित  करते हुए कहा कहा कि सरकार द्वारा अक्टूबर 2015 के द्वारा निजी आयुष महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की फीस वृद्धि की थी, जिसके तहत फीस को 80 हजार से बढ़ाकर 2.15 लाख तथा 73,600 से बढ़ाकर 1.10 लाख कर दिया था, जिसको उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई 2018 को अपास्त कर दिया गया था तथा मा.उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा अक्टूबर 2018  में सरकार द्वारा योजित विशेष अपील में  पूर्ववर्ती आदेश को बरकरार रखा ।       
नेगी ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश का अनुपालन कराए जाने को लेकर शासन द्वारा 22/03/19, 23/ 04/19, 22/11/19, 20/12/19, 16/01/20 तथा 30/ 01/20 के द्वारा कुलसचिव उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को पत्र प्रेषित कर अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीतने के उपरांत भी कुलसचिव द्वारा शासन के पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई ;यहां तक की शासन को कोई आख्या तक उपलब्ध नहीं कराएगी गई  | उक्त नाफरमान कुलसचिव की वजह से अध्ययनरत गरीब छात्रों को बहुत बड़े संकट से गुजरना पड़ा।                    
नेगी ने हैरानी जताई कि एक वर्ष तक शासन के पत्रों का जवाब एवं कार्रवाई न करने के मामले में सरकार खामोश बैठी रही यानी उक्त नाफरमान कुलसचिव के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। नेगी ने कहा कि जब प्रदेश में न्यायालय/ शासन के आदेशों पर ही कार्यवाही नहीं हो पा रही है तो सरकार का क्या औचित्य रह जाता है।                   
पत्रकार वार्ता में ओपी राणा व अमित जैन थे |

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डीए फ्रीज होने से रिटायर कर्मचारियों को नुकसान

डीए फ्रीज होने से रिटायर कर्मचारियों को नुकसान



जनवरी 2020 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को दोहरा नुकसान 

प0नि0ब्यूरो

देहरादून। जनवरी 2020 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। जहां एक ओर फ्रीज होने से महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी का लाभ उनको नहीं ही मिल रहा है, वहीं ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश के रूप में भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे कर्मचारियों में निराशा तथा आक्रोष है। 

ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश का निर्धारण बेसिक तथा डीए को जोड़कर होता है, ऐसे में डीए फ्रीज करने का असर इस दौरान सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश के रूप में मिलने वाली राशि पर भी पड़ा है। यदि कोई कर्मचारी इस वर्ष जनवरी में रिटायर होता है और बेसिक 50 हजार रुपये भी है तो उसे साढ़े 26 महीने के वेतन पर 11 फीसदी डीए के हिसाब से 1.25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होगा।

जानकार कहते है कि इस दौरान रिटायर होने वालों को बाद में भी इसका भुगतान नहीं होगा। इसे लेकर वित्त मंत्रालय तथा अन्य संबंधित विभागों को पत्र लिखा गया है। जानकारों के मुताबिक डीए जुुलाई से देना सुनिश्चित करने के साथ एरियर का भी प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए।

डीए फ्रीज करने से नाराज कर्मचारी और पेंशनर्स बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। डीए फ्रीज करने का आदेश वापस लेने के साथ पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण की प्रक्रिया बंद करने समेत 14 बिंदुओं को लेकर आंदोलन की रणनीति चल रही है। 

एक फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश होगा। इसी दिन से आंदोलन की शुरुआत हो सकती है। इस क्रम में कर्मचारियों और पेंशनर्स ने एक फरवरी को अटेंशन डे मनाने की घोषणा की है। राष्ट्रव्यापी आंदोलन में आल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स एसोसिएशन, पेंशनर्स एसोसिएशन, कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स तथा नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ पेंशनर्स एसोसिएशन समेत अनेक संगठन शामिल होंगे।


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न्यायमूर्ति सुनील कुमार अवस्थी ने दिया इस्तीफा

 न्यायमूर्ति सुनील कुमार अवस्थी ने दिया इस्तीफा



मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दिया

एजेंसी

नई दिल्ली। न्यायमूर्ति सुनील कुमार अवस्थी ने संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) के उपबंध (अ) का अनुपालन करते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।



न्यायमूर्ति सुनील कुमार अवस्थी 15 अक्टूबर 1985 को सिविल जज क्लास-II के रूप में न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे और उन्होंने एक न्यायिक अधिकारी के रूप में विभिन्न स्थानों में विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्हें 13 अक्टूबर 2016 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 17 मार्च 2018 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।


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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

एनटीपीसी केदारनाथ में नागरिक सुविधाओं के पुनर्विकास में सहायता करेगा

 

एनटीपीसी केदारनाथ  में नागरिक सुविधाओं के पुनर्विकास में सहायता करेगा

संंवाददाता
देहरादून। कम्पनी सामाजिक दायित्व-कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहल के हिस्से के रूप में देश की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी और बिजली मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) एनटीपीसी लिमिटेड ने केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ 25 करोड़ रुपये की लागत से केदारनाथ कस्बे में नागरिक सुविधाओं के पुनर्विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

 

 

एनटीपीसी के निदेशक (एचआर) डीके पटेल की उपस्थिति में उत्तराखंड सरकार में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर और एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक (सीएसआर/आरएंडआर/एलए) एमएसडी भट्टमिश्रा के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

सीएसआर एनटीपीसी के बिजली उत्पादन के व्यवसाय का एक अभिन्न हिस्सा रहा है और सीएसआर प्रयासों के माध्यम से लाखों भारतीयों के जीवन को रोशन करना इसका लक्ष्य है। एनटीपीसी बुनियादी ढांचागत विकास, शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, क्षमता निर्माण और महिला-पुरूष आधारित सशक्तिकरण जैसी विभिन्न पहलों का समर्थन कर रहा है।

एनटीपीसी समूह के पास 29 अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं सहित 71 पावर स्टेशन हैं। समूह के पास निर्माणाधीन 20 जीडब्ल्यू से अधिक क्षमता है जिसमें 5 जीडब्ल्यू क्षमता वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से सस्ती कीमतों पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति करना एनटीपीसी की पहचान रही है।


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सेना को इजरायल से 6 हजार एलएमजी की पहली खेप मिली

 सेना को इजरायल से 6 हजार एलएमजी की पहली खेप मिली



- सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन मार्च तक मिलेंगी 
- इजराइली एलएमजी से मोर्चों पर सैनिकों की बढ़ेगी मारक क्षमता 

एजेंसी
नई दिल्ली। चीन के साथ गतिरोध बढ़ने से पहले ही पिछले साल इजराइल से खरीदी गईं 16 हजार 479 लाइट मशीन गन (एलएमजी) में से पहली खेप में 6 हजार एलएमजी सेना को मिल गई हैं। इन मशीन गनों को सेना के केंद्रीय आयुध भंडार जबलपुर भेज दिया गया है। सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन मार्च के अंत में आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में सीमा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात भारतीय जवान इंसास राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके मुकाबले में इजराइली एलएमजी अचूक निशाना लगाने का दायरा बढ़ाकर सैनिकों की मारक क्षमता बढ़ाएगी।
चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनात अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए सेना ने फरवरी 2020 में अमेरिकी कंपनी 'सिग सॉयर' से आधा किलोमीटर दूरी तक मार करने की क्षमता वाली 72 हजार 400 असॉल्ट राइफलें खरीदी थीं। यह 7.62 गुणा 51 मिमी. कैलिबर की बंदूकें हैं, जो 647 करोड़ रुपये के फास्ट-ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) सौदे के तहत खरीदी गई थीं। अमेरिका से आपूर्ति होने पर इन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल सेना अपने आतंकवाद-रोधी अभियानों में करने लगी। इसलिए सीमा पर तैनात सैनिकों के हाथों में पुरानी इंसास राइफलें ही बनी रहीं जिनका निर्माण स्थानीय रूप से आयुध कारखानों बोर्ड ने किया था। सरकार ने सीमा के जवानों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इजराइली एलएमजी और अमेरिकी असॉल्ट राइफलें खरीदने का फैसला लिया। 
सेना ने लगभग 13 लाख की क्षमता वाले सशस्त्र बलों की जरूरतें पूरी करने के लिए पिछले साल 19 मार्च को इजराइल से 16,479 लाइट मशीन गन (एलएमजी) खरीदने का सौदा 880 करोड़ रुपये में किया था। यह खरीद फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत की गई थी। इस बीच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ने लगा तो सेना हथियारों के लिहाज से अपनी ताकत में और इजाफा करने में जुट गई। इस बीच केंद्र सरकार से 800 करोड़ का इमरजेंसी फंड मिलने के बाद सेना ने हथियार खरीदने के लिए अमेरिका और इजराइल की कंपनियों को कई ऑर्डर दिए हैं। जुलाई में भारत आई इजरायल रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय टीम से लाइट मशीन गन (एलएमजी) की आपूर्ति जल्द से जल्द करने को कहा गया। इसी के तहत इजराइल ने पहली खेप के रूप में सेना को जनवरी के मध्य में ही 6 हजार एलएमजी की आपूर्ति कर दी है। 
इजराइल से मिलीं इन 6 हजार मशीन गनों को सेना के केंद्रीय आयुध भंडार जबलपुर भेज दिया गया है। इस सौदे की बाकी 10 हजार मशीन गन इसी साल मार्च के अंत में आने की उम्मीद है। पूर्वी लद्दाख में चीन से सैन्य टकराव के बीच केंद्र सरकार ने 28 सितम्बर को भारतीय सेनाओं की जरूरत को देखते हुए हथियारों की खरीद के लिए 2,290 करोड़ रुपये मंजूर किये थे। इसलिए भारतीय सेना ने दूसरी खेप में अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफलें खरीदने के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) से अंतिम रूप देने की तैयारी है। इजराइली एलएमजी के साथ यह नई अमेरिकी नई असॉल्ट राइफलें भी चीन और पाकिस्तान के अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को दी जानी हैं जो सेना के पास इस समय मौजूद इंसास राइफलों का स्थान लेंगी। 

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पीएनबी ने अपने संस्थापक लाला लाजपत राय की 156वीं जयंती मनाई

पीएनबी ने अपने संस्थापक लाला लाजपत राय की 156वीं जयंती मनाई 



- बैंक कर्मचारियों ने भारत में उनकी विरासत को कायम रखने और बैंकिंग के रूपांतरण का संकल्प लिया
- यूपी सरकार द्वारा प्रतिष्ठित रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से नवाजे जाने पर पैरा शूटर सुश्री आकांक्षा चौधरी को सम्मानित किया
संवाददाता
देहरादून। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख अग्रणी बैंक पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने संस्थापक स्व० लाला लाजपत राय की 156वीं जयंती नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में मनाई। सीएच एसएस मल्लिकार्जुन राव एमडी एवं सीईओ ने ईडी, सीवीओ, वरिष्ठ अधिकारियों और स्टाफ सदस्यों के साथ माला पहनाकर लाला लाजपत राय को श्रद्धांजलि दी। एमडी एवं सीईओ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 24.01.21 को प्रतिष्ठित रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार प्राप्त करने के लिए सुश्री आकांक्षा चौधरी, स्टाफ सदस्य और एक प्रसिद्ध पैरा शूटर को भी सम्मानित किया। यह पुरस्कार राज्य के प्रसिद्ध खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की एक विशेष योजना है।
लालाजी को प्यार से ’शेर ए पंजाब’ या पंजाब केसरी के रूप में याद किया जाता है, जो अपने शुरुआती वर्षों में बैंक के प्रबंधन से सक्रिय रूप से जुड़े थे। उनके नेतृत्व में, पीएनबी पूरी तरह से भारतीय पूँजी पर परिचालन शुरू करने वाला पहला स्वदेशी बैंक बन गया जो आज तक एक प्रभावशाली साख है। संस्थापक बोर्ड पूरे भारत से तैयार किया गया था, जिसमें देश के आर्थिक हित को आगे बढ़ाने के लिए वास्तव में राष्ट्रीय बैंक की स्थापना के सामान्य उद्देश्य के साथ विभिन्न विचारधाराओं का समावेश था।
पीएनबी का जन्म 19 मई, 1894 को हुआ था। बैंक ने लाहौर में 12 अप्रैल 1895 को परिचालन शुरू किया और लाला लाजपत राय बैंक में खाता खोलने वाले पहले व्यक्ति थे। भारत में अनिवार्य होने से बहुत पहले, बैंक ने हमेशा की तरह अग्रणी रहते हुए 1895 में लेखापरीक्षक नियुक्त करके स्वयं को प्रतिष्ठित किया था। इसने 1944 में टेलर प्रणाली भी शुरू की। 2008-09 के दौरान, बैंक ने सभी शाखाओं, विस्तार काउंटरों को कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) में लाने वाला सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत बैंक बनने का लक्ष्य प्राप्त किया ।
आज पीएनबी तत्कालीन ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और तत्कालीन यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ समामेलन के बाद अग्रणी बैंक बन गया है। बैंक ने रिकॉर्ड समय में सभी शाखाओं के आईटी एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। बैंक की 10,900 से अधिक शाखाओं, 1 लाख कर्मचारियों और 18 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ अखिल भारतीय उपस्थिति है।

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उधमसिंह नगर पुलिस में स्वीकृत पदों से अधिक कार्यरत

 उधमसिंह नगर पुलिस में स्वीकृत पदों से अधिक कार्यरत



फायर सर्विस, पुरूष उ0नि0, आरक्षी सहित विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में रिक्तियां

सूचना अधिकार के अन्तर्गत, जिला पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से खुलासा

संवाददाता

काशीपुर। उधमसिंह नगर जिले में पुलिस में जहां फायर सर्विस के महत्वपूर्ण पदों सहित विभिन्न पद बड़ी संख्या में रिक्त हैै वहीं अपर पुलिस अधीक्षक व महिला उपनिरीक्षक सहित विभिन्न पदों पर स्वीकृत पदों से अधिक कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत उधमसिंह नगर जिला पुलिस के लोक सूचनाधिकारी द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन नेे उधमसिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय से उधमसिंह नगर जिला पुलिस के स्वीकृत, रिक्त व कार्यरत पदों की सूूचना मांगी थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/अपर पुुलिस अधीक्षक, उधमसिंह नगर देवेेन्द्र पीचां ने पत्रांक 391/2020 के साथ स्वीकृत, रिक्त व कार्यरत पदों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। 

उपलब्ध सूचना के अनुसार उधमसिंह नगर जिला पुलिस में विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में पद रिक्त हैै इनमें नागारिक पुलिस में उपनिरीक्षक पुरूष केे 44 पद, मुख्य आरक्षी पुलिस केे 85 पद, मुख्य आरक्षी महिला का 1 पद तथा आरक्षी पुरूष के 52 पद शामिल है। सशस्त्र पुलिस में निरीक्षक यातायात के 2 पद, उपनिरीक्षक सशस्त्र पुलिस के 2 पद, मुख्य आरक्षी स0पु0 के 36 पद तथा मुख्य आरक्षी यातायात के 4 पद, मुख्य आरक्षी बम डिस्पोजल के 05 तथा मुख्य आरक्षी स्वान का 1 पद, मुख्य आरक्षी शैडो के 2 पद, आरक्षी सशस्त्र पुलिस के 75, आरक्षी यातायात के 14 तथा आरक्षी शैैडो/गनर के 12, मोटर बोट चालक के 1 तथा चतुर्थ श्रेणी के 24 पद खाली हैै। इनमें से केवल चतुर्थ श्रेणी के 18 पदों पर ही उपनल कर्मी कार्यरत हैैं। परिवहन शाखा में उ0निरीक्षक व मुख्य आरक्षी का 1-1 पद रिक्त है जबकि लिपिक संवर्ग में उ0नि0(एम0) आशुलिपिक के 3, एएमआई (एम) सहायक लिपिक के 6 पद रिक्त है। 

आग के लिये संवेदनशील इस जिले में सी0एफ0ओ0 के अतिरिक्त सभी पदों पर रिक्तियां हैै इसमें 6 एसएफओे 3, एफएसएसओे, 9 लीडिंग फायरमैन, 21 फायर सर्विस चालक, 65 फायरमैन, 06 एएसआई (एम) तथा 2 चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त हैै। इसमें से केवल फायर सर्विस चालक के पद पर 14 उपनल कर्मी कार्यरत हैै जबकि चतुर्थ श्रेणी के 2 रिक्त पदों पर 4 उपनल कर्मी कार्यरत हैै। अभिसूचना इकाई में निरीक्षक के 21, हे0 कानि0 के 7 तथा कानि0, एस.आई (एम) तथा चतुर्थ श्रेणी का 1-1 पर रिक्त है। 

उपलब्ध सूचना के अनुसार उधमसिंह नगर जिले में विभिन्न पदों पर स्वीकृत पदों से अधिक अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत है। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर 1 के स्थान पर तिगुर्ने 3 अधिकारी तथा पुलिस उपाधीक्षक के 4 स्वीकृत पदों पर 6 अधिकारी कार्यरत हैै जबकि सहायक पुलिस अधीक्षक तथा व्यवहारिक प्रशिक्षाणाधीन आईपीएस का कोई पद स्वीकृत नहीं हैं जबकि इन पर 1-1 अधिकारी कार्यरत हैं।

नागरिक पुलिस में निरीक्षक के 14 पद स्वीकृत हैै जबकि डेढ़ गुना से अधिक 22 निरीक्षक कार्यरत है जबकि उपनिरीक्षक महिला का मात्र 1 पद स्वीकृत है जबकि 24 गुना 24 महिला उ0नि0 कार्यरत है। आरक्षी महिला के 75 पद स्वीकृत जबकि तिगुनी से अधिक 255 आरक्षी महिला कार्यरत हैं। 

सशस्त्र पुलिस में उ0निरीक्षक यातायात का 1 पद स्वीकृत हैै जबकि दुगने 2 कार्यरत हैै। मुख्य आरक्षी पीटीआई के 02 पद स्वीकृत हैै जबकि डेढ़ गुना 3 कार्यरत हैैं। सशस्त्र पुलिस में मुख्य आरक्षी आईटीआई आरक्षी बम डिस्पोजल, आरक्षी स्वान का कोई पद स्वीकृत नहीं है जबकि क्रमशः 3, 2 व 3 कर्मचारी कार्यरत हैं। परिवहन शाखा में आरक्षी के 33 पद स्वीकृत है जबकि एक तिहाई अधिक 44 कर्मचारी कार्यरत हैैं। अभिसूचना ईकाई में 12 के स्थान पर 13 उपनिरीक्षक कार्यरत हैं।

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घाट आंदोलन के समर्थन में आगे आए हरदा

 घाट आंदोलन के समर्थन में आगे आए हरदा



माल्टा उत्पादको व नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग चौड़ीकरण की मांग के समर्थन में किया मौन उपवास 

संवाददाता

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के संघर्ष के आन्दोलनकारियों व उत्तराखण्ड़ के माल्टा उत्पादकों के समर्थन में अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अपने देहरादून राजपुर स्थित आवास 18 ओल्ड़ मसूरी रोड़ पर एक घंटे मौन उपवास पर बैठे। उनके साथ कांग्रेस नेता सुरेन्द्र कुमार ने भी मौन उपवास में भाग लिया। 

उपवास के समापन्न पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग का चौड़ीकरण को लेकर घाट क्षेत्र के भाई-बहन लम्बे समय से आन्दोलनरत है। मेरी भावना उनके साथ है। उन्होंने कहा कि एक छोटी मांग है मगर सरकार केवल मोड़ कटान पर अड़ी पड़ी है। सरकार सड़क चौड़ीकरण से क्यों बचना चाहती है, वे समझ नहीं पा रहे है। उन्होंने कहा कि घाट क्षेत्र के भाई-बहनों के साथ-साथ अगस्तमुनि विकासखण्ड़ के औरिंग गांव के काश्तकार अजीत सिंह कंड़ारी बेबसी मे अपने माल्टे के पेड़ों पर आरी चलाना चाहते है और उन्हांेने शासन से माल्टे के पेड़ काटने की अनुमति भी मांगी है।

हरदा ने कहा कि माल्टे से पेड़ लदे पड़े है मगर एमएसपी इतनी कम है कि खरीद केन्द्र तक ले जाने की ढुलाई भी उससे नही निकल पा रही है। उन्होने कहा कि यदि सरकार हल नहीं निकाल पाई तो वे फरवरी माह में अपना उपवास मुख्यमंत्री आवास अथवा सचिवालय के सम्मुख करेंगे। उन्होंने कहा कि नंदप्रयाग-घाट के भाई-बहनो के साथ और औरिंग गांव के माल्टा किसान अजीत सिंह कंड़ारी के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करने के लिये वे अपने आवास पर एक घंटा मौन उपवास पर बैठे है। उन्होने यह भी कहा कि सरकार इसका समाधान ढूढने में असफल होती है तो उन्हें विवश होकर सचिवालय अथवा मुख्यमंत्री अवास पर इसके लिये उपवास पर बैठना होगा।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गाजीपुर में बैठे किसान आन्दोलन के नेता राकेश टिकैत सहित पंजाब के किसान व प्रमुख कांग्रेस नेताओं से किसान आन्दोलन के सम्बन्ध में अपनी एकजुटता किसानों के साथ प्रदर्शित करने के सम्बन्ध में फोन पर बात की है।  


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नेशनल मरीन टर्टल एक्शन प्लैन लॉन्च

 

नेशनल मरीन टर्टल एक्शन प्लैन लॉन्च 

समुद्री जैव विविधता भारत की सुंदरता और इसका सरंक्षण जरूरी: प्रकाश जावड़ेकर

एजेंसी
नई दिल्ली।  विशाल समुद्री जीवों और कछुओं के लिए एक संरक्षण प्रतिमान रखने की आवश्यकता को देखते हुए पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नई दिल्ली में 'मरीन मेगा फॉना स्ट्रैंडिंग गाइडलाइन्सऔर 'नेशनल मरीन टर्टल एक्शन प्लैनजारी किया।

इन बुकलेट्स के वर्चुअल लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि समुद्री जैव विविधता सहित पुष्प और जीव विविधता दोनों भारत की सुंदरता हैं और हमें अपने अतिरिक्त प्रयासों से इन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है।

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भारत में 7,500 किमी से अधिक की विशाल समुद्र तट के साथ समृद्ध समुद्री जैव विविधता है। व्हेल शार्ककछुओं और बड़े स्तनधारियों जैसे व्हेलडॉल्फ़िन और डोंगोंग से लेकर चमकदार समुद्री चट्टानों सहित रंगीन मछलियों और शार्क से न केवल समुद्री जीवन की विविधता बढ़ती है बल्कि इनसे मानव हित के कई ससांधन भी पैदा होते हैं।

समुद्री व्यापार और परिवहनभोजनखनिज संसाधनोंसांस्कृतिक परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों के इन संसाधनों पर लाखों लोग निर्भर हैं और इसी सेप्रेरणा लेकर दुनिया भर से पर्यटक भी इनकी ओर आकर्षित होते हैं।

भारत में समुद्री जीवन के विशाल आर्थिकपारिस्थितिक और सांस्कृतिक मूल्यों के बावजूदयहां की समुद्री जीव प्रजातियों और समुद्री कछुओं को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इनमें इनका अवैध शिकार शामिल है। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों के प्रबंधन के लिए समन्वयकार्रवाई और लोगों की भागीदारी की आवश्यकता होती है जो समुद्री प्रजातियों और उनके आवासों के दीर्घकालिक संरक्षण में मदद करेगा।

लॉन्च किए गए इन दस्तावेज़ों में संरक्षण के लिए अंतर-क्षेत्रीय कार्रवाई को न केवल बढ़ावा देने के तरीके और साधन बताए गए हैंबल्कि इनमें समुद्री स्तनधारियों को फंसानेचोट या मृत्यु दर के मामलों पर सरकार की तरफ से कार्रवाईनागरिक समाज और सभी संबंधित हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय को भी निर्देशित किया गया है। समुद्री कछुओं के संरक्षण पर भी कई निर्देश इनमें दिए गए हैं।

ये दोनों दस्तावेज समुद्र मेंसमुद्री किनारों या नाव में फंसे हुए समुद्री जीवों के बचाव प्रबंधन संबंधी कार्यों पर प्रकाश डालते हैं। बेहतर समन्वय के साथ की गई कार्रवाई से समुद्री प्रजातियों और उनके आवासों को होने वाले खतरे को कम किया जा सकता हैसमुद्री जीवों के बर्बाद हो चुके आवासों को पुर्नस्थापित किया जा सकता हैलोगों की भागीदारी बढ़ाई जा सकती हैवैज्ञानिक अनुसंधान में आगे बढ़ा जा सकता हैसमुद्री स्तनधारियोंसमुद्री कछुओं और उनके आवासों के बारे में जानकारियों के आदान-प्रदान को और बढ़ाया जा सकता है।


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एक खबर सनसनीखेज

 कविताः एक खबर सनसनीखेज 




- चेतन सिंह खड़का


तमाम इंसानों को खबरदार किया जाता है

कि शैतानी रूहों ने

कुछ इंसानी जिस्मों पर

कब्जा जमा लिया है।

हर एक तबके पर 

इसका असर कायम है।

स्वार्थ, लालच और बेईमानी 

इनके पसंदीदा हथियार है। 

और ये अपने जहरीले इरादों से

इंसानियत को डंसने की फिराक में है।

तमाम इंसानों के अंदर तक

इनकी जड़ें मजबूत है। 

ये बहरूपिये इंसान की शक्ल में

छिपे हुए भेड़िये है। 

जो इंसानियत को नोंच खाते है।

और इंसान का गिबड़ा चेहरा दिखाते है।

इसलिए बराये मेहरबानी

खुद को हिफाजत से रखें

और यकीन करें कि 

कहीं वो शैतानी रूह 

खुद आप तो नहीं है!


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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

दूसरों की बीवी में क्यों दिलचस्पी दिखाते हैं मर्द

 दूसरों की बीवी में क्यों दिलचस्पी दिखाते हैं मर्द



प0नि0डेस्क

देहरादून। वैसे एक कहावत बहुत प्रसिद्व और आम है कि दूसरों की बीवी और अपने बच्चे सबको प्यारे लगते है। लेकिन दूसरों की बीवियों को हर मर्द क्यों देखता है, यह आम और बड़ा सवाल है। क्यों मर्दों के मन में दूसरों की बीवियों को देखकर ऐसी इच्छा होती है कि काश मेरी बीवी भी ऐसी ही होती? 

शादी एक ऐसा लड्ढू है जो खाए वो पछताए, जो ना खाए वो भी पछताए। खासकर मर्दों के मामले में ऐसी दुविधा रहती है। ऐसे में जब तक वो कुंवारे रहते हैं तब तक उन्हें शादी करने की बड़ी जल्दी रहती है। लेकिन एक बार जब उनकी शादी हो जाती है तब कुछ ही सालों में वो पछताने लगते हैं। ऐसे में  कई बार ऐसा देखा गया है कि अकसर मर्दों को अपने घर की बीवी से ज्यादा दूसरों की बीवियों में दिलचस्पी होती है। ऐसे में  ये विचार हमेशा आता होगा कि आखिर मर्द ऐसा क्यों करते हैं।

दरअसल मर्दों की फितरत होती है कि वो हर चीज से बहुत जल्दी बोर से होने लगते हैं। खासकर ऐसा संबंधों को लेकर बताया गया है। मर्दों को हमेशा रोमांच और नयापन पसंद होता है। ऐसे में जब वो कुछ साल लगातार अपनी बीवी के साथ गुजार लेते हैं तो वो बोर से हो जाते हैं। उनके पास अपनी बीवी के बारे में जानने के लिए कुछ बाकी नहीं रहता। क्योंकि शादी के पहले वो अपनी बीवी को इतनी अच्छी तरह से नहीं जानते हैं इसीलिए शादी के समय और उसके कुछ सालों बाद तक उनके मन में बीवी को लेकर बड़ा उत्साह सा रहता है। लेकिन एक बार बीवी को पूरी तरह जान लेने के बाद उन्हें उसमें कुछ खास इंट्रेस्टिंग नहीं लगता। 

ऐसे में जब वो किसी दूसरे की बीवी को देखते हैं तो उनके बारे में जानना चाहते हैं। और उनमें जाने अनजाने में दिलचस्पी लेने लगते हैं। लेकिन पुरुषों को क्या पता कि जिस तरह स्त्री के बारे में हम इतना कुछ जानना चाहते हैं तो क्या आपने उस बारे में जानने की कोशिश की कि जिस महिला को घूर-घूर कर देख रहे हैं क्या उसका पति उससे खुश होगा। आपकी तरह ही वो भी बिलकुल ऐसे ही दूसरों की बीवियों को ताड़ता होगा कि काश यही मेरी पत्नी होती।

लगभग सभी मर्दों की आदत होती है कि वो दूसरों की पत्नी को ताड़ते रहते हैं। कोई कितना भी शरीफ क्यों ना हो, यदि उसके सामने एक खूबसूरत महिला आ जाए तो वो एक बार उसे जी भरके देखेगा। बस यही वजह है कि यदि सामने वाले की बीवी खूबसूरत हो तो फिर आपका पति ही नहीं बल्कि सभी के पति भी उसे देखते हैं और उसमें दिलचस्पी लेते हैं।


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पूजा में रखें कुछ खास चीजों का ध्यान

पूजा में रखें कुछ खास चीजों का ध्यान



प0नि0डेस्क

देहरादून। हमारे धर्म ग्रंथों में देवताओं के पूजन से संबंधित बहुत-सी जरूरी बातें बताई गई है। ये बातें बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। आपको पूजन से जुड़ी यही कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं। सूर्य, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु को पंचदेव कहा गया है। सुख की इच्छा रखने वाले हर मनुष्य को प्रतिदिन इन पांचों देवों की पूजा अवश्य करनी चाहिए। शिवजी की पूजा में केतकी के फूल वर्जित है।

सूर्य की पूजा में अगस्त्य के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। भगवान श्रीगणेश की पूजा में तुलसी के पत्ते वर्जित माने गए हैं। स्नान करने के बाद ही पूजन के लिए फूल तोड़ना चाहिए। वायु पुराण के अनुसार जो व्यक्ति बिना स्नान किए फूल या तुलसी के पत्ते तोड़ देवताओं को अर्पित करता है, उसकी पूजा को देवता ग्रहण नहीं करते।

देवताओं के पूजन में अनामिका से गंध (चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी) लगाना चाहिए। शुद्ध घी का दीपक अपनी बाईं ओर तथा तेल का दीपक दाईं ओर रखना चाहिए। पूजन में देवताओं को धूप, दीप अवश्य दिखाना चाहिए तथा नेवैद्य (भोग) भी जरूर होना चाहिए।

दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाएं। भगवान को कभी भी बासी जल, फूल और पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। गंगाजल, तुलसी के पत्ते, बिल्वपत्र और कमल, ये चारों किसी भी अवस्था में बासी नहीं होते। भगवान सूर्य की सात, श्रीगणेश की तीन, विष्णु की चार और शिव की तीन परिक्रमा करनी चाहिए।

पूजन-स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या वजनी चीज न रखें। पूजन-स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें। शिवपुराण के अनुसार श्रीगणेश को जो दूर्वा चढ़ाई जाती है, वह बारह अंगुल लंबी और तीन गांठों वाली होना चाहिए। ऐसी 101 या 121 दूर्वा से श्रीगणेश की पूजा करना चाहिए। विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का रेशमी वस्त्र अर्पित करना चाहिए। दुर्गा, सूर्य व श्रीगणेश को प्रसन्ना करने के लिए लाल रंग के वस्त्र अर्पित करना चाहिए।


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बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का धरना जारी

बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का धरना जारी



शिक्षा निदेशालय मेंं अपनी मांगों को लेकर डटे हैं बीएड टीईटी प्रशिक्षित
संवाददाता
देहरादून। शिक्षा निदेशालय में बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ का धरना जारी है। महासंघ की प्रमुख मांग यह है कि वर्तमान में गतिमान भर्ती प्रक्रिया में राज्य के प्राथमिक विद्यालयों मे 31 मार्च 2021 तक पदोन्नति तथा सेवानिवृत से रिक्त होने वाले सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों को भी सम्मिलित किया जाय।
बीएड प्रशिक्षित टेट-(प्रथम) के प्रदेश सलाहकार अतुल रावत ने प्रशिक्षितों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा हमारी जायज मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया जाता है तो उनके द्वारा प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जायेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। बता दें कि बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ लम्बे समय से अपनी प्रमुख मांगों को लेकर शिक्षा निदेशालय में धरने पर है।
महासंघ प्रारम्भिक शिक्षा सेवा नियमावली (यथा संसोधित) 2019 के अनुपालन मे बी.एड प्रशिक्षण वर्ष की ज्येष्ठता तथा गुणांकों की श्रेष्ठता (वर्षवार) के आधार पर राज्य के प्राथमिक विद्यालयों मेंं आरटीई मानक के अनुसार सहायक अध्यापक प्राथमिक के समस्त रिक्त पदों को गतिमान विज्ञप्ति मे सम्मिलित करने की भी लगातार मांग कर रही है । 
धरना स्थल पर प्रदेश अध्यक्ष मनवीर रावत, सदस्य सलाहकार समिति दिगपाल रावत, प्रदेश सलाहकार अतुल सिंह रावत, महामंत्री विवेक नैनवाल, सदस्य सलाहकार समिति अभिषेक भट्ट, उर्मिला शाह, सुनीता, मनोज आदि अनेक प्रशिक्षित मौजूद रहे।

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उत्तराखण्ड की झांकी को मिला तीसरा स्थान

त्तराखण्ड की झांकी को मिला तीसरा स्थान



राजपथ के गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड की ओर से “केदारखंड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी

संवाददाता

देहरादून।।  गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की ’केदारखण्ड’ झांकी को तीसरे स्थान के लिये पुरस्कृत किया गया। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह पुरस्कार प्रदान किया।उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि और टीम लीडर केएस चौहान ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।  राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड ने अनेक बार प्रतिभाग किया लेकिन यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कार के लिए चुना गया है।मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए सचिव सूचना दिलीप जावलकर, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, टीम लीडर व उपनिदेशक सूचना केएस चौहान और झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मलित सभी कलाकारों को बधाई दी है। 

गौर हो कि  राजपथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “केदारखंड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी। उत्तराखण्ड सूचना विभाग के उपनिदेशक/झांकी के टीम लीडर केएस चौहान के नेतृत्व में 12 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया। झांकी का थीम सांग “जय जय केदारा” था।

गणतंत्र दिवस परेड-2021 समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी में सम्मिलित होने वाले कलाकारों में झांकी निर्माता श्रीमती सविना जेटली, मोहन चन्द्र पाण्डेय, विशाल कुमार, दीपक सिंह, देवेश पन्त, वरूण कुमार, अजय कुमार, श्रीमती रेनू, कु0 नीरू बोरा, कु0 दिव्या, कु0 नीलम और कु0 अंकिता नेगी शामिल थे।


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टीम बचपन ने हर्ष और उल्लास से मनाया गणतंत्र दिवस संवाददाता

टीम बचपन ने हर्ष और उल्लास से मनाया गणतंत्र दिवस

संवाददाता

गंगोलीहाट। देश भर में 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया गया । राष्ट्रीय पर्व पर गंगोलीहाट की बचपन टीम ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभायी। 
टीम बचपन टीम के सभी सदस्यों का उत्साह इस दिन देखते ही बनता था। बचपन टीम द्वारा इस दिन को खास बनाने की विशेष तैयारी की गयी थी। इसके लिए सभी सदस्यों ने कुछ दिन पहले ही योजना तैयार की। योजना के तहत पूरी टीम 26 जनवरी के दिन प्रातः काल तैयार होकर सबसे पहले नजदीक स्थित बिजलीघर गंगोलीहाट में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होंगे। 
26 जनवरी की सुबह ठीक इसी तरह हुई। बचपन टीम बिजलीघर गंगोलीहाट में ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल हुई। सभी बच्चों ने मन से राष्ट्रीय गान गाया। सभी बच्चों को बहुत अच्छा लगा। अपनी पूर्व तैयारी के तहत बचपन टीम के सदस्यों ने इस अवसर पर अपने विचार भी प्रस्तुत किये।


बचपन टीम की सदस्य एवं साहित्यिक संकलन की संपादक जया पंत ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम सबको आजादी देश पर जान न्यौछावर करने वाले वीर क्रांतिकारियों की वजह से ही मिली है। हमें उन के आदर्शों पर चलना चाहिए। अपना संदेश देते हुए जया ने कहा कि हम सबको मिल जुलकर रहना चाहिए क्योंकि अकेली लकड़ी को तोड़ना आसान होता है जबकि पूरे गट्ठर को तोड़ पाना मुश्किल होता है।
बचपन टीम सदस्य मनीष ने बताया कि हमारा गणतंत्र विश्व के सबसे महान गणतंत्रों में से एक है। उन्होंने संविधान बनाने में बाबा भीमराव अंबेडकर एवं सम्पूर्ण समिति के योगदान के बारे में जानकारी दी।
बचपन टीम सदस्य रोहन मेहरा ने बताया कि ठीक इसी दिन 72 साल पहले हमारा संविधान लागू हुआ था। तभी से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। परेड की जाती है।
बचपन टीम सदस्य वत्सल रावत ने बताया कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और उसके उपरांत देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने झंडा फहराया। तबसे प्रतिवर्ष दिल्ली में देश के राष्ट्रपति एवं राज्यों में महामहिम राज्यपाल के द्वारा राष्ट्रध्वज फहराया जाता है।
बचपन टीम के जूनियर सदस्य त्रिजल ने सबको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने अपने पाठ्यक्रम से अपनी प्रिय कविता - ' देश बड़ा हो जायेगा ' भी सुनायी। कविता सुनाते हुए उन्होंने कहा कि- 
मीठे बोल अगर बोलो तो
अपनापन बढ़ जाएगा
बिना रुके चलते जाओ तो
तुम्हें लक्ष्य मिल जाएगा
अगर ईंट पर ईंट धरो तो
महल खड़ा हो जाएगा
अच्छे अच्छे काम करो तो
देश बड़ा हो जाएगा।
इस अवसर पर मौजूद अन्य सभी बच्चों ने भारत माता की जय, वन्दे मातरम, जय हिन्द आदि के जोरदार नारे लगाए। सभी ने राट्रपिता महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण करते हुए उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन भी किया।
कार्यक्रम में मौजूद समस्त सदस्यों ने जोरदार तालियों से बचपन टीम का उत्साहवर्धन किया। 
बचपन टीम संयोजक पवन नारायण रावत ने कहा कि बचपन टीम ने गणतंत्र दिवस पर बड़े ही हर्ष और उल्लास से अपनी प्रस्तुति दी है जोकि अत्यंत सराहनीय है। हमारे वीर क्रांतिकारियों एवं स्वतन्त्रता सैनानियों ने कितने लम्बे संघर्ष के बाद हमें आजादी दिलाई और किस तरह कड़ी मेहनत के बाद बाबा भीमराव अंबेडकर एवं पूरी समिति ने हमारा संविधान तैयार किया , इसकी जानकारी नई पीढ़ी को होना बेहद जरूरी है। बचपन टीम ने गणतंत्र दिवस पर संविधान और स्वतंत्रता सैनानियों को याद किया एवं उनसे सम्बन्धित जानकारी साझा कर  बेहतरीन प्रस्तुति दी है। 
बिजलीघर की तरफ से बचपन से टीम को मिष्ठान वितरण किया गया। इस अवसर पर बचपन टीम के सदस्य जया, रोहन, मनीष, वत्सल, त्रिजल, गुन्नू ,भावना, बबिता, अंशु एवं अन्य मौजूद रहे।

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नमस्ते नमस्कार में अंतर

नमस्ते नमस्कार में अंतर 



प0नि0डेस्क

देहरादून। अक्सर हम आपस में जब भी मिलते है तो नमस्ते या नमस्कार करके एक दूसरे का अभिवादन करते है। लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि इन दोनों अभिवादन के तरीकों के अभिप्राय में अंतर है।

नमस्ते या नमस्कार कहने से उसके अलग अलग अर्थ हो जाते है। भले ही आप सामने वाले के सम्मान में ऐसा करते है लेकिन यदि इन्हें गलत प्रयोग किया तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इसलिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि नमस्ते या नमस्कार में क्या भिन्नता है। 

दरअसल नमस्ते हमेशा अपने से बड़ों के लिए प्रयोग किया जाता है। जबकि नमस्कार अपने बराबर या अपने से छोटे व्यक्ति के लिए किया जाता हैं। यानि यदि आपने अपने से बड़ों के लिए नमस्कार का प्रयोग कर दिया तो सम्मान की जगह गलती से आप उनका तिरस्कार कर रहें है। 

माना जाता है कि ‘नमः’ का मतलब ‘अभिवादन’ और ‘ते’ का मतलब ‘आपका’ होता है। इसलिए नमस्ते का शाब्दिक अर्थ ‘आपका अभिवादन’ होता है। या पिफर नमः अस्तुते ‘मैं आपकी स्तुति/अभिनंदन करता/करती हूं।

दूसरी तरफ नमस्कार का भी एक सांकेतिक मतलब होता है। नमस्कार का शाब्दिक अर्थ अभिवादन स्वीकार करना होता है। नमः स्वीकार यानी आपका अभिनंदन स्वीकार करता/करती हूं। इसलिए अगली बार जब किसी का अभिवादन करें तो इस बात को जरूर ध्यान में रखें।


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जितना गाड़ी चलाएं उतना ही भरे प्रीमियम

जितना गाड़ी चलाएं उतना ही भरे प्रीमियम



बाजार में आई नई इंश्योरेंस पालिसी

एजेंसी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस में बहुत से लोग घरों से आनलाइन काम करने को तरजीह दे रहें है। ऐसे में गाड़ी लेकर आफिस जाने की जरूरत नहीं है। जब कार को घर के गैरेज में ही खड़ी रहना है तो आखिर क्यों कार का इंश्योरेंस प्रीमियम भरें। ऐसे लोगों के लिए इंश्योरेंस कंपनियों ने एक नई पालिसी लान्च की है जिसका नाम है पे ऐज यू ड्राइव यानी जब चलाएं कार तो प्रीमियम भरें। यह यूनिक इंश्योरेंस पालिसी ग्राहकों को उस समय प्रीमियम भरने के लिए कहा जाता है जब वो अपनी कार का उपयोग करें। 

पारंपरिक आटो इंश्योरेंस पालिसी के उलट पालिसी होल्डर्स यहां अपने प्रीमियम को कस्टमाइज कर सकता है। एक रेगुलर मोटर इंश्योरेंस पालिसी में ग्राहक को कार माडल के आधार पर प्रीमियम का पेमेंट करना होगा। उन्हें अपनी गाड़ी चलाने के हिसाब से प्रीमियम का पेमेंट करने का आप्शन होगा। इसका मतलब हुआ कि जब आप कार चलाएं तभी प्रीमियम चुकाना होगा। 

हाल ही में एडलवाइज जरनल इंश्योरेंस ने एक ऐप पर आटो इंश्योरेंस पालिसी एडलवाइज स्विच की घोषणा की है। इस यूनिक इंश्योरेंस स्कीम को वाहन मालिक जब चाहें पालिसी को चालू करें और जब चाहे बंद कर सकते हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि इसमें इंश्योरेंस का कैलकुलेशन ड्राइवर की उम्र और उसके अनुभव के आधार पर किया जाता है। ग्राहक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए अपनी पालिसी कवर को कभी भी आन आफ कर सकते हैं। 

हालांकि कंपनी ने कहा है कि गाड़ी में आग लगने या चोरी होने पर पूरे साल वाहन को इंश्योरेंस कवर मिलेगा। भले ही उस समय पालिसी आपने आफ कर दी गई हो। क्योंकि ऐसी घटनाएं तब भी हो सकती हैं जब आप वाहन नहीं चला रहे होते हैं। पालिसी केवल तभी एक्सीडेंटल डैमेज को कवर करेगी जब आपका इंश्योरेंस आन होगा।

ऐसी बीमा पालिसी में ग्राहकों को कम प्रीमियम भरना होगा। क्योंकि जब वो वाहन का उपयोग करेंगे तभी प्रीमियम भरना होगा। कम प्रीमियम के अलावा ऐसी इंश्योरेंस पालिसी में एक साथ कई वाहनों को कवर किया जा सकता है।

 टाटा एआईजी की आटो सेफ पालिसी में पालिसी होल्डर्स की डिवाइस के साथ कार के साथ लिंक किया जाता है। इसके लिंक होते ही पालिसी एक्टिव हो जाती है। इस डिवाइस को पूरे पालिसी डिवाइस के दौरान रखना पड़ता है। यह डिवाइस पालिसी होल्डर्स के ड्राइविंग विहैवियर उसके तय द्वारा तय की गई दूरी और गाड़ी का पूरा ब्यौरा दर्ज होता है। इस डिवाइस में एकत्र हुए आंकड़ों का समय पर मूल्याकंन किया जाता है। और इस मूल्यांकन के आधार पर पालिसी होल्डर्स को उसके प्रदर्शन के आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इस डिवाइस में मोसम सेंसर लगा होता है। जिससे फ्रयूल सेविंग रिपोर्ट और ड्राइविंग के तौर तरीके के रिकार्ड दर्ज किए जाते हैं।

परंपरागत पालिसी से तुलना करें तो टाटा एआईजी की इस पालिसी में पालिसी होल्डर्स को लचीले किलोमीटर आधारित का भी फायदा मिलता है। ग्राहकों को 2500 किलोमीटर से लेकर 20,000 किलोमीटर तक के अलग-अलग पैकेज लेने की सुविधा मिलती है। अगर पालिसी होल्डर्स पालिसी की अवधि में अपने सभी किलोमीटर खर्च कर देता है तो वो टाप-अप किलोमीटर आप्शन के जरिए अतिरिक्त किलोमीटर खरीद सकता है। 


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बुधवार, 27 जनवरी 2021

भारत रत्न पं0 गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण समारोह

भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण समारोह



महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये पंडित पंत मार्ग पर नया स्थल विकसित किया गया 

एजेंसी

नई दिल्ली। आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने पंडित पंत मार्ग में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा के माल्यार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया। पुरी ने कहा कि भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की यात्रा और दर्शन को सम्मानित करने के लिए एक नया स्थल यथोचित रूप से विकसित किया गया है, जो भारतीयों को हमारे समाज और देश की प्रगति के लिए निस्वार्थ समर्पण के लिये प्रेरणा प्रदान करता है। 

चर्च रोड, लोकसभा मार्ग, राज्यसभा मार्ग और पंडित पंत मार्ग के चौराहे पर रोटरी नंबर 48 में प्रतिमा को अपने नए स्थल पर स्थानांतरित कर दिया गया है और अब यह प्रतिमा प्रख्यात ऐतिहासिक स्थलों से घेर दी गई है। महान राष्ट्रीय नेता को सम्मानित करने के लिए इस स्थल को यथोचित रूप से विकसित किया गया है। गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति की अध्यक्ष श्रीमती इला पंत, गोविंद बल्लभ पंत स्मारक समिति की मुख्य संपादक और सलाहकार श्रीमती कुलसुम नूर सैफुल्ला, आवास और शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के महानिदेशक और कई सांसद भी इस माल्यार्पण समारोह में शामिल हुए।

समारोह को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित 'न्यू इंडिया' वह है जो विकास और प्रगतिशील बदलाव पर ध्यान देते हुए हमारे समृद्ध इतिहास और परंपरा को संरक्षित और पोषित करता है। सेंट्रल विस्टा परियोजना एक ऐसा प्रयास है जिसका उद्देश्य हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, जीवंत इतिहास, वास्तु विविधता और संस्कृति की स्मृति की रक्षा और सम्मान करते हुए वर्तमान समय की बुनियादी सुविधाओं की ज़रूरतों के महत्वपूर्ण अंतराल को समाप्त करना है।

भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा का पुराना स्थल रायसीना रोड और रेड क्रॉस रोड को जोडने वाले स्थल पर रायसीना रोड के गोल चक्कर के पास था। यह स्थल नये संसद भवन नक्शे के अंदर आ रहा था और इस प्रतिमा को स्थानांतरित करने की आवश्यकता थी। केंद्रीय स्थान प्रदान करने और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत के सम्मान में पंडित पंत मार्ग का नाम रखा गया था, इसलिये प्रस्तावित पुनर्वास स्थल, गोल चक्कर संख्या 48 एक उपयुक्त विकल्प था। यह चर्च रोड, पंडित पंत मार्ग, लोकसभा मार्ग और राज्यसभा मार्ग के चौराहे पर स्थित है। दो फीट ऊंचे टीले और उथले कदम वाले जल निकाय के साथ, मूर्ति के डिजाइन तत्वों को राष्ट्र के 'पहाड़ी क्षेत्रों' का प्रतिनिधित्व करने के लिए कल्पना की जाती है, पंडित पंत को पहाड़ी क्षेत्र और वहाँ के लोगों की प्रगति में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

पंडित पंत की प्रतिमा 1966 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डा0. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा नई दिल्ली में स्थापित की गई थी। गोबिंद बल्लभ पंत स्मारक समिति का गठन देश भर में पंत के स्मारक कार्यों को आयोजित करने के लिए किया गया था। बीते वर्षों में इसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने की है। वर्तमान में, पंडित पंत की पुत्री और 12 वीं लोकसभा की पूर्व सदस्य, श्रीमती इला पंत इस समित की अध्यक्षा हैं।

भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत, संयुक्त प्रांत के प्रधान (1937 से 1939 तक), उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1946 से 1954 तक) और केंद्रीय गृह मंत्री (1955 से 1961 तक), को 1957 में लोक सेवा के लिए सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया था। इसके अलावा वे राज्यसभा के नेता भी रहे थे। 

पंडित पंत का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था और मुरी कॉलेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए (एलएलबी) के रूप में स्नातक की डिग्री की प्राप्त की थी, जहाँ उन्हें शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए लम्सडेन पदक से सम्मानित किया गया था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, वह उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। डा0 पंत ने जमींदारी प्रथा को समाप्त करने, वन संरक्षण, महिलाओं के अधिकारों, आर्थिक स्थिरता और सबसे कमजोर समूहों की आजीविका की सुरक्षा जैसी प्रमुख सुधारों को अंतिम रूप दिया था। बाद में उन्होंने भारतीय नागरिकों के लोकतांत्रिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को भी उचित रूप से निभाया।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...