गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

टीएचडीसीआईएल द्वारा सौर विद्युत सयंत्र की सफलतापूर्वक कमीशनिंग

 टीएचडीसीआईएल द्वारा सौर विद्युत सयंत्र की सफलतापूर्वक कमीशनिंग



संवाददाता

ऋषिकेश। एक विज्ञप्ति जारी कर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने बताया है कि कासरगाड केरल में 50 मेगावाट के सौर विद्युत संयंत्रा को ग्रिड के साथ सिक्रोनाइज कर दिया है। यह जानकारी टीएचडीसीआईएल के उप महाप्रबंधक (कारपोरेट संचार) डा0 ए0एन त्रिपाठी द्वारा दी गई।  

डा0 त्रिपाठी से बताया कि ऊर्जा का प्रवाह शुरु हो गया है और प्रोटोकोल के अनुसार विद्युत क्षमता में निरंतर वृद्वि हो रही है। यह लक्ष्य अपनी तय समय सीमा से एक माह पूर्व पूरा कर लिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि 50 मेगावाट की इस सौर विद्युत सयंत्रा के स



फलतापूर्वक सिक्रोनाइजेशन के साथ ही टीएचडीसीआईएल की कुल संस्थापित क्षमता 1587 मेगावाट हो गयी है।

श्रद्धालुओं के पंजीकरण व्यवस्था का विरोध

श्रद्धालुओं के पंजीकरण व्यवस्था का विरोध 



कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण व्यवस्था का विरोध किया जाएगाः ऋषिश्वरानन्द

संवाददाता

हरिद्वार। संतों ने कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण व्यवस्था लागू किए जाने के सरकार के आदेशों का विरोध किया है। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि सरकार कोराना की आड़ में कुंभ मेले के आयोजन को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच कई प्रदेशों में हुए चुनावों में भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनावी रैलियां आयोजित की, जिसमें लाखों की भीड़ जुटी। रैली में आने वाले लोगों का कोई पंजीकरण नहीं किया गया। बिहार में आम चुनाव, मध्य प्रदेश व दूसरे कई प्रदेशों में उपचुनाव संपन्न हुए। जिनमें प्रधानमंत्री व दूसरे नेताओं की रैलियों में लाखों की भीड़ इकठ्ठा हुई। तेलंगाना में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह के रोड़ शोर व रैलियों में आयी लाखों की भीड़ का कोई पंजीकरण नहीं किया गया। 

उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण का कड़ा विरोध किया जाएगा। इस संबंध में भारत साधु समाज द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजा जाएगा। श्रद्धालुओं के पंजीकरण की किसी भी व्यवस्था को कड़ा विरोध किया जाएगा। 

बाबा हठयोगी ने कहा कि सरकार पंजीयन की व्यवस्था को कुंभ मेले में लागू करना चाहती है। जबकि यह व्यवस्था पूर्व से ही चली आ रही है। अन्य प्रदेशों में होने वाले कुंभ मेलों में भी पंजीयन की व्यवस्था को सरकार द्वारा लागू कराया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि पंजीयन के नाम पर किसी भी प्रकार की कुंभ मेले में आने वाले यात्री श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो। सरकार को गंभीरता से व्यवस्था को लागू करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग व कुंभ मेला प्रशासन को कोरोना की परिस्थिति को देखकर नियम कायदे लागू कराने चाहिए। वैसे तो दिन प्रतिदिन कोरोना समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। 

बाबा हठयोगी ने कहा कि सरकार के दिशा निर्देशों का पालन संत महापुरूष लगातार करते ही चले आ रहे हैं। सरकार कोरोना संक्रमण को देखते हुए अनावश्यक रूप से भ्रम की स्थिति ना बनने दे। कुंभ मेले को संकुशल संपन्न कराने में अपना सहयोग प्रदान करे। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने संपूर्ण देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कुंभ मेले के दौरान आगमन कर सभी गंगा स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। किसी भी श्रद्धालु भक्त को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। कुंभ मेला पूर्व की भांति दिव्य व भव्य रूप से संपन्न होगा। 

इस दौरान स्वामी हरिहरानन्द, स्वामी दिनेशदास, संत जगजीत सिंह, महंत प्रहलाद दास, महंत राजेंद्रदास, महंत प्रमोद दास, आदि उपस्थित रहे।

सच्चिदानंद गिरि बने जूना अखाड़े के महामण्लेश्वर

 सच्चिदानंद गिरि बने जूना अखाड़े के महामण्लेश्वर 



संवाददाता

हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में सनातन परम्परानुसार संत सच्चिदानंद गिरि को महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया। मायादेवी मन्दिर प्रांगण में दत्तात्रोय चरणपादुका पर महामण्डलेश्वर पदवी की पुकार की गयी। 

महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किए जाने से पूर्व अखाड़ों की परम्परानुसार सच्चिदानंद गिरि महाराज का मुण्डन संस्कार किया गया तथा पंच गुरूओं की उपस्थिति में उनको भस्मी चोला, कण्ठी, शिखा विच्छेद, गेरूआ वस्त्रा, कौपीन धारण कराया गया। पंचगुरूओं में चारों मढ़ियांे के श्रीमहंत शामिल रहे। 

इस दौरान श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अर्न्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्राी श्रीमहंत हरिगिरि तथा अखाड़े के अर्न्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि, पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि सहित बड़ी संख्या में नागा साधुओं के अलावा श्रद्वालुगण मौजूद रहे। 

श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में संत सच्चिदानंद गिरि राजस्थान को महामण्डलेश्वर पद पर अभिषेक किया गया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने नवनियुक्त महामण्डलेश्वर को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अगामी कुम्भ मेला 2021 को लेकर अखाड़े की तैयारियां जारी है। विश्वव्यापी महामारी के कारण कुछ अवरोध आ रहे है, लेकिन सभी अवरोध को समाप्त करते हुए दिव्य और भव्य कुम्भ पर्व सम्पन्न होगा। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्राी त्रिवेन्द्र सिंह रावत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। 

जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरी ने मण्डलेश्वर सच्चिदानंद गिरि को आशीष देते हुए कहा कि अखाड़ा की परम्परा और भारतीय सनातन संस्कृति को मजबूत करने के कार्य को आगे बढ़ायेंगे। श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने कहा कि महामण्डलेश्वर पद अत्यन्त गरिमामय तथा महत्वपूर्ण होता है। इस पद पर तपोनिष्ठ एवं विद्वान साधु को ही अभिषेक किया जाता है। इनका दायित्व अखाड़ांे की परम्परा को सुरक्षित रखना तथा सनातन धर्म का पूरे देश में प्रचार प्रसार करना है। 

इस अवसर पर जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, सचिव श्रीमहंत शेैलेन्द्र गिरि, कोठारी लालभारती, कारोबारी महंत महादेवानंद गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, थानापति परमानंद गिरि, थानापति विवेकपुरी, रणधीर गिरि, आजाद गिरि, पशुपति गिरि राजेन्द्र गिरि सहित बड़ी संख्या में नागा साधुओं के अलावा श्रद्वालु मौजूद रहे।


आयोग के पदों पर प्रतिनियुक्ति का विरोध

 आयोग के पदों पर प्रतिनियुक्ति का विरोध

- शिक्षकों को सूचना अधिकारी बना रही सरकार

- सालों से भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं को झटका



संवाददाता

देहरादून। पिछले कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं को सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। लोक सेवा आयोग के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला सूचना अधिकारी के पदों की विज्ञप्ति भी जारी हो गई है। युवाओं ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और इसे बेरोजगारों के हितों पर कुठाराघात बताया है।

सूचना अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी का पद लोक सेवा आयोग के अंतर्गत आता है। इसके लिए पत्राकारिता में स्नातक या डिप्लोमा अनिवार्य अर्हता है। यही वजह है प्रदेश के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट कालेजों से पत्राकारिता की पढ़ाई कर चुके हजारों छात्रा इन पदों की तैयारी करते हैं। 

गौर हो कि पिछले चार सालों से लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती न किए जाने से हजारों छात्रा इन पदों का इंतजार कर रहे थे। लेकिन सरकार अब अस्थाई व्यवस्था के तहत सूचना अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी के 12 पदों पर शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर तैनाती दे रही है। इसके लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया गया है तथा 15 दिन के भीतर आवेदन मांगे गए हैं।

देवभूमि बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल का कहना है कि सरकार को प्रतिनियुक्ति के बजाए सीधी भर्ती करनी चाहिएए ताकि प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

पत्रकार हितों पर व्यापक चर्चा

 पत्रकार हितों पर व्यापक चर्चा  



प्रत्येक सदस्य का दो-दो लाख का जीवन बीमा करायेगी जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखन्ड
संवाददाता
देहरादून। जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड़ की आज हुई बैठक में पत्रकारों के हितों पर कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई। 

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी यूनियन के सभी सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए प्रत्येक सदस्य का दो-दो लाख रूपये का जीवन बीमा कराया जायेगा।

बैठक में तय किया गया कि सभी पत्रकार सदस्यों को चिकित्सा सुविधा का लाभ दिलाने के लिए भारत सरकार की योजना अटल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड हेतु एक शिविर शीघ्र ही लगाया जायेगा ताकि पत्रकारों एवं उनके परिजनों को इसका लाभ मिल सके। 
यूनियन की बैठक में सरकार की विज्ञापन आवंटन नीति की घोर आलोचना की गई। सभी सदस्यों का कहना था कि कुछ चुनिन्दा अखबारों को ही कोरोना काल में बड़े-बड़े विज्ञापन जारी किये गये।वही  लघु एवं मध्यम स्तर के समाचार पत्रों को विज्ञापन से वंचित रखा गया जबकि सूचना विभाग को कोरोना से सम्बन्धित विज्ञापनों के लिए 10 करोड़ का बजट आवंटित हुआ था।

बैठक में इस बात पर भी रोष जताया गया कि राज्य गठन के बीस वर्ष बाद भी सरकार ने प्रेस मान्यता कमेटियों का गठन नहीं किया गया। अफसरो की मनमर्जी से प्रेस मान्यता दी जा रही है।इस सम्बन्ध में प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने  सूचना विभाग को कमेटी गठन का निर्देश दिया था। यूनियन ने निर्णय लिया है कि प्रेस मान्यता समिति को लेकर पुनः प्रेस काउंसिल आफ इंडिया का दरवाजा खटखटाया जायेगा।  

सदस्यों ने सूचना विभाग द्वारा पांच वर्षो से कोई नया समाचार पत्र विज्ञापन हेतु सूचीबद्व न किए जाने पर भी नाराजगी जतायी है। सदस्यों का कहना था कि इस सम्बन्ध में जब विज्ञापन सूचीबद्वता कमेटी गठित है तो नये अखबारों को सूचीबद्व क्यों नही किया जा रहा है। 
बैठक में यूनियन की देहरादून जिला कार्यकारिणी ने सूचना विभाग की कुछ विसंगतियां की ओर सदस्यों का ध्यान आर्कषित करते हुए कहा कि सूचना विभाग द्दारा  950 सेमी0 विज्ञापन से फोलियो के पैसे काटना न्याय संगत नही है। इसके अलावा कई समाचार पत्रों को आरओ  न मिलना और इसके लिए सूचना निदेशालय के चक्कर कटवाना, कोरोना विज्ञापन के बिल अलग से बनाने की पूर्व सूचना न देने के लिए सूचना विभाग दोषी है।  इसके अतिरिक्त  विज्ञापन सूचीबद्वता बैठक न होने तक पांच वषों से लम्बित समाचार पत्रों को न्यूनतम दरों पर विज्ञापन जारी करने जैसे सुझाव दिये गये ।

बैठक में तय किया गया कि सभी लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को कम से कम दो लाख रूपये के विज्ञापन दिए जाने हेतु मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया जायेगा। बैठक में तय किया गया कि कोरोना महामारी के चलते जर्नलिस्ट यूनियन आफ  उत्तराखंड़ का द्विवार्षिक चुनाव आगे बढ़ा दिया जाये। सभी सदस्यों की राय थी कि कोरोना काल को मद्देनजर रखते हुए वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल सितम्बर 2021 तक बढ़ाया जायें। इस पर सर्वसम्मति से वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।  
बैठक के आयोजक यूनियन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अधीर मुखर्जी थे। 
इस अवसर पर यूनियन के महामंत्री उमा शंकर प्रवीण मेहता, कोषाध्यक्ष  ललिता बलूनी, आईजेयू के नेशनल काउंसलर गिरीश पंत, देहरादून जिला अध्यक्ष चेतन सिंह खड़का, जिला महामंत्री अवनीश गुप्ता, कार्यकारिणी के पदाधिकारी मो0 शाहनजर, मूलचंद शीर्षवाल, विजय कुमार शर्मा, संजीव शर्मा, एसपी उनियाल, अधीर मुखर्जी, संजीव पंत, द्विजेन्द्र बहुगुणा आदि मौजूद थे।

समाजसेवियों द्वारा एसएसपी मीणा के स्वस्थ होने की कामना

 समाजसेवियों द्वारा एसएसपी मीणा के स्वस्थ होने की कामना

एसएसपी के जल्द लौटने की जतायी उम्मीद 



संवाददाता

हल्द्वानी। समाजसेवियों ने नैनीताल के एसएसपी सुनील मीणा के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। साथ ही विश्वास जताा गया कि मीणा जल्द ही वापस लौटेंगे। उनका कहना था कि मीणा जैसे योग्य अधिकारी की लोगों को जरूरत है।

हल्द्वानी के सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत एवं दीप चंद्र जांेेशी आदि ने नैनीताल के एसएसपी सुनील मीणा के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए उनके जल्द की वापस लौटने की उम्मीद जतायी है। जोशी ने बताया कि एसएसपी मीणा बेहद सौम्य एवं सहयोगी स्वभाव के व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि हमारे शहर को उनके जैसे अधिकारी की सख्त जरूरत है। 

उन्होंने जानकारी दी कि जहां हल्द्वानी के सामाजिक कार्यकर्ता उनके जल्द स्वथ्य होने की कामना कर रहें है वहीं एसएसपी मीणा के हालचाल का पता करने के वास्त्ेा यूपी के भी अनेक समाजिक कार्यकर्ताओं के फोन उनके पास आ रहें है। उन्होंने बताया कि एसएसपी सुनील मीणा अपने व्यवहार एवं कार्य दक्षता की वजह से नैीताल के अलावा यूपी में भी काफी लोकप्रिय है। 

उन्होंने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं की नैनीताल एवं हल्द्वानी की समस्त टीम एवं प्रदेश तथा यूपी के समाज से जुड़े लोग मीणा के लिए प्रार्थना कर रहें है और उन्हें विश्वास है कि मीणा जल्द ही स्वस्थ होकर अपने काम पर वापसी करेंगे।

सर्दी में कोरोना से निपटने की दोहरी चुनौती

सर्दी में कोरोना से निपटने की दोहरी चुनौती



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। कोविड-19 यानि इस चीनी महामारी से निपटने में सर्दी का मौसम दोहरी चुनौती पेश कर रहा है। साोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजिंग जैसे कायदों को निभाने के लिए जरूरी ध्ैर्य से लोग बेजार होते जा रहे है। ऐसे में सर्दियों का मौसम कोरोना के संकट को बढ़ाए दे रहा है। इसके लिए कहावत चरितार्थ हो रही है कि सावधनी हटी दुर्घटना घटी। जैसे जैसे लाकडाउन और अनलाक से हम आगे बढ़ रहें है, लापरवाही भी बरतने लगे है। लेकिन ठंड़ के मौसम में यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए जब तक कोई कारगर वैक्सीन नहीं आ जाती, तबतक बेपरवाह होना अपने आप को खतरे में डालने के समान है।

लेकिन लगता है कि लोग सबक लेने को तैयार नहीं है। जबकि दुनिया भर में कोविड के दूसरे बदलाव और उससे बढ़ते संक्रमण की लगातार खबरे आ रहीं है। इसके संभावित खतरे को देखते हुए दुनिया के कई विकसित देशों ने दोबारा लाकडाउन लगा दिया है। सख्ती की जा रही है। जापान जैसे देश ने तो विदेशियों के अपने देश में आवाजाही को ही प्रतिबंध्ति कर दिया है। हालांकि इन सबके पीछे उनकी मंशा अपने नागरिकों को इस महामारी के प्रकोप से बचाना है। हालांकि इस तरह का निर्णय लेना किसी भी सूरत में सहज नही कहा जा सकता लेकिन जान अनमोल है और वहां की सरकारें उसे हर कीमत में बचाना चाहती है, इसलिए ऐतिहात बरत रही है। 

हमारे देश में ऐसी किसी पाबंदी को लगाना संभव नहीं है। लेकिन यदि देश की जनता सरकार से सहयोग करे तो इस महामारी से वैक्सीन आने तक लड़ा जा सकता है। याद रहे कि इस संघर्ष में हम जीत से दो कदम की दूरी पर खड़े है। क्योंकि जल्दी की देश में वैक्सीनेशन शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। इसलिए जहां इतने महीनों तक सब्र किया तो थोड़ा सा ध्ैर्य और बरकरार रखा जाये तो कोविड-19 के कहर से बचा जा सकता है। चूंकि आजकल ठंड़ अपने चरम पर पहुंच चुका है और इस दौरान होने वाली बीमारियों के लक्षण कोरोना संक्रमण से मिलते जुलते होते है, हमें खास ख्याल रखने की जरूरत है। हालांकि यह कोई अनोखी बात भी नहीं है। हमें निजी हाईजिन एवं सैनिटेशन के लिए कहा जाता है ताकि हम स्वस्थ रह सके। अब जबकि कोराना महामारी का दौर है तो हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है ताकि हम स्वयं के साथ साथ औरों को भी इस महामारी से बचा सके।

नये का स्वागत और पुराने को अलविदा

 एक कठिन दौर से गुजर कर सहज और सरल जीवन की कामना 

नये का स्वागत और


पुराने को अलविदा


संवाददाता

देहरादून। बहुत से लोग कह रहें है कि वर्ष 2020 बहुत खराब गया। उन्हें उम्मीद है कि 2021 कुछ बेहतरी का संकेत लेकर आयेगा। नये साल में 2020 जैसे आपदा और विपदा से मुक्ति मिलेगी। लेकिन वर्ष 2020 इतना भी बुरा दौर नहीं रहा है। इसे हमको पाजीटिव सोच के साथ देखना चाहिये। यह हमारे जीवन का वह दौर है जबकि हमने सबसे ज्यादा समय अपने अपने परिवारों के साथ रह कर बिताया है। 

आज की भागमभाग की जिन्दगी में इतना समय क्या परिवार के साथ व्यातीत करना संभव था? महामारी के नाम पर ही सही पर प्रवास पर रह रहे अपने जब घर वापसी किए तो उनकी हमेशा राह ताकने वाले खुशी से झूम उठे। परदेश में मुसीबत आन पड़ी तो उन्हें भी सहारे के लिए अपने ही याद आये। ऐसा जज्बा पूरे देश ने देखा। भले ही उनके घर-गांव में सहूलियतें न के बराबर रही हों लेकिन अपने घर-गांव जाने की होड़ ने अपनों की उपयोगिता को फिर से साबित किया।  

कैसे खुद तंगहाली में रह रहे अपनों ने प्रवासियों का स्वागत किया, सबने देखा। अपने घर की मिट्टी की सुगन्ध आखिर किसे अच्छी नहीं लगती। यह सब कोविड महामारी न आती तो दिखाई देता। हालांकि इसके पीछे एक बड़ी मानवीय त्रासदी भी झांक रही थी। लेकिन भारतीय परम्परा में कहा जाता है कि अंत भला तो सब भला। इतनी सारी भीषण कठिनाईयों को लोगों ने अपनों के अपनत्व की वजह से पार पाया। हर कोई मानवता की भावना से ओतप्रोत रहा। जिससे जो बन पड़ा, उसी से दूसरों की मदद के लिए लोग आगे आये। 

मानव इतिहास में कोरोना संक्रमण काल बड़ी त्रासदी बेशक हो, लेकिन इसने मानवता के जो रूप दिखाये, वो बेमिसाल है। वरना भौतिकवादी युग में लोग संवेदनहीन होते जा रहे थे। ऐसे में हम से हम ऐसी उम्मीद तो कतई नहीं किया करते। अब भी खतरा तो नहीं टला लेकिन हमारा डर निकल गया है। जिससे लापरवाही निकलकर बाहर आ रही है। एक कठिन दौर से निकल कर सहज और सरल की कामना स्वभाविक है। 

पुराना साल 2020 अलविदा के दहलीज पर खड़ा है और हम 2021 के स्वागत में पलक पावड़े बिछा रहें है। यह विधि का विधान है कि नव आगुंतक का स्वागत हो एवं जाने वाले को विदाई दी जाये। इसलिए तमाम शिकवे गिले एक तरह और सकारात्मक सोच के साथ यह दोनों रश्में निभाई जायें ताकि अनुभव के साथ नये युग की शुरूवात हो और हम अपने मानवीय मूल्यों को स्वयं में आत्मसात करते हुए आगे बढ़े।

सर्दियों में हो सिरदर्द हो तो ऐसे करें परम्परागत तरीके से इलाज

सर्दियों में हो सिरदर्द हो तो ऐसे करें परम्परागत तरीके से इलाज



जरूरत ऐसे उपायों को अजमाने की जिससे राहत भी मिलें और हानिकारक प्रभाव भी न पड़ें

प0नि0डेस्क

देहरादून। बदलते मौसम में सेहत के लिहाज से कई तरह की समस्याएं होती हैं। वहीं सर्दियों के मौसम में अक्सर सिरदर्द की समस्या परेशान करती है। ठंड में सर्दी-जुकाम के कारण या सिर में ठंड लग जाने के कारण सिरदर्द परेशान करता है। वहीं नींद पूरी न होने पर तनाव के कारण भी सिरदर्द की समस्या हो जाती है। 

कुछ लोग सिरदर्द से राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन इसके सेवन से कई तरह के हानिकारक प्रभाव सेहत पर पड़ते है। ऐसे में जरूरी है ऐसे उपायों को अजमाने की जिससे सिरदर्द में राहत भी मिलें और इसका हानिकारक प्रभाव भी न पड़ें।

जलेबीः ठंड के दिनों में गरमागरम कुरकुरी रसीली जलेबी सबको भाती है। कोई इसे दूध के साथ खाता है कोई यूं ही खाना पसंद करता है। यही मीठी जलेबी कई सालों से माइग्रेन के मरीजों को खाने की सलाह दी जाती रही है। अगर ठंड के सिरदर्द से परेशान हैं तो सुबह-सुबह गर्म जलेबी खाएं, तत्काल आराम मिलेगा। सिर की नसें पफूल रही हैं तो जलेबी का रस इसमें फायदा देता है और इसकी कुरकुरी गर्माहट नसों को खोल देती है। इस उपाय को पूरी सर्दियों में प्रयोग में ला सकते हैं।

कलाकंद या रबड़ीः सर्दियों में जहां कलाकंद मिठाई सिरदर्द में चमत्कारी असर करती है वहीं गर्मी में रबड़ी यह काम असरकारी ढंग से करती है। सिरदर्द में कलाकंद को खाने का तरीका यह है कि रात में खाकर बिना पानी पिए सो जाएं। जब 4 या 5 घंटे बाद नींद खुले तब गर्म दूध लेकर ब्रश करके फिर सो जाएं। ऐसा 5 रात तक लगातार करने से सिरदर्द हमेशा के लिए गायब हो जाता है।

गुलाब जामुनः सर्दियों में एकदम गर्म गुलाब जामुन सिरदर्द के लिए फायदेमंद होते हैं। वहीं गर्मी में नर्म ताजा रसीले गुलाब जामुन लाभकारी होते हैं। इन्हें एक हफ्ते तक प्रयोग में लाकर देखें। इसके फायदे अचरज में डाल देंगे।

हलवाः सर्दियों के मौसम को अगर हलवे के मौसम कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। बादाम का हलवा, खसखस का हलवा और गाजर का हलवा सिरदर्द का अचूक इलाज है। यह सेहत के लिए तो गुणकारी है ही सिरदर्द के लिए रामबाण इलाज है। इनके सेवन से सिर में तरावट आती है और मस्तिष्क की शिराएं मजबूत होती हैं।

इनके सेवन के दो तरीके हैं। एक सुबह 3 या 4 बजे कड़कड़ाती ठंड में खाएं और बिना पानी पिएं फिर से सो जाएं। दूसरा तरीका है रात में दूध के साथ सेवन करें और बिना ब्रश के सो जाएं। सुविधानुसार तरीका प्रयोग कर सकते हैं।

इमरतीः जलेबी की ही तरह इमरती भी ठंड में लाजवाब मिठाई है। यह भी गर्म खाने से सिरदर्द में तुरंत असर होता है। इसे दिन भर में कभी भी खा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कि सिर में जब दर्द हो तब तब इसका दुकान पर जाकर या गर्मागर्म घर लाकर सेवन किया जा सकता है।

इसके अलावा सिरदर्द होने पर लहसुन की एक कली छीलकर सेवन कर सकते है। कुछ ही देर में सिरदर्द से आराम मिल जायेंगा। दालचीनी को पीसकर लेप माथे पर लगाने से में आराम मिलता है। पेट में गैस होने के कारण यदि सिरदर्द या चक्कर आता हो तो गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीने से तुरंत आराम मिलता है। सिरदर्द होने पर तुलसी का काढ़ा बनाकर भी सेवन कर सकते है। तुलसी के काढ़े में दालचीनी और काली मिर्च पाउडर को भी मिलाएं। इसके साथ ही स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें गुड़ या शहद को मिला सकते है। यदि सर्दी से सिरदर्द हो रहा है तो राहत मिलेगी। 

अपच और डिहाइड्रेशन के कारण सिरदर्द होता है। इसके लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। ठंड के मौसम में हम पानी कम पीते है जिस कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ऐसे में डिहाइड्रेशन हो सकता है।

मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

कोरोना वायरस लड़ाई में मास्क पहनने का प्रोत्साहन अभियान

 कोरोना वायरस लड़ाई में मास्क पहनने का प्रोत्साहन अभियान

घड़ी डिटर्जेंट ने अपनी तरह का पहला बचाव में ही समझदारी है जागरूकता अभियान शुरू किया



संवाददाता

देहरादून। कोविड-19 महामारी के दौरान सेहत और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिटर्जेंट पाउडर ‘घड़ी’ के निर्माता एवं विपणनकर्ता आरएसपीएल ग्रुप ने अपना नया अभियान बचाव में ही समझदारी है शुरू किया। घड़ी अपनी पैकेजिंग के माध्यम से ऐसी जागरूकता पैदा करने वाली पहली कंपनी है।

पैकेजिंग के माध्यम से देश की अपनी तरह की पहली जागरूकता पहल का लक्ष्य 10 करोड़ भारतीय घरों तक पहुंचना है। उन्हें हमेशा फेस मास्क पहनने का याद दिलाई जाएगी ताकि वे अधिक जिम्मेदार बनें और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रहें। 

जागरूकता की इस पहल को घड़ी डिटर्जेंट के पैकेट पर दिखाया जाएगा जिसमें वास्तविक लोगो को एक प्रिंटेड मास्क के साथ कवर किया गया है। पैक पर संदेश के अलावा घड़ी डिटर्जेंट वितरण चैनलों के एक विशाल नेटवर्क को भी सक्रिय कर रहा है साथ ही अपने खुदरा भागीदारों को इस संदेश को फैलाने के लिए इस बड़े अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहा है।

घड़ी ने एक वीडियो के जरिए भी इस पहल को आगे बढ़ाया है जिसमें एक दुकान में एक बेटी अपने पिता को यह एहसास दिलाती है कि देखभाल के प्रति अपनी जागरूकता प्रदर्शित करने का सबसे अच्छा तरीका है मास्क पहनना, जैसा कि घड़ी के पैक पर दिखाया गया है। फिल्म में फेस मास्क को नियमित रूप से धोने के महत्व को भी दिखाया गया है।

इस अवसर पर आरएसपीएल ग्रुप के ज्वाइंट मैनेजिंग डाइरेक्टर राहुल ज्ञानचंदानी ने कहा कि हममें से हरेक के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है। इस कठिन दौर मे हमें एक साथ रहने और इस चुनौती से मिलकर लड़ने की जरूरत है। हम सभी को अपने करीबियों और प्रियजनों का ध्यान रखना चाहिए और समाज के लिए अपना योगदान देना चाहिए। इस पहेल के अंतर्गत हम 10 लाख मास्क भी वितरित कर रहे हैं। घड़ी डिटर्जेंट की पूरे भारत में करोड़ों घरों तक पहुंच है और हमने इस महत्वपूर्ण संदेश को फैलाने के लिए काम करने का फैसला किया है।

एडीके फॉर्च्यून केवीपी और ईसीडी नकुल शर्मा  के अनुसार हमारे लिए यह पहेल एक संदेश तक सीमित नही थी इसलिए खुद घड़ी को मास्क पहना कर घर घर तक पहुचाना चाहते थे इसलिए हमने घड़ी को मास्क पहना दिया जिससे यह विचार सामान्य जन तक पहुंचे क्योंकि घड़ी पूरे भारत में करोड़ों घरों तक पहुंचता है। इस मास्क संदेश की फिल्म पहले कुछ दिन मे ही 6.5 करोड़ बार देखी जा चुकी है, यह बहुत उत्साहजनक है और इस बात का प्रमाण है कि इस अभियान का लोगों पर भावनात्मक प्रभाव पड़ रहा है और यह बदलाव को गति प्रदान कर रहा है। 

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पंजाब नेशनल बैंक बना देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक

 पंजाब नेशनल बैंक बना देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक



प0नि0डेस्क

देहरादून। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के विलय की प्रक्रिया पूर्ण हो गई जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की पीएनबी ने युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की सभी शाखाओं का आईटी इंटीग्रेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इससे पहले नवंबर 2020 मं बैंक ने पहले की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की सभी शाखाओं का आईटी इंटीग्रेसन पूरा किया था।

खबर के अनुसार पीएनबी ने दोनों बैंकों के डेटाबेस का इंटीग्रेशन और माइग्रेशन का काम पूरा कर लिया है। ये सभी ग्राहकों को एक समान मंच पर लाता है और उन्हें संपूर्ण बैंक के नेटवर्क पर अखंडित रूप से लेन-देन करने तथा पीएनबी डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे कि इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिग का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। ग्राहकों के खाता क्रमांक, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स में सही बदलाव होने के बाद संपूर्ण ट्रांसफर पूरा हो चुका है।

पीएनबी ने कम से कम रुकावटों के बलबूते माइग्रेशन के काम को पूरा कर लिया है और अब सभी ग्राहक शाखा, एटीएम और सशक्त डिजिटल चैनलों के विस्तृत नेटवर्क के द्वारा बैंक की सारी सर्विस का आनंद उठा सकते हैं।

देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनने पर पीएनबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीएच एस0एस0 मल्लिकार्जुन राव ने कहा कि ये आप सभी के लिए एक महत्वपूर्ण पायदान है जो पीएनबी 2.0 ग्राहकों के बारे में अपनी असीमित वचनबद्धता दर्शाती है। ये डेटा माइग्रेशन हमारे सभी ग्राहकों को एक प्लेटफॉर्म पर लाता है और अखंडित कनेक्टिविटी का अवसर प्रदान करता है। मल्लिकार्जुन ने आगे कहा कि हम अपने सभी ग्राहकों को अत्याधुनिक सेवाएं उपलब्ध कराते रहेंगे।



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शांडिल्य व डीजीपी अशोक कुमार के बीच कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

 एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने डीजीपी को किया सम्मानित

शांडिल्य व डीजीपी अशोक कुमार के बीच कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा



संवाददाता

देहरादून। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से मिले व उन्हें भगवान गणेश की प्रतिमा, माता की चुनरी व दोशाला देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शांडिल्य के साथ फ्रंट के युथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, असीम न्योल भी मौजूद थे। 

डीजीपी अशोक कुमार व वीरेश शांडिल्य में तकरीबन आधे घंटे तक कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। शांडिल्य ने कहा वह हरियाणा के हैं और आज उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक के पद पर हरियाणा का लाल सेवाएं दे रहा है इसपर पूरे हरियाणा को गर्व हैं। 

शांडिल्य ने पुलिस मुख्यालय परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा श्री हिन्दू तख्त एवं एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया पूर्ण रूप से किसान आंदोलन का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि बिल को निरस्त कर धरतीपुत्रों को राहत दें। शांडिल्य ने कहा पीएम मोदी इस मामले में खुद हस्तक्षेप करें व उनकी मांगों को पूरा करें। 

शांडिल्य ने कहा कि एटीएफआई व हिन्दू तख्त नही चाहता कि मोदी की छवि देश मे कमजोर हों। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की इस देश को जरूरत है। उनके नेतृत्व में भारत विश्वगुर बनने की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि जल्द एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया उत्तराखण्ड के प्रदेशाध्यक्ष व तमाम कार्यकारिणी की घोषणा करेगा। शांडिल्य ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जो कोरोना संक्रमित है, उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की।


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सोमवार, 28 दिसंबर 2020

निमोनिया की पहली मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च

निमोनिया की पहली मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉन्च



सीरम का दावाः यह निमोनिया के लिए दुनिया की सबसे किफायती

एजेंसी

नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इस बीच निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए पहली मेड इन इंडिया वैक्सीन निमोसिल आ गई है। इस वैक्सीन को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा0 हर्षवर्धन ने एक कार्यक्रम के दौरान इसे लॉन्च किया।

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पुणे के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि डा0 हर्षवर्धन बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट की बनाई पहली मेड इन इंडिया वैक्सीन निमोसिल को लॉन्च करने के लिए धन्यवाद।

सीरम इंस्टिट्यूट का दावा है कि उनकी स्वदेशी निमोनिया वैक्सीन दुनिया की सबसे किफायती वैक्सीन है जो इस बीमारी के करीब 10 वेरियंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। यह न्यूमोकॉकस बैक्टीरिया के 10 प्रकारों से सुरक्षा प्रदान करता है, जो बच्चों में निमोनिया, मैनिंजाइटिस, कान और रक्त संक्रमण का कारण बनता है।

सीरम इंस्टिट्यूट दुनिया में सबसे ज्यादा क्वांटिटी में वैक्सीन का निर्माण करती है। सीरम ने निमोनिया की वैक्सीन निमोसिल के एक डोज की कीमत पब्लिक मार्केट के लिए 3 डॉलर यानी करीब 220 रुपये और प्राइवेट मार्केट के लिए 10 डॉलर यानी करीब 730 रुपये रखी है। भारत में निमोनिया के फुल पीसीवी वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन के 3 डोज की जरूरत पड़ेगी।

सीरम इंस्टिट्यूट के एक बयान में कहा गया है कि निमोनिया कोविड-19 के गंभीर लक्षणों में से एक है। यह वैक्सीन बच्चों में निमोनिया को रोकने में अहम भूमिका अदा करेगी। चूंकि इस समय कोविड-19 के लिए जो वैक्सीन डिवेलप की जा रही है, वह बच्चों के लिए नहीं है। ऐसे में निमोनिया की यह स्वदेशी वैक्सीन बच्चों को गंभीर कोरोना लक्षणों से बचा सकती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा0 हर्षवर्धन ने एक कार्यक्रम के दौरान इस वैक्सीन को लॉन्च किया। उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि यह देश के पब्लिक हेल्थकेयर के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह किफायती और हाई-क्वालिटी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया बीमारी से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करेगी।

मुर्गी सस्ती अंड़ा महंगा

 मुर्गी सस्ती अंड़ा महंगा



बाजार में सस्ती हो रही मुर्गी, बढ़ रहे अंडे के भाव

प0नि0ब्यूरो

देहरादून। इस बार सर्दियों के सीजन में अंडे के रेट बढ़ते जा रहे हैं वहीं मुर्गी के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है। पोल्ट्री बाजार के जानकारों की मानें तो इस साल अंडे ने अपने सभी पुराने रिकार्ड तोड़ दिये हैं। यूपी में 100 अंडे के रेट 600 रुपये से ऊपर जा चुके हैं। वहीं देश में अंडे की सबसे बड़ी मंडी बरवाला में रेट 550 रुपये तक पहुंच चुके हैं। जबकि इस समय मुर्गी के रेट्स करीब 30 रुपये किलो पर हैं।

यह अंडे का अब तक का सबसे महंगा रेट है। कोरोना के चलते लाखों मुर्गियां जिंदा जमीन में दफन कर दी गईं। अंडे-चूजे तक जमीन में दबा दिए गए। तब प्रफी में भी कोई मुर्गी का खरीदार नहीं मिल रहा था। कोरोना वायरस में करीब 60 फीसद मुर्गियों को मार दिया गया, जिसकी वजह से अब बाजार में अंडा देने वाली मुर्गियां कम हैं और अंडे की डिमांड ज्यादा, इसलिए अंडे के रेट्स में इतना उछाल देखने को मिल रहा है।

चिकन मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक अंडा न देनी वाली मुर्गी या फिर कम मात्रा में अंडा देने वाली मुर्गी की बिक्री 30 से लेकर 40 रुपये किलो तक में होती है। वहीं कोरोना के चलते अंडा देने वाली मुर्गी कम हो गई थीं। अब अगर कोई मुर्गी महीने में 15-16 दिन भी अंडा दे रही है तो पोल्ट्री फार्म वाले उनका पालन कर रहे हैं।

बता दें एक महीने पहले मुर्गी का भाव करीब 80 रुपये किलो था। यह मुर्गी शादी-ब्याह और होटल में चिकन कोरमा बनाने में इस्तेमाल होती हैं। इसका मीट थोड़ा सा टाइट होता है इसलिए चिकन तंदूरी, प्रफाई और टिक्का में इसका इस्तेमाल नहीं होता है जबकि कोरमे में यह आराम से खा ली जाती है।

तंदूरी-टिक्का और प्रफाई चिकन के लिए ब्रायलर ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि अंडा देने वाली मुर्गी के मुकाबले ब्रायलर का मीट मुलायम होता है, लेकिन कोरोना के चलते ब्रायलर का माल कम आ रहा था तो अक्टूबर-नवंबर में 120 रुपये किलो तक ब्रायलर बिका लेकिन सस्ती होने के चलते कोरमा में अंडे वाली मुर्गी खपाई जा रही थी। बता दें अब ब्रायलर चिकन ही 75 से 80 के रेट पर आ गया है तो इसलिए मुर्गी के रेट्स में कमी देखने को मिल रही है। 


गरीबों को बांटे गर्म कपड़े और मास्क

गरीबों को बांटे गर्म कपड़े और मास्क



अफवाह फैलाने वालों पर रखेंगे कड़ी नजर 

संवाददाता

हल्द्वानी। सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत एवं दीप चंद्र जोशी ने गरीबों एवं वंचितों को गर्म कपड़े और मास्क बांटे। इस दौरान उन्होंने सभी से कोरोना महामारी के दृष्टिगत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और खुद को सैनेटाइज करने की अपील भी की।

सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत एवं दीप चंद्र जोशी ने रेलवे बाजार, राजपुरा, रोडवेज चौराहा, तिकोनिया चौराहा में जाकर वहां पर मौजूद गरीबों का जायजा लिया और उनको को गर्म कपड़े वितरित किए। इस दौरान उन्होंने आने-जाने वाले लोगों को मास्क भी वितरित किए।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अब सर्दियों में महामारी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में गरीबों की मदद करने की उनकी मुहिम जारी रहेगी। 

उनके अभियान के दौरान लोगों ने उनको अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया। दीप चंद्र जोशी का कहना था कि समाज के बीच झूठी अफवाह फैलाने वालों पर उनकी कड़ी नजर है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर सख्त कारवाई कराई जायेगी। साथ ही उनके बारे में पुलिस प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।


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मुलायम त्वचा के लिए बाडी आयल और बाडी लोशन!

मुलायम त्वचा के लिए बाडी आयल और बाडी लोशन! 



त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए माइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूरी

प0नि0डेस्क

देहरादून। सर्दियों के मौसम स्किन काफी ड्राई और बेजान हो जाती हैं। त्वचा को मुलायम बनाने के लिए ज्यादा माइश्चराइजर की जरुरत होती है। इस मौसम में ठंडी हवाएं त्वचा की नेचुरल नमी कम हो जाती है। त्वचा की नमी को बनाए रखने के लिए त्वचा पर माइश्चराइजर का इस्तेमाल करना होता है। सर्दियों में मुलायम त्वचा के लिए बाडी आयल और बाडी लोशन का इस्तेमाल किया जाता है।

दोनों ही त्वचा को माइश्चराइज करने में मदद करते है लेकिन फिर भी दोनों में काफी अंतर है। पहले महिलाएं केवल बाडी लोशन का इस्तेमाल करती थी लेकिन अब बाडी आयल भी महिलाओं के बीच काफी पापुलर हैं। सर्दियों में कुछ लोग काफी परेशान रहते है कि उन्हें बाडी लोशन या बाडी आयल का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में जिज्ञासा बनी रहती है कि बाडी लोशन और बाडी आयल में क्या अंतर हैऔर स्किन के लिए क्या बेस्ट है। 

सर्दियों के मौसम में आयली स्किन वाले लोगों को बाडी लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए वहीं ड्राई स्किन वालों के लिए बाडी आयल का इस्तेमाल करना अधिक अच्छा माना जाता है। क्योंकि बाडी लोशन थिक नहीं होते है। बाडी लोशन का टेक्सचर लाइटवेट का होता है। आयली स्किन के लिए बाडी लोशन काफी अच्छा माना जाता है। बाडी लोशन त्वचा डीपली माइश्चर करता है। लेकिन कई बार बाडी लोशन से कुछ लोगों को एलर्जी और जलन हो जाती है।

सर्दियों में स्किन करने के लिए बाडी आयल का इस्तेमाल करना चाहिए। बाडी आयल स्किन को हाइड्रेट करने में मदद करता है इसके अलावा बाडी आयल स्किन को अच्छे से माइश्चराइज करता है। ड्राई स्किन वालों के लिए बाडी आयल का इस्तेमाल करना बेस्ट माना जाता है। बाडी आयल का यूज एक्ने प्रोन स्किन के लिए भी कापफी अच्छा माना जाता है। सर्दियों में त्वचा बेजान और रुखी हो जाती है लेकिन बाडी आयल का इस्तेमाल कर स्किन की ड्राईनेस को कम किया जा सकता है।

सर्दियों में बाडी आयल और लोशन, किसका इस्तेमाल करना अच्छा है, ये स्किन टाइप व पसंद पर निर्भर करता है। शावर लेने से पहले बाडी आयल का इस्तेमाल कर सकते है। इससे त्वचा पर नमी रहती साथ ही चमक बनी रहती हैं। ड्राई स्किन पर बाडी लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लोशन से स्किन हाइड्रेट बनी रहती हैं। बाडी आयल और लोशन का इस्तेमाल अपनी स्किन केयर के अनुसार करें।


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रविवार, 27 दिसंबर 2020

विटामिन-सी के सेवन से यूरिक एसिड पर नियंत्रण

 विटामिन-सी के सेवन से यूरिक एसिड पर नियंत्रण

केला खाना ऐसे मरीजों के लिए होता है फायदेमंदः स्वास्थ्य विशेषज्ञ



प0नि0डेस्क

देहरादून। जब शरीर प्यूरीन को पचाता है तो यूरिक एसिड बाय-प्रोडक्ट के रूप में शरीर में उत्पन्न होता है। प्यूरीन एक आवश्यक अमीनो एसिड है जो शरीर में अपने आप बनता है, साथ में कुछ खाद्य पदार्थो में भी यह प्रोटीन पाया जाता है। शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता से लोग गठिया से पीड़ित हो जाते हैं। वहीं जोड़ों में दर्द, गाउट और सूजन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होने का एक कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना माना जाता है। 

ऐसे में यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का प्रयास करना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ लेने से यूरिक एसिड पर काबू पाया जाता है।

माना जाता है कि शरीर में विटामिन-सी की कमी से लोग हाइपरयूरिसेमिया से पीड़ित हो जाते हैं। नींबू, आंवला जैसे विटामिन-सी यक्त खाद्य पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को काबू रखने में सहायक है। शरीर में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में नींबू असरदार माना जाता है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार आंवला यूरिक एसिड के मरीजों के लिए रामबाण दवा की तरह काम करता है। इसके अलावा एक अमरूद में तकरीबन 126 मिलीग्राम विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है।

मेथी में भी विटामिन-सी मौजूद होता है जो यूरिक एसिड का स्तर संतुलित रखने में मददगार है। इसमें कैल्शियम और आयरन उच्च मात्रा में मौजूद होता है, जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। वहीं पालक में भी विटामिन-सी उच्च मात्रा में पाया जाता है। पालक खाने से यूरिक एसिड के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलती है। इसके अलावा बथुआ में मौजूद पोषक तत्व भी यूरिक स्तर घटाने में मददगार है।

बेरीज में पाए जाने वाले गुण हाई यूरिक एसिड से ग्रस्त मरीजों को आराम पहुंचाते हैं। इस फल में नैचुरल एंटी-इन्फ्रलेमेट्री तत्व ऐंथोसायानिन मौजूद होते हैं। ये यूरिक एसिड के स्तर को काबू करने में मददगार है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक केला खाना भी इन मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद पोटैशियम यूरिक एसिड को यूरिन के जरिये बाहर निकालने में मदद करता है। केला में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, इससे शरीर में इस एसिड की अधिकता होने का खतरा नहीं होता है।

डीएल, आरसी, परमिट आदि वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढ़ी

 डीएल, आरसी, परमिट आदि वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढ़ी

सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से इसे कार्यान्वित करने को कहा



एजेंसी

नई दिल्ली। कोविड-19 के प्रसार को रोकने की जरूरत को देखते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने डीएल, आरसी परमिट आदि जैसे वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासनों को एक एडवाइजरी जारी की है।  

सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ने इससे पूर्व मोटर वाहन अधिनियम 1988 तथा केन्द्रीय मोटर वाहन नियमों 1989 से संबंधित दस्तावेजों की वैधता के विस्तार के संबंध में इस वर्ष 30 मार्च, 9 जून तथा 24 अगस्त को एडवाइजरी जारी की थी। सुझाव दिया गया था कि पिफटनेस, परमिट (सभी प्रकारों के), लाइसेंस, पंजीकरण या किसी और संबंधित दस्तावेज की प्रमाणिकता 31 दिसम्बर 2020 तक वैध समझी जाए।

एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए परामर्श दिया जाता है कि उपरोक्त उल्लेखित सभी दस्तावेजों की प्रमाणिकता 31 मार्च 2021 तक वैध समझी जाए। इसमें वे सभी दस्तावेज शामिल हैं जिनकी वैधता 1 पफरवरी 2020 को समाप्त हो गई है या 31 मार्च, 2021 तक समाप्त हो जाएगी।

इसमें यह भी कहा गया है कि प्रवर्तन प्राधिकारियों को ऐसे दस्तावेजों को 31 मार्च, 2021 तक वैध मानने का परामर्श दिया गया है। यह नागरिकों की सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखते हुए परिवहन संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में सहायता करेगा।

केन्द्रीय मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से इस एडवाइजरी को मूल भावना के साथ कार्यान्वित करने का आग्रह किया गया है जिससे कि नागरिक, ट्रांसपोर्टर तथा विभिन्न अन्य संगठन, जो कोविड महामारी के दौरान इस कठिन समय में प्रचालन कर रहे हैं, को कोई परेशानी न हो और उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

दही-चीनी खाने से बढ़ती सकारात्मक ऊर्जा

दही-चीनी खाने से बढ़ती सकारात्मक ऊर्जा

इसका सेवन दिमाग को आराम दिलाये और मन में एकाग्रता को बढ़ाये



प0नि0डेस्क

देहरादून। हिंदू धर्म की परंपरा में किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले दही और चीनी खाई जाती है। इस परंपरा से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। इससे मूड अच्छा रहता है। दही-चीनी खाने से पेट की एक्स्ट्रा गर्मी खत्म होती है। जिससे सिर में भी गर्मी नहीं बढ़ती और दिमाग को आराम मिलता है और मन में एकाग्रता बढ़ती है।

पुराणों में दही को अमृत कहा गया है। अपने आयुर्वेदिक गुणों की वजह से ही दही का उपयोग पूजा में खासतौर से किया जाता है। भगवान के अभिषेक के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पंचामृत यानी पांच अमृतों में भी दही आता है। इसे खाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक विचार नहीं आते हैं। इस कारण धर्म ग्रंथों में भी दही-चीनी खाने का विधान मिलता है।

दही शरीर के लिए सुपरफूड की तरह है। दही, खाने को पचाने में मदद करने के साथ ही नैचरल लैक्सेटिव यानी खाने को मुलायम बनाने में भी मदद करता है। दूध से बनने के कारण इसमें कैल्शियम, विटमिन बी-2, बी-12, पोटैशियम और मैग्नीशियम और मिनरल्स जैसे शरीर के लिए जरूरी तत्व भी पाए जाते हैं। चीनी को दही में डालने से दही का गुण और बढ़ जाता है। चीनी से दही में मौजूद जीवाणु और बढ़ जाते हैं। इससे पाचन क्रिया को मदद मिलती है और शरीर की गर्मी कम होती है। इसलिए दही-चीनी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में भी ये ही बात कही गई है।

आयुर्वेद के मुताबिक दही, शरीर में ठंडक देता है। जिससे शरीर में मौजूद गर्मी को कम करने में मदद मिलती है। चीनी, ग्लूकोज का अहम सोर्स मानी जाती है। जब हम इन दोनों चीजों को मिलाकर खाते हैं तो ये हमारे शरीर को ठंडा रखकर आराम देने के साथ ही दिनभर के लिए जरूरी इंस्टेंट एनर्जी भी देता है। इस तरह दिनभर के टेंशन और स्ट्रेस में आराम मिलता है। दही-चीनी खाने से शरीर को जरूरी एनर्जी और न्यूट्रिशन भी मिलता है।

दही-चीनी का मेल पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही हमारे शरीर को तनाव मुक्त बनाता है। ये बाडी को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। इसलिए जब नेगेटिविटी और स्ट्रेस दूर होता है तो कोई भी इंसान अपने काम पर अच्छे से पफोकस कर पाता है जिससे सही ढंग से काम कर पाते हैं। लंबे समय तक दही-चीनी का सेवन किया जाए तो यह याददाश्त और कान्सेंट्रेशन को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।

सरकारों की आलाकमान पर निर्भरता का दंश झेलता प्रदेश

उत्तराखंड़ में सरकारें हमेशा आलाकमान के रहमोकरम पर बनती बिगड़ती रहीं

सरकारों की आलाकमान पर निर्भरता का दंश झेलता प्रदेश



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। प्रदेश की हालिया सरकार के बारे में प्रचलित है कि यह सरकार पहले दिन से ही अनिश्चितताओं के झूले में झूलती रही। आज भी गाहे बगाहे सुनने को मिल जाता है कि मुख्यमंत्री बदल रहें है। शायद ही कोई महीना ऐसा जाता हो जबकि ऐसी अपफवाहें न उड़ती हों। कुछ ऐसा ही कमोबेस हर सरकार के बारे में बातें उड़ा करती थीं। विकास पुरूष नारायण दत्त तिवारी जैसे दिग्गज को भी अने पांच वर्ष पूरा करने के लिए क्या नहीं करना पड़ा। जबकि वे सबको साथ लेकर चलने में यकीन करने वालों में से थे। 

किस विरोधी से कैसे निपटना है, उनसे बेहतर कौन जानता होगा। उनके बाद चाहे कांग्रेस की सरकार बनी या भाजपा की, दोनों ही पार्टियों की सरकारें अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही बदल दी गई। अब इसमें चाहे उनकी पार्टियों के आंतरिक मतभेद रहें हो या पिफर और कुछ लेकिन पूरे पांच साल तिवारी जी के बाद कोई नहीं कर पाया। अब वर्तमान सरकार पर भी ऐसे ही कयास और भविष्यवाणियां हो रहीं है। खासकर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद तो जैसे तस्वीर ही बदल गई है।

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत प्रदान कर दी हो लेकिन इस पूरे मामले ने जनता की नजरों से अवश्य गिरा दिया है। ऐसा कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते है। वैसे भी प्रदेश के दो प्रमुख दल कांग्रेस- भाजपा के साथ सबसे बड़ी कमी यहीं रही है कि यह दोनों ही दल अपने अपने आलाकमान के फैसलों पर निर्भर रहते है। एक मंत्राी भी बनाना  हो तो कहा जाता है कि वह आलाकमान ही तय करते है। ऐसा लगता है जैसे आलाकमान पर निर्भरता का दंश प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता का दुश्मन बनता जा रहा है। 

चूंकि मुख्यमंत्री चयनित होने की बजाय आलाकमान द्वारा मनोनित होता है इसलिए वह अपने नेतृत्व क्षमता पर निर्भर होने की बजाय अपने आलाकमान से करीबी होने की धैंस में टीम के साथियों को नाराज करता जाता है। टीम के सदस्यों की नाराजगी का मतलब हुआ पद से हटाया जाना। जैसा कि पूर्व में हरीश रावत सरकार के साथ हुआ। आलाकमान ने नहीं हटाया तो साथियों ने धूल चटा दी। भले ही इसके लिए बगावती पैतरें ही क्यों न चलने पड़े। हालांकि यहसरकार यदि अपने पांच साल पूरे करेंगी तो केवल इसलिए कि आलाकमान की यह इच्छा है।

हाल फिलहाल भी एक काबीना मंत्री के साथ जिस तरह से मनमुटाव हो रहा है और जिस तरह से उनके बीच आपस में तलवारें खींच रहीं है, यह अवश्य ही शुभ संकेत नहंी माने जा सकते। जो काम किया गया, उसे रजामंदी के साथ भी किया जा सकता था। कैसे? यही तो नेतृत्व क्षमता होती है, जो रास्ता निकाल ही लेती है। कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टुटे। लेकिन आलाकमान पर ऐंठने वालों को याद रखना चाहिये कि ज्यादा इतराना ठीक नहीं। आलाकमान जीतने वाले पर दांव लगाता है और हार-जीत जनता तय करती है। आपकी टीम के साथी तय करते है। आलाकमान नहीं।

शनिवार, 26 दिसंबर 2020

सेहत से खिलवाड़ का दिल पर असर

 सेहत से खिलवाड़ का दिल पर असर



प0नि0ब्यूरो

देहरादून। सेहत के मामले में सामान्य रोगों से बचाव को लेकर बढ़ती जागरूकता के बावजूद कुछ बीमारियां चुपचाप अपना पांव पसार रही हैं। उनका समय पर इलाज नहीं हो पाने की वजह से लोग मारे जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक ताजा रिपोर्ट में हृदय से संबंधित रोगों से मरने वालों का आंकड़ा बेहद गंभीर है। इसके मुताबिक हृदय की बीमारियों के चलते पहले के मुकाबले अब काफी मौतें हो रही है। 

उदाहरण के तौर पर वर्ष 2000 में हृदय रोग से दुनिया भर में 20 लाख लोग मारे गए थे, वहीं 2019 में यह आंकड़ा 90 लाख हो गया। बीमारियों से मृत्यु के मामलों में से 16 पफीसदी मौत अकेले हृदय रोगों से होती है। जिस बीमारी को लेकर समाज में प्रत्यक्ष तौर पर उतनी चिंता नहीं जताई जाती, वह इतनी बड़ी तादाद में लोगों को अपना शिकार बना रही है। 

आमतौर पर यह जीवनशैली और खानपान से ऐसी बीमारी  हैं, जिनका थोड़ा सा ध्यान रख कर बचा जा सकता है। लेकिन लोगों के आलस्य और लापरवाही की वजह से कोई बीमारी उनके भीतर घर बनाती है और पलते-बढ़ते हुए आखिरकार उनकी जान ले लेती है। फेफड़ों के जुड़ी बीमारियां होने के अलावा तंबाकू के कारण होने वाले हृदय रोगों से हर साल दुनिया में करीब 20 लाख लोगों की मौत हो रही है। हृदय रोगों से होने वाली हर पांचवीं मौत की वजह तंबाकू या धूम्रपान है।

इन तथ्यों के बावजूद लोग बेपिफक्र होकर धूम्रपान करते हैं। हृदय रोग सहित जीवनशैली और खानपान में तेजी से आते बदलाव की वजह से होने वाली कई बीमारियों की वजह से मौतों के आंकड़े भी तेजी से बढ़े। लेकिन लोग सुध्रने को तैयार नहीं है। तमाम जिम्मेदारी को निभाने वाला आदमी अपनी सेहत को लेकर लापरवाह होता जा रहा है और इस लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।

ज्यादातर मामलों में अपनी सेहत को व्यक्ति खुद ही दुरुस्त रख सकता है या पिफर दांव पर लगा सकता है। जीवनशैली में थोड़ी नियमितता लाई जाए तो जानलेवा रोगों की चपेट में आने से बचा जा सकता है। सवाल है कि जीवनशैली में घुली ऐसी लापरवाहियां या आदतें किस काम की, जो तात्कालिक तौर पर राहत की तरह लगती हैं, लेकिन सेहत को दीर्घकालिक और गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं।


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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

राज्य आंदोलनकारी को इलाज के लिए मदद की दरकार

राज्य आंदोलनकारी को इलाज के लिए मदद की दरकार

मदद के लिए आगे आए सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत और दीप जोशी


                                   दीप जोशी एवं बीसी पंत के साथ बीच में कमल पंत

संवाददाता

हल्द्वानी। आरटीओ रोड मुखानी निवासी राज्य आंदोलनकारी कमल पंत के मदद के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं बीसी पंत और दीप जोशी द्वारा उनको एम्स ऋषिकेश में दिखाया गया। जहां डाक्टरों द्वारा कमल की मेडिकल जांच के बाद बताया कि आंदोलनकारी कमल पंत के दाहिने पैर का जटिल ऑपरेशन किया जाएगा। जिसके लिए उनको (ओटी) चालू होने पर फोन द्वारा बुला लिया जाएगा।

 सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत और दीप जोशी ने बताया की ऐम्स ऋषिकेश डाक्टरों द्वारा फोन आने पर कमल पंत को तुरंत एम्स में भर्ती किया जाएगा और उनका पूरा इलाज किया जाएगा। बता दें कि राज्य आंदोलनकारी कमल पंत का एक दुर्घटना में पैर की हड्डी टूट गई थी। 


                                                       राज्य आंदोलनकारी कमल पंत एम्स में

पिछले कई वर्षो से कमल पंत का इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल से लेकर दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला लेकिन केस बिगड़ जाने से इलाज लंबा खींच गया। इस बीच कमल पंत की आर्थिक स्थिति खराब होती चली गई। पैसों के अभाव में कमल इलाज कराने में असमर्थ हो गए। तब सामाजिक कार्यकर्ता बीसी पंत एवं दीप जोशी ने उनके इलाज का बीड़ा उठाया। 

उनके इस प्रयास में देहरादून सचिवालय के राकेश रतूड़ी एवं ऋषिकेश की समाजसेवी कुसुम जोशी ने भी सहयोग प्रदान किया। बीसी पंत एवं दीप जोशी ने कहा कि वे राज्य आंदोलनकारी कमल पंत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम का सफल परीक्षण

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एमआरएसएएम का सफल परीक्षण 



एजेंसी

भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ;डीआरडीओद्ध ने ओडिशा तट के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम)  के सेना संस्करण का पहला सफल परीक्षण करते हुए एक उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की। मिसाइल ने एक उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। उसने लक्षित विमान का पीछा करते हुए सीधे तौर पर प्रहार किया।

एमआरएसएएम का सेना संस्करण भारत के डीआरडीओ और इजराइल के आईएआई द्वारा भारतीय सेना के उपयोग के लिए संयुक्त रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। एमआरएसएएम आर्मी हथियार प्रणाली में कमांड पोस्ट, मल्टी-फंक्शन रडार और मोबाइल लान्चर प्रणाली शामिल हैं। डिलिवरेबल कान्पिफगरेशन में परीक्षण के दौरान पूरी फायर यूनिट का उपयोग किया गया है। उपयोगकर्ताओं यानी भारतीय सेना की एक टीम भी परीक्षण के दौरान मौजूद थी। इस दौरान तमाम रेंज उपकरण जैसे रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-आप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम को तैनात किया गया था और लक्ष्य के विध्वंश के साथ-साथ हथियार प्रणाली के प्रदर्शन एवं संपूर्ण मिशन का डेटा एकत्रित किया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और इस मिशन में शामिल टीम सदस्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने उन्नत हथियार प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल की है।

रक्षा विभाग के सचिव (आरएंडडी)  और डीआरडीओ के चेयरमैन डा0 जी0 सतीश रेड्ढी ने पहले परीक्षण के दौरान लक्ष्य पर सीधा प्रहार करते हुए एमआरएसएएम सेना हथियार प्रणाली के सफल प्रदर्शन पर डीआरडीओ समुदाय को बधाई दी। उन्होंने रिकार्ड समय के भीतर इस हथियार प्रणाली को साकार करने और निर्धारित कार्यक्रम को पूरा करने में पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की।

मोबाइल ऐप्स के बारे में रिजर्व बैंक ने आगाह किया

अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म/मोबाइल ऐप्स के बारे में रिजर्व बैंक ने आगाह किया



संवाददाता

देहरादून। रिजर्व बैंक ने अनधिकृत डिजीटल ऋण देने वालों एवं मोबाइल ऐप्स से आगाह किया है। रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि व्यक्तियों/छोटे व्यवसायों के बारे में ऐसी खबरें आई हैं कि वे अनधिकृत डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म/मोबाइल ऐप्स की बढ़ती संख्या के कारण त्वरित और परेशानी रहित तरीके से ऋण प्राप्त करने के वादों का शिकार हो रहें हैं। इन रिपोर्टों में ब्याज की अत्यधिक दरों और उधारकर्ताओं से मांगे जाने वाले अतिरिक्त छिपे हुए शुल्क, अस्वीकार्य और कठोर वसूली के तरीकों को अपनाना और उधारकर्ताओं के मोबाइल फोन पर डेटा तक पहुंचने के लिए करार का दुरुपयोग का भी उल्लेख है।

उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य संस्थाओं जो सांविधिक प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा विनियमित किये गए हों, द्वारा वैध सार्वजनिक ऋण देने की गतिविधियां जैसे कि संबंधित राज्यों के धन उधार कार्य कर सकते हैं। आम जनता को यह आगाह किया जाता है कि वे इस तरह की बेईमान गतिविधियों का शिकार न हों और आनलाइन मोबाइल ऐप के माध्यम से ऋण प्रदान करने वाली कंपनी/फर्म के पूर्व मामलों को सत्यापित करें। 

इसके अलावा उपभोक्ताओं को अज्ञात व्यक्तयों, असत्यापित/अनधिकृत ऐप्स के साथ केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियों को कभी भी साझा नहीं करना चाहिए और ऐसे ऐप्स से संबंधित ऐप्स/बैंक खाते की जानकारी को संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों या सचेत पोर्टल https://sachet.rbi.org.in का उपयोग कर आन लाइन शिकायत दर्ज करना चाहिए।

मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने बताया कि रिजर्व बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी की ओर से उपयोग किए जाने वाले डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्म को बैंक (को) या एनबीएफसी (यों) के नाम का खुलासा ग्राहकों के सामने करना अनिवार्य किया है। रिजर्व बैंक में पंजीकृत एनबीएफसी के नाम और पते यहां से प्राप्त किए जा सकते हैं और रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए पोर्टल https://cms.rbi.org.in के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।


खाली पेट व्यायाम करना सही!

खाली पेट व्यायाम करना सही! 

वर्कआउट को फायदेमंद बनाने के लिए व्यायाम से पहले कुछ खा लें



प0नि0डेस्क

देहरादून। जो सुबह में कसरत करते हैं वे आमतौर पर खाली पेट वर्कआउट करने में ठीक महसूस करते हैं। हालांकि यह व्यायाम अच्छी बात नहीं हो सकती है। व्यायाम करते समय शरीर को पर्याप्त रूप से प्रदर्शन करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। ऊर्जा कम महसूस करने के अलावा खाली पेट व्यायाम करने से आप बीमार पड़ सकते हैं, चक्कर या मतली महसूस कर सकते हैं। 

कई लोग खाली पेट वर्कआउट शुरू कर देते हैं तो कुछ लोग कुछ खाने के बाद ही एक्सरसाइज शुरू करते हैं, लेकिन इनमें से कौन सा तरीका सबसे ज्यादा फायदेमंद है? लोग सवाल करते हैं कि वर्कआउट करने से पहले क्या खाना चाहिए? क्या खाली पेट व्यायाम करना स्वास्थ्य कारक है! 

खाली पेट पर वर्कआउट करना चाहिए या नहीं यह व्यक्तिगत पसंद है। बहुत से लोग खाली पेट व्यायाम करने पर स्वयं को बीमार महसूस करते है। इसलिए व्यायाम के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि आपके पास पर्याप्त एनर्जी है। 

महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके और आपके शरीर के लिए क्या सही है। वह एक कसरत को खत्म करने और अस्वस्थ महसूस करने से बदतर कुछ भी नहीं है, इसलिए वह करें जो आपको खुश, आत्मविश्वास और मजबूत महसूस कराती है।

कुछ स्वास्थ्य वर्धक स्नैक्स में केला, नट्स और सीड्स, घी-भुने मखाने, भुने हुए काले चने, दही आदि शामिल हैं। आप इनका सेवन करके भी वर्कआउट कर सकते है।

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

उत्तराखंड पुलिस के 1087 पुलिस कर्मी पाजिटिव पाये गये

उत्तराखंड पुलिस के 1087 पुलिस कर्मी पाजिटिव पाये गये

उत्तराखंड पुलिस ने 5.28 लाख के विरूद्व कार्यवाही कर वसूला 19.036 करोड़ का जुर्माना

मास्क न पहनने वालों पर कार्यवाही मंें देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैैनीताल पुलिस आगे



संवाददाता

काशीपुर। उत्तराखंड पुलिस के 1087 पुलिस कर्मी पाजिटिव पाये गये जबकि पुलिस द्वारा लाकडाउन नियम उल्लंघन के कुल 5 लाख 28 हजार 672 मामले पकड़े गये और 19 करोड़ 03 लाख 66 हजार रूपये का जुर्माना वसूला गया है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत पुलिस मुख्यालय द्वारा नदीम उद्दीन एडवोकेट को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड कार्यालय के लोेक सूचना अधिकारी से पुलिस कर्मियों के संक्रमित होने, लाकडाउन नियमों केे उल्लंघन के चालानांे  की संख्या तथा वसूले गये जुर्माने व शमन शुल्क की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी/पुलिस महानिरीक्षक (फायर/कार्मिक) एन0एस0 नपलच्याल ने अपने पत्रांक 351 दिनांक 26 अक्टूबर के साथ विवरण उपलब्ध कराया है।



उपलब्ध विवरण के अनुसार प्रदेश में 14 अक्टूबर तक 1087 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पाजिटिव पाये गयेे हैै तथा लाकडाउन के उल्लंघन में 5,28,672 कार्यवाही की गयी है तथा 1,903.66 लाख का जुर्माना वसूला गया हैै। इसमें 76,279 सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन, 3,77,498 मास्क न पहनने, 947 क्वारंटीन का उल्लंघन, 216 सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने तथा 73,732 अन्य उल्लंघन के मामले शामिल है।

उपलब्ध सूचना के अनुसार लाकडाउन नियमों का जनता से पालन कराते व  उल्लंघन पर कार्यवाही करते हुये मार्च में लाकडाउन प्रारंभ से इसके पीक समय 14 अक्टूूबर तक कुल 1087 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी पाजिटिव पाये गये। इसमें सर्वाधिक 247 हरिद्वार जिले में जबकि दूसरे स्थान पर 201 उधमसिंह नगर जिले में, तीसरे स्थान पर 142 नैनीताल जिले में, चौैथे स्थान पर 89 उत्तरकाशी जिले में, पांचवे स्थान पर देहरादून जिले में 73, छठे स्थान पर अल्मोड़ा जिले में 69, सातवें स्थान पर पौैड़ी जिले में 50, आठवेें स्थान पर टिहरी में 43, नवें स्थान पर बागेश्वर में 43, दसवें स्थान पर चमोली में 35, ग्यारहवेें स्थान पर चम्पावत में 32, बारहवेें स्थान पर पिथौैरागढ़ में 30 सबसे कम 25 रूद्रप्रयाग जिले में मिले हैं। जी0आर0पी0 में 8 पुलिस कर्मी संक्रमित मिले हैं।

उपलब्ध सूचना के अनुसार मास्क न पहनने वालों पर मार्च में लाकडाउन प्रारंभ से 14 अक्टूबर तक कुल 3 लाख 77 हजार 498 व्यक्तियों के विरूद्व कार्यवाही की गयी। इसमें सर्वाधिक 1,41, 882 व्यक्तियों के विरूद्व देहरादून जिले में दूसरे स्थान पर 59,893 हरिद्वार में, तीसरे स्थान पर 47,618 उधमसिंह नगर में, चौैथे स्थान पर नैनीताल में 42,381, पाचवें स्थान पर पौैड़ी में 17,549, छठे स्थान पर टिहरी में 17,138, सातवें स्थान पर बागेश्वर में 10,770, आठवें स्थान पर उत्तरकाशी में 8,720, नवें स्थान पर पिथौरागढ़ में 6,748 दसवें स्थान पर रूद्रप्रयाग में 6,629, ग्यारहवें स्थान पर चम्पावत में 6,501, बारहवेें स्थान पर अल्मोड़ा में 6,371,सबसे कम चमोली जिले में 5,002 लोगों के विरूद्व मास्क न पहनने पर कार्यवाही हुई है जबकि जी0आर0पी0 के अन्तर्गत रेलवे के क्षेत्रों में 296 व्यक्तियों को ही मास्क न पहननेे पर पकड़ा गया है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने रखा एक घंटे का उपवास

 पूर्व सीएम हरीश रावत ने रखा एक घंटे का उपवास

उत्तराखंड़ होटल एड रेसटोरेंट एसोशिएशन के समर्थन में सांकेतिक उपवास 



संवाददाता

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एंव कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत प्रदेश के पर्यटन को लेकर राज्य सरकार के विरुद्ध 11 बजे से 12 बजे तक मसूरी रोड़ स्थित अपने आवास में संकेतिक उपवास पर बैठे। उपवास के समापन पर प्रदेश के कौसोनी, नैनीताल, देहरादून, हरिद्वार सहित विभिन्न क्षेत्र से होटल व रेस्टोरेन्ट व्यवसाय से जुड़े उत्तराखण्ड़ होटल एण्ड रेस्टोरेन्ट एसोशिएशन के व्यवसायियों ने उनसे भेंट कर कोविड़ से उत्पन्न पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी अपनी कठिनाईयों से अवगत कराया। 

इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह कैसी बुद्धि है, यह कैसा निर्णय है कि राज्य कि आर्थिक गतिविधियों का मुख्य आधार पर्यटन पर ही सरकार हमला कर रही है। भाजपा की रैलियों को नही रोका जा रहा है परन्तु राज्य के पर्यटन से जुड़े होटल, रेस्टोरेन्ट, कुम्भ, क्रिसमस, विन्टर कार्निवल व नये साल के कार्यक्रमों पर प्रतिबन्ध लगाकर पर्यटन व्यवसाय पर चोट की जा रही है। जब ये कार्यक्रम हमारे यहां होने ही नही है तो पर्यटक क्यों आयेगा। 

उन्होने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत से सवाल किया कि राज्य के व्यवसायी व राज्य की अर्थव्यवस्था इतने प्रतिबन्धो के साथ कैसे पटरी पर आयेगी? महत्वपूर्ण दिवसों पर पर्यटक राज्य का रुख करता है जिससे लाखों लोगों की रोजी रोटी चलती है। उन्होंने कहा कि कोविड से़ पहले ही पर्यटन हमारा चौपट हो चुका और विभिन्न व्यवसाय से जुड़े लोगो के ऊपर बिजली, पानी और कर्मचारियों को बनाये रखने का भी भार पड़ा हुआ है जिस पर सरकार ने कोई सहायता नही की है। 

उन्होंने कहा कि वे उपवास पर सान्ता क्लाज के आवाहन् पर बैठे है। सान्ता क्लाज राज्य सरकार को सुबुद्धि प्रदान करें। 

इस अवसर पर रावत से भेट करने वाले होटल एंव रेस्टोरेन्ट के अध्यक्ष संदीप साहनी, शौलेन्द्र कर्णवाल, एस0सी0 गिलोतरा, अमित वैश्य, मन्नू कोचर, ईलियास अहमद, रामकुमार गोयल, रविश भटिजा, इन्द्रजीत सिंह, आलोक राठोर, सिद्धार्थ भटट्, सुमित सिंह, नीरज गुप्ता, नीरज गोयल, प्रणव गिलोतरा, संजय अग्रवाल आदि शामिल रहे।  


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आकाश द्वारा वर्ष 2020 के शिक्षा संबंधी घटनाक्रमों की समीक्षा

 आकाश द्वारा वर्ष 2020 के शिक्षा संबंधी घटनाक्रमों की समीक्षा 



आकाश चौधरी

देहरादून। वर्ष 2020 शिक्षा क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी रहा है। 34 वर्षों के अंतराल के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की शुरुआत हुई। यहां तक कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर के शिक्षकों और छात्रों के लिए काफी अनिश्चितता पैदा कर दी, जिससे दुनिया भर में ऑनलाइन पढाई में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई और इसे स्वीकृति प्रदान की गई।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की घोषणा वर्ष का मुख्य आकर्षण था। नई नीति हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली की कमियों से प्रभावी ढंग से निपटती है और एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। इस नीति के कई पहलुओं में एक प्रमुख पहलू शिक्षा और प्रौद्योगिकी का परस्पर संबंध है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने खुद को एक सूचना से भरपूर समाज में बदल दिया है और कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

लॉकडाउन के कारण इस वर्ष ई-लर्निंग, और ब्रॉडकास्टिंग क्लासेस की शुरुआत हुई, जिसने भौगोलिक दूरियों के बावजूद शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के तौर-तरीकों को तेजी से सक्षम बनाया, महानगरों और टियर 2/3 शहरों के बीच डिजिटल विभाजन को कम किया। डिजिटल साक्षरता में वृद्धि और स्मार्टफोन पैठ का विस्तार होने के साथ, ऑनलाइन पढाई का शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय कार्यप्रणाली के रूप में उभरना जारी है।

हालांकि कोविड-19 का टीका लगने के बाद स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बड़े पैमाने पर खोला जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन पढाई का अनुभव कई लोगों को हाइब्रिड पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा और छात्र सप्ताह में 3 दिन संस्थान आयेंगे और शेष 3 दिन ऑनलाइन अध्ययन करेंगे।

इस वर्ष के दौरान कठिन समय के अनुकूल खुद को ढालते हुए आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने कुछ उपायों के माध्यम से ऑनलाइन पढाई के शानदार अनुभव प्रदान किए- सभी नामांकित छात्रों के लिए शीर्ष शिक्षकों के वीडियो के साथ ऑनलाइन अध्ययन योजना, माइक्रोसॉफ्ट से लाइव ट्यूटरिंग प्लेटफॉर्म पर रोजाना लाइव व्याख्यान, छात्रों और उनकी पढाई का मूल्यांकन जारी रखने के लिए साप्ताहिक ऑनलाइन असाइनमेंट और टेस्टिंग मंच।

माता-पिता की चिंताओं को सुनने और उन्हें जल्दी हल करने के लिए अभिभावक शिक्षक ऑनलाइन बैठकें, एक-एक कर सभी छात्र अकादमिक टीमों से ऑनलाइन वीडियो कॉल से जुड़ते हैं ताकि छात्रों को उनकी पढाई को समझने में मदद मिल सके और उन्हें बेहतर करने में मदद मिल सके, छात्रों के लिए कम कीमत पर टैबलेट और स्मार्टफोन जैसे सीखने के उपकरणों की खरीद को आसान बनाया।

एईएसएल ने देश के दूरस्थ स्थानों में जेईई ध् एनईईटी उम्मीदवारों को कोचिंग  के लिए एयरटेल डिजिटल टीवी के साथ भागीदारी की। इसके साथ क्लासरूम और डिजिटल के बाद एईएसएल ने नीट और जेईई के लिए अलग टीवी चैनल उपलब्ध कराने के लिए सैटेलाइट एजुकेशन के क्षेत्र में कदम रखा।

मेरिटनेशन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली निःशुल्क ऑनलाइन लाइव कक्षाएं। मेरिटनेशन ने 7 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए और जेईई/नीट जैसी विशेष परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए स्कूल और संस्थानों के बंद होने के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए विशेष निःशुल्क लाइव कक्षाएं प्रदान कीं ताकि उनकी सीखने की प्रक्रिया प्रभावित न हो।

आकाश ने नीट और जेईई (मेन और एडवांस्ड) जैसे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों की मदद करने के लिए छात्रों के लिए लाइव ऑनलाइन क्रैश पाठ्यक्रम भी शुरू किया। चूंकि सरकार ने कोविड-19 वायरस के प्रसार की जांच के लिए शिक्षण केंद्रों और कार्यालयों को बंद करने के बारे में एडवाइजरी जारी की थी, इसलिए एईएसएल ने यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं ताकि छात्रों के लिए पढाई की निरंतरता बनी रहे। एईएसएल के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी अध्ययन, पठन सामग्री और परीक्षाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए।

महामारी के दौरान जेईई/नीट की तारीखों की घोषणा की गई थी, एईएसएल ने छात्रों को परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए सबसे अच्छे प्रयास किये हैं। इसके अलावा आकाश में शिक्षक देश भर में छात्रों के साथ आकाश लाइव के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़े हुए थे, जो जेईई ध् नीट उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से बनाया गया लाइव मॉड्यूल है।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) 2020 के लिए यह आगे बढने का वर्ष रहा है। इस वर्ष की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं- तेजी से विकास और व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने प्रबंधन को मजबूत करने और पेशेवर बनाने के लिए कंपनी के निरंतर प्रयासों के अनुरूप, एईएसएल ने अभिषेक माहेश्वरी को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया। अभिषेक एईएसएल के मुख्य प्रस्तावों की रणनीति तैयार करने और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे जिसमें क्लासरूम, हाइब्रिड और डिस्टेंस लर्निंग के साथ-साथ डिजिटल भी शामिल हैं। 

उनका फोकस समूह के लिए लाभदायक वृद्धि दिलाने के साथदृ साथ छात्रों को बेहतर समर्थन देने के लिए विभिन्न चौनलों में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया जारी रखना होगा। 2020 में एईएसएल ने 6 नई शाखाएं खोली है, इस तरह अब 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हमारी कुल 212 शाखाएं हो गई हैं, जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थानों में सबसे बडा है। आज, हमारे साथ 2.5 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं।

हमने यह भी देखा कि आकाश डिजिटल और मेरिटनेशन के साथ ऑनलाइन पढाई के क्षेत्र में हमारी उपस्थिति बढ़ रही है। वास्तव में डिजिटल क्षेत्र में अपनी वृद्धि जारी रखने के लिए एईएसएल ने इस वर्ष एक नई सहायक कंपनी आकाश एडु टेक प्राइवेट लिमिटेड (एईपीएल) का गठन किया। 2020 में आकाश इंस्टीट्यूट से नीट-यूजी में 84,200 से अधिक छात्रों ने क्वालीफाई किया थाय आकाशियन ने शीर्ष तीन स्थान हासिल किए, सामान्य श्रेणी में शीर्ष 100 में 34 स्थान हासिल किये, और 7 छात्र स्टेट टॉपर बने।

जेईई (एडवांस्ड) में 2020 में आकाश से 1,583 छात्रों ने क्वालीफाई किया। अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 1 आकाशियन ने हासिल किया, जबकि सभी श्रेणियों में शीर्ष 100 में 41 छात्रों ने जगह हासिल की। आकाश इंस्टीट्यूट के 140 छात्रों ने सभी श्रेणियों में शीर्ष 500 में और 247 छात्रों ने शीर्ष 1000 में जगह हासिल की।

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) ने क्रिकेटर युवराज सिंह को अपना ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने की घोषणा की। इसके अलावा इसने युवराज सिंह के साथ एक टीवीसी लॉन्च किया था, जिसने रिकॉर्ड तोड़ दिया और यूट्यूब पर 30 मिलियन व्यूज पार किए।

2020 में हमने प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया और प्रौद्योगिकी में भारी निवेश करके अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, ताकि हम छात्रों के लिए अपने पाठ्यक्रम में लगातार सुधार करें और क्षमताओं को बढ़ाएं। इसके लिए, कंपनी ने लगभग 2.5 लाख छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और एसएपी के साथ टाई-अप किया है। यह पहल भारत में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए माइक्रोसॉफ्ट टीमों का सबसे बड़ा कार्यान्वयन था जो एक आम मंच के माध्यम से आकाश की 210 से अधिक शाखाओं में 2.5 लाख से अधिक छात्रों और 2000 शिक्षकों को जोड़ेगा।

एईएसएल ने 2020 में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाई और चिकित्सा के छात्रों के लिए आकाश पीजी प्लस कार्यक्रम शुरू किया। यह कार्यक्रम एक विशेष रूप से डिजिटल कोर्स है जिसे विशेष रूप से एमबीबीएस कर रहे डॉक्टरों और वैसे प्रोफेशनलों को कोच करने के लिए तैयार किया गया है जो एमबीबीएस पूरा कर चुके हैं और पीजी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

आकाश क्लासरूम कार्यक्रम के सभी पूर्व छात्रों को संस्थान, शिक्षकों और बैचमेट्स से जोड़ने के उद्देश्य से एईएसएल ने पहली बार आकाश स्टुडेंट एलुमनी पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में संचार स्थापित करने के लिए संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से पूर्व छात्रों को आकाश इंस्टीट्यूट के बारे में नवीनतम समाचार और अपडेट प्राप्त होंगे और वे शिक्षा उद्योग में होने वाली प्रमुख घटनाओं से खुद को अवगत रख सकते हैं।

- लेखक आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक है।


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बुधवार, 23 दिसंबर 2020

बिना सेट टॉप बॉक्स बदले बदल सकेंगे ऑपरेटर

बिना सेट टॉप बॉक्स बदले बदल सकेंगे ऑपरेटर



एजेंसी

नयी दिल्ली। सरकार ने डीटीएच सेवा में विदेशी निवेश बढ़ाने, लाइसेंस शुल्क घटाने और सभी सेवा प्रदाताओं के लिए कॉमन सेट टॉप बॉक्स की मंजूरी प्रदान कर दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की डीटीएच सेवा से जुड़े दिशा-निर्देशों में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि डीटीएच सेवा संबंधी दिशा-निर्देशों में कई बदलाव किये गये हैं। सेवा प्रदाता अब आपसी सहमति से बुनियादी ढांचा जैसे स्पेक्ट्रम आदि साझा कर सकते हैं।

साथ ही सब्सक्राइबर प्रबंधन प्रणाली और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम से जुड़े कॉमन हार्डवेयर यानी कॉमन सेट टॉप बाक्स के इस्तेमाल की भी अनुमति मिल गई है। इससे डीटीएच ऑपरेटर बदलने पर उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स बदलने की जरूरत नहीं रहेगी।

डीटीएच सेवा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा 49 प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अब इस क्षेत्र में एफडीआई की सीमा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की नीति के अनुरूप होगी।

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देश जारी करेगा जिसके बाद ये फैसले प्रभावी होंगे।

एनटीपीसी को प्रतिष्ठित सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2020

 एनटीपीसी को प्रतिष्ठित सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2020 





एजेंसी

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड को कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के क्षेत्र में प्रतिष्ठित सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2020 दिया गया। एनटीपीसी को कारपोरेट उत्कृष्टता श्रेणी में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया है।

वर्चुअल प्लेटपफार्म के माध्यम से आयोजित 15वें सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबेलिटी पुरस्कार-2020 समारोह में निदेशक मानव संसाधन (एचआर) डी0के0 पटेल ने यह सम्मान ग्रहण किया। इस दौरान केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर उपस्थित थे।

यह पुरस्कार सीएसआर के क्षेत्र में सीआईआई-आईटीसी द्वारा दिया जाने वाला सर्वाेच्च पुरस्कार है। एनटीपीसी एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीएसयू) है, जिसने कारपोरेट उत्कृष्टता श्रेणी में इस पुरस्कार को प्राप्त किया है।

एनटीपीसी ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार लगातार दूसरी बार प्राप्त किया है। इससे पहले साल 2019 में भी एनटीपीसी लिमिटेड को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


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सरोज शाह महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव नियुक्त

 सरोज शाह महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव नियुक्त



संवाददाता

देहरादून। श्रीमती सरोज शाह को उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया है। उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सरिता आर्य ने नियुक्ति पत्र जारी कर यह सूचना दी है। श्रीमती सरोज शाह की नियुक्ति पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई दी।

नव नियुक्त प्रदेश सचिव श्रीमती सरोज शाह ने सचिव पद नियुक्त किये जाने पर उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सरिता आर्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सुष्मिता देव, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व, पूर्व उत्तराखंड सीएम हरीश रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जो दायित्व सौंपा है उसका वह निष्ठापूर्वक निर्वहन करेगी तथा प्रदेश में कांग्रेस की मजबूती के लिए कार्य करेगी।

वर्तमान में गैरसैंग में नगर पंचायत सभासर श्रीमती सरोज शाह पूर्व में उत्तराखंड आंदोलन सहित राजधानी संघर्ष समिति की अग्रणी नेत्री के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। 2004 के राजधानी आंदोलन में वह पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुई थी तथा तबसे लगातार गैरसैंग राजधानी आंदोलन में सक्रिय व अग्रणी भूमिका में रही है। वर्ष 2019 में गैरसैंग राजधानी संघर्ष समिति में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान वो पुलिस लाठीचार्ज में घायल भी हुई थी तथा उनपर मुकदमा भी दर्ज हुआ और उन्हें 4 दिनों तक पुरसाड़ी जेल में रहना पड़ा।

श्रीमती सरोज शाह को प्रदेश सचिव नियुक्त किए जाने पर ब्लाक कांग्रेस कमेटी गैरसैंण व जिला कांग्रेस कमेटी चमौली ने हर्ष व्यक्त करते हुए श्रीमती सरिता आर्य व प्रदेश नेतृत्व का आभार प्रकट किया है।


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इकबालपुर चीनी मिल से संबद्ध गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार: मोर्चा

 इकबालपुर चीनी मिल से संबद्ध गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार: मोर्चा     

#संसदीय कार्य मंत्री कौशिक कह रहे कि सभी गन्ना किसानों का हो चुका भुगतान | #विपक्ष भी आधी- अधूरी तैयारी के साथ पहुंचा सदन में !    

#सभी चीनी मिलों से  संबद्ध किसानों का हो चुका भुगतान, तो इकबालपुर चीनी मिल का क्यों नहीं !         

#पेराई सत्र 2017-18 का है 74.56 करोड,  2018-19 का है 104.  74 करोड तथा  2019- 20 का है 15.55 करोड रुपए बकाया |         

#सत्तापक्ष/विपक्ष  बकाया भुगतान के मामले में रख रहे गलत आंकड़े !      


   

संवाददाता   

देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेशभर की सहकारी/ सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की चीनी मिलों ने पेराई सत्र 2019-20 तक के सभी किसानों के गन्ने का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन जनपद हरिद्वार की इकबालपुर चीनी मिल से संबद्ध किसानों का पेराई सत्र वर्ष 2017-18 का 74.5 6 करोड़, 2018-19 का 104.74 तथा 2019- 20 का 15.55 करोड़ रूपया रुपए का भुगतान आज तक नहीं किया गया,जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है |    

 नेगी ने हैरानी जताई कि   सदन में  संसदीय कार्य मंत्री  कौशिक ने वक्तव्य जारी किया कि सभी गन्ना किसानों का  भुगतान हो चुका है तथा उनके वक्तव्य  के पश्चात विपक्ष भी बगले झांकने लगा ,यानी विपक्ष आधी-अधूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचा था, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है | सभी चीनी मिलों यथा बाजपुर कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री, दि किसान सहकारी चीनी मिल्स, नादेही, किच्छा शुगर कंपनी, डोईवाला शुगर कंपनी, उत्तम शुगर मिल्स, आरबीएनएस शुगर मिल्स आदि सभी मिलो पर किसानों का कुछ भी बकाया नहीं है, जोकि बहुत अच्छी बात है |                         

नेगी ने कहा कि कई-कई वर्षों तक गन्ना किसानों के भुगतान के मामले में सरकार की उदासीनता निश्चित तौर पर किसानों के साथ बहुत बड़ा छलावा है | चीनी मिल  द्वारा किसानों का  बकाया भुगतान नहीं किया गया, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही |          

नेगी ने कहा कि सत्तापक्ष व विपक्ष द्वारा भी बकाया भुगतान की धनराशि के मामले में सही आंकड़े पेश नहीं किए गए हैं |  मोर्चा सरकार से किसानों के बकाया भुगतान के मामले श्वेत पत्र जारी करने की मांग करता है |

मेकअप हटाने, चोट का निशान और खुजली दूर करने के लिए वैसलीन लगाएं

 मेकअप हटाने, चोट का निशान और खुजली दूर करने के लिए वैसलीन लगाएं



प0नि0डेस्क

देहरादून। आप लंबे नाखून रखना पसंद करते हैं लेकिन कई बार नाखून बार-बार टूटने लगते हैं तो नाखूनों पर रोज वैसलीन लगायें। दरवाजों और अलमारी को खोलते व बंद करते समय आने वाली आवाज से परेशान हैं तो इनके जोड़ों पर वैसलीन लगायें। इस मौसम में वैसलीन अधिकांश घरों में प्रयोग होता है। 

आमतौर पर लोग इसे फटे होंठो पर या एड़ियों को मुलायम बनाने के लिए लगाते हैं। लेकिन इसके और भी कई उपयोग है। इसे आप मेकअप रिमूवर की तरह या दरवाजे से आ रही आवाज दूर करने के लिए भी यूज कर सकते हैं। यहां बताए जा रहे टिप्स आपके काम आएंगे।

वैसलीन घावों को नर्म रखने में मदद करता है। इससे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। ये चोट के निशान और खुजली दूर करने में भी मदद करता है। अगर घाव मामूली है तो उसे गुनगुने पानी से साफ करें और पिफर वैसलीन लगाएं। इसे आप मेकअप रिमूवर की तरह उपयोग कर सकते हैं। अपना मेकअप साफ करने के लिए वैसलीन लगाकर रूई से सापफ कर लें और चेहरा धो लें। इससे स्किन साफ्रट हो जाएगी।

अगर नाखूनों के क्यूटिकल्स निकल जाते हैं तो रात को सोने से पहले नाखून और उसके आसपास वैसलीन लगा कर मसाज कर लें। फिर दस्ताने पहन कर सो जाएं। इससे समस्या दूर होगी। लंबे नाखून रखना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार नाखून बार-बार टूटने लगते हैं तो नाखूनों पर रोज वैसलीन लगाएं। इससे नाखूनों की ग्रोथ बढ़ेगी और वह मजबूत होंगे।

दरवाजों और अलमारी को खोलते व बंद करते समय आने वाली आवाज से परेशान हैं तो इनके जोड़ों पर वैसलीन लगाएं। इससे आवाज आना बंद हो जाएगी।


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माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

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