पैर की नस चढ़ जाये तो अपनाएं आसान उपाय
प0नि0डेस्क
देहरादून। मांसपेशियों के सिकुड़ने से पैरों की नस चढ़ना एक आम समस्या है। तंतुओं में खराबी के कारण मांसपेशियों की गांठ बन जाती है, जिससे तेज दर्द होता है। यह स्थिति खतरनाक नहीं होती, ना ही कोई बड़ी समस्या है और अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार दर्द तेज होता है। यदि ऐसा बार-बार हो रहा है तो बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।
मांसपेशियों पर दबाव पड़ने के कारण नस चढ़ती है। दिनभर की थकान के कारण पैरों की नस चढ़ती है। इससे मांसपेशियों में चोट पहुंच सकती है या ऐंठन आ सकती है। सामान्य सावधानियां बरतने से इससे बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम और सामान्य मलहम से आराम मिल जाता है। वहीं दर्द बढ़ने पर बोटॉक्स के इंजेक्शन लगाने पड़ सकते हैं।
नस चढ़ें तो आजमाएं
शरीर में पोटेशियम की मात्रा घटने से नस पर नस चढ़ती है। केला इसका कारगर इलाज है। इसके अलावा शकरकंद, संतरे का जूूस, चुकंदर, आलू, खजूर, दही, टमाटर का नियमित सेवन नस पर नस चढ़ने की समस्या से निजात दिलाता है। सर्दी के दिनों में रात को सोते समय सरसों के तेल की मालिश करें। इससे गर्मी आएगी और कई फायदे होंगे। मांसपेशियां भी मजबूत होंगी। इसी तर्ज पर नारियल तेल से मालिश की जा सकती है। गर्दन, हाथ और पैरों की मसाज करें। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियों को बल मिलता है।
जिस जगह नस पर नस चढ़ी है, उस पर बर्फ से सिकाई करें। चंद मिनट में आराम मिल जाएगा। नमक की पोटली बनाकर गर्म सिकाई भी कारगर है। कई लोगों को रात में सोते समय नस चढ़ती है। ऐसे लोग सोते समय स्ट्रेचिंग करें यानी हाथ और पैरों की मांसपेशियों की खिंचाई करें। जिस पैर की नस चढ़ गई है, उस तरफ के हाथ के बीच वाली अंगुली की नाखुन और त्वचा के बीच वाले भाग को दबाएं। तत्काल आराम मिलेगा।
पुदीने का सेवन फायदेमंद है। इसका तेल तैयार कर मालिश करने पर भी आराम मिलता है। हल्दी वाले दूध का सेवन नस चढ़ने की समस्या को दूर करता है। लाल मिर्च में कैप्साइसिन पाया जाता है जो इसका रामबाण इलाज है।
नस पर नस चढ़ने का असर कुछ सेकंड से लेकर 15 मिनट तक रह सकता है। कई बार नस चढ़ने का दर्द इतना बढ़ जाता है कि रात में नींद नहीं आती है। यदि ऐसा बार-बार होता है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। बुजुर्ग लोगों में ऐसा अधिक होता है। नस चढ़ने के कारण पैर में सूजन आ जाए तो तत्काल इलाज करना चाहिए। नस चढ़ने के दौरान पैरों में झटके लगते हैं। इस स्थिति में गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए। यदि हाथ और पैरों में लगातार दर्द रहता है या झुनझनी आती है तो इलाज करवाना चाहिए।