सोमवार, 29 नवंबर 2021

74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का भव्य शुभारम्भ

 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का भव्य शुभारम्भ



सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जियेंः सत्गुरु सुदीक्षा महाराज

संवाददाता

समालखा। परमात्मा ने यह सृष्टि और मनुष्य का निर्माण केवल प्यार करने के लिए किया है। अतः सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जियें, यही मनुष्य जीवन का मुख्य लक्ष्य है। उक्त उद्गार सत्गुरु सुदीक्षा महाराज ने वर्चुअल रूप में आयोजित संत निरंकारी मिशन के तीन दिवसीय 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के शुभारंभ पर मानवता के नाम सन्देश में व्यक्त किए। हरियाणा के समालखा और गन्नौर के बीच जीटीरोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल से इस सन्त समागम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है जिसका आनंद भारत तथा दूर देशों में बसे हुए लाखों निरंकारी श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभुप्रेमी सज्जनों द्वारा मिशन की वेबसाईट तथा साधना टीवी चैनल के माध्यम से लिया जा रहा है। 



सत्गुरु माता ने कहा कि कोरोना ने मानव को रोज़मर्रा की जिंदगी में निःस्वार्थ भाव से एक-दूसरे पर विश्वास करना सिखाया। हम सभी के अंदर इस परमात्मा को देखते हुए एक-दूसरे का सत्कार करें, नर सेवा, नारायण सेवा का भाव रखंे, यही परम धर्म है। हमें जाग्रत रहना है और ध्यान रखना है कि इस धरती से जब जायें, तो इसे पहले से बेहतर छोड़कर जायें।

परमात्मा को जानकर उस पर विश्वास करने से आनंद की अवस्था प्राप्त होती है। यदि हम सामाजिक रूप में देखें तो केवल सह-अस्तित्व ही नहीं अपितु शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव से जियें। परमात्मा ने हमें जो प्राकृतिक स्रोत दिये हैं उनका हम सदुपयोग करें।



सत्गुरू सुदीक्षा महाराज के आगमन पर सन्त निरंकारी मंडल एवं केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों नेे उनका हार्दिक स्वागत किया। उसके बाद कार्यकारिणी समिति के सदस्यों, केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्यों, मंडल के विभिन्न विभागों के समन्वयकों एवं मिशन के रोशन मीनार सन्तों द्वारा एक फूलों से सुसज्जित खुले वाहन (पालकी) द्वारा सत्गुरु को मुख्य मंच तक ले जाया गया। 

समागम के दूसरे दिन दोपहर 12.00 से 2.00 बजे तक सेवादल रैली का आयोजन किया जा रहा है उसके उपरांत सांय 5.00 से रात्रि 9.30 बजे तक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। तीसरे दिन 29 नवंबर को सांय 5.00 से रात्रि 9.30 बजे तक सत्संग का आयोजन किया जायेगा जिसमें बहुभाषी कवि सम्मेलन मुख्य आकर्षण रहेगा। समागम के तीनों दिन सत्गुरु सुदीक्षा महाराज के प्रवचन रात्रि 9.00 से 9.30 बजे के मध्य होंगे।  

वर्चुअल रूप में आयोजित इस संत समागम के अवसर पर सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के निर्देशों का यथा योग्य पालन किया जा रहा है।


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भारतीय नौसेना अकादमी में पासिंग आउट परेड का आयोजन

 भारतीय नौसेना अकादमी में पासिंग आउट परेड का आयोजन

एजेंसी 



चैन्नई। भारतीय नौसेना अकादमी आईएनए एझिमाला में आयोजित एक शानदार पासिंग आउट परेड में 231 प्रशिक्षुओं में 101 आईएनएसी के मिडशिपमैन, 31 नेवल ओरिएंटेशन कोर्स (एक्सटेंडेड) के कैडेट तथा 33 नेवल ओरिएंटेशन कोर्स (रेग्युलर और कोस्ट गार्ड) के कैडेट अपने शुरुआती प्रशिक्षण की समाप्ति पर पास आउट हुए।

मालदीव की रक्षा मंत्री सुश्री मारिया अहमद दीदी ने परेड की समीक्षा की, जिन्होंने सेरेमोनियल रिव्यू के पूरा होने पर मेधावी मिडशिपमैन और कैडेट्स को पदक प्रदान किए। दक्षिणी नौसेना कमान के फ्रलैग आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल अनिल कुमार चावल संचालन अधिकारी थे।

भारतीय नौसेना अकादमी बी0टेक कोर्स के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक मिडशिपमैन रंजन कुमार सिंह को प्रदान किया गया। सपफल प्रशिक्षु अपनी चमचमाती तलवारों और राइफलों के साथ सैल्यूट की मुद्रा में परंपरागत औल्ड लैंग साइन की धुन दुनिया भर में सशस्त्र बलों द्वारा बजाई जाने वाली मार्मिक विदाई धुन जब सहयोगियों और साथियों को विदा किया जाता है, भारतीय नौसेना अकादमी में उनके अंतिम पग या अंतिम चरण हेतु विदा किया जाता है, के साथ अकादमी के क्वार्टरडेक इन स्लो मार्च के सामने से मार्च करते हुए गुजरे।



मालदीव की रक्षा मंत्री सुश्री मारिया अहमद दीदी ने परेड में प्रशिक्षुओं को उनके त्रुटिहीन टर्न आउट, स्मार्ट ड्रिल और परेड पर लय के लिए बधाई दी। समीक्षा अधिकारी ने कर्तव्य, सम्मान और साहस के मूलभूत मूल्यों पर जोर दिया। समीक्षा अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं की रैंक स्ट्रिप्स को लगाया और उनको इस कठोर प्रशिक्षण के सफल समापन के लिए बधाई दी। यह अधिकारी विशेष क्षेत्रों में अपने प्रशिक्षण को और बेहतर करने के लिए नौसेना के विभिन्न जहाजों और प्रतिष्ठानों में जाएंगे। कोविड-19 के दौरान कैडेट्स को प्रशिक्षित करने के चुनौतीपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करने और आईएनए में आटम टर्म 2021 के सफल समापन में अकादमी द्वारा स्थापित कड़े एहतियाती उपायों की महत्वपूर्ण भूमिका थी।


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हिंदुस्तान जिंक को विभिन्न श्रेणियों में 13 पुरस्कार

 हिंदुस्तान जिंक को विभिन्न श्रेणियों में 13 पुरस्कार

पंतनगर मेटल प्लांट की टीम ने क्वालिटी कांसेप्ट फेसिलेटिंग सोशल एवं इकोनामिक टर्नअराउंड थीम पर जीता पुरस्कार



संवाददाता

पंतनगर। हिंदुस्तान जिंक के चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर, दरीबा स्मेल्टिंग काम्प्लेक्स, रामपुरा आगुचा और कायड माइंस ने इंटरनेशनल कन्वेंशन आन क्वालिटी कंट्रोल सर्किलों में शीर्ष पुरस्कार जीते। क्वालिटी सर्किल फोरम आफ इंडिया द्वारा हैदराबाद में आयोजित 46वें इंटरनेशनल कन्वेंशन में विभिन्न श्रेणियों में अवार्ड से सम्मानित किया गया।

पार एक्सीलेंस एट आईसीक्यूसीसी के लिये दरीबा स्मेल्टिंग काम्प्लेक्स और पंतनगर मेटल प्लांट से दो-दो टीमों, चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर यूनिट-2 से एक टीम और चंदेरिया सीपीपी से एक टीम, रामपुरा अगुचा और कायड माइंस से एक एक टीम एवं एक्सीलेंस अवार्ड के लिये चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर से तीन, पंतनगर मेटल प्लांट और रामपुरा अगुचा माइंस से एक-एक टीम ने क्वालिटी कांसेप्ट पफेसिलेटिंग सोशल एवं इकोनामिक टर्नअराउंड थीम पर केस स्टडीज प्रस्तुत कर यह उपलब्धि हासिल की।

गौरतलब है कि हिंदुस्तान जिंक नवाचार और उच्च प्रदर्शन की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता पर बहुत जोर देता है। गुणवत्ता लक्ष्य के लिए तय मानकों को प्राप्त करने और बनाए रखने में कंपनी प्रतिबद्व है जो हमें व्यापारिक लक्ष्यों को भी हासिल करने में मदद करते हैं।


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शनिवार, 27 नवंबर 2021

रिकार्डधारक रक्तदाता अनिल वर्मा का सम्मान

 यूथ रेडक्रास कमेटी के शिविर में युवाओं द्वारा रक्तदान



रिकार्डधारक रक्तदाता अनिल वर्मा  का सम्मान

संवाददाता

देहरादून। यूथ रेडक्रास कमेटी द्वारा शिवालिक कॉलेज आफ इंजीनियरिंग में आयोजित रक्तदान शिविर तथा विचार गोष्ठी में 104 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। इस अवसर पर 139 बार रक्तदान कर चुके अनिल वर्मा को विशिष्ट योगदान के लिए शिवालिक रक्तदान सेवा अवार्ड-2021 से सम्मानित किया गया।

शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य रेडक्रास सोसायटी के महासचिव डा0 एमएस अंसारी, अति विशिष्ट अतिथि भारत विकास परिषद् द्रोण रोहित कोचगवे कार्यक्रम अध्यक्ष शिवालिक कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डा0 गणेश भट्ट, शिविर जिला रेडक्रास सोसायटी के वाईस चेयरमैन सुभाष चौहान, यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा, महन्त इंद्रेश हॉस्पिटल ब्लड बैंक की मेडिकल आफिसर डा0 वगीशा गर्ग, विशिष्ट अतिथि मेजर प्रेमलता वर्मा, श्रीमती पद्मिनी मल्होत्रा, विकास कुमार, रोहित कोचगवे, श्रीमती अंतेजा बिष्ट तथा श्रीमती रूपाली शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

 मुख्य अतिथि डा0 एमएस अंसारी ने कहा कि रक्त का कृत्रिम निर्माण संभव न हो सकने तथा किसी पशु पक्षी का रक्त नहीं चढ़ाये जा सकने के कारण केवल मानव का रक्त ही किसी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। इसलिए रक्तदान को महादान जीवनदान कहा जाता है। चूंकि रक्त को अधिक समय तक ब्लड बैंक में भी सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। अतः युवाओं को हर तीन महीने बाद लगातार मानवीय कर्तव्य समझकर स्वैच्छिक रक्तदान करना चाहिए।

शिविर आयोजक अनिल वर्मा ने कहा कि देश में रक्तदान क्रांति की जरूरत है। रक्तदाताओं को रेगुलर ब्लड डोनर होना चाहिए। आज भी दुर्घटनाओं में या प्रसव के दौरान ही अनेक व्यक्ति प्रतिदिन केवल इसलिए मौत का शिकार हो जाते हैं क्योंकि उन्हें वक्त पर रक्त नहीं मिल पाता। हमारे देश में रक्तदान के प्रति निस्संदेह जागरूकता आई तो है परन्तु सच्चाई यह भी है कि आज भी एक प्रतिशत से अधिक युवा रक्तदान नहीं करते। 

उन्होंने कहा कि नियमित रूप से रक्तदान करते रहने से रक्तदाता को कमजोरी के बजाय लाभ होता है। रक्तदान करने पर बोन मैरो एक्टिवेट होने से शरीर में नये रक्त का संचार होता है। जिससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लाज्मा व प्लेटलेट्स  के गुणों में वृ(ि होती है।

कार्यक्रम अध्यक्ष शिवालिक कॉलेज के प्रिंसिपल डा0 गणेश भट्ट ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति तथा फास्ट फूड की लत को भी ब्लड बैंकों में रक्त की कमी के लिए जिम्मेदार बताया। विशिष्ट अतिथि पद्मिनी मल्होत्रा ने  छात्राओं व महिलाओं में एनीमिया की समस्या व समाधान पर विस्तार से बताया। 

गोष्ठी में सुभाष चौहान वाईस चेयरमैन, कार्यकारिणी सदस्य विकास कुमार तथा श्रीमती अंतेजा बिष्ट ने भी विचार व्यक्त किए। शिविर में इंद्रेश हास्पिटल ब्लड बैंक टीम के समन्वयक अमित चंद्रा, टेक्नीशियन राकेश कुकरेती, सचिन सेमवाल, विकास सिंह व जितेन्द्र पांडे सम्मिलित थे।


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शासन के निर्देशों को हवा में उड़ा रहे विभागाध्यक्ष: मोर्चा

शासन के निर्देशों को हवा में उड़ा रहे  विभागाध्यक्ष: मोर्चा     



# मातहत अधिकारी भी कर रहे इनका अनुसरण, नहीं ले रहे जनसमस्याओं के निराकरण में दिलचस्पी
# कई-कई माह तक नहीं होता फाइलों का मूवमेंट| #मुख्यमंत्री मामले का संज्ञान लें कराएं मॉनिटरिंग             
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में अधिकांश विभागों के  निकम्मे एवं गैर जिम्मेदार अधिकारियों को शासन एवं मुख्यमंत्री के निर्देशों की भी कोई परवाह नहीं है, जिसका प्रमाण यह है कि कई- कई महीनों तक फाइलों पर कार्रवाई तो दूर, फाइलों का मूवमेंट तक नहीं हो पाता, जिसकी वजह से आमजन व कर्मचारियों के हितों से जुड़ी पत्रावलियां रास्ते में ही दम तोड़ देती हैं तथा मजबूरन आमजन व पीड़ित कर्मचारियों को आंदोलनों का सहारा लेना पड़ता है।         
नेगी ने कहा कि इस मामले को लेकर मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर निकम्मे एवं गैर जिम्मेदार अधिकारियों के पेंच कसने, मामले में मॉनिटरिंग कराने एवं इनके खिलाफ कार्यवाही करने का आग्रह किया है। नेगी ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि शासन के निर्देशों को भी अधिकांश विभागाध्यक्ष हवा में उड़ा रहे हैं तथा इनका अनुसरण कर मातहत अधिकारी भी पत्रावलियों के निस्तारण में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। कई मामलों में तो मुख्य सचिव तक को इनको हिदायत देनी पड़ती है तथा कई बार शासन कई-कई अनुस्मारक भेजकर इनको चेताने का काम करता है, तब जाकर कहीं पत्रावली मूवमेंट करती है या फिर व्यक्ति अपने संबंधों एवं प्रयास के आधार पर पत्रावलियों को एक पटल से दूसरे पटल पर पहुंचाने में सफल होता है।                   
पत्रकार वार्ता में ओपी राणा व अमित जैन भी मौजूद थे।

एसजेवीएन द्वारा एमएसएमई के लिए वेंडर डेवलपमेंट मीट का आयोजन

 एसजेवीएन द्वारा एमएसएमई के लिए वेंडर डेवलपमेंट मीट का आयोजन



संवाददाता
चंडीगढ़। नन्‍द लाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए एक वेंडर डेवलपमेंट मीट संबंधी बैठक का चंडीगढ़ में उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह, श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), एके सिंह निदेशक (वित्त) तथा सुशील कुमार शर्मा निदेशक (विद्युत) की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया।  इस अवसर पर एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नन्‍द लाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि वेंडर डेवलपमेंट मीट कार्यक्रमों का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्‍यम उद्यमों (एमएसएमई) की क्षमता का निर्माण करना तथा सार्वजनिक प्रोक्‍यूरमेंट प्रक्रिया में उनकी सहभागिता को बढ़ाना है। एसजेवीएन अपनी विकास यात्रा में एमएसएमई के योगदान को सुदृढ़ करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहा है।
शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम उद्यमियों को विकसित करने तथा विक्रेताओं का एक ऐसा समूह तैयार करने के प्रति एसजेवीएन की प्रतिबद्धता पर बल देते हैं, जो समग्र रूप से समाज के लिए आर्थिक उपयोगिता निष्‍पादित कर सकते हैं।  सतत विक्रेता विकास के माध्यम से इस महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में एमएसएमई को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।  यह न केवल भारत सरकार की पहल "मेक इन इंडिया"  को मजबूत करने में एक लंबा मार्ग प्रशस्‍त करेगा, अपितु राष्ट्र के विकास में भी योगदान देगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य एमएसएमई हेतु सार्वजनिक क्रय नीति के अंतर्गत एसजेवीएन के लिए संभावित विक्रेताओं के रूप में विकसित होने के अवसर सृजित करना है।
एसजेवीएन में एमएसएमई के मध्‍य अधिकाधिक जागरूकता उत्‍पन्‍न करने के लिए एसजेवीएन तथा ई- प्रोक्‍यूरमेंट प्रक्रिया पर एक विस्तृत प्रेजेन्‍टेशन प्रस्‍तुत किया गया। अन्य प्रेजेन्‍टेशनों में ऑनलाइन पोर्टल पर बोलीदाताओं की पंजीकरण प्रक्रिया के संबंध में विस्‍तृत जानकारी दी गई। अंत में एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया जहां वेंडर क्‍वारिज पर चर्चा की गई। 
बैठक के दौरान एसजेवीएन ने एनएसआईसी, जेम(GeM), उद्यम तथा ई- प्रोक्‍यूरमेंट प्लेटफॉर्म पर ऑन-बोर्डिंग ऑफ द वेंडर सुविधा भी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान एमएसएमई विकास संस्थान, सरकारी ई-मार्केट प्लेस जेम(GeM), राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), नेशनल एससी/एसटी हब (एनएसएसएच), एम1 एक्सचेंज तथा इनवॉयस मार्ट द्वारा भी प्रेजेन्‍टेशन दी गईं।त्र

शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

लाइन शिफ्टिंग मामले में यूपीसीएल ले रहा जीएसटी पर चक्रवृद्धि जीएसटी: मोर्चा

 लाइन शिफ्टिंग मामले में यूपीसीएल ले रहा जीएसटी पर चक्रवृद्धि जीएसटी: मोर्चा                 


# मटेरियल पर ले रहा 18 फ़ीसदी जीएसटी  
# लेबर चार्जेस 18 फ़ीसदी          
# सुपरविजन चार्जेस 18.45 फ़ीसदी       
# लेबर सेस 1 फ़ीसदी 
# समस्त मटेरियल एवं  सेवाओं पर फिर से 18चक्रवृद्धि जीएसटी  
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर विद्युत लाइन शिफ्टिंग एवं बनवाने, लंबी दूरी से विद्युत संयोजन लेने हेतु अतिरिक्त विद्युत पोल स्थापित करने के मामले में यूपीसीएल प्रदेश की जनता को टैक्स के नाम पर लूटने का काम कर रहा है, जिस पर सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।                
नेगी ने कहा कि विभाग जनता से शिफ्टिंग में प्रयुक्त होने वाले मटेरियल पर 18 फ़ीसदी जीएसटी,लेबर पर 18  फ़ीसदी, सुपर विजन चार्जेस 18.45 फ़ीसदी और लेबर सेस 1 फ़ीसदी तथा इन समस्त  टैक्सेस के कुल जोड़ पर जोड़ (चक्रवृद्धि) के कुल योग पर 18 फ़ीसदी जीएसटी वसूल रहा है, जोकि एक तरह से मटेरियल की रकम का लगभग दोगुना हो जाता है यानी ₹100/120 के मटेरियल पर लगभग ₹70/80 टैक्स वसूला जा रहा है।नेगी ने कहा कि इतनी भारी-भरकम लूट के बावजूद भी सरकार की खामोशी निश्चित तौर पर चिंताजनक है।      मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इस लूट को बंद करने के लिए तुरंत कार्रवाई करे।     
पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।

सोमवार, 22 नवंबर 2021

छात्र-छात्राओं को सफल होने के गुर बताये गए

 भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कैरियर काउन्सिलिंग कार्यक्रम



छात्र-छात्राओं को सफल होने के गुर बताये गए 

कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में कैरियर काउन्सिलिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप थाना लैंसडाउन के प्रभारी संतोष सिंह कुँवर उपस्थित रहे। 

मुख्य वक्ता के रूप में संतोष सिंह ने छात्र-छात्राओं को सफल होने के गुर बताते हुए कहा कि उन्हें अपने जीवन में तीन प्रमुख गुणों स्वास्थ्य रक्षा, दृढ़ संकल्प शक्ति एवं ईमानदारी का अनुशीलन करना चाहिए। इन गुणों को आत्मसात अवश्य करने से वे जीवन के कठिन से कठिन लक्ष्य भी आसानी से हासिल कर सकेंगे। 

इसके साथ ही थाना प्रभारी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को नशाखोरी की लत से बचने एवं अपनी किसी समस्या जिसको बताने में उन्हें संकोच होता हो, उसे महाविद्यालय के शिकायत निवारण बाक्स में डालने के लिये प्रेरित किया। 

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 मामचंद्र ने छात्र-छात्राओं को आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के गुर बताए तथा आश्रित रहने के बजाय उन्हें केवल सरकारी नौकरी पर स्वउद्यमिता के द्वारा स्वरोजगार के लिये भी अभिप्रेरित किया। 

कार्यक्रम का संचालन वनस्पति विज्ञान के प्रभारी डा0 आरके द्विवेदी ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के अलावा प्रो0 एसपी मधवाल, डा0 आर0के0 सिंह, डा0 मो0 शहजाद, डा0 पवनिका चंदोला, डा0 हिमानी, डा0 गुंजन आर्या एवं अन्य शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी मौजूद रहे।


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मोर्चा ने गन्ना किसानों की भी सुध लेने की लगाई गुहार

 मोर्चा ने गन्ना किसानों की भी सुध लेने की लगाई गुहार



मोर्चा का कहना है-

- वर्तमान पेराई सत्र में महंगाई के हिसाब से गन्ना मूल्य में हो वृद्वि

- वर्षों से गन्ने की कीमतें हैं स्थिर, लेकिन महंगाई बढ़ी कई गुना 

- वर्ष 2017-18 में था गन्ने का मूल्य 316/326 प्रति कुंटल 

- वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक था मूल्य 317/327 रूपये

- कई-कई महीनों भुगतान न होने का दंश भी झेलता है किसान 

संवाददाता

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि सरकारें गन्ना किसानों की पीड़ा को समझने में नाकाम साबित हुई है, जिसका नतीजा यह है कि इन तीन-चार सालों में गन्ने के मूल्य में कोई वृष् िनहीं हुई, जबकि महंगाई कई गुना बढ़ी है। 

उनका कहना था कि पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स, शिक्षा, खाद्य पदार्थ, टैक्स आदि सभी  मामलों में अप्रत्याशित वृद्वि हुई है। अगर कीमतों की बात करें तो सरकार ने वर्ष 2017- 2018 में सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 316 तथा अगेती प्रजाति का मूल्य 326 रूपये प्रति कुंटल निर्धारित किया था तथा इसी प्रकार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक  कीमतें में 317/327 रूपये यथावत रखी गई हैं, जोकि किसानों के साथ बड़ी नाइंसाफी है। सरकार ने इन 3-4 सालों में गन्ना मूल्य में मात्र 1 प्रति कुंटल की बढ़ोतरी की है।

नेगी ने कहा कि गन्ने से उत्पादित शीरा से भी सरकार मुनाफा कमाती है, लेकिन इसके विपरीत सरकार, मिल द्वारा कई-कई महीनों (कई मामलों में सालों तक) तक भुगतान न होने का दंश भी किसान को झेलना पड़ता है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 हेतु अप्रत्याशित महंगाई को देखते हुए गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की जाए।

पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज भी मौजूद थे।


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अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करवा दें पेंशनर्स

अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करवा दें पेंशनर्स

30 नवंबर तक निपटा लें यह जरूरी काम वरना होना पड़ेगा परेशान



प0नि0डेस्क

देहरादून। नवंबर महीने में कई जरूरी काम करने की आखिरी तारीख है। पेंशनर्स को 30 नवंबर तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होगा। ऐसा न करने पर उनकी पेंशन रुक सकती है। इसके अलावा अगर आप होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का खास होम लोन आफर इस महीने खत्म हो रहा है। 

ऐसे ही कुछ काम जो आपको इस महीने निपटाने हैं-

पेंशनर्स को अपनी पेंशन को पाते रहने के लिए हर साल 30 नवंबर तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इस लाइफ सर्टिफिकेट का मतलब होता है कि पेंशनर जीवित है। पेंशनर्स को पेंशन पाते रहने के लिए 30 नवंबर तक हर हाल में अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होगा ताकि उनकी पेंशन रुक न जाए।

एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस ने 2 करोड़ रुपए तक के होम लोन के लिए होम लोन की दर घटाकर 6.66 फीसदी कर दी है। यह आफर 30 नवंबर तक लिए गए होम लोन पर ही लागू होगी। इसके बाद से कंपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है।

जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 9 में प्रवेश के लिए 30 अप्रैल 2022 को आयोजित होने वाले चयन परीक्षा के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। इस तारीख तक नवोदय विद्यालय समिति की आधिकारिक वेबसाइट दंअवकंलंण्हवअण्पद पर जाकर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

जवाहर नवोदय विद्यालय सेलेक्शन टेस्ट कक्षा 9 में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट 09 अप्रैल 2022 को होना है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे का एडमिशन जवाहर नवोदय विद्यालय में कराना चाहते हैं तो जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन करा दें।


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उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डीजीपी से मांगी आख्या

 जातिसूचक अभद्रता मामले में उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डीजीपी से मांगी आख्या



गौरतलब है कि-

विनोद कुमार ने आयोग में लगाई थी न्याय की गुहार

पुलिस को 29 नवम्बर तक राज्य अनुसूचित आयोग को देना होगा जवाब

डांडा धर्मपुर बद्रीश कालोनी में विवादित जमीन का मामला

पार्षद कमली भट्ट और उनके साथ आए असामाजिक तत्वों पर हैं विनोद की भूमि कब्जाने का आरोप

संवाददाता

देहरादून। उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डांडा धर्मपुर बद्रीश कालोनी के एक व्यक्ति के साथ मारपीट और जातिसूचक अपशब्दों के प्रयोग को लेकर पुलिस महानिदेशक से आख्या मांगी है। आयोग ने 29 नवम्बर तक आख्या देने का निर्देश दिया है। आरोप है कि स्थानीय पार्षद कमली भट्ट और कुछ आसामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया।  

बता दें कि मामला 30 सितम्बर का है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा स्वयं और 8-10 अन्य आसामाजिक लोगों के साथ आया और प्रार्थी की प्रापर्टी पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे और प्रार्थी को जाति सूचक गालियां दी। विनोद के मुताबिक उसे लाठी डण्डों से भी पीटा गया। इन लोगों ने वहां अन्य लोगों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया और विवादित जमीन को कब्जाने की कोशिश की। विनोद हरिजन जाति का व्यक्ति है और विगत कई वर्षों से उक्त भूमि पर काबिज काश्त करता चला आ रहा है।

विनोद कुमार के अधिवक्ता एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार विनोद ने इस घटना की जानकारी 112 नम्बर पर अपने फोन से दी। उसका आरोप है कि नेहरू कालोनी थाने में उसका शिकायती पत्र तथा मारपीट का मेडिकल की रिसीविंग भी नहीं दी गयी। इसके बाद उसने अगले दिन डाक के माध्यम से सूचना प्रेषित की। एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने कहा कि इस पूरे मामले में खानापूर्ति के लिए उपनिरीक्षक से जांच करवायी गई जो नियम विरूद्व है। एसटी-एससी मामले में केवल सीओ लेवल का अधिकारी ही जांच कर सकता है।  

इसके दूसरे दिन पार्षद कमली भट्ट और उनके साथ आए असामाजिक तत्वों ने भी विनोद की भूमि कब्जाने की कोशिश की। इस जमीन का मामला अदालत में विचाराधीन है। विनोद का आरोप है कि पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी में पुलिस ने विनोद के आरोपों और तथ्यों को गलत करार दिया। इसके बाद विनोद कुमार ने अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली। आयोग ने अब इस मामले में पुलिस से आख्या मांगी है।


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रविवार, 21 नवंबर 2021

कार्मिकों को सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने का दंड नहीं दिया जा सकता

 कार्मिकों को सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने का दंड नहीं दिया जा सकता



उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण द्वारा वरिष्ठ पुुलिस अधीक्षक-पुलिस महानिरीक्षक का आदेश निरस्त

आईपीएस अधिकारी की शिकायत पर कांस्टेबिल के विरूद्व किया गया था आदेश

संवाददाता

काशीपुर। उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारी अधिकारियों के सेवा सम्बन्धी मामलोें का निर्णय करने वाले विशेष न्यायालय (ट्रिब्युनल) की नैनीताल पीठ ने स्पष्ट किया कि कार्मिकों को सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने का दंड नहीं दिया जा सकता है। उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण ने तत्कालीन उधमसिंह नगर जिले में तैनात कांस्टेबिल को एसएसपी उधमसिंह नगर द्वारा दिये गये इस दण्डादेश को निरस्त कर दिया तथा इससेे सम्बन्धित आईजी कुमाऊं के अपील आदेश को भी निरस्त कर दिया।

वर्तमान में नैनीताल जिले में तैनात पुलिस कांस्टेबिल अमित देवरानी की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने लोक सेवा अधिकरण नैैनीताल पीठ में पफरवरी 2021 में याचिका दायर की। इसमें कहा गया था कि जब कान्स0 अमित देवरानी उधमसिंह नगर जिले की थाना बाजपुर के अन्तर्गत पुलिस चौैकी सुल्तानपुर पट्टी में तैनात थे तो तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक आयुष अग्रवाल (आईपीएस) द्वारा उन पर संदिग्ध गतिविधियांें, अवैैध वसूली आदि की शिकायतें उन्हें लगातार प्राप्त हो रही थी। इसकी लिखित शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास आयी। एसएसपी ने इसकी जांच सीओ बाजपुर से करायी। 

जांच में अवैैध वसूली करने की कोई पुष्टि नहीं हुई। इस शिकायत व जांच को आधार बनाते हुये तत्कालीन एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने अमित देवरानी के पक्ष पर विचार किये बगैर उसे 2019 में निन्दा प्रविष्टि तथा 2018 का सत्यनिष्ठा र्प्रमाण पत्र रोकने का दंड दे दिया। इसकी देवरानी ने तीन माह केे अंतिम दिन अपील की जिसको कालाबाधित लिखित करके उसे संज्ञान में न लेने का आदेश तत्कालीन आईजी जोन जेआर जोशी ने पारित कर दिया। इस पर देवरानी द्वारा अपने अधिवक्ता नदीम उद्दीन के माध्यम से लोक सेवा अधिकरण की नैैनीताल पीठ में दावा याचिका दायर की। 

याचिका में उनके विरूद्व विभागीय दंड के आदेशों को निरस्त करने का निवेदन किया गया। पुलिस विभाग व सरकार की ओर प्रति शपथ पत्रा दाखिल करके दंड आदेशों व अपील आदेश को सही बताते हुये याचिका निरस्त करने की प्रार्थना की गयी। 

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट के विजय सिंह बनाम स्टेट आफ यूपी के निर्णय की रूलिंग प्रस्तुत करते हुये सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने का दंड देने का अधिकार विभागीय अधिकारी को नहीं होने का तर्क दिया। उन्होंने अपील समय सीमा के अंदर होते हुये गलत निरस्त करने तथा 6 माह तक के अतिरिक्त समय में अपील स्वीकार करने का प्रावधान होने का भी तर्क दिया तथा दंड आदेश तथा अपील आदेश निरस्त होने योग्य बताया। 

अधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव गुप्ता की पीठ ने नदीम के तर्कों से सहमत होते हुये अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि सम्बन्धित सेवा नियमावली तथा अधिनियम में सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने का दंड शामिल नहीं है इसलिये यह दंड नहीं दिया जा सकता हैै। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि नियमावली में अपील के लिये तीन माह का समय नियत हैै जिसे अपील अधिकारी द्वारा 6 माह बढ़ाया जा सकता हैै।

अधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव गुप्ता की पीठ ने अपनेे निर्णय दिनांक 12-11-21 से सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने सम्बन्धी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधमसिंह नगर केेे दण्डादेश को निरस्त कर दिया तथा परिनिन्दा प्रविष्टि के आदेश की अपील आईजी जोन को मुखरित व सकारण आदेश द्वारा निस्तारित करने का आदेश दिया हैै। अधिकरण ने इस क्लेम पिटीशन का फैसला दायर होने से 8 माह के अंदर किया हैै तथा सभी सुनवाईयां आडियो कांप्रफेंसिंग, वर्चुअल के माध्यम से फोन, आनलाइन ही की है।

नदीम ने इस निर्णय का स्वागत करते हुये कहा कि इस निर्णय का लाभ उत्तराखंड पुलिस सहित सभी कार्मिकों को मिलेगा क्योंकि इन सेवा नियमालियों में सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र रोकने के दंड का प्रावधान नहीं हैै तथा अपील की समय सीमा बढ़ाने का प्रावधान हैै जबकि इसका पालन विभिन्न अधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा हैै।

शनिवार, 20 नवंबर 2021

आंगनबाड़ी ड्रेस खरीद की होगी जांच: मोर्चा

 आंगनबाड़ी ड्रेस खरीद की होगी जांच: मोर्चा 



# डीबीटी के माध्यम से पैसा खाते में ट्रांसफर की है मांग 
# महिला सशक्तिकरण विभाग ने ड्रेस खरीद में किया भारी खेल                  
# लगभग 2.60 करोड की साड़ी, सूट थमा दिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं को  
# घटिया किस्म की ड्रेस थमा कर लूट लिया आंगनबाड़ी वर्करों को                                  
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि हाल ही में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं हेतु लगभग 66,600 साड़ियों व सूट की खरीद 2.60 करोड़ में की गई। प्रति साड़ी 393 रुपए एवं सूट 398 रुपए में खरीदा गया। उक्त घोटाले की जांच एवं डीबीटी के माध्यम से पैसा खाते में ट्रांसफर कराने को लेकर मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री से आग्रह किया था, जिसके क्रम में मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।     
नेगी ने कहा कि उक्त खरीदी गई साड़ियों व सूट्स की गुणवत्ता कितनी खराब है कि वो पहनने लायक ही नहीं हैं। जिस प्रकार से कर्मकार कल्याण बोर्ड ने करोड़ों रुपए का घटिया सामान खरीद कर श्रमिकों को लूटने का काम किया था, ठीक उसी प्रकार महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने भी मातृशक्ति को लूटने का काम किया है। 
उनका कहना था कि अपनी कमीशन खोरी के चक्कर में विभाग ने सूट, साड़ी खरीद का खेल रचकर अपने वारे न्यारे कर मातृशक्ति को पूरी तरह से छला गया। अगर यही ड्रेस कोई आमजन थोक में बाजार से खरीदे तो आधे दामों में आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। विभाग द्वारा इसमें अलग तरह का प्रिंट करवा कर एक तरह से अलग ही खेल गया।
नेगी ने कहा कि विभाग द्वारा मोबाइल खरीद, किट व अन्य कई प्रकार की खरीद कर इन वर्कर्स के साथ-साथ प्रदेश की जनता व नौनिहालों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

गुरुवार, 18 नवंबर 2021

डीपीसी मामले में सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे अधिकारी: मोर्चा

 डीपीसी मामले में सरकार के आदेश की  धज्जियां उड़ा रहे अधिकारी: मोर्चा 



# मुख्यमंत्री के निर्देश पर 15 सितंबर तक पदोन्नति प्रक्रिया संपन्न करने के थे निर्देश   
# कई विभागों के अधिकारियों पर आदेश का नहीं हुआ असर  
# अक्टूबर माह में मुख्य सचिव को जारी करने पड़े आदेश 
# मोर्चा द्वारा भी मुख्यमंत्री से की गई थी मांग                संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के कार्मिकों की डीपीसी कराने को लेकर निर्देश दिए गए थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा आदेश की धज्जियां उड़ा दी गई। पूर्व में सरकार द्वारा समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव इत्यादि को 15/09/21 तक पदोन्नति प्रक्रिया संपन्न कराते हुए प्रगति सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें 30/07/21 तक प्रत्येक सेवा संवर्ग के पदोन्नति के रिक्त पदों के सापेक्ष डीपीसी प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश थे, लेकिन कई विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण डीपीसी प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पाई। उक्त से  नाखुश होकर मुख्य सचिव द्वारा 18/10/ 21 को फिर पत्र जारी कर नाराजगी प्रकट की गई है।                   
नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा भी पूर्व में कर्मचारियों के डीपीसी मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था। नेगी ने कहा कि प्रदेश में जब सरकार के आदेश पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति कितने संवेदनशील हैं। कार्मिकों की ससमय डीपीसी न होने के कारण इनको कई माइनों में नुकसान झेलना पड़ रहा है।  मोर्चा ने मुख्यमंfत्री से ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।        
पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज भी मौजूद थे।

बुधवार, 17 नवंबर 2021

74वां तीन दिवसीय वार्षिक निरंकारी संत समागम

 74वां तीन दिवसीय वार्षिक निरंकारी संत समागम 

समागम वर्चुवल रूप में आयोजित किया जायेगा



संवाददाता

देहरादून। विश्वास, भक्ति और आनन्द का प्रतीक 74वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का आगामी 27 नवम्बर से आगाज होगा जो तीन दिनों तक चलेगा। यह समागम पूरी तरह से वर्चुवल रूप में आयोजित किया जायेगा।

सद्गुरू सुदीक्षा महाराज

जानकारी देते हुए सन्त निरंकारी मण्डल मसूरी जोन के जोनल इन्चार्ज हरभजन सिंह ने बताया कि वार्षिक निरंकारी सन्त समागम की जोरदार शुरू कर दी गई है। जिसका विषय विश्वास, भक्ति और आनन्द निर्धारित किया गया है। स्थानीय संयोजक नरेश विरमानी ने बताया कि इसे जीवन्त स्वरूप देने के लिये सन्त निरंकारी मिशन द्वारा दिन-रात अथक प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि जब इसका प्रसारण किया जाये तब इसकी अनुभूति प्रत्यक्ष समागम जैसी ही हो और सभी भक्त इसका आनन्द ले सकें।

उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय वार्षिक वर्चुवल निरंकारी सन्त समागम सद्गुरू सुदीक्षा महाराज की गरीमामयी उपस्थिति में होगा। गौर हो कि मिशन का प्रथम निरंकारी सन्त समागम वर्ष 1948 में बाबा अवतार सिंह की दिव्य उपस्थिति में हुआ था जो आज भी अनवरत जारी है।

जल्द लान्च होगी कोरोना की दवा

 जल्द लान्च होगी कोरोना की दवा



एक गोली कीमत हो सकती 25-50 रुपयेः पूरे उपचार की कीमत 500-1000 रुपये हो सकती है

प0नि0डेस्क

देहरादून। देश में कोरोना वायरस की दवा आने वाले कुछ सप्ताह में लान्च हो सकती है और पूरे उपचार की कीमत 500-1000 रुपये होने का अनुमान है। इस दवा को अमेरिकी दवा कंपनी मर्क एंड रिजबैक बायोथेराप्यूटिक्स द्वारा विकसित किया गया है। यह कोरोना की पहली मौखिक गोली है।

कोरोना वायरस की गोली का नाम का नाम मोलनुपिरवीर (डवसदनचपतंअपत) है जोकि एक एंटीवायरल दवा है। गोली के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि यह अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को आधा कर सकती है। पिछले सप्ताह ब्रिटेन इस दवा को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इस दवा को कोविड पाजिटिव आने और लक्षणों की शुरुआत के पांच दिनों के भीतर लेने की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों से पता चला है कि नियामक इस सप्ताह की शुरुआत में दवा के आपातकालीन उपयोग पर अपना फैसला दे सकता है क्योंकि यह भारत में लगभग 700 रोगियों के डेटा की समीक्षा के अंतिम चरण में है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले कुछ सप्ताह में मौखिक कोविड-19 गोली को लान्च किया जा सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दवा की कीमत 25-50 रुपये प्रति टैबलेट होगी। एक मरीज को 5 दिनों के उपचार के दौरान 15-20 गोलियां लेनी होंगी।

अधिकारी के अनुसार हम उम्मीद कर रहे हैं कि प्रत्येक रोगी के लिए इस दवा के एक कोर्स की लागत केवल 500-1000 रुपये हो सकती है जो बहुत सस्ती होगी। भारत में दवा बनाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कंपनियों में से एक सन फार्मा है। कंपनी ने कहा कि फर्म इसे किफायती कीमत मोल्क्सवीर (डवसगअपत) नाम से लान्च करेगी।

सन फार्मा, डा0 रेड्ढीज लैबोरेटरीज, नैटको, हेटेरो फार्मा और अरबिंदो फार्मा सहित 8 कंपनियों ने दवा के जेनेरिक संस्करणों के उत्पादन के लिए स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और उन्होंने अब आरईयू के लिए आवेदन किया है।

इसके अलावा अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने भी एक एंटीवायरल गोली पैक्सलोविड (च्ंगसवअपक) बनाई है। फाइजर की एंटीवायरल गोली के बारे में बताया जा रहा है कि यह कोरोना के जोखिम को कम करके अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावना को 89 प्रतिशत की कम कर सकती है।

फाइजर की पैक्सलोविड और मर्क की मोलनुपिरवीर दोनों गोलियों को मौखिक रूप से लिया जा सकेगा। निवारक उपाय के रूप में कोई भी गोली नहीं ली जा सकती है। इसका सेवन केवल उन लोगों को करना है, जिन्हें कोरोना पाजिटिव है और लक्षण दिख रहे हैं।

फाइजर की पैक्सलोविड के क्लिनिकल परीक्षण में हल्के से मध्यम कोविड-19 के 1,219 रोगियों की जांच की गई और इस गोली ने वयस्कों के लिए अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावना को 89 प्रतिशत तक कम कर दिया।

पैक्सलोविड लेने वाले रोगियों में, 0.8 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती थे और 28 दिनों के उपचार के बाद किसी की मृत्यु नहीं हुई। मर्क निर्मित मोलनुपिरवीर को 775 रोगियों को प्रशासित किया गया, जिन्होंने कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया।

मोलनुपिरवीर प्राप्त करने वाले रोगियों में केवल 7.3 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती थे और किसी ने भी घातक संक्रमण विकसित नहीं किया था। फाइजर पैक्सलोविड की 3 गोलियां कोविड-19 के निदान वाले रोगियों को दिन में 2 बार दी जानी चाहिए। गोलियों को संक्रमण की शुरुआत के 3 से 5 दिनों के भीतर प्रशासित किया जाना चाहिए।


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580 सालों में लगने वाला सबसे लंबा चंद्रग्रहण

 580 सालों में लगने वाला सबसे लंबा चंद्रग्रहण 19 नवंबर को दिखाई देगा 



प0नि0डेस्क

देहरादून। महत्वपूर्ण खगोलीय घटना में 580 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा और यह पूर्वाेत्तर भारत के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। दुर्लभ घटनाक्रम अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों से दिखाई देगा। आंशिक चंद्रग्रहण दोपहर 12.48 बजे शुरू होगा और शाम 4.17 बजे समाप्त होगा।

ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट 24 सेकंड होगी, जो 580 सालों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण होगा। पूर्वी क्षितिज के अत्यंत करीब अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ इलाकों में चंद्रोदय के ठीक बाद आंशिक ग्रहण अपने अंतिम क्षणों में दिखाई देगा। पिछली बार इतनी लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 को हुआ था और अगली बार इसी तरह का घटनाक्रम साल 2669 में 8 फरवरी को दिखेगा। अधिकतम आंशिक ग्रहण अपराह्न 2.34 बजे दिखाई देगा जब चंद्रमा का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा। आंशिक चंद्र ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया और प्रशांत क्षेत्र में दिखाई देगा।

उपछाया ग्रहण पूर्वाह्न 11.32 बजे शुरू होगा और शाम 5.33 बजे खत्म होगा। उपछाया ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपूर्ण रूप से संरेखित होते हैं। ग्रहण उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से दिखाई देगा, लेकिन इन स्थानों से इसे कुछ समय के लिए ही देखा जा सकेगा। आंशिक ग्रहण की तरह उपछाया ग्रहण शानदार और नाटकीय नहीं होता है तथा कभी-कभी उस पर ध्यान भी नहीं जाता है। पिछली बार चंद्रग्रहण 27 जुलाई 2018 को पड़ा था और अगला चंद्रग्रहण 16 मई 2022 को होगा, लेकिन यह भारत से दिखाई नहीं देगा। भारत से दिखाई देने वाला अगला चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को होगा।


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बचत बगैर गुजर नहीं, किंतु कितनी? और खर्च करें तो कहां और कितना?

 बचत बगैर गुजर नहीं, किंतु कितनी? और खर्च करें तो कहां और कितना?



हरीश बड़थ्वाल

नई दिल्ली। खर्च और बचत में तालमेल नहीं बैठाए रखेंगे तो घरेलू बजट अस्त-व्यस्त हो जाएगा जो जिंदगी की पटरी को डगमगा सकता है।

बाजार जाते वक्त आपके पास कितने रुपए हैं और कहां रखे हैं, आप भूल भी जाएं किंतु प्रायः दुकानदार और पाकेटमार को इसका अनुमान रहता है। ये लोग शातीर होते हैं और आपके मन को पढ़ने में माहिर भी। आपका पैसा निकल जाता है और आप मन मसोजते हैं। पैसे के बारे में आपके व्यवहार और आदतों को काम वाली, कुछ पड़ोस, समाज और रिश्तेदारी वाले बखूबी समझते हैं और मौका देख कर अपना उल्लू सीधा करते हैं।

हरीश बड़थ्वाल

जितने पैसे ले कर बाजार में जाएं, लौटते कमोबेश खाली हैं। वहां जो शातिर बैठे हैं, आपकी ख्वाहिश को ताड़ने में माहिर हैं। दशहरा-दिवाली के दिनों बल्कि जनवरी के पहले सप्ताह तक के उत्सवी दौर में खासकर उत्तर भारत में जमकर खरीदारी होती है और व्यापारियों की पौ बारह। कुछेक तो चंद दिनों में सालभर का कमा लेते हैं। छुटपुट वस्तुओं में मुख्यतः मिठाइयां और कपड़े होते हैं। बड़ी आइटमों में वाहन, जमीन या फ्रलैट की खरीद या बुकिंग। विशेष साज-सज्जायुक्त जगमगाते बाजार और यकायक प्रकट हो गई दुकानें सेल, छूट व विशिष्ट आफरों से ग्राहकों को लुभाने में कसर नहीं छोड़तीं। आदतन किफायती भी इन शुभ दिनों कुछ खरीद डालता है।

किफायत या मितव्ययता बरतना हेय या बुरी आदत नहीं बल्कि सद्गुण है जिसके फायदे ही फायदे हैं। यह केवल धन से संबद्व नहीं, इसका आशय वस्तुओं और सेवाओं के इष्ट उपयोग से है। फिजूलखर्ची पर नकेल नहीं कसेंगे तो उन महत्वपूर्ण वस्तुएं के लिए पैसा नहीं रहेगा जो आपकी प्राथमिकता सूची में, आपके दूरगामी हित में हैं। आदतें बिगड़ेंगी वह अलग। सब्जीवाले से एक किलो आलू, पौना किलो लौकी, आधा किलो प्याज, पावभर टमाटर आदि तुलवा कर ‘कितने हुए’ पूछ कर चुकाने में बड़प्पन नहीं है। बल्कि हर बार स्वयं हिसाब न करने से आपका गणित कमजोर पड़ जाएगा और आपकी आदत जानकर अगला आपको छल सकता है। दुकानदार ग्राहक का मन पढ़ने में माहिर होते हैं। बेंजामिन प्रफैंकलिन की नसीहत याद रखी जाए, ‘छुटपुट आवश्यक खर्चों पर नजर रखें, एक छोटा सुराख समुद्री जहाज को डुबो देता है।’

समझना होगा बगैर सुविचारे, भावावेश में या विक्रेता के बहकावे में आकर या कमीशन बतौर सामान, उपकरण आदि की खरीद से घरों, आफिस, फैक्ट्री तथा औद्योगिक परिसरों में अनचाही वस्तुओं और सामग्रियों का जमावड़ा होता है जिसे निबटाना खासी मुसीबत बन जाती है। उस बीपी नापने या काफी बनाने की मशीन या मिक्सी को याद करें जो दो-चार बार बमुश्किल इस्तेमाल हुई, खराबी आने पर मरम्मत के लिए दुकान में गई और लौट कर नहीं आई। 

सरकारी कार्यालयों में कदाचित ऐसे उपकरण खरीद लिए जाते हैं जिनका उपयोग लगभग नहीं होता। चार वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर सीएजी रिपोर्ट में करोड़ों रुपए से खरीदे गए रक्त भंडारण यूनिटों, अल्ट्रासाउंड तथा एक्स-रे मशीनों की भर्त्सना की गई जिनके उपयोग में नहीं आने का कारण कुशल तकनीशियनों की किल्लत बताया गया था। नामी अमेरिकी बैंकर प्रफांसिस सिसन के अनुसार मितव्ययता बरतना आज जितना आवश्यक है उतना अतीत में कभी न था। रिहाइशी, कार्यस्थल, उद्योग सभी क्षेत्रों में जगहें सिकुड़ रही हैं, कीमतें बेतहाशा बढ़ रही हैं। ऐसे में कुछ भी नया या अतिरिक्त खरीदने के निर्णय में सूझबूझ और सुविचार आवश्यक है। सेमुएल जानसन के शब्दों में किफायत बरते बिना कोई भी समृद्व नहीं हो सकता और किफायत अपनाने से गरीबों की संख्या नगण्य रह जाएगी।

पैसा खर्चने वालों के दो परिप्रेक्ष्य हैं। एक वर्ग उन उम्रदारों का है जिन्होंने अपेक्षाकृत आर्थिक तंगी की पृष्ठभूमि के चलते या अन्यथा सहेज-सहेज कर भविष्य के लिए पैसा संचित किया। अब पर्याप्त उपलब्ध पैसे के बावजूद वे आदतन खुले हाथ नहीं खर्च पाते। कुछ उम्रदारों के तो शहर में दूर दराज के बैंकों में पड़े पैसे की उनके बच्चों को खबर न रहती। ऐसे अरबों रुपए न उन उम्रदारों या न उनकी संतति की जरूरतों में काम आए और दावेदार न होने से बैंकों द्वारा हड़प लिए गए।

दूसरे छोर पर नवपीढ़ी है जिसे बचत की नहीं सूझती और पैसा उड़ाने में अपनी शान समझती है। बचत की अनदेखी करने वालों में बहुसंख्य एमएनसी में कार्यरत आज मोटा वेतन पा रहे युवा हैं जिन्हें नहीं कौंधता कि भविष्य में दिन पलट सकते हैं और एकबारगी मोटा खर्चने की आदत से पिंड छुड़ाना बहुत कठिन होता है। इसी से जुड़ा एक सच उधारी का बढता चलन है। आज एक कार्यस्थल में प्रति सौ कर्मचारियों पर डेढ़ सौ क्रेडिट कार्ड मिलेंगे। उन्हें समझना होगा, शादी-ब्याह या मकान खरीद जैसे मामलों को छोड़कर डाइनिंग टेबल आदि फुटकर चीजें हासिल करने के लिए कर्जदारी अच्छी प्रवृत्ति नहीं है। वे उन बुजुर्गों को देखें जो संतान के दूसरे शहर या विदेश में रचपच जाने के कारण भाड़़े की सेवाओं के बूते बुनियादी आवश्यकताओं की आपूर्ति कर पा रहे हैं, गांठ में बचत न होती तो नामालूम कैसे गुजर होती।

बचत की परिपाटी नई नहीं। मनुष्य तथा अन्य प्राणी आदिकाल से भविष्य में कठिन, अप्रत्याशित परिस्थितियों से सुरक्षा कवच बतौर आज उपलब्ध पैसा या सामग्री का एक अंश बचाते रहे हैं। इस प्रवृत्ति को सवंर्धित करने की दृष्टि से 1925 से विश्व बचत दिवस मनाया जाता है। आशय यह रहता है कि पैसे को तकिए-गद्दे के नीचे छिपा कर बचाने के बदले इसे बैंक में रखने की आदत बनाई जाए ताकि पैसा सुरक्षित रहे और संचित निधियों का सदुपयोग देश के विकास कार्यों के लिए हो सके। ओलिवर गोल्डस्मिथ के अनुसार यदि राज्य के सभी लोग किफायत से चलें और हम बाहरी दिखावे के बजाए वास्तविक आवश्यकताओं पर ही खर्चा करें तो अभाव की परिस्थितियां कमोबेश खत्म हो जाएंगी और सर्वत्र अनंत खुशियां छा जाएंगीं।

जरूरी है कि आवश्यक, वांछनीय और अनावश्यक वस्तुओं और कुछ भी अतिरिक्त खरीद का निर्णय सुविचार से लिया जाए, अन्यथा लेने के देने पड़़ सकते हैं।

(लेखक के अन्य हिंदी-अंग्रेजी आलेख पढ़ने के लिए उनके ब्लागwww.bluntspeaker.com पर जाएं।)

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प्रदेश में सीपीयू के अस्तित्व पर आरटीआई एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल

 प्रदेश में सीपीयू के अस्तित्व पर आरटीआई एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल



आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी को आरटीआई में मिली कई चौंकाने वाली जानकारियां

संवाददाता

देहरादून। उत्तराखंड में पुलिस की एक यूनिट सिटी पेट्रोल यूनिट यानी सीपीयू के नाम से काम कर रही है। इसका गठन पूर्व डीजीपी बीएस सिद्वू ने किया था। यह यूनिट यातायात व्यवस्था का काम देखती है। यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों से जुर्माना भी वसूल करती है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने सीपीयू के गठन को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत पुलिस से जानकारी मांगी कि क्या सीपीयू के गठन को लेकर कोई शासनादेश जारी हुआ है? यदि हां तो उसकी प्रति उन्हें उपलब्ध कराई जाएं।

पुलिस महानिदेशक कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी उपमहानिरीक्षक सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने इस संबंध में आरटीआई के तहत जानकारी दी है कि सीपीयू के गठन को लेकर अब तक कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है। सीपीयू का गठन तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्वू के कार्यालय ज्ञाप पत्रांक डीजीपी- अप0-294/2013 जोकि 19 नवम्बर 2013 को जारी किया गया है। एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि इस आधार पर सीपीयू का गठन पूरी तरह से गैर कानूनी है। उनके अनुसार इस तरह की पुलिस का उल्लेख पुलिस एक्ट में भी नहीं है। ऐसे में सीपीयू के गठन पर सवाल खड़े होते हैं।

 एडवोकेट विकेश नेगी 

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उत्तराखंड पुलिस के लोक सूचना अधिकारी से चार बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी। उन्होंने सीपीयू के गठन से संबंधित शासनादेश तथा अधिनियम की छाया प्रति मांगी। दूसरे बिंदु में उन्होंने सीपीयू के अधिकार क्षेत्र से तथा उसे संबंधित कार्यों के नियम की छाया प्रति की मांग की। तीसरे बिंदु में उन्होंने सीपीयू की वर्दी से संबंधित शासनादेश तथा अधिनियम की छाया प्रति मांगी। इसके अलावा अंतिम बिन्दु में उनहोंने ट्रैपिफक पुलिस-सिटी पेट्रोल यूनिट और सामान्य पुलिस द्वारा चालान द्वारा एकत्रित की गयी धनराशि राज्य सरकार के जिस मद में जमा होती है उससे संबंधित शासनादेश की छायाप्रति की भी मांग की।

एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार पुलिस महानिदेशक कार्यालय से उनके द्वारा मांगी गई सूचना के बिन्दु एक के जवाब में बताया गया कि सीपीयू का गठन 2013 में किया गया। इसके गठन डीजीपी के कार्यालय ज्ञाप से हुआ है। बिन्दु संख्या दो के जवाब में बताया गया कि सीपीयू का प्रमुख कर्तव्य यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से बनाए रखना है। स्ट्रीट क्राइम, चेन स्नेचिंग पर अंकुश तथा यातायात का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्व प्रवर्तन की कार्रवाई करना है। सीपीयू कर्मी जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन आते हैं।

बिंदु संख्या तीन के जवाब में पुलिस ने जानकारी दी कि सीपीयू द्वारा धारण की जाने वाली वर्दी से संबंधित विवरण की छाया प्रति दी गयी है साथ ही चौथे और अंतिम बिन्दु के जवाब में पुलिस ने बताया कि सीपीयू यूनिट जनपद पुलिस द्वारा चालान से वसूल की गयी धनराशि को राजकोष में कराया जाता है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने कहा कि बिना शासनादेश के काटे जा रहे चालान अवैध वसूली की श्रेणी में आते हैं।

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश सिंह नेगी का कहना है कि पुलिस एक्ट में इस सीपीयू की वर्दी का कहीं को जिक्र नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि यह पुलिस एक्ट के बाहर काम करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीपीयू को मिलने वाली सुविधाओं पर खर्च किया जाने वाला बजट किस निधि से आ रहा है इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।  

पुलिस द्वारा दी गयी सूचना को एडवोकेट विकेश नेगी ने आधा-अधूरा माना है। वो इस सूचना से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस मामले में प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां अपील की है। एडवोकेट नेगी के अनुसार पुलिस ने उन्हें गोेलमोल जवाब दिये हैं। यानी सूचना भ्रामक है। उन्हें सीपीयू के गठन के शासनादेश की छाया प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी। अब पुलिस ने मान लिया कि इस संबंध में कोई शासनादेश नहीं है।

गौरतलब है कि पुलिस द्वारा काटे गये चालान को परिवहन विभाग के पास जमा कराया जाता है जबकि पुलिस का कथन है कि यह राजकोष में जमा कराया जाता है। इस सूचना को लेकर भ्रम की स्थिति है। एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार वह इस पूरे मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं। 


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सीबीआई ने सेना में भर्ती में अनियमितताओं को लेकर दो हवलदार गिरफ्तार किए

 सीबीआई ने सेना में भर्ती में अनियमितताओं को लेकर दो हवलदार गिरफ्तार किए



एजेंसी

नयी दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सेना के दो हवलदारों को बल में मल्टीटास्किंग स्टाफ (एमटीएस) की भर्ती में कथित रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सेना के साथ एक संयुक्त अभियान में उन हवलदारों को गिरफ्तार किया जिन्होंने चयनित उम्मीदवारों से यह कहकर कथित तौर पर पैसे मांगे थे कि उनके कागजात अधूरे हैं।

उन्होंने बताया कि आरोप है कि आयुध डिपो में तैनात आरोपी एमटीएस के लिए चयनित उम्मीदवारों को फोन कर धमकी देते थे कि उनके कागजात पूरे नहीं होने के चलते उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह वे नियुक्ति पत्र भेजने का वादा कर उनसे पैसे वसूलते थे। यह कार्रवाई पुणे में सेना की दक्षिणी कमान को एक गुप्त सूचना मिलने के बाद हुई।

अधिकारियों ने कहा कि भ्रष्ट आचरण बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की अपनी नीति को जारी रखते हुए सेना ने सीबीआई के साथ निचले स्तर के कर्मचारियों द्वारा संभावित कदाचार की संयुक्त जांच शुरू कर दी है।

एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह के कदाचार से निपटने के लिए सेना के सख्त नियम हैं और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए तेजी से जांच की जा रही है।


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शनिवार, 13 नवंबर 2021

नमिता घोष व सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को लगा जीत का प्रथम तिलक

 हिंदीभाषा डाट काम परिवार की तरफ से 38वीं स्पर्धा में सबने उत्साह दिखाया

नमिता घोष व सुखमिला अग्रवाल भूमिजा को लगा जीत का प्रथम तिलक 



संवाददाता

इंदौर/मप्र। मातृभाषा हिंदी पर अपनी श्रेष्ठ लेखनी चलाकर इस बार स्पर्धा में श्रीमती नामिता घोष (गद्य) ने जीत का तिलक लगाया है तो सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’ (पद्य) में प्रथम आई हैं। ऐसे ही स्पर्धा में डा0 आशा मिश्रा ‘आस’ और ममता तिवारी को द्वितीय विजेता घोषित किया गया है। 

हिंदी के प्रचार हेतु हिंदीभाषा डाट काम परिवार की तरफ से स्पर्धाओं का दौर सतत जारी है। मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने बताया कि इस 38वीं स्पर्धा में सबने उत्साह दिखाया। इस क्रम में ‘भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या’ विषय पर आयोजित स्पर्धा में गद्य में प्रथम स्थान छग से नमिता घोष ‘हिंदी मेरी पहचान अस्मिता’ को दिया गया है। इसी वर्ग में महाराष्ट्र से डा0 आशा मिश्रा ‘आस’ ‘विश्व में हिन्दी का परचम लहराएं’ ने दूसरा एवं प्रो0 शरद नारायण खरे (मप्र) ने तृतीय स्थान पाया है। 

उन्होंने बताया कि श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य विधा में ‘हिंदी है अभिमान’ के लिए सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’ (महाराष्ट्र) को प्रथम विजेता घोषित किया है। इसी प्रकार ‘हिंदी रोचक वर्णमाला’ हेतु श्रीमती ममता तिवारी (छत्तीसगढ़) को दूसरा तथा ‘हिंदी भाषा मधुर मुस्कान है’ पर जबरा राम कंडारा (राजस्थान) तीसरा विजेता स्थान दिया गया है।

श्रीमती जैन ने बताया कि 1.27 करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा चुके इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो0 डा0 सोनाली सिंह व मार्गदर्शक डा0 एम0एल0 गुप्ता ‘आदित्य’ ने सभी विजेताओं तथा सहभागियों को हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।


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लेखन एवं पत्रकारिता क्षेत्र से वरिष्ठ पत्रकार एस0पी0 सबरवाल का सम्मान

समाज में विशेष योगदान देने वाले समाजसेवियों को विधानसभा अध्यक्ष ने किया सम्मानित

लेखन एवं पत्रकारिता क्षेत्र से वरिष्ठ पत्रकार एस0पी0 सबरवाल का सम्मान



संवाददाता

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा परिसर देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पत्रकारिता के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक एस0पी0 सबरवाल समेत समाज में विशेष योगदान देने वाले 21 समाजसेवियों को सम्मानित किया। इस दौरान उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को भावभीनी श्रद्वांजलि अर्पित की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने समाजसेवियों को गैरसैण विधान सभा भवन का प्रतीक चित्र एवं गंगाजल भी भेंट किया। 



विशिष्ट समाजसेवी जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें लेखन एवं पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार एस0पी0 सबरवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े देवेंद्र सकलानी, समाजसेवी चंदन लाल अग्रवाल, घनश्याम, संघ के पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में कार्य करने वाले प्रेम बुडाकोटी, कुंवर सिंह तोमर, हिमालयन ड्रग कंपनी के प्रेसिडेंट डा0 एस0 फारुख, ताराचंद अग्रवाल, नीरज मित्तल, ताराचंद गुप्ता, हरीश कंबोज, विजय शर्मा, हर्षवर्धन मिश्रा, राजकुमार, डा0 विजय पाल सिंह, रणजीत शिवाजी ज्याला, राम सिंह, रणजीत सिंह बिष्ट, विपिन भट्ट को सम्मानित किया गया। 



इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं का अहम योगदान रहा है। उत्तराखंड की पहचान देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में है। हमें इस पहचान को बनाए रखना है। हमें उत्तराखंड की समृद्व संस्कृति पर गर्व है। 

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हमेशा शहीदों का ऋणी रहेगा। राज्य आन्दोलन के शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्वांजलि यही होगी कि हम उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य बनाए। अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व सम्मानित जीवन जीने का अधिकार होता है। इन्हीं अधिकारों के सपनों को लेकर अलग उत्तराखंड राज्य के लिए संघर्ष किया गया था। अगर हम सभी ईमानदारी से कोशिश करें तो अवश्य ही एक ऐसा उत्तराखंड बनाने में सफल होंगे जहां सभी क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, सभी को आगे बढ़ने के तमाम अवसर और साधन उपलब्ध होंगे।

इस अवसर पर विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, अनु सचिव नरेंद्र रावत, अनु सचिव मनोज कुमार, अनु सचिव हेम पंत, व्यवस्था अधिकारी दीपचंद, वरिष्ठ निजी सचिव अजय अग्रवाल, सुरक्षा अधिकारी प्रदीप गुणवंत, अनु सचिव नीरज गौड, श्रीमती संतोष आनंद, मनु सबरवाल, दलजीत कौर ‘पिंकी’, नयना, प्रतिष्ठा सबरवाल सहित विधानसभा के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन भारत चौहान द्वारा किया गया।


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शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

एसजेवीएन द्वारा 75 मेगावाट परासन सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित

 एसजेवीएन द्वारा 75 मेगावाट परासन सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित



संवाददाता

लखनउ। एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश में परासन सोलर पार्क में अवस्थित 75 मेगावाट (एसी) सोलर पावर परियोजना के विकास एवं ओ0 एंड एम0 हेतु इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एवं कंसट्रक्शान (ईपीसी) के आधार पर मैसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी साल्यूशन्सन प्राईवेट लिमिटेड नोएडा के साथ अनुबंध किया है। यह अनुबंध नन्द लाल शर्मा अध्यक्ष एवं प्रबंध निेदेशक, श्रीमती गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एसपी बंसल निदेशक (सिविल), अखिलेश्वर सिंह निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत) की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।

इस अनुबंध को एसके सूद महाप्रबंधक विद्युत संविदा एसजेवीएन तथा कार्तिक टेलटिया निदेशक सोलरवर्ल्ड द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर एसजेवीएन तथा सोलरवर्ल्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर नन्द लाल शर्मा ने बताया कि यह ईपीसी लागत 313.59 करोड़ रूपये की लागत पर परियोजना मैसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी साल्यूशन्स प्राईवेट लिमिटेड को अवार्ड की गई है। इस परियोजना को अगस्त 2022 तक कमीशन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

शर्मा ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली में इस परियोजना को 2.68 रूपये प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों के लिए हासिल किया है। परियोजना 25.06 फीसदी कैपिसिटी यूटिलाईजेशन फैक्टनर (सीयूएफ) के साथ 168.343 मिलियन यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत का उत्पादन करेगी। परासन सोलर पार्क उत्तर प्रदेश के कानपुर के निकटवर्ती जिला जालौन की कलपी तहसील में स्थित है।

नन्द लाल शर्मा ने बताया कि इस आबंटन के साथ एसजेवीएन के पास अब 1445 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं निष्पादनाधीन है। इन सभी सोलर परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है जो एसजेवीएन की नवीकरणीय क्षमता के लिए एक बड़ी छलांग (विशाल उपलब्धि) होगी।

शर्मा ने अवगत करवाया कि भारत सरकार ने सभी को 24ग7 विद्युत आपूर्ति की परिकल्पना की है। अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (काप-26) में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा आरके सिंह विद्युत क्षेत्र के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सौर ऊर्जा के दोहन के लिए उचित मार्गदर्शन एवं समर्थन दे रहे हैं ताकि सभी देशवासियों को 24ग7 हरित एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध करवाई जा सके। 

भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमतागत वृद्वि का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।


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वेलमेड हास्पिटल ने नई तकनीक से किया सफल न्यूरोइंटरवेंशन

 उत्तराखंड में पहली बार आईएसडी विधि द्वारा न्यूरो सर्जरी



वेलमेड हास्पिटल ने नई तकनीक से किया सफल न्यूरोइंटरवेंशन

आईएसडी विधि द्वारा न्यूरो सर्जरी करने में उत्तर भारत में वेलमेड हास्पिटल बना तीसरा सेंटर

संवाददाता

देहरादून। टर्नर रोड़ स्थित वेलमेड हास्पिटल के न्यूरो विभाग (नाडी एवं मस्तिष्क रोग विभाग) में आधुनिक विधि प्दजतं ेंबबनसंत बवदजवनत कमअपबम (इंट्रा सैक्युलर कंटूर डिवाइस) से सफल इंटरवेंशन सर्जरी की गई। उत्तराखंड में इस तरह की पहली न्यूरोसर्जरी हुई है और पूरे उत्तर भारत में देहरादून का वेलमेड हास्पिटल तीसरा सेंटर है, जहां आईएसडी विधि द्वारा न्यूरो सर्जरी हुई है। इससे पहले कुछ केस दिल्ली एनसीआर में हुए और एक केस चंडीगढ़ में हुआ है। इस तकनीक में उसी तरह काम किया जाता है, जैसे हार्ट में स्टंटिग के दौरान किया जाता है। इसमें बिना कट लगाए कैथटर की मदद से इंट्रा सैक्युलर कंटूर डिवाइस लगाकर डैमेज नस को ठीक किया जाता है।

न्यूरो सर्जन डा0 नरेश पंवार ने बताया कि देहरादून निवासी 55 वर्षीय महिला  सिरदर्द और उल्टियों की लेकर इमरजेंसी में आई थी। बेसिक जांच कराने पर पता चला कि उनके दिमाग की नस फट गई है, जिसे मेडिकल में एनरिज्म कहा जाता है। इसका एकमात्र उपाय सर्जरी ही होती है, यदि समय रहते सर्जरी ना हो तो मरीज की जान को खतरा रहता है या विकलांगता हो सकती है। अभी तक एनरिज्म के इलाज के लिए क्लिपिंग और कोइलिंग की जाती थी, जिसके अपने-अपने रिस्क फैक्टर भी होते हैं। इसलिए हमने पिछले साल लान्च हुई इंट्रा सैक्युलर कंटूर डिवाइस के बारे में मरीज को बताया और उनकी काउंसलिंग की।

उन्होंने  बताया कि इंट्रा सैक्युलर कंटूर डिवाइस (आईएसडी) एक छतरीनुमा डिवाइस है, जिसे कैथटर की मदद  से नस के अंदर ले जाया जाता है। जहां पर नस डैमेज होती है, वहां पर ले जाने के बाद यह डिवाइस खुल जाता है और नस फटने से होने वाले रक्तस्राव को रोकता है, साथ ही मुख्य नस को खुला रखता है ताकि आक्सीजन युक्त खून दिमाग में सही ढं़ग से चलता रहे। यह डिवाइस उम्रभर मरीज के दिमाग में ही रहेगा। अभी तक की स्टड़ी में इसके बहुत अच्छे रिजल्ट मिले है। यूरोप में पिछले कई सालों से इसी विधि से एनरिज्म का इलाज किया जा रहा है लेकिन भारत में यह एक साल पहले ही शुरू हुआ और उत्तरांखड में इस विधि द्वारा पहली बार सर्जरी की गई है।

वेलमेड हास्पिटल के सीएमडी डा0 चेतन शर्मा ने बताया कि वेलमेड हास्पिटल उत्तराखंड के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सीय सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्व है। हमने पहले भी हार्ट, न्यूरो, गायनी की कई दुर्लभ सर्जरी की है और भविष्य में भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग सोचते हैं कि बड़ी सर्जरी तो दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों में ही हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है अगर मरीज भरोसा करें तो देहरादून जैसे शहरों में भी बड़ी से बड़ी सर्जरी हो सकती है। जैसे कि इस केस में मरीज ने वेलमेड हास्पिटल पर और हमारे डाक्टर्स पर भरोसा कर यहीं सर्जरी करने का विकल्प चुना, इनके इस भरोसे के कारण हम इस सर्जरी को सफलतापूर्वक कर पाएं।

वेलमेड हैल्थकेयर सोसायटी के सदस्य महेश पांडेय और राजेश परमार ने भी इस उपलब्धि के लिए डाक्टर्स को सम्मानित किया। इस मौके पर डा0 ईशान शर्मा, डा0 शेखर बाबू, डा0 नूपूर, कैथलैब टीम से नवीन, हरीश, ओटी नर्सिंग स्टाफ ईशान, अन्जुम एवं सम्राट देब, विशाल सेठी, सुनील कुकरेती और पुष्पा रावत आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंड पुुलिस ने वाहन चालकों से वसूले 25.14 करोड़ रूपये

 उत्तराखंड पुुलिस ने वाहन चालकों से वसूले 25.14 करोड़ रूपये



2021 में 9 माह की अवधि में किये 4,48,212 वाहन चालान

उधमसिंह नगर पुुलिस ने कियेे सर्वाधिक 1,06,428 वाहनों का चालान

संवाददाता

काशीपुर। उत्तराखंड पुलिस ने 2021 में 9 माह की अवधि में कुल 4,48,212 वाहन चालान किये तथा शमन शुल्क (जुर्माने) के रूप में 25,13,51,000 रूपये वसूले हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को पुुलिस मुुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोेकेट) ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के लोेक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड पुलिस द्वारा किये गये वाहन चालानों तथा वसूूले गयेे शमन शुल्क (जुर्माने) की धनराशि सम्बन्धी सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय के लोेक सूूचना अधिकारी/पुलिस उपमहानिरीक्षक (प्रो0/मार्ड0) सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस0 ने अपनेे पत्रांक 423/2021 से सम्बन्ध्ति विवरणोें की फोटो प्रतियां उपलब्ध करायी है। 

उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड पुलिस द्वारा जनवरी 2021 से सितम्बर 2021 तक 9 माह की अवधि में कुल 4,48,212 वाहन के चालान किये हैै तथा कुल 25,13,51,000 रूपये की ध्नराशि शमन शुल्क (जुर्माने) के रूप में वसूल की है।

उत्तराखंड पुलिस द्वारा किये गये कुल 4,48,212 चालानों में सर्वाधिक 1,06,428 चालान उधमसिंह नगर जिले में, दूसरे स्थान पर 96,513 चालान देहरादून जिले में, तीसरे स्थान पर 61,520 चालान नैनीताल जिले में, चौैथेे स्थान पर 61,275 चालान हरिद्वार में 7,965 पौैड़ी में 22,962, अल्मोड़ा में 8,473, बागेश्वर में 7,325, पिथौैरागढ़ में 16,543 तथा चम्पावत में 10,277 वाहन चालान किये गये हैै। 

उत्तराखंड पुलिस द्वारा वसूलेे गये शमन शुल्क की कुल 25,13,51,000 की धनराशि में सर्वाधिक 7,07,15,000 की धनराशि उधमसिंह नगर जिले में, दूसरे स्थान पर 6,02,86,000 रूपये देेहरादून जिले में तथा तीसरे स्थान पर 3,23,76,000 रूपये नैनीताल जिले में व चौथे स्थान पर 2,72,60,000 रूपये हरिद्वार जिले में वसूले गये हैैं। अन्य जिलों में उत्तरकाशी में 23.45 लाख, टिहरी में 1,74,40,000, चमोली में 54.24 लाख, रूद्रप्रयाग में 36.25 लाख, पौड़ी में 96.60 लाख, अल्मोड़ा में 65.83 लाख, बागेश्वर में 35.49 लाख, पिथौैरागढ़ में 73.61 लाख तथा चम्पावत में 47.29 लाख रूपये का शमन शुल्क वसूला गया है।

वाहन चालानों के माहवार विवरण में जनवरी में 71,402, फरवरी में 61,917, मार्च में 53,104, अप्रैल में 31,216, मई में 29,247, जून में 43,818, जुलाई में 62,930, अगस्त में 55,173 तथा सितम्बर में 39,405 चालान किये गये है।


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डेंगू के इलाज में पपीते के पत्ते का रस असरदार है!

 डेंगू के इलाज में पपीते के पत्ते का रस असरदार है!



प0नि0डेस्क

देहरादून। देश के कई हिस्सों में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है। इस बीमारी में मरीज को तेज बुखार होता है और प्लेटलेट्स गिरने लगती हैं। ऐसे में अगर मरीज पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो उसकी जान पर बन आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू का अभी तक कोई अचूक इलाज नहीं है। ऐसे में डाक्टर बुखार के दवा के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा देते हैं।

वहीं डेंगू से बचने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं, जिनमें से पपीते के पत्तों का रस भी एक है। लेकिन सवाल यह कि पपीते के पत्ते का रस डेंगू के प्रति कितना प्रभावकारी है और इसको लेकर मेडिकल साइंस क्या कहना है।

बता दें कि डाक्टर्स डेंगू के इलाज में पपीते के पत्तों की भूमिका को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहते। एक रिपोर्ट के मुताबिक पपीते के तरल अर्क में पापैन, साइमोपापैन, सिस्टाटीन, एल-टोकोफेरोल, एस्कार्बिक एसिड, फ्रलैवोनायड्स, सियानोजेनिक ग्लूकोसाइड्स और ग्लूकोसिनोटेट्स पाया जाता है। ये सभी एंटीआक्सीडेंट हैं, जो ये एंटी ट्यूमर एक्टिविटी करते हैं। इनसे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत होता है।

इसके साथ ही पपीते के पत्ते के रस को लेकर जानवरों पर भी अध्ययन किया गया है, इसमें सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बताया गया कि पपीते के पत्तों के रस से जानवरों की सेहत में कई तरह के सुधार देखे गए हैं। खासतौर पर इससे उनमें प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल की संख्या में वृद्वि देखी गई है।

मलेशिया में इसको लेकर ट्रायल किए गए हैं। इसमें पाया गया कि पपीते के रस दिए जाने के 40 से 48 घंटे बाद प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्वि दर्ज की गई। इसी तरह के अन्य परीक्षणों में भी प्लेटलेट्स बढ़ने की बात सामने आई है। हालांकि इस अध्ययन बहुत छोटे स्तर पर किए गए हैं। फिलहाल विज्ञान में पपीते के रस को लेकर कोई ठोस अध्ययन नहीं हैं। वहीं मेडिकल साइंस में इसे एक हर्बल उत्पाद माना जाता है।


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बुधवार, 10 नवंबर 2021

योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिलाने को न्यायालय का सहारा

 योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिलाने को न्यायालय का सहार


सरकार की बेरुखी से अजीज आये मोर्च ने न्यायालय की शरण ली            
- कर्मकार कल्याण बोर्ड एवं बाल विकास विभाग द्वारा खरीदे गए सामान की भी हो जांच        
- विभागों ने लूट खाया गरीब जनता को  
- लाभार्थियों को घटिया सामान थमाकर विभागीय अधिकारी व नेता कर रहे करोड़ों के वारे न्यारे            - सामान बांटने के नाम पर थमा दिया जाता है घटिया सामान     
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में लागू कल्याणकारी योजनाओं में जनता को सामान के बदले उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से धन ट्रांसफर कराने एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड व महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा खरीदे गए घटिया सामान की उच्च स्तरीय जांच के मामले में उच्च न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेकर कारवाई करने को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया गया है।
नेगी ने कहा कि विगत  4-5 वर्षों में कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा करोड़ों रुपए मूल्य की घटिया साइकिलें, सिलाई मशीन, टूल किट्स, वेल्डिंग मशीन, सोलर लालटेन आदि खरीद की गई, जिसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि लोगों ने ओने-पौने दामों में बाजार में नीलाम कर दी। इसी प्रकार महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास ने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं हेतु करोड़ों रुपए की साड़ियां- सूट्स, मोबाइल की खरीद तथा नौनिहालों हेतु किट्स की खरीद की गई जिसमें भारी अनियमितता भर्ती गई। 
नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा इन घोटालों एवं डीबीटी के माध्यम से पैसा खातों में ट्रांसफर करने को लेकर कई बार आग्रह किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर मजबूरन न्यायालय का सहारा लेना पड़ा।          
पत्रकार वार्ता में भीम सिंह बिष्ट एवं विजेंद्र ठाकुर मौजूद थे।

सोमवार, 8 नवंबर 2021

स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का तोहफा दे राजभवन: मोर्चा

 स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का तोहफा दे राजभवन: मोर्चा     


       
      

# राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का मामला लंबित है राजभवन में वर्षों से  
# राजभवन से कई बार किया जा चुका है आग्रह        
संवाददाता
विकासनगर। पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान किए जाने संबंधी  विधेयक तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने पास किया था, जोकि लगभग 5-6 साल से राजभवन में लंबित है। मोर्चा ने राजभवन से मांग की है कि राज्य  स्थापना दिवस (9 नवंबर) के अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का तोहफा देकर आंदोलनकारियों की भावनाओं का सम्मान करें ।                           
नेगी ने कहा कि मा. उच्च न्यायालय द्वारा आंदोलनकारियों को आरक्षण दिए जाने संबंधी सरकार के आदेश पर 26/08/2013 व 01/04/2014 के द्वारा रोक लगा दी गई थी, जिसके पश्चात पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के हक में विधेयक लाया गया था तथा स्वीकृति हेतु राजभवन को भेजा गया था। मोर्चा द्वारा दो-तीन बार सरकार से आग्रह कर मामले को राजभवन तक पहुंचाया गया, लेकिन राजभवन द्वारा न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही विधेयक को वापस किया गया।           
राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ न मिलने से उनका हक मारा जा रहा है।       
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश  पंवार, ओपी राणा व दिलबाग सिंह मौजूद थे।

शनिवार, 6 नवंबर 2021

भैया दूज पर किया औषधीय पौधों का रोपण

भैया दूज पर किया औषधीय पौधों का रोपण



संवाददाता
देहरादून। भैया दूज  का पावन पर्व भाई बहन के रिश्ते के महत्व को दर्शाता है। इस दिन बहनेंं भाई की लंबी आयु की आराधना करती हैं तथा भाई अपनी बहनों को कई उपहारों देते हैं और बदले में बहनें अपने भाइयों को मिठाई देती हैं। भैया दूज के अवसर पर वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में आशिमा विहार में औषधीय आवंला के पौधों का रोपण किया और एक एक पौधा डा सोनी ने उपहार में भेंट में दिया।
वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि पर्यावरण बचाना हर व्यक्ति का दायित्व होना चाहिए तभी हमारा वातावरण स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि जन्मदिन, नवजात शिशु जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, त्यौहारों, भागवत कथा व प्रथम नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानान्तरण, अपने खास यादगार पलो व माता पिता के नाम पर एक एक पौधा लगाते हैं तो वह पौधा हमारे भावना से जुड़ेगा और उनका संरक्षण भी होगा और अपनो की यादें इस धरा में पेड़ के रूप में रहेगा। 
उनका कहना था कि इन पौधों को देखकर आनेवाली पीढ़ी प्रेरणा लेकर इस परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी बढाएंगे जिसका सीधा प्रभाव पर्यावरणीय संतुलन बनेना में होगा। 
पौधारोपण में बिशम्बर सिंह, रामचन्द्र यादव, कुणाल यादव, नमिता यादव, किरन यादव, आयुष्मान आदि मौजूद थे।।

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