शनिवार, 31 अगस्त 2019

यातायात बाधित करके वाहन खड़ा करने पर 500 रूपये प्रति घंटा का जुर्माना होगा

यातायात बाधित करके वाहन खड़ा करने पर 500 रूपये प्रति घंटा का जुर्माना होगा



01 सितम्बर 2019 से मोटर वाहन अधिनियम की धारा 201 में संशोधन लागू
वाहन हटाने के शुल्क के अतिरिक्त वाहन रखने का खर्च भी वाहन स्वामी को भुगतान करना होगा



प0नि0संवाददाता
काशीपुर। अनाधिकृत रूप से सार्वजनिक स्थानों व सड़कों पर ऐसे वाहन रखने वालों पर जिससे यातायात का मुक्त प्रवाह प्रभावित हो, 01 सितम्बर 2019 से 500 रूपये प्रति घंटा का जुर्माना लगेगा। साथ ही सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी या विभाग द्वारा वाहन हटाने पर हटाने के शुल्क के अतिरिक्त वाहन रखने का शुल्क भी वाहन स्वामी या सम्बन्धित इंजार्च से वसूला जायेगा।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता तथा कानून विशेषज्ञ नदीम उद्दीन एडवोकेट ने सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से यातायात बाधित करके सार्वजनिक मार्ग पर वाहन खडे़ करनेे वालों पर कार्यवाही सम्बन्धी नियम प्रावधानों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी काशीपुर ने अपने पत्रांक 1359 से धारा 122 तथा 201 की फोटो प्रति उपलब्ध करायी हैै। 
उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार धारा 122 में यान को खतरनाक स्थिति में छोड़ने का निषेध किया गया है तथा धारा 201 मेें यातायात के मुक्त प्रवाह में अवरोध डालने के लिये जुर्माने का प्रावधान है। 40 से अधिक कानूनी जागरूकता पुस्तकोें के लेखक नदीम उद्दीन एडवोकेट ने बताया कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 की धारा 87 सहित विभिन्न प्रमुख धराओं को भारत सरकार की अधिसूचना द्वारा 01 सितंबर से देशभर में लागू किया गया है जिससे धारा 201 में संशोधन करके इसे निष्प्रयोज्य वाहनोें के स्थान पर सभी वाहनोें पर लागू किया गया है तथा पैैनल्टी को 50 रूपये घंटेे सेे बढ़ाकर पांच सौ रूपये प्रति घंटा कर दिया गया हैै तथा हटाने के शुल्क के अतिरिक्त रखने का शुल्क वसूलने का प्रावधन किया गया हैै। साथ ही ऐसा हटाने का शुल्क तथा वाहन रखने का शुल्क सरकारी एजेेंसी के अतिरिक्त राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी एजेंसी द्वारा वसूलनेे का प्र्रावधान किया गया है। 
संशोधित धारा 201 के अनुसार जो कोई किसी वाहन को किसी सार्वजनिक स्थान पर ऐसी रीति से रखेेगा जिससे कि यातायात का मुक्त प्रवाह अवरूद्व होता है तो वह जब तक वाहन उस स्थिति में रहता है प्रति घंटा पांच सौै रूपये तक के जुर्माने के लिये जिम्मेदार होगा।
इसके अतिरिक्त मोटर वाहन अध्निियम की धरा 122 के अनुसार किसी मोटर वाहन का भारसाधक व्यक्ति किसी यान या ट्रेलर को किसी सार्वजनिक स्थान पर न ता ऐसी स्थिति में, न ऐसी हालत में और न ऐसी परिस्थिति में छोड़ेगा या रहने देेगा या छोड़ने या रहने की अनुमति देगा, जिससे सार्वजनिक स्थान पर उपयोग करने वाले अन्य व्यक्तियों या यात्रियोें को खतरा, बाधा या असम्यक असुविधा हो या होने की संभावना होे। नदीम नेे बताया कि यदि किसी वाहन या ट्रेलर के सार्वजनिक स्थान पर खड़े रखने से यातायात का मुक्त प्रवाह प्रभावित न भी हो तो भी धारा 122 केे प्रावधान केे कारण इस पर भी धारा 177 के अन्तर्गत चालान हो सकता है और जुर्माना लग सकता है।
नदीम ने बताया कि 01 सितंबर से लागू मोटर वाहन संशोधन अध्निियम 2019 के प्रावधानों के अनुसार जो अन्य बड़े बदलाव किये गये है। उनमें बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रूपये के स्थान पर पांच हजार रूपये, बिना सीट बेल्ट व हेलमेट के वाहन चलाने पर 100 के स्थान पर एक हजार, अधिक रफ्रतार पर गाड़ी चलाने पर 400 रूपये के स्थान पर एक हजार हल्के वाहद्ध दो हजार;मीडियम यात्री वाहन, शराब पीकर गाड़़ी चलाने पर दो हजार के स्थान पर दस हजार, दोपहिया वाहनों पर क्षमता से अधिक वजन के मामले में सौ रूपयेे के स्थान पर दो हजार के जुर्माने तथा तीन महीने के लिये लाइसेंस निलम्बित करने का प्रावधान शामिल हैै। इसके अतिरिक्त नाबालिग द्वारा ड्रांइविंग करने पर अभिभावक तथा वाहन के मालिक को 25 हजार रूपये तक के जुर्माने के साथ 3 साल की सजा का प्रावधन किया हैै साथ ही सम्बन्धित बालक पर भी किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाने तथा साथ ही सम्बन्धित वाहन का एक साल के लिये रजिस्ट्रेशन निरस्त होने संबंधी प्रावधान शामिल है।


बीएसएनएल 700 रूपये में अपने उपभोक्ताओं को देगा लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड और सेट-टॉप बॉक्स

बीएसएनएल 700 रूपये में अपने उपभोक्ताओं को देगा लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड और सेट-टॉप बॉक्स



एजेंसी
नई दिल्ली। बीएसएनएल लोकल केबल टीवी सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर जीओ फाइबर को मात देने की योजना बना रहा है। खबर के अनुसार बीएसएनएल ने विजाग में लोकल टीवी केबल ऑपरेटर्स के साथ ट्रिपल प्ले सेवा के लिए बातचीत खत्म भी कर ली है। इस कोलैबोरेशन में केबल टीवी ऑपरेटर्स उपभोक्ताओं को सेट-टॉप बॉक्स डिलीवर करेंगे। 
वहीं बीएसएनएल लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड सेवाओं को उपलब्ध करवाएगा। इसमें तीनों सेवाओं को एक ऑप्टिकल फाइबर केबल के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार ये सेवाएं केबल टीवी सेवा प्रदाता द्वारा उपलब्ध करवाई जाएंगी। 
जीओ की ही तरह बीएसएनएल और केबल टीवी ऑपरेटर्स तीनों कनेक्टिंस के बीच ओएनटी डिवाइस उपलब्ध करवाएंगे। जिनको नहीं पता उन्हें बता दें कि जाओ पफाइबर भी बीएसएनएल के ट्रिपल प्ले प्लान की ही तरह सेवाएं ऑफर करेगा।
बीएसएनएल भारत में 10 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ टॉप ब्रॉडबैंड कंपनियों में से एक है। हालांकि रिलायंस जीओ 6 महीने से भी कम समय में अपने जीओ फाइबर बंडल्ड प्लान्स के साथ इससे आगे निकलने की योजना में है। फिलहाल बीएसएनएल अपने उपभोक्ताओं को लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध करवाता है लेकिन जीओ पफाइबर लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड और केबल टीवी सेवाएं उपलब्ध करवाएगा। इसे टक्कर देने के लिए बीएसएनएल कई शहरों में लोकल केबल टीवी ऑपरेटर्स के साथ पार्टनरशिप कर रहा है।
अब सबसे पहला सवाल यह होगा कि बीएसएनएल ट्रिपल प्ले प्लान की कीमत क्या होगी? रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा अधिकृत पीएसयू प्लान्स को 700 रूपये के करीब लेकर आ सकता है। फिलहाल बीएसएनएल लैंडलाइन प्लान प्रति महीने 170 में और ब्रॉडबैंड प्लान औसत 440 रूपये प्रति महीने में आता है। स्टैंडर्ड टीवी ऑपरेटर फिलहाल 200 से 300 प्रति महीना लेते हैं। कुल मिलकर इन सब की कीमत 900 रूपये के करीब हो जाती है। बीएसएनएल इन सभी सेवाओं को 700 रूपये उपलब्ध करवाने के प्रयास में है। कंपनी इस प्लान को इस साल दशहरा से पहले लेकर आ सकती है।


 


6 गज के घर में रहता है पूरा परिवार, 2 मंजिल का किराया 3500 रुपये

6 गज के घर में रहता है पूरा परिवार, 2 मंजिल का किराया 3500 रुपये



दो मंजिला बने इस घर में एक बेडरूम, एक किचन, बाथरूम, सीढ़ी और छत है। इसका किराया 3500 रुपये महीने है। फिलहाल यह घर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।
एजेंसी
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्‍ली का सबसे छोटा घर लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। बुराड़ी इलाके में बने छह गज के इस छोटे से मकान को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। आसपास के लोगों का भी कहना है कि यह घर काफी लोकप्रिय हो चुका है। यहां आने वाले लोग इसकी तस्‍वीरें खींचकर ले जाते हैं।
खास बात है कि इस मकान में एक बेडरूम, एक किचन, बाथरूम, सीढ़ी और छत है। इसे इस तरह डिजाइन कर बनाया गया है कि ग्राउंड फ्लोर पर सीढ़ी और बाथरूम है। यहां से ऊपर चढ़ते हैं तो पहले मंजिल पर एक बेडरूम है। दूसरे मंजिल पर एक किचन है और फिर खुली छत है।
इस घर में रहने वाली पिंकी बताती हैं कि इसे बेहद खूबसूरत तरीके से बनाया गया है। यह महज छह गज में बना है। पूरे घर में ऊपर से नीचे तक मार्बल बिछाया गया है। वो इस घर में अपने पति और दो बच्‍चों के साथ रहती हैं। पूरे परिवार को इतने छोटे से घर में रहने में कोई परेशानी नहीं होती।
इस घर का किराया 3500 रुपये प्रति महीना है। पिंकी कहती हैं कि भले ही यह घर छोटा है लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय है। वहीं लोग इस बात पर भी आश्‍चर्य करते हैं कि इसमें चार लोग आखिर रहते कैसे हैं।
इस घर के बेडरूम में एक सिंगल बैड है। वहीं रसोई में भी सिंगल बर्नर वाली गैस के अलावा बहुत सीमित सामान है। यह घर न केवल लोगों के लिए बल्कि घर बनाने वाले बिल्‍डर और निवेशकों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो चुका है। इस घर के मालिक ने इसे किराए पर चढ़ाया हुआ है।


 


 


 


शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

पाकिस्तान का साथ देना चीन को पड़ेगा भारी

पाकिस्तान का साथ देना चीन को पड़ेगा भारी



भारत खोलने जा रहा है बड़ा मोर्चा
- सीएआईटी ने चीनी सामान के बहिष्कार का किया बड़ा ऐलान
- एक सितंबर से चीनी सामान की भारतीय बाजारों में नहीं होगी बिक्री
एजेंसी
नई दिल्ली। कुछ ही दिनों में देश में त्यौहारी सीजन शुरू हो जाएंगे। अगर आपको बाजारों में चीनी सामान ना दिखें तो हैरान ना होना। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने की वजह से देश के व्यापारी चीन के खिलाफ एक सितंबर से बड़ा मोर्चा खोलने जा रहे हैं। व्यापारियों ने चीनी सामान का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। आखिर देश के व्यापारियों ने क्या प्लान बनाया है?
व्यापारियों की मानें तो चीन से आयात होने वाले सामान पर लगने वाली ड्यूटी सही तरीके से नहीं मिल रही है। जिससे देश के राजस्व को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन जानबूझकर अपने सामान की कीमत को कम कर भारत भेजता है। जिसकी वजह से उनकी वस्तुओं पर कम ड्यूटी लगती है। उसी आधार पर आईजीएसटी भी वसूला जाता है। वहीं व्यापारियों के संगठन ने आरोप लगाया कि चीनी सामान के लेनदेन से हवाला के जरिए धन का ट्रांसफर होने का अंदेशा है। जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी को काफी नुकसान हो सकता है। डॉमेस्टिक इंडस्ट्री काफी हार्म हो रही है। व्यापार संतुलन भी भारत के पक्ष में नहीं है। जिसकी वजह से भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा चीन में चली जाती है।


भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई का अभियान

भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई का अभियानः अचानक देश भर में 150 स्थानों पर जांच की
सीबीआई ने छापे ऐसे स्थानों पर मारे गए जहां पर आम लोगों और छोटे कारोबारियों को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है
एजेंसी
नई दिल्ली। सीबीआई ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई ने अचानक देश भर में 150 स्थानों पर जांच-पड़ताल की। अधिकारियों के मुताबिक यह विशेष अभियान है जो मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर चलाया गया। यह छापे ऐसे स्थानों पर मारे गए जहां पर आम लोगों और छोटे कारोबारियों को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। यह अभियान अभी कई दिन चलेगा. कई स्थान जहां भ्रष्टाचार का शक था वहां से काफी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
इस कार्रवाई को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए श्इज ऑफ लिविंगश् यानी सरल जीवन जीने के उस नारे से जोड़कर देखा जा रहा है जो उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर भाषण में दिया था। उन्होंने इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ बिजनेस कहा था।
सूत्रों के अनुसार रेलवे, कोल माइंस और कोल फील्ड्स, मेडिकल, हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशन, कस्टम डिपार्टमेंट, फूड कार्पाेरेशन ऑफ इंडिया, पावर, म्युनिसिपल कॉर्पाेरेशन, ईएसआईसी, ट्रांसपोर्ट, सीपीब्ल्यूडी, डायरेक्टर्स ऑफ स्टेट, फायर सर्विसेस, सब रजिस्ट्रार ऑफिस, इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट ऑफ एनटीसी, जीएसटी डिपार्टमेंट, नेशनल हाइवेज, बीएवीपी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पब्लिक सेक्टर की ऑइल कंपनी, डीजीएफटी, पब्लिक सेक्टर के बैंक, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन, एएसआई, एग्रीकल्चर, शिपिंग कोर्पाेरेशन बीएसएनएल, माइंस एंड मिनरल्स, केंटोनमेंट बोर्ड
जैसे सभी विभागों में यह कार्रवाई की गई।
देशभर में 150 स्थानों पर इन विभागों में विजिलेंस अफसरों के साथ मिलकर सीबीआई ने आज ज्वाइंट सरप्राइज जांच की। इसका मकसद इन विभागों में भ्रष्टाचार की सरप्राइज जांच करना और लोगों को जागरूक करना है। यह बताया गया कि लोग कैसे इन सरकारी विभागों में करप्शन की शिकायत कर सकते हैं, कहां से करप्शन की संभावना ज्यादा होती है।
सूत्रों के मुताबिक यह सरप्राइज ज्वाइंट चौक्स है रेड नहीं हैं। यह अभियान दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, गुवाहाटी, श्रीनगर, शिलांग, चड़ीगढ़, शिमला, चेन्नई, मदुरई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गांधीनगर, गोवा, जबलपुर, नागपुर, पटना, रांची, गाजियाबाद, देहरादून, लखनऊ आदि शहरों में चला. इसमें 150 से ज्यादा जगहों पर सीबीआई ने इन विभागों में विजिलेंस अफसरों के साथ मिलकर सरप्राइज चौक किया।
यह कार्रवाई इस बात को ध्यान में रखकर की गई कि भ्रष्टाचार की वजह से सरकारी तंत्र में आम आदमी और छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा चोट पहुंचती है।


 


चांद के और नजदीक पहुंचा चन्द्रयान

चांद के और नजदीक पहुंचा चन्द्रयान, चंद्रमा की चौथी कक्षा में किया प्रवेश



इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 30 अगस्त शाम 6 बजकर 18 मिनट पर चंद्रमा की चौथी कक्षा में सफलतापूर्ण प्रवेश कर गया
एजेंसी
बेंगलुरु। चन्द्रयान-2 ने एक और अहम पड़ाव तय कर लिया। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 30 अगस्त शाम 6 बजकर 18 मिनट पर चंद्रमा की चौथी कक्षा में सफलतापूर्ण प्रवेश कर गया। अब 1 सितंबर को चंद्रयान चंद्रमा की अगली कक्षा में प्रवेश करेगा। बता दें कि चांद के नजदीक के पास पहुंच रहे चंद्रयान ने तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया है। 
20 अगस्त को इसरो ने चंद्रयान 2 को चांद की कक्षा में भेजा था। अगले दो मनूवर के बाद 2 सितंबर को लैंडर विक्रम कॉम्पजिट बॉडी से अलग हो जाएगा और 7 सितंबर को सुबह करीब 1रू55 बजे चांद की सतह पर उतरेगा। 
इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा है कि चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' सर्वाधिक श्महत्वपूर्णश् क्षण होगा क्योंकि इसरो ने यह पहले कभी नहीं किया है। इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है। लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके अंदर से 'प्रज्ञान' नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। 
सबकुछ यदि ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। 
चंद्रयान-2 ने चांद की सतह से 23 अगस्त को 4375 किलोमीटर की ऊंचाई से जो तस्वीरें क्लिक कीं उनमें कई क्रेटर्स को भी चिह्नित किया गया। इनमें प्रोफेसर शिशिर कुमार मित्रा के नाम पर नामित श्मित्राश् क्रेटर को भी चिह्नित किया गया है। इसके पहले चंद्रयान-2 ने 21 अगस्त को तस्वीरें क्लिक की थीं, जिनमें मरे ओरिएंटल बेसिन और अपोलो क्रेटर्स को चिह्नित किया गया था। 


सरकार मीडिया की आजादी के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैः प्रकाश जावड़ेकर

सरकार मीडिया की आजादी के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैः प्रकाश जावड़ेकर



एजेंसी


कोच्चि। सूचना एवं प्रसारण, पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कामकाज, सुधार और परिवर्तन वे तीन स्तम्भ हैं, जिन पर नये भारत का दृष्टिकोण आधारित है। वह केरल के कोच्चि में मलयालय मनोरमा कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित 'न्यू इंडियाः गवर्नमेंट एंड मीडिया' नामक न्यूज कॉन्क्लेव में मुख्य वक्तव्य दे रहे थे।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त, आतंक मुक्त, जातिवाद मुक्त, साम्प्रदायिकता मुक्त और निर्धनता मुक्त नये भारत का सपना संजोया है। उन्होंने कहा, 'हमारा देश विविधता वाला देश है। विविधता भारत की आत्मा है। जियो और जीने दो, भारतीय दर्शन का आधार है।'
जावड़ेकर ने मीडिया की स्वतंत्रता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, 'मीडिया की आजादी लोकतंत्र की बुनियाद है। लेकिन यह भी समझना चाहिए कि एक लोकतांत्रिक समाज में आजादी को उत्तरदायित्व के साथ जुड़ा होना चाहिए। उत्तरदायित्व के साथ जुड़ी आजादी नियम से बंधी आजादी नहीं होती। वह अपने तरीके से खुद को नियमों में ढालती है।'
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश में सोशल मीडिया में फैलाई जा रही अफवाहों के कारण हो रही है। यह सोशल मीडिया में स्व-नियामक व्यवस्था या प्राधिकार के अभाव में होता है।
एक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा कि सरकार हर तरह की आलोचना का स्वागत करती है, क्योंकि इससे शासन की समझ मिलती है। उन्होंने कहा, 'हम स्वतंत्र संस्थाओं में विश्वास करते हैं, क्योंकि ये लोकतंत्र की ताकत होते हैं।' कश्मीर में मीडिया की आजादी का उल्लेख करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि हालांकि वहां उचित प्रतिबंधों का दौर रहा है, लेकिन ज्यादातर प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। हम जल्द ही सामान्य स्थिति में पहुंच जाएंगे और नये कश्मीर तथा नये भारत को देखेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया था।


दो सितंबर को मनायी जाएगी हरतालिका तीज

दो सितंबर को मनायी जाएगी हरतालिका तीज



पं0 चैतराम भट्ट
देहरादून। हिन्दी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। हरतालिका तीज 1 सितंबर या 2 सितंबर में से किस तारीख को मनायी जाएगी, इस बात को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। कुछ लोग 1 सितंबर की तारीख बता रहे हैं तो कुछ 2 सितंबर की तारीख को सही बता रहे हैं। इस दुविधा को हम खत्म कर रहे हैं। हरतालिका तीज 2 सितंबर को ही क्यों मनायी जानी चाहिए?
इस वर्ष सौभाग्य रक्षा का व्रत हरतालिका तीज 02 सितंबर दिन सोमवार को ही मान्य है। ज्योतिषीय गणना की मान्यता के अनुसार, चतुर्थी युक्त तृतीया का सौभाग्य वृद्धि में विशिष्ट महत्व है।
हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग तथा सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता तीज पर्व की महत्ता को बढ़ाती है। इसका प्रमाण 'पर्व मुहूर्त निर्णय ग्रन्थ' में इस प्रकार प्राप्त है-
“चतुर्थी हस्त नक्षत्र सहिताया तु सा तृतीया फलप्रदा”
हस्त नक्षत्र में तीज का पारण वर्जित
इतना ही नहीं, प्रमाण यह भी मिलता है कि हस्त नक्षत्र में तीज का पारण वर्जित है, जबकि रविवार 01 सितंबर को व्रती महिलाओं को 02 सितंबर दिन सोमवार के भोर में पारण हस्त नक्षत्र में ही करना पड़ेगा, जो शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं है।
यदि 02 सितंबर को व्रत रखेंगे तो 03 सितंबर दिन मंगलवार के भोर में चित्रा नक्षत्र का पारण सौभाग्य-वृद्धि में सहायक माना गया है। अतः सर्वसिद्ध हरितालिका तीज व्रत चतुर्थी युक्त तृतीया एवं हस्त नक्षत्र के कारण 02 सितंबर सोमवार को ही मान्य है।


 


एनआरसी की अंतिम लिस्ट से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर, 3.11 करोड़ वैध पाए गए

एनआरसी की अंतिम लिस्ट से 19 लाख से ज्यादा लोग बाहर, 3.11 करोड़ वैध पाए गए



एजेंसी
गुवाहाटी। नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट शनिवार जारी कर दी। एनआरसी के स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के मुताबिक, अंतिम सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर हैं। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कोई दावा पेश नहीं किया था। 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को वैध करार दिया गया है। अगर कोई लिस्ट से सहमत नहीं है तो वह फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील कर सकता है।
पिछले साल 21 जुलाई को जारी की गयी एनआरसी सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था। अंतिम सूची में उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं।  
यह लिस्ट इंटरनेट और राज्य के 2500 एनआरसी सेवा केंद्रों, 157 अंचल कार्यालय और 33 जिला उपायुक्त कार्यालयों में उपलब्ध होगी। वहीं, असम में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हिंसा और सांप्रदायिक झड़पों की आशंकाओं को देखते हुए राज्य सरकार और गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति की अपील की है। पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों से अफवाहों, सुनी-सुनाई बातों, फेक न्यूज पर विश्वास न करने की अपील की गई है। गुवाहाटी समेत 5 जिलों में धारा 144 लागू है। 
एनआरसी को लेकर राज्य में कई अफवाहें फैली हुई हैं। अफवाह है कि जिनके नाम अंतिम लिस्ट में नहीं होंगे, उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा या बांग्लादेश भेजा जाएगा। प्रशासन सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि असम में बसे किसी भी भारतीय को डरने की जरूरत नहीं है, राज्य सरकार उनके साथ है। अंतिम सूची में जिनका नाम नहीं होगा, उनकी चिंताओं पर राज्य सरकार ध्यान देगी। सुनिश्चित करेगी कि कोई परेशान न हो। जब तक अपीलकर्ता की याचिका ट्रिब्यूनल में विचाराधीन है, तब तक उन्हें विदेशी नहीं माना जा सकता। लोगों से अपील है कि वे शांति और अमन बनाए रखें।
 एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशित होने से पहले असम में 20 हजार अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है।
राज्य में 100 ट्रिब्यूनल बनाए जा चुके हैं, 200 सितंबर पहले हफ्ते में शुरू हो जाएंगे। लोग इनमें 120 दिन तक अपील कर सकेंगे। 
सरकार के मुताबिक एनआरसी से बाहर होने वाले लोगों के मामले की सुनवाई के लिए राज्य में एक हजार ट्रिब्यूनल बनाए जाएंगे। 
एनआरसी लिस्ट जारी होने के साथ 4 साल से जारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस काम में 62 हजार कर्मचारी 4 साल से लगे थे। असम में एनआरसी कार्यालय 2013 में बना था, पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम 2015 से शुरू हुआ। पहली लिस्ट 2017 और दूसरी लिस्ट 2018 में प्रकाशित हुई थी।
जोरहाट के व्यवसायी गजेंद्र जैन बेचैन हैं। कहते हैं कि यदि उनका नाम लिस्ट में नहीं आया तो क्या होगा? क्या उन्हें जबरन डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा या बांग्लादेश भेज दिया जाएगा। उनका परिवार करीब 100 साल से असम में रह रहा है। वे मूलत: राजस्थान के हैं। पिछली बार उन्होंने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा किए थे। फिर भी परिवार का नाम लिस्ट में नहीं आया। ऐसी ही स्थिति यूपी के चित्रकूट के सत्यनारायण मिश्र की है। वे 25 साल से असम में हैं। उन्होंने स्थानीय युवती से शादी कर ली। पिछली लिस्ट में पत्नी, बेटा और एक बेटी का नाम है, पर उनका और बेटी का नाम गायब हो गया। उन्होंने इस बार भी दस्तावेज जमा किए हैं, पर आज को लेकर चिंतित हैं। बिहार के भागलपुर के रविकांत 1990 में नौकरी के लिए गुवाहाटी आए थे। उनके पूरे परिवार का नाम लिस्ट में नहीं था। इन दिनों उनका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। रात में नींद नहीं आती है। उन्हें डर है कि पुलिस पकड़कर ले जाएगी। इस वक्त असम में ऐसी आशंकाओं के बीच लाखों लोग जी रहे हैं। 


 


 


'हरामी नाला' जहां से घुसने की फिराक में हैं पाकिस्‍तान के कमांडो

'हरामी नाला' जहां से घुसने की फिराक में हैं पाकिस्‍तान के कमांडो



पाकिस्‍तान प्रशिक्षित 'कमांडो' के घुसने की सूचना के बाद गुजरात के तटीय इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया सूचना मिली है कि ये कमांडो सरक्रीक इलाके में 'हरामी नाला' के जरिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं।


एजेंसी
अहमदाबाद। पानी के अंदर हमला करने में सक्षम पाकिस्‍तान प्रशिक्षित 'कमांडो' के कच्‍छ की खाड़ी के पास घुसने या घुसने का प्रयास करने की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के बाद शुक्रवार को गुजरात तट पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। खुफिया सूचना मिली थी कि ये कमांडो सरक्रीक इलाके में 'हरामी नाला' के जरिए भारत में प्रवेश कर सकते हैं। कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्‍तान के बीच चल रहे तनाव के बीच इस ना'पाक' चाल से निपटने के लिए सभी बंदरगाहों और महत्‍वपूर्ण प्रतिष्‍ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
हरामी नाला गुजरात के कच्‍छ इलाके में भारत और पाकिस्‍तान को बांटने वाला 22 किमी लंबा समुद्री चैनल है। यह दोनों देशों के बीच सर क्रीक इलाके की 96 किलोमीटर विवादित सीमा का हिस्‍सा है। 22 किमी हरामी नाला घुसपैठियों और तस्‍करों के लिए स्‍वर्ग के समान है। इसी वजह से इसका नाम 'हरामी नाला' रखा गया है। यहां पानी का स्‍तर ज्‍वार-भाटे और मौसम की वजह से लगातार बदलता रहता है। इसीलिए इसे बेहद खतरनाक भी माना जाता है। 
ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 2008 में पाकिस्‍तानी आतंकवादियों ने भारतीय मछली पकड़ने वाली नौका 'कुबेर' को सर क्रीक तट से जब्‍त किया और वहां से वे गुजरात आए और मुंबई पर हमला किया। इस इलाके में अक्‍सर पाकिस्‍तान की खाली पड़ी नावें जब्‍त की जाती हैं। हरामी नाले के अंदर मछली पकड़ने पर रोक है लेकिन इसके अंदर झींगा मछली और रेड सैमैन मछली पाई जाती है जिनकी काफी मांग है। इस कारण से यह नाला भारत और पाकिस्‍तान दोनों के मछुआरों के लिए पसंदीदा जगह माना जाता है।
दीनदयाल (कांडला) पोर्ट और अडानी द्वारा संचालित मुंद्रा पोर्ट और राज्‍य सरकार को दी गई खु‍फिया सूचना के मुताबिक पाकिस्‍तान प्रशिक्षित कमांडो हरामी नाला, खवडा या नजदीकी इलाकों से भारत में प्रवेश कर सकते हैं। यह अलर्ट ऐसे समय पर आया है जब जम्‍मू-कश्‍मीर का विशेष राज्‍य का दर्जा खत्‍म करने के बाद पाकिस्‍तान परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है। इससे पहले 27 अगस्‍त को नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने खुफिया सूचना के हवाले से कहा था कि जैश-ए-मोहम्‍मद ने अपनी एक समुद्री विंग बनाई है और आतंकवादियों को पानी के अंदर हमला करने का प्रशिक्षण दे रहा है। 
बता दें कि कच्‍छ इलाके में कई तेल रिफाइनरियां हैं जिसमें रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, मुंद्रा और दीन दयाल पोर्ट और कई बड़े पावर प्‍लांट हैं। इसके अलावा द्वारका में भगवान कृष्‍ण का विश्‍व प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों यात्री आते हैं। जैश के आतंकवादियों के निशाने पर खंभात की बेहद व्‍यस्‍त खाड़ी भी हो सकती है। गुजरात मेरीटाइम बोर्ड के मुताबिक खंभात की खाड़ी में इस समय करीब 50 जहाज गुजर रहे हैं। इसके अलावा कच्‍छ की खाड़ी में 100 बड़े जहाज तथा 300 नौकाएं रहती हैं। 
खुफिया सूत्रों ने बताया कि जैश ने कई 'गोताखोर' तैयार किए हैं जो लंबी दूरी तक तैरने के लिए प्रशिक्षित किए गए हैं और ये पानी के अंदर से हमला कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, 'इस तरह के प्रशिक्षण की वजह से वे समुद्र, नदी या झीलों के रास्‍ते महत्‍वपूर्ण स्‍थानों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। चूंकि ज्‍यादातर सुरक्षा जमीनी रास्‍ते से की जाती है, इस कमी का आतंकी फायदा उठाने का प्रयास कर सकते हैं।' उन्‍होंने कहा कि मुंबई हमले के बाद समुद्र तटीय इलाके की सुरक्षा मजबूत की गई है। गुजरात सरकार ने भी तटीय सुरक्षा को बढ़ा दिया है। 


 


ई-कचरा प्रबंधन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे दून के मोबाइल डीलर

ई-कचरा प्रबंधन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे दून के मोबाइल डीलर
- सैमसंग के अधिकृत मोबाइल डीलरों को ई-कचरा प्रबंधन नियमों की जानकारी नहीं
- गति फाउंडेशन ने किया 10 अधिकृत सैमसंग डीलरों और 6 अन्य मल्टी ब्रांड मोबाइल डीलरों को सोशल आडिट 



प0नि0संवाददाता
देहरादून। शहर में तेजी के साथ मोबाइल डीलर्स के शोम रूम खुल रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि शहर के 88 प्रतिशत मोबाइल डीलर ई-कचरा प्रबंधन नियामवली को लेकर जागरूक नहीं हैं और 63 प्रतिशत डीलर तो ऐसे हैं जिन्होंने यह नाम ही नहीं सुना है। 
देहरादून स्थिति एन्वायरनमेंटल एक्शन एवं एडवोकेसी ग्रुप गति फाउंडेशन द्वारा शहर के 16 मोबाइल डीलर्स के साथ एक सोशल आडिट में यह बात सामने आई। इनमें से 10 सैमसंग के अधिकृत डीलर हैं और 6 विभिन्न ब्रांडो के मोबाइल पफोन बेचते हैं। यह सोशल आडिट ई-कचरा प्रबंधन नियम-2016 को आधार बनाकर किया गया, जिसे भारत सरकार द्वारा नोटिफाइड किया गया है। इससे पहले गति फाउंडेशन के एक अन्य सर्वे में यह बात सामने आई है कि शहर में ई-वेस्ट का 72  प्रतिशत हिस्सा मोबाइल और उसकी एसेसरीज से पैदा होता है।
ई-कचरा प्रबंधन नियम 2016 का नियम-7 कहता है कि डीलर को ई-कचरा वापस लेने के लिए उपभोक्ता को बॉक्स अथवा बिन उपलब्ध करवाना होगा। लेकिन शहर के 94 प्रतिशत मोबाइल डीलर्स ऐसी कोई सुविधा उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे हैं। 88 प्रतिशत डीलर्स के पास ई-कचरा एकत्रा करने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
गति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने सोशल आडिट में सामने आये इन नतीजों पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में जबकि ई-कचरा एक बड़ा पर्यावरणीय खतरा बन चुका है और स्मार्ट फोन एक जरूरत बन गया है, ई-कचरा प्रबंधन की व्यवस्था और इस बारे में जानकारी का भारी अभाव है। ई-कचरे के संबंध में शहर के मोबाइल डीलर्स की जागरूकता का स्तर वास्तव में बहुत कम है। बाजार में अपने उत्पाद बेच रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इस बारे में चिन्ता करनी चाहिए। ई-कचरे को ईको प्रफैंडली तरीके से निस्तारित करने के लिए कंपनियों को डीलर्स की मदद करनी चाहिए।
2016 के नियम सापफ तौर पर कहते हैं कि कंपनियों को अपनी वापस खरीद योजनाओं के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक करना चाहिए। लेकिन 56 प्रतिशत डीलर ऐसी किसी योजना से अनभिज्ञ हैं। नियम के अनुसार निर्माता अपना कचरा खुद निस्तारित करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन 88 प्रतिशत डीलर्स को इस बारे में जानकारी नहीं है।
गति फाउंडेशन के ऋषभ श्रीवास्तव का कहना है कि आने वाले समय में ई-वेस्ट और ज्यादा पैदा होगा। हम सरकारी विभागों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर ई-वेस्ट के बारे में लोगों को जागरूक करने और ई-वेस्ट का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने की दिशा में कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। इस सोशल आडिट में अनुष्का मर्ताेलिया, हेम साहू, अध्ययन ममगाईं और नीलम कुमारी शामिल हुए।


पटना हाईकोर्ट के जज ने आर्डर में लिखा- कोर्ट में भ्रष्टाचार है

पटना हाईकोर्ट के जज ने आर्डर में लिखा- कोर्ट में भ्रष्टाचार है
चीफ जस्टिस ने 11 जजों की बेंच बनाकर आर्डर पर रोक लगाई



पटना हाईकोर्ट के इतिहास में यह पहला न्यायिक आदेश है। जिसमें खुद न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। कोर्ट ने करीब दो घंटे में लिखाये गए आर्डर की प्रतिलिपि पीएमओ, कालेजियम, केंद्रीय कानून मंत्रालय और सीबीआई के निदेशक को भेजी है।
एजेंसी
पटना। पटना हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया। पटना हाइकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी केपी रमैया के केस में सुनवाई के दौरान आर्डर में लिखा कि कोर्ट में भ्रष्टाचार है। उन्होंने इस आर्डर की कापी पीएमओ और सीबीआई को भी भेज दी। इसकी प्रतिक्रिया में चीपफ जस्टिस एपी शाही ने 11 जजों की बेंच बनाकर जस्टिस राकेश कुमार के आर्डर पर रोक लगा दी।
दरअसल जस्टिस राकेश कुमार ने इस केस की सुनवाई के दौरान न सिपर्फ राज्य सरकार के भ्रष्ट अपफसरों की खिंचाई कर दी बल्कि हाईकोर्ट की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठा दिये। जस्टिस राकेश ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को न्यायपालिका से ही संरक्षण मिल जाता है, जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद रहते हैं। जस्टिस राकेश कुमार ने सवाल उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को बेल कैसे दे दी।
जस्टिस राकेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश को बंगला आवंटित होते ही रख-रखाव और साज-सज्जा पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। एक जज ने तो अपने बंगले के रख-रखाव और सौंदर्यीकरण में एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च करवा दिए जबकि यह राशि गरीब जनता की गाढ़ी कमाई की है।
पटना हाईकोर्ट के इतिहास में यह पहला न्यायिक आदेश है, जिसमें खुद न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। कोर्ट ने करीब दो घंटे में लिखाये गए आर्डर की प्रतिलिपि पीएमओ, कालेजियम, केंद्रीय कानून मंत्रालय और सीबीआई के निदेशक को भेजी है। खबर है कि पटना हाईकोर्ट के चीपफ जस्टिस ने इस आदेश को रद्द कर दिया है।
जस्टिस राकेश कुमार ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आमतौर पर मैं ऐसे आदेश नहीं देता हूं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से पटना की अदालत में काम हो रहा है वो सही नहीं है क्योंकि 2017 में भी एक प्राइवेट चैनल ने पटना की अदालत का स्टिंग आपरेशन किया था और घूस के बदले न्याय दिखाया था लेकिन इस मामले में गंभीरत नहीं दिखाई गई। यहां तक कि एपफआईआर भी नहीं की गई। हालांकि मैंने मौखिक रूप से कई जजों और मुख्य न्यायाधीश से कुछ बातें कही थी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। सिपर्फ एक जांच की औपचारिकता निभाई गई। एक रिपोर्ट स्टैंडिंग कमिटी को सौंपा गया। उस स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य होने के नाते मैंने अपना अलग मन्तव्य दिया। क्योंकि मैं सहमत नहीं था। मैं इस मामले में एपफआईआर चाहत था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई की जांच के आदेश दिए।
जस्टिस राकेश ने कहा कि 25 दिसंबर 2009 को मैंने पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश पद की शपथ ली थी। मैंने भ्रष्टाचार के खिलापफ कार्यवाही करने की शपथ ली है। लिहाजा हमें किसी भ्रष्टाचार के मामले पर पर्दा नहीं डालनी चाहिए। नहीं तो लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा। पटना हाईकोर्ट में कई ऐसे मामले आए जिसमें न्यायाधीशों के कार्यकलापों पर सवाल उठ रहे। एक जज तो आपराधिक मुकदमें में आदेश सुरक्षित रखकर पटना हाईकोर्ट छोड़कर चले गए। एक मजिस्ट्रेट ने तो एक इंस्पेटिंग जज पर पैसा वसूली का आरोप लगाया था।
जस्टिस राकेश ने जज को नामांकित करने वाली कालिजियम पर भी सवाल उठाए और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हस्तक्षेप करने की बात कही।


बैंकिंग, टैक्स व ट्रैफिक नियमों में एक सितंबर से होने वाले बदलाव

बैंकिंग, टैक्स व ट्रैफिक नियमों में एक सितंबर से होने वाले बदलाव, आपके जीवन में क्‍या पड़ेगा इसका प्रभाव



एजेंसी
नयी दिल्ली। एक सितंबर से आपके जीवन में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। घर खरीदना जहां सस्ता हो जायेगा, तो वहीं लापरवाही से वाहन चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह बदलाव आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालेंगे। 
स्टेट बैंक एक सितंबर से अपने ग्राहकों को होम और ऑटो लोन को रेपो रेट से लिंक करेगा। इससे ग्राहकों को यह लाभ होगा कि जब भी आरबीआइ रेपो रेट में कटौती करेगा, तो आपको इसका तुरंत फायदा मिलेगा। ईएमआई में राहत मिलेगी।  
यदि आप पेटीएम, फोनपे या गूगल पे जैसे मोबाइल वॉलेट का उपयोग करते हैं तो शनिवार तक इसकी केवाइसी पूरी करा लें क्योंकि एक सितंबर से ऐसा नहीं कराने पर आपका मोबाइल वॉलेट काम करना बंद कर देगा।
स्टेट बैंक ने रिटेल डिपॉजिट पर ब्याज दर घटा दी है। एक लाख रुपये तक के डिपॉजिट वाले ग्राहकों को सेविंग अकाउंट में 3.5 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा। एक लाख से ज्यादा डिपॉजिट वाले जो ग्राहक हैं उनके लिए यह दर तीन फीसदी ही रहेगी। 
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की प्रक्रिया आसान होगी। बैंक अधिकतम 15 दिनों में किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगा।
कई सरकारी बैंक 59 मिनट में होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने की सुविधा शुरू कर सकते हैं।
सेवा टैक्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के पुराने विरासती मामलों (माफी योजना) को कम करने के लिए विवाद निबटान और माफी योजना एक सितंबर से चार महीने के लिए अमल में आ जायेगी। इसमें बकाया टैक्स चुकाया जा सकेगा और कानूनी कार्रवाई भी नहीं होगी। 
एक साल में बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाते से एक करोड़ रुपये से ज्यादा निकासी पर टीडीएस वसूला जायेगा।  
घर की मरम्मत, शादी-ब्याह या किसी अन्य काम के लिए पेशेवर को सालाना 50 लाख से ज्यादा का भुगतान पर 05ः की दर से टीडीएस। लाइफ इंश्योरेंस के मैच्योर होने पर मिली रकम यदि टैक्सेबल है,तो कुल इनकम वाले हिस्से पर पांच फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा। 
पैन के बदले आधार को कुछ तय ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही निर्धारित समयसीमा के अंदर पैन को आधार से लिंक नहीं करने पर पैन इनऑपरेटिव (निष्प्रभावी) हो जायेगा।
ट्रैफिक से जुड़े नियम भी बदल जायेंगे। अब वाहन नियम उल्लंघन पर आपको भारी भरकम जुर्माना देना होगा। साथ ही किसी राज्य में नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या पुराने का नवीकरण और नये वाहन का रजिस्ट्रेशन या फिर मौजूदा वाहन का ट्रांसफर का आवेदन देश के किसी भी आरटीओ में करवा सकते हैं।
जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अब वाहनों को भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं तोडफोड़ और दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिए अलग से बीमा कवर उपलब्ध करायेगी। 
तंबाकू के पैकेट पर चेतावनी को  लेकर सरकार ने पुराने कानून में बदलाव किया है। एक सितंबर से तंबाकू के  पैकेट पर एक नंबर प्रिंट होगा, जिस पर कॉल करने पर नशे से पीड़ित लोगों को नशा छुड़ाने के उपाय बताये जायेंगे।


 


गुरुवार, 29 अगस्त 2019

प्रदेश में हजारों फैक्ट्रियाँ हो गयी बंद, मुखिया पडे़ हैं बेसुध: मोर्चा


 



प्रदेश में हजारों फैक्ट्रियाँ हो गयी बंद, मुखिया पडे़ हैं बेसुध: मोर्चा

- पूर्व  में स्थापित उद्योग संभल नहीं रहे, चले थे नये उद्योग लगाने

- वेलनेस समिट की नौटंकी बंद कर सरकारी खजाने की लूट हो बंद

- बेरोजगार दर-दर की ठोकरे खा रहे, सरकार आराम फरमा रही

- सरकारी रोजगार के रास्ते बंद कर दिये, अब फैक्ट्रियाँ भी होने लगी बं

प०नि०संवाददाता

विकासनगर। मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा लगातार एक-दो वर्ष से जोर देकर कह रहा है कि प्रदेश में उद्योग तेजी से बंद हो रहे हैं, लेकिन सरकार ने मोर्चा की बात अनसुनी कर दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि इन दो वर्षों में हजारों उद्योग बंद हो गये, तथा हजारों उद्योग बन्दी के कगार पर है, जिस कारण हजारों की तादाद में युवा नौकरी से बाहर हो गये।

नेगी ने कहा कि 2-3 दिन पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में लगभग 3700 लघु उद्योगों का बंद होना सामने आया तथा पूर्व से भी हजारों लघु, सूक्ष्म, मध्यम उद्योग बंद हो चुके हैं, जो कि अपने आप का बहुत बड़ा आंकड़ा है तथा प्रदेश की सेहत के लिए बड़ा घातक है। उद्योग विभाग के मुखिया एवं मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत की अनुभवहीनता एवं अदूरदर्शिता की वजह से उद्योगपतियों ने तेजी से अपना कारोबार समेट दिया, लेकिन प्रदेश के मुखिया को भनक तक न लगी।

नेगी ने कहा कि  त्रिवेन्द्र रावत द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व इन्वेस्टर्स समिट की नौटंकी कर झूठी वाहवाही लूटने के उद्देश्य से करोड़ों रूपया पानी की तरह बहा डाला तथा अब फिर वेलनेस समिट के नाम पर करोड़ों रूपया बहाने की तैयारी चल रही है।

दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश को एक गैरजिम्मेदार सी0एम0 थमा दिया गया, जिसकी वजह से सरकारी नौकरियों के रास्ते बंद हो गये तथा जो थोड़ा बहुत रोजगार फैक्ट्रियों के जरिये मिला हुआ था वो भी बंद हो गया। मोर्चा ने प्रदेशवासियों से अपील की कि जाग जायें वरना वो दिन दूर नहीं जब पछतावे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।

पत्रकार वार्ता मोर्चा  महासचिव आकाश पंवार, के0सी0 चन्देल, श्रवण ओझा, विनोद गोस्वामी, प्रवीण शर्मा पीन्नी आदि थे।






 


अरुंधति रॉय ने भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी

अरुंधति रॉय ने भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी



करीब 8 साल पुरानी उनकी एक टिप्पणी का विडियो अचानक सोशल मीडिया पर तैरने लगा
एजेंसी
नई दिल्ली। लेखिका अरुंधति रॉय ने 2011 में भारतीय सेना को लेकर की गई अपनी एक टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। करीब 9 साल पुरानी उनकी एक टिप्पणी का विडियो अचानक सोशल मीडिया पर तैरने लगा था और लोग उन पर निशाना साध रहे थे। अरुंधति रॉय ने द प्रिंटश को दिए अपने बयान में कहा कि हम सभी जीवन में किसी वक्त गलती से कुछ ऐसा कह सकते हैं, जो मूर्खतापूर्ण हो, गलत हो। यह चिंता की बात है। यदि मेरे बयान के किसी भी हिस्से से किसी भी तरह का भ्रम हुआ हो तो मैं इसके लिए माफी मांगती हूं।
अरुंधति रॉय ने 2011 में विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि कश्मीर, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड जैसे राज्यों में हम जंग लड़ रहे हैं। 1947 से ही हम कश्मीर,तेलंगाना, गोवा, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड में लड़ रहे हैं। भारत एक ऐसा देश है, जिसने अपनी सेना अपने ही लोगों के खिलाफ तैनात की। पाकिस्तान ने भी कभी इस तरह से सेना को अपने ही लोगों के खिलाफ नहीं लगाया।अरुंधति रॉय ने कहा था कि पूर्वाेत्तर में आदिवासी, कश्मीर में मुस्लिम, पंजाब में सिख और गोवा में ईसाइयों से भारतीय राज्य लड़ रहा है। ऐसा लगता है, जैसे यह अपरकास्ट हिंदुओं का ही स्टेट हो।
अरुंधति रॉय की इस विवादित टिप्पणी को सोशल मीडिया पर बीते करीब दो दिनों से जमकर शेयर किया जा रहा था और उनकी निंदा की जा रही थी। सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें 1971 में पाक सेना द्वारा बांग्लाभाषियों के नरसंहार को याद दिला रहे थे। सोशल मीडिया पर लगातार खुद को घिरता हुए देख अरुंधति रॉय ने माफी मांग ली। अरुंधति रॉय ने माफी मांगते हुए कहा है कि मेरे लेखन से यह पता चलता है कि मैं पाकिस्तान के बारे में क्या विचार रखती हूं। यही नहीं उन्होंने अपने बयान में बलूचिस्तान में नरसंहार और मौजूदा बांग्लादेश में पाकिस्तान के अत्याचारों का भी जिक्र किया है। 
द प्रिंट को दिए हुए अपने बयान में अरुंधति रॉय ने कहा कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर 9 साल पुरानी एक विडियो क्लिप तैर रही है। इसमें भारत सरकार के अपने ही देश में लोगों के खिलाफ जंग की बात करते हुए मैं यह कहते हुए दिखती हूं कि पाकिस्तान ने भी इस तरह से सैनिकों को अपने ही लोगों के खिलाफ तैनात नहीं किया।
अरुंधति रॉय ने कहा कि हम सभी जीवन में किसी पल में गलती से मूर्खतापूर्ण टिप्पणी कर देते हैं। यह छोटी सी विडियो मेरे पूरे विचार को नहीं बताती और इससे उसका पता नहीं चलता, जो मैंने सालों तक लिखा है। मैं एक लेखिका हूं और मैं मानती हूं कि आप कहे हुए शब्द आपके विचारों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। यह बेहद चिंताजनक बात है और क्लिप के किसी भी हिस्से से पैदा हुए कन्फ्यूजन के लिए मैं माफी मांगती हूं।


बादल की ओढे़ चुनर, देखो चांद निकल आया


 


बादल की ओढे़ चुनर, देखो चांद निकल आया
महबूब मेरा है वो, मेरे मन को बहुत भाया
देखो चांद निकल आया।


ऐसा कभी नहीं सोचा, क्या है केमिकल लोचा
एहसास यही होता, मैं पानी, वो मेरा लोटा
इस सोच के साथ ही तो, मैंने प्यार मेरा पाया
देखो चांद निकल आया


हम दूर हुए तो क्या, यादों का सहारा है
जिन्दगी, समन्दर है, तो उम्र किनारा है
जो वक्त के साथ चला, यहां वही संभल पाया
देखो चांद निकल आया


दीदार की खातिर मैं, आसमान पे ताका करूं
घूंघट है बड़ा भारी, फिर भी मैं झांका करूं
उम्मीदों के साये में, इंतजार ही रंग लाया
देखो चांद निकल आया


मेरे गम और खुशी दोनों, आंसू से छलकते है
आंखों में गौर से देखो, अक्श उसके झलकते है
फिर मैं तो दीवाना, जो बनके चले साया
देखो चांद निकल आया


 


 


चेतन सिंह खड़का


बुधवार, 28 अगस्त 2019

कैबिनेट बैठक में फैसला- 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, बढ़ेंगी एमबीबीएस की 15700 सीटें 

कैबिनेट बैठक में फैसला- 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, बढ़ेंगी एमबीबीएस की 15700 सीटें 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली
एजेंसी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इस पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस फैसले से 15 हजार 700 नए मेडिकल सीट बनेंगे। इसके अलावा कैबिनेट में कई और फैसले लिए गए। 
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज वहां बनेंगे, जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल में एमबीबीएस और पीजी मिलकर 45 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं और आज तक अभी बीते पांच साल में 82 और अभी 75 नए कॉलेज को मंजूरी मिली है। अभी तक मेडिकल एजुकेशन के लिए इतना बड़ा निर्णय नहीं हुआ है। सरकार के इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी। यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बनेगी। 
इसके अलावा गन्ना किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला भी किया गया। इसपर 6268 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। ये पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा। इससे किसानों का घाटा भी कम होगा। इसका फायदा लाखों किसानों को मिलेगा। वहीं, इंटरनेशनल कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी फैसला लिया गया है। कैपिसिटी बिल्डिंग और एक्सचेंज ऑफ इन्फॉरमेंशन जरूरी है। पीएम इस योजना को यूएन में जाकर लॉन्च करेंगे। 
वहीं, सरकार की तरफ से बताया गया कि 286 बीलियन डॉलर का एफडीआई भारत में आया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस दौरान बताया कि कोल माइनिंग और उसके सेल के लिए 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी जाएगी। साथ ही उससे जुड़े कामों जैसे कोयला की धुलाई आदि में भी 100 फीसदी की एफडीआई को अनुमति की मंजूरी दी गई है. भारत को कंपनियां मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बनाना चाहते हैं, लेकिन कानून में कुछ कठिनाइयां थी जिसे आज काफी सरल किया गया है। इससे बड़ी मात्रा में विदेश से निवेश आएगा। इससे आर्थिक प्रगति भी बढ़ेगी। साथ ही बड़े रूप में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए सबसे पहला बदलाव कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दी गई है। बाहर के लोग भारत मे आकर अपना सामान बनवा सकते हैं।


देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन हुआ सस्ता

देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन हुआ सस्ता, इस वजह से एचयूएल ने घटाए दाम



हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने कुछ साबुनों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कर दी है। लाइफबॉय, लक्स और डव साबुन की कीमतें कम की हैं।
एजेंसी
नई दिल्ली। देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन लाइफबॉय सस्ता हो गया है। लाइफबॉय के अलावा लक्स और डव की कीमतों में भी गिरावट आई है। दरअसल फ़ास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने कुछ साबुनों की कीमतें 30 फीसदी तक कम कर दी है। अग्रेज़ी वेबसाइट लाइव मिंट खबर के मुताबिक हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने कुछ साबुनों की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कर दी है।
 खबर के मुताबिक जुलाई में, एचयूएल ने कमजोर मांग और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए लाइफबॉय, लक्स और डव साबुन की कीमतों को कम कर दिया था। लक्स और लाइफबॉय, बिक्री के मामले में देश में सबसे ज्यादा बिकने वाले साबुन ब्रांड्स में से हैं। रिसर्च फर्म यूरोमॉनिटर के अनुसार भारत में टॉयलेट सोप का मार्केट 20,960 करोड़ रुपये का है। रिसर्च कंपनी कंतार के अनुसार, लाइफबॉय भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला साबुन ब्रांड है।
दूसरी ओर कंपनी ने फेयर एंड लवली, पॉन्ड्स, पीयर्स और डव जैसे ब्रांडों के फेस-वॉश की कीमतों में 4-14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। आईटीसी, विप्रो कंज्यूमर केयर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों ने एचयूएल को कड़ी टक्कर दी है।


जीमेल पर भेजा गया मेल पढ़ने के बाद हो जाएगा डिलीट चेंज करें सेटिंग

जीमेल पर भेजा गया मेल पढ़ने के बाद हो जाएगा डिलीट चेंज करें सेटिंग



प0नि0डेस्क
देहरादून। जीमेल का इस्तेमाल हम काफी समय से कर रहे हैं, मगर शायद ही हमें इसमें मौजूद कंफीडेंशियल मोड के बारे में पता हो। 
जीमेल का इस्तेमाल हम काफी समय से कर रहे हैं, मगर शायद ही हमें इसमें मौजूद कंफीडेंशियल मोड के बारे में पता हो। इस मोड की मदद से यूज़र्स अपने अकाउंट से ऐसे मेल भेज सकते हैं, जो पढ़े जाने के बाद एक्सपायर हो जाते हैं। इससे रिसीव करने वाला भेजे गए मेल के कंटेंट को कॉपी, फॉरवर्ड या डाउनलोड नहीं कर सकता है। तो अगर आपको भी कोई ज़रूरी मेल करना है, जो आप चाहते हैं कि एक समय के बाद डिलीट हो जाए तो आप इस कंफीडेंशियल मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वेब (कंप्युटर/लैपटॉप) वर्जन के लिए सबसे पहले आपको ब्राउजर में जीमेल ओपन करके लागइन करना होगा। इसके बाद आपको कंपोज मेल पर क्लिक करना होगा, जैसे आप कोई भी नया मेल भेजने के लिए करते हैं।
अब सेंड बटन के दाईं ओर पर एक लॉक आइकन दिखाई देगा, इसपर आपको क्लिक करना होगा। यह आइकन आपको ड्राइव, गैलरी जैसे आइकन्स के साथ दिखाई देगा। अब आपके सामने एक पॉप-अप विडों आ जाएगी। इसमें सेलेक्ट करने का ऑप्शन मिलेगा कि आपका मैसेज कितने टाइम में एक्सपायर होगा।
इसमें आपको कई ऑप्शन मिलेंगे। जैसे कि सिक्योरिटी के लिए आप मेल पर कोई पासकोड लगा सकते हैं। इससे रिसीवर बिना पासकोड डाले मेल ओपेन नहीं कर पाएगा।
अब मैसेज के सबसे नीचे नोटिफिकेशंस दिखाई देगा कि आप कॉन्फिडेंशन मोड में मेल भेज रहे हैं।
मोबाइल ऐप पर यूज़ करने का तरीका यह है कि अपने एंड्रॉयड या आईओएस डिवाइस पर जीमेल ऐप में लॉग-इन करें। फिर इसमें कंपोज मेल स्क्रीन ओपन को करें। यहां टॉप राइट कॉर्नर में दिख रहे तीन डॉट्स पर पर टैप करें और कॉन्फिडेंशियल मोड सेलेक्ट करें।
इसमें आपको इस मेसेज के एक्सपायर होने से जुड़ी सेटिंग्स चुनने का ऑप्शन मिलेगा।
वेब की तरप आप ऐप में भी मेल को पासकोड प्रोटेक्ट कर सकते हैं,जो रिसीवर को मिल जाएगा। इसके बाद आपको मैसेज लिखकर भेज देना है।
आपको एक छोटी सी विंडो में दिखने लगेगा कि आप मेल कॉन्फिडेंशियल मोड में भेज रहे हैं।
बता दें कि बिजनस के लिए इस्तेमाल करने वाले 
जी-सुईट यूज़र्स भी कॉन्फिडेंशियल मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं। बिज़नेस के लिए जीमेल यूज़ कर रहे यूज़र्स के लिए यह अपने आप इनेबल रहेगा। लेकिन मैनेजर्स चाहें तो इस फीचर को डिसेबल भी कर सकते हैं।


शिक्षाविद स्वर्गीय डॉक्टर वाचस्पति मैठानी को याद किया




शिक्षाविद स्वर्गीय डॉक्टर वाचस्पति मैठानी को याद किया
डॉक्टर मैठानी को वर्ष 1999 और 2016 में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था

संवाददाता

देहरादून। उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षाविद स्वर्गीय डॉक्टर वाचस्पति मैठानी को उनके जन्म दिवस के अवसर पर समारोह पूर्वक स्मरण किया गया।

गांधीवादी विचारों से प्रेरित सर्वोदय ही सामाजिक कार्यकर्ता, पूर्व संस्कृत शिक्षा निदेशक स्वर्गीय डॉक्टर वाचस्पति मैठानी का जन्म 28 अगस्त 1949 को टिहरी जिले के सेन्दुल ग्राम में हुआ था। खराब आर्थिक स्थिति एवं विद्यालय घर से दूर होने की वजह से उन्हें कक्षा तीन में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

उन्होंने पर्वतीय नवजीवन मंडल संस्थान आश्रम सिल्लयारा मैं कताई बुनाई का प्रशिक्षण लिया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण स्वच्छता, अस्पृश्यता, उन्मूलन, नशाबंदी, पर्यावरण एवं बाल विवाह के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम किया। वर्ष 1965 में उद्योग साला किंग्सवे कैंप दिल्ली से कार्पेंट्री में आईटीआई की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। घर की माली हालत ठीक न होने की वजह से उन्होंने मसूरी में कार्पेंट्री के साथ सब्जी बेचने का काम भी किया।

इन सबके बावजूद उन्होंने प्राइवेट तौर पर पढ़ाई जारी रखते हुए कक्षा 5 से लेकर एम०ए०, बी०एड्० भी किया। गढ़वाल के प्रमुख देवताओं की सामाजिक एवं आध्यात्मिक पृष्ठभूमि विषय पर उन्होंने दीपिल की उपाधि हासिल की। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े टिहरी गढ़वाल में प्राथमिक शिक्षा से लेकर डिग्री कॉलेज स्तर तक की शिक्षण संस्थाओं की स्थापना में अपना योगदान दिया।

डॉक्टर मैठानी मैं शिक्षा के अलावा अनौपचारिक शिक्षा, मद्य निषेध कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिक्षा प्रसार कार्यक्रम, पल्स पोलियो आदि राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यक्रमों में जुड़े रहे। इसके फलस्वरूप उन्हें उल्लेखनीय कार्यों के लिए विभिन्न प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए और अनेक पुरस्कारों से उन्हें नवाजा गया।

डा० मैठानी ने संयुक्त शिक्षा निदेशक के पद पर रहते हुए प्रदेश में सभी विद्यालयों में श्रीदेव सुमन निर्वाण दिवस के अवसर पर 25 जुलाई को वृक्षारोपण अभियान चलाया। अगर आप 10 जनवरी 2005 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत ने उनकी पुस्तक गढ़वाल हिमालय की देव संस्कृति का विमोचन किया। डा० मैठानी को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान हेतु वर्ष 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायण तथा वर्ष 2016 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया।

भले ही 16 अप्रैल 2017 को उनकी जीवन यात्रा का अवसान हो गया लेकिन समाज और शिक्षा के लिए जो योगदान उन्होंने दिया वह कभी ना भुलाए जा सकने वाला है। आज भी वे अपने विद्यार्थियों शिक्षकों एवं समाज के हर तबके के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए।




 


चंद्रयान-2 चांद की तीसरी कक्षा में पहुंचा, इतिहास बनने से बस 11 कदम दूर 

चंद्रयान-2 चांद की तीसरी कक्षा में पहुंचा, इतिहास बनने से बस 11 कदम दूर 



इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद की तीसरी कक्षा मे सफलतापूर्वक प्रवेश करा दिया है।  इसी कक्षा में चंद्रयान-2 अगले 2 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। 30 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की चौथी और 1 सितंबर को पांचवीं कक्षा में डाला जाएगा।
एजेंसी
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ;इसरोद्ध ने 28 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करा दिया है। चंद्रयान-2 को चांद की तीसरी कक्षा में सुबह 9.04 बजे डाला गया। अब चंद्रयान-2 चांद के चारों तरफ 179 किमी की एपोजी और 1412 किमी की पेरीजी में चक्कर लगाएगा। इसी ऑर्बिट में चंद्रयान-2 अगले 2 दिनों तक चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इसके बाद 30 अगस्त को चंद्रयान-2 को चांद की चौथी और 1 सितंबर को पांचवीं कक्षा में डाला जाएगा। 
इसरो वैज्ञानिकों ने 20 अगस्त यानी मंगलवार को चंद्रयान-2 को चांद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाया था। इसरो वैज्ञानिकों ने मंगलवार को चंद्रयान की गति को 10.98 किमी प्रति सेकंड से घटाकर करीब 1.98 किमी प्रति सेकंड किया था। चंद्रयान-2 की गति में 90 फीसदी की कमी इसलिए की गई थी ताकि वह चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर चांद से न टकरा जाए. 20 अगस्त यानी मंगलवार को चांद की कक्षा में चंद्रयान-2 का प्रवेश कराना इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन, हमारे वैज्ञानिकों ने इसे बेहद कुशलता और सटीकता के साथ पूरा किया। 
30 अगस्त की शाम 6.00-7.00 बजे के बीच चंद्रयान-2 को 126ग्164 किमी की कक्षा में डाला जाएगा।
01 सितंबर की शाम 6.00-7.00 बजे के बीच चंद्रयान-2 को 114Û128 किमी की कक्षा में डाला जाएगा।
चांद के चारों तरफ 4 बार कक्षाएं बदलने के बाद चंद्रयान-2 से विक्रम लैंडर बाहर निकल जाएगा। विक्रम लैंडर अपने अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की तरफ बढ़ना शुरू करेगा।। 3 सितंबर को विक्रम लैंडर की सेहत जांचने के लिए इसरो वैज्ञानिक 3 सेकंड के लिए उसका इंजन ऑन करेंगे और उसकी कक्षा में मामूली बदलाव करेंगे।
इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को 4 सितंबर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में पहुंचाएंगे। इस कक्षा की एपोजी 35 किमी और पेरीजी 97 किमी होगी। अगले तीन दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान इसरो वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के सेहत की जांच करते रहेंगे।
    1रू40 बजे रात (6 और 7 सितंबर की दरम्यानी रात) - विक्रम लैंडर 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा। यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा।
    1रू55 बजे रात - विक्रम लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद दो क्रेटर मैंजिनस-सी और सिंपेलियस-एन के बीच मौजूद मैदान में उतरेगा। लैंडर 2 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर उतरेगा। ये 15 मिनट बेहद तनावपूर्ण होंगे।
    3.55 बजे रात - लैंडिंग के करीब 2 घंटे के बाद विक्रम लैंडर का रैंप खुलेगा। इसी के जरिए 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा।
    5.05 बजे सुबह - प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल खुलेगा। इसी सोलर पैनल के जरिए वह ऊर्जा हासिल करेगा।
    5.10 बजे सुबह - प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा। वह एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करेगा। इस दौरान वह 500 मीटर की दूरी तय करेगा। 
7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रॉकेट बाहुबली के जरिए प्र‍क्षेपित किया गया था। इससे पहले 14 अगस्त को चंद्रयान-2 को ट्रांस लूनर ऑर्बिट में डाला गया था. उम्मीद जताई जा रही है कि 7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को लाइव देखेंगे।


हरतालिका तीज पर जानें महिलाओं के 16 श्रंगार करने के पीछे का महत्व 

हरतालिका तीज पर जानें महिलाओं के 16 श्रंगार करने के पीछे का महत्व 



प0नि0डेस्क
देहरादून। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं 24 घंटे के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। 16 श्रंगार में क्या-क्या चीजें शामिल होती हैं और उनका क्या महत्व है।
कृष्ण जन्माष्टमी के बाद देशभर में हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बड़े जोरशोर से मनाया जाता है। हरतालिका तीज महिलाओं का त्योहार है और इस दिन महिलाए व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की प्राथना करती हैं।
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं मेहंदी लगाती है, नए कपड़े पहनती हैं। इसके अलावा महिलाएं 16 श्रंगार करती हैं और पूजा में बैठती हैं। सोलह श्रंगार से ना सिर्फ महिलाए बेहद खूबसूरत दिखती हैं, बल्कि इस 16 श्रंगार का महत्व विज्ञान ने भी माना है। विज्ञान का कहना है कि 16 श्रंगार करने से महिलाओं के मन, शरीर और सेहत पर सकारात्मक परिणामा देखने को मिले हैं। आज हम आपको बता रहैं कि 16 श्रंगार में क्या-क्या चीजें शामिल होती हैं और उनका क्या महत्व है।
महिलाओं के बाल उनके गहने के समान होते हैं। इसलिए बालों में फूलों का गजरा लगाने से बालों में खुशबू आती है। साथ ही महिलाओं की सेहत पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और उनका मन भी खुश रहता है।
महिलाएं अगर माथे पर बिंदी लगाए तो उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। बिंदी लगाने के पीछे मनेवैज्ञानिक कारण भी है और इससे महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मबल में बढ़ोत्तरी होती है। महिलाओं को सुकून की प्राप्ति होती है।
 विज्ञान का कहना है कि शरीर के जिस स्थान पर सिंदूर लगाया जाता है, वह ब्रह्मरंध्र और अहिम नामक मर्मस्थल के ठीक ऊपर होता है, जो अत्यंत कोमल होता है। इस जगह पर सिंदूर लगाने से यहां की सुरक्षा होती है। साथ ही सिंदूर में ऐसे धातु भी मौजूद होते हैं जो चेहरे पर झुर्रियों के असर को कम कर देते हैं।
गले में मंगलसूत्र पहनने के पीछे विज्ञान का कहना है कि मंगलसूत्र या हार के मोतियों से जो हवा निकलती है, वहां महिलाओं के इम्यून के सिस्टम को ताकत देती है और अधिक मजबूत करती है। साथ ही इसमें मौजूद काले मोती उन्हें बुरी नजर से बचाते हैं।
विज्ञान का कहना है कि कान छिदवाने से आंख की रौशनी तेज होती है. बता दें कि कान के निचले हिस्से में एक बिंदु होता है, जहां पर आंखों की नसें होकर गुजरती हैं। जब महिलाएं कान में इस जगह झुमके या बाली पहनते हैं तो आंखों की रौशनी तेज हो जाती है।
सिंदूर के अलावा महिलाएं अपनी मांग में टीका पहनती हैं। टीका महिलाओं की सुंदरता तो बढ़ाता ही है, साथ में मस्तिष्क से जुड़ी क्रियाओं को भी ठीक रखने में मदद करता है।
पायल पहनने से महिलाओं के शारीर से निकलने वाली विद्युत ऊर्चा कोर पायल शरीर में संरक्षित करके रखती है। इससे महिलाओं के पट और निचले अंगों में मौजूद फैट को बढ़ने में रोकने में मदद करती है। इसके अलावा चांदी की चप्पल पहनने से पैरों की हड्डियां मजबूत होती हैं।
पांव पहनी गई बिछिया एक्यूप्रेशर तकनीक पर काम करती है। इससे पहनने से शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका और मांसपेशियां ठीक रहती हैं। बिछिया पहनने से एक खास नस पर दबाव बनता है, जिससे गर्भधारण क्षमता को बेहतर करने में सहायता मिलती है।
बिछिया की तरह ही नथनी भी एक्यूप्रेशर तकनीक पर काम करती है। जिस जगह नथनी पहनी जाती है, वहां पर प्रसव पीड़ा के दौरान वाले दर्द को कम करने का काम करती है।
अंगुलियों में पहनी जाने वाली अंगूठियां महिलाओं को आलस से दूर रखती हैं और सुस्ती को भी कम करती है।
हाथ में महिलाओं का चूड़िया पहनना बहुत फायदेमंद साबित होता है। विज्ञान के मुताबिक जब महिलाओं की चूड़िया आपस में हाथ में टकराती हैं तो उससे उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है। इसके अलावा महिलाओं के हॉर्मोंस को संतुलित रखने में भी चूड़ियां मदद करती हैं।
बाजूबंद को पहनने से महिलाओं की बांह स्थित केंद्रों पर दबाव पड़ता है, जो उन्हें लबें समय तक सुंदर और जवान रखता है।
कमरबंद पहनने के पीछे वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे पहनने से महिलाओं में हर्निया जैसी बीमारियों की चपेट में आने से छुटकारा मिल जाता है।
हाथों पर लगाई जाने वाली मेहंदी हथेलियों को सुंदर दिखने के साथ-साथ शरीर को ठंडा रखने में भी मदद करती है।
16 श्रंगार में आंखों में काजल लगाना भी शामिल है। आंखों में काजल लगाने से आंखों में ठंडक मिलती है और आंखों से जुड़ी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है।
चेहरे पर थोड़ा मेकअप वा नेल पेंट लगाने से उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है।


 



 


मंगलवार, 27 अगस्त 2019

जनता को धोखा देने के मामले में सी0एम0 त्रिवेन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को मोर्चा ने घेरी तहसील

जनता को धोखा देने के मामले में सी0एम0 त्रिवेन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को मोर्चा ने घेरी तहसील
प0नि0संवाददाता
विकासनगर। जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की जनता को धोखा देने के मामले में सी0एम0 त्रिवेन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर मोर्चा अध्यक्ष एवं जी0एम0वी0एन0 के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील घेराव कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन एस0डी0एम0 विकासनगर श्री कौस्तुभ मिश्र को सौंपा। 
नेगी ने कहा कि जून 2019 में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत जिनके पास उद्योग मन्त्रालय भी है, ने खुले मंच से घोषणा कर बताया कि वर्ष 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में किये गये एम0ओ0यू0 के सापेक्ष 109 प्रोजेक्ट्स पर 14545 करोड का निवेश हो चुका है, जबकि 11.07.2019 तक दस्तावेजों के आधार धरातल पर कुछ भी निवेश नहीं हुआ था, इसके साथ-साथ मार्च 2019 में लाखों रूपये खर्च कर झूठा विज्ञापन समाचार पत्रों में छपवाया गया कि करोड़ों रूपये का निवेश अब तक हो चुका है। यह प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है।
नेगी ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट का ताजा अपडेट यह है कि 98 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है तथा इससे 13261 करोड का निवेश होगा, लेकिन ये धरातल पर कब उतरेगा, सरकार तक को मालूम नहीं।
महत्वपूर्ण यह है कि इन्वेस्टर्स समिट में सरकारी धन को ठिकाने लगाकर कहा गया कि 673 एम0ओ0यू0 साईन हो चुके हैं तथा इनमें एक लाख चैबीस हजार करोड के लगभग निवेश होगा, जबकि ये सारा मामला हवा-हवाई था। प्रदेश को कर्ज में डुबोकर झूठी वाह-वाही लूटने का काम किया गया। 
मोर्चा शीघ्र ही इस मामले में राजभवन में दस्तक देगा।
घेराव में महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, मौ0 असद, विनोद गोस्वामी, जयन्त चैहान, मौ0 इस्लाम, मौ0 आशिफ, फतेह आलिम, सुशील भारद्वाज, जयदेव नेगी, अंकुर चैरसिया, मनोज राय, मनोज चैहान, शेर सिंह, प्रवीण शर्मा, मामराज, इदरीश, मौ0 गालिब, भीम सिंह बिष्ट, आशीष सिंह, सतीश गुप्ता, अशोक गर्ग, मौ0 नसीम, अकरम सलमानी आदि थे।


जीएसटी् रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ी

जीएसटी् रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ी
सीबीआईसी ने ट्वीट कर कहा कि 2017-18 के लिए वार्षिक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए। और जीएसटीआर-9सी फॉर्म भरने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है।
एजेंसी
नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन-डायरेक्ट टैक्सेस ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वार्षिक जीएसटी रिटर्न फाइल करने की तारीख 3 महीने से बढ़ा दी है। पहले ळैज् रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी, जिसे बढ़ाकर 30 नवंबर 2019 तक कर दिया गया है। सीबीआईसी ने ट्वीट कर कहा कि, 2017-18 के लिए वार्षिक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी फॉर्म भरने की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।
अगर किसी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया है तो जीएसटीआर-9 वार्षिक रिटर्न फॉर्म होता है। इस फॉर्म में सप्लाई और पर्चेज की पूरी जानकारी होती है। जीएसटीआर-9ए, इस फॉर्म का इस्तेमाल कंपोजिशन स्कीम टैक्सपेयर्स द्वारा किया जाता है। इसमें एक फाइनेंशियल इयर में कुल सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी रिटर्न फाइल की जानकारी होती है। अगर सालाना टर्नओवर 2 करोड़ से ज्यादा का है तो उसे आईजीएसटीआर-9सी फॉर्म भरना होता है जो एक ऑडिट रिपोर्ट कहलाती है। इस फॉर्म को एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से वेरिफाई करवाने की जरूरत होती है।
तारीख बढ़ाने को लेकर सीबीआईसी ने कहा कि टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से टैक्सपेयर्स 1 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2018 का जीएसटी रिटर्न नहीं फाइल कर पा रहे हैं. इसी वजह से तारीख आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है।


सोमवार, 26 अगस्त 2019

किसान पेंशन स्कीम के लिए जेब से नहीं देना पड़ेगा

किसान पेंशन स्कीम के लिए जेब से नहीं देना पड़ेगा

नई दिल्ली। किसान पेंशन योजना से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के मकसद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मिलने वाली किस्तों में से प्रीमियम की राशि काटने की तैयारी है। इससे पैसा सरकारी खजाने में ही रहेगा और लाभान्वितों की संख्या भी बढ़ जायेगी।
कृषि मंत्रालय के पास प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ उठाने वाले 8 करोड़ से ज्यादा किसानों की जानकारी है। इन किसानों को प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पेंशन योजना से जुड़ने के लिए संदेश भेजे जा रहे हैं। जिन किसानों का पंजीकरण पीएम-किसान स्कीम में हो चुका है वे अंशदान करने का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसा करने पर पेंशन स्कीम के लिए उन्हें जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। देशभर में 14.5 करोड़ किसान हैं, जिनमें से करीब 12 करोड़ प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे।
पीएम-किसान पेंशन स्कीम ऐच्छिक हैं लेकिन सरकार चाहती है कि इससे अधिकतम किसानों को जोड़ा जाये। जो लोग पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम से प्रीमियम का भुगतान इस फंड से करना चाहते हैं, उन्हें शपथ पत्र और आधार नंबर देना पड़ेगा। उनकी पेंशन स्कीम का प्रीमियम किसान सम्मान निधि के पैसे में से कट जाएगा।
पीएम-किसान मानधन योजना में शुरुआती नामांकन का काम साझा सेवा केंद्र सीएससी के माध्यम से किया जा रहा है। नामांकन के लिए किसानों को शुल्क नहीं देना है। किसान के खाते में जमा रकम पर बाद में यदि कोई विवाद खड़ा होता है तो उसका समाधान एलआईसी करेगा।
पेंशन स्कीम में 18-40 वर्ष के किसान शामिल हो सकते हैं। उन्हें हर महीने 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक प्रीमियम देना होगा। प्रीमियम के तौर पर किसानों के योगदान के बराबर ही केंद्र सरकार योगदान करेगी। प्रीमियम की राशि किसानों की उम्र के हिसाब से तय होगी। इसमें शामिल किसानों को 60 साल की आयु पूरी होने पर 3,000 रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी। किसान की मृत्यु होने की स्थिति में आश्रित को 1,500 रुपये की पेंशन मिलेगी।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से की थी। इसे मानधन योजना नाम दिया गया है। इसके तहत किसानों को साल में तीन किस्तों में 6,000 रुपये दिए जाने हैं। पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के 8 करोड़ किसानों का पंजीकरण हो चुका है और पात्र 6.25 करोड़ किसानों को पहली और 3.81 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त मिल चुकी है।


गुरुग्राम हरियाणा का कर्नल पब्लिक स्कूल बना विजेता

सी०बी०एस०ई०डब्ल्यू०एस०ओ अंडर-17 बालिका सुब्रोतो मुखर्जी नेशनल चैंपियनशिप-2019
गुरुग्राम हरियाणा का कर्नल पब्लिक स्कूल बना विजेता



संवाददाता
देहरादून। सीबीएसईडब्ल्यूएसओ अंडर-17 का सुब्रातों मुखर्जी नेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालिफायर टूर्नामेंट का आयोजन वीरेंद्र सिंह रावत स्टेट कोऑर्डिनेटर द्वारा आयोजित किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन मार्शल स्कूल जूनियर ब्लॉक ईसी रोड में मुख्य अतिथि उत्तराखंड पुलिस एडीजी, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार, मार्शल स्कूल के निदेशक रजनीश जुयाल एवं रतनिश जुयाल द्वारा किया गया। 
टूर्नामेंट के सेमीफाइनल का मैच दून ग्रामर स्कूल और एसएनएस दता पब्लिक स्कूल उधम सिंह नगर के बीच खेला गया। इस सेमिफाइनल मैच को दून ग्रामर स्कूल ने  1-0 से जीता। विजेता टीम की ओर से आशना ने 35वें मिनट में गोल स्कोर किया। दूसरे सेमीफाइनल मैच में सागर पब्लिक स्कूल अलवर राजस्थान और कर्नल पब्लिक स्कूल, गुरूग्राम हरियाणा के बीच खेला गया। इस मैच को हरियाणा ने 2-0 से जीता। हरियाणा की ओर से में अनीता ने 2 गोल दागे।
फ़ाइनल मैच में कर्नल पब्लिक स्कूल, हरियाणा ने एकतरफा खेले गए मैच में दून ग्रामर स्कूल देहरादून को 2-0 से करा दिया। स्कोर अनीता द्वारा 20वें व 48वें मिनट में किए गए। हरियाणा की विजेता टीम 30 अगस्त को सुब्रोतो मुखर्जी अंतराष्ट्रीय फुटबाल चैंपियनशिप-2019 के लिए दिल्ली जाएगी।
अशोक कुमार डीजी, लॉ एंड आर्डर द्वारा विजेता टीम, रनर अप व अन्य सभी टीमों को पुरस्कार वितरित किये गये। इस टूर्नामेंट का आयोजन उत्तराखंड फुटबाल रेफरी एसोसिएशन ओर देहरादून फुटबाल अकैडमी के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया। टूर्नामेंट में रेफरी मैच कमिश्नर दिलबर सिंह बिष्ट, रेफरी प्रवीन रावत, गोपाल थापा, अमन ज़खमोला, रोशन चंद, उत्तराखंड पुलिस कोच वीर सिंह नेगी, प्रियांशू चौहान, ऋषिकेश सिंह, सुशील सिंह कैंतुरा, सक्षम काला मैच और टूर्नामेंट संयोजन में शामिल रहे।
इस अवसर पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी, चीफ कॉर्डिनेटर एमएल साहू, राहुल यादव, प्रेम, हिमांशु तिवारी, भोपाल सिंह चौधरी, मदन भंडारी आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


ऐसे मिलेगा रिलायंस जियो GigaFiber ब्रॉडबैंड, अभी रजिस्टर करवाएं कनेक्शन

ऐसे मिलेगा रिलायंस जियो GigaFiber ब्रॉडबैंड, अभी रजिस्टर करवाएं कनेक्शन


एजेंसी


नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने अपनी ब्रॉडबैंड सर्विस लाने का ऑफिशल ऐलान कर दिया है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गए हैं। अगर आप भी Jio Gigafiber ब्रॉडबैंड कनेक्शन लेना चाहते हैं तो इसका प्रोसेस शुरू हो चुका है। 5 सितंबर को लॉन्च हो रही जियो की ब्रॉडबैंड सर्विस के प्लान्स पहले ही सामने आ चुके हैं। खास बात यह है कि जियो का गीगाफाइबर प्लान यूजर्स को कनेक्शन के साथ एक कॉम्बो पैक भी ऑफर कर रहा है, जिसमें टीवी सेट-टॉप बॉक्स और लैंडलाइन फोन कनेक्शन भी यूजर्स को मिलेगा। साथ ही इस सर्विस के ब्रॉडबैंड प्लान्स 700 रुपये प्रतिमाह से लेकर प्रीमियम कस्टमर्स के लिए हर महीने 10,000 रुपये तक मिलेंगे।

जियो गीगाफाइबर के कनेक्शन को अभी प्रीव्यू ऑफर के तहत दिया जा रहा है। इसमें यूजर्स को 100Mbps से 1Gbps तक की स्पीड मिलेगी। कंपनी इस कनेक्शन के लिए जरूरी ऑप्टिकल नेटवर्क टर्मिनल डिवाइस (राउटर) के लिए 2,500 रुपये लेगी। यह एक सिक्यॉरिटी डिपॉजिट है जो रिफंडेबल है। गीगाफाइबर के रजिस्ट्रेशन के लिए आपको https://gigafiber.jio.com/registration पर विजिट करना होगा। पहले पेज पर आपको उस अड्रेस की डीटेल देनी है जहां आप जियो गीगाफाइबर का कनेक्शन चाहते हैं।

अड्रेस डीटेल के बाद आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी एंटर करना है। ऐसा करने के बाद आपके नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इस ओटीएपी को सबमिट करें। ऐसा करने के साथ ही जियो गीगाफाइबर का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा हो जाएगा। इसके थोड़ी देर बाद आपको एक मेसेज के जरिए बताया जाएगा कि आपके क्षेत्र में जियो गीगाफाइबर कनेक्शन दिए जाने की शुरुआत होते ही आगे की प्रक्रिया के लिए जियो के सेल्स रेप्रिज़ेंटटिव की तरफ से कॉल आ जाएगी।

जियो गीगाफाइबर के कनेक्शन के लिए आपको अड्रेस और आइडेंटिटी प्रूफ दिखाना होगा। इसके लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है।

सोने ने बनाया रिकार्ड, 40 हजार के पार पहुंचा 

सोने ने बनाया रिकार्ड, 40 हजार के पार पहुंचा



एजेंसी


नई दिल्ली।दि सराफा बाजार में सोने की कीमतों ने सोमवार को नया रिकॉर्ड बनाया। सोने का भाव पहली बार 40 हजार के पार चला गया है। वहीं चांदी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली और यह 45 हजार के पार चला गया। सोने की कीमतों में बढ़ोतरी अमेरिका और चीन में जारी व्यापार युद्ध के कारण कीमतों में तेजी बनी गई। 


सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सुबह 11 बजे सोने की कीमत ने 39 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया था।  इस दौरान सोने के भाव में 550 रुपये यानी करीब 1.45 फीसदी की तेजी आई और यह 39,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। दोपहर 1.30 बजे यह 40 हजार प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते हुए देखा गया। 

सोने के अलावा चांदी के भाव में 670 रुपये यानी 1.48 फीसदी की तेजी देखने को मिली और यह 45,275 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा था।

चीन ने अमेरिका से आयातित 75 अरब डॉलर की वस्तुओं पर एक सितंबर और 15 दिसंबर से अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इस हालात में दुनियाभर में निवेशक सहमे हुए हैं और वह सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं। निवेशकों की नजर में सोना सुरक्षित निवेश का सबसे अच्छा और भरोसेमंद जरिया है। 

पाक पीओके में भारत से जंग की तैयारी कर रहा, एलओसी पर 6 ब्रिगेड तैनाती की योजना 

पाक पीओके में भारत से जंग की तैयारी कर रहा, एलओसी पर 6 ब्रिगेड तैनाती की योजना 



एजेंसी
जम्मू। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी आ गई है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एक ओर दुनिया से कश्मीर मसले पर कूटनीतिक मदद की अपील कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान आर्मी ने चुपचाप पीओके में अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। बालाकोट हमले से सीख लेते हुए आर्मी इस बार पहले से कहीं ज्यादा सोच समझकर रणनीति बना रही है। इसीलिए घाटी से 370 हटने के अगले दिन से ही पाक सेना एलओसी पर सक्रिय हो गई।
पाक आर्मी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, सेना भारत के साथ एक छोटे युद्ध की तैयारी में जुटी है। आर्मी के अफसर कश्मीर में 'स्टेट्स को' बदलने के बाद सैन्य जवाब देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। पाक मिलिट्री के एक कमांडिंग अफसर जो पीओके दाना सेक्टर में तैनात हैं, उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात किसी युद्ध की तैयारी से कम नहीं है। एलओसी के करीब जिस तरह से गोला-बारूद और साजो-सामान इकट्ठा किया जा रहा है, वो तरीका सामान्य नहीं है। हालात से ऐसा लगता है कि युद्ध कभी भी छिड़ सकता है।
पाकिस्तान आर्मी के ही एक अन्य उच्च स्तरीय सूत्र ने बताया है कि एलओसी के हर क्षेत्र में सेना की 6 ब्रिगेड जमा की जी रही हैं। सेना का मुख्य फोकस दाना और बाघ सेक्टर में है, क्योंकि लॉजिस्टिक और रणनीतिक रूप से ये क्षेत्र बेहद अहम हैं। इन ब्रिगेड्स के साथ हैवी आर्टिलरी भी इस इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं। सबसे ज्यादा हैवी आर्टिलरी बाघ, लीपा और चंब सेक्टर में भी जुटाई जा रही है। इस्लामाबाद की मिलिट्री और पॉलिटिकल गलियारों में भी यह सुगबुगाहट है कि पाकिस्तान युद्ध की तैयारी में जुट गया है।
पाक फौज के एक उच्च स्तरीय अफसर ने बताया कि कब युद्ध शुरू हो जाएगा, यह कहना मुश्किल है। पर यह तय है कि भारत और पाकिस्तान की सेनाएं युद्ध के लिए तैयार हैं। यह भी तय है कि जो कुछ भी होना है वह सितंबर से अक्टूबर के बीच ही होना है। क्योंकि फिर बर्फ पड़ने शुरू हो जाएगी और युद्ध लड़ना असंभव हो जाएगा। पाक सेना का मानना है कि बर्फ पड़ने से पहले भारत उन्हें नीलम नदी से पीछे धकेलना चाहता है। फिर अगली गर्मी तक के लिए दोनों सेनाओं का यह स्टैंड-स्टिल पोजीशन बन जाएगा। अगर ऐसा होता है तो सेना हर हालत में इसे रोकेगी। 
एलओसी पर तैनात सेना के एक अफसर ने बताया कि फौज का फोकस इस बात पर है कि किसी उकसावे में भारतीय सेना अक्टूबर से पहले नीलम पार कर ले। यदि ऐसा होता है तो बर्फबारी के बाद पोजीशन को होल्ड करना भारतीय सेना के लिए महंगा पड़ सकता है। ऐसे में अगर वे पीछे हटते हैं या नहीं, दोनों ही सूरत में नुकसान भारत का ही होगा। पहले एक पोस्ट पर एक ट्रक एम्युनिशन काफी होता है पर दो पहले ही पहुंच चुके हैं।
इमरान खान ने कहा था कि अब भारत से बात करने का कोई तुक नहीं बनता है। पाक के सैन्य और सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि इमरान के बयान से यह कहा जा सकता है कि पाक सेना अब वार्ता नहीं, युद्ध की तैयारी कर रही। भास्कर से बात करते हुए पाकिस्तान के पत्रकार नुसरत जावेद कहते हैं कि 'पाकिस्तान आगे बढ़कर मामले को तूल नहीं देगा और रणनीति के अनुसार भारत के एडवेंचर को सहने की कोशिश करेगा। ताकि उसे कम नुकसान हो।' पत्रकार कामरान खान कहते हैं कि 'फौज काम शुरू कर चुकी है। पाक इस बार डिफेंसिव नहीं होगा, क्योंकि समझौते और दस्तावेज अब बेकार हो चुके हैं।'
 इस बीच, पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि उनकी सेना भारत की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। भारत के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए हमारी सेना पूरी तरह तैयार है। इमरान सरकार ने 19 अगस्त को बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया था। कार्यकाल बढ़ाने से इमरान की विपक्षी दलों ने जमकर आलोचना की थी और कहा था कि देश में और भी काबिल लोग हैं।
आर्मी चीफ बाजवा ने हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री का दौरा किया था। फैक्ट्री के सूत्रों ने बताया कि बाजवा का ये दौरा सुनियोजित था और पाकिस्तान की सबसे बड़ी हथियार फैक्ट्री में कई घंटे बिताए। उन्होंने फैक्ट्री में उत्पादन का डिटेल मुआयना किया।


रविवार, 25 अगस्त 2019

गूगल का प्रोजेक्ट ‘नवलेखा’ प्रकाशकों का मददगार साबित हो रहा

गूगल का प्रोजेक्ट 'नवलेखा' प्रकाशकों का मददगार साबित हो रहा
आसान प्रोसेस और ईजी एक्सेस से नवलेखा प्रोजेक्ट वरदान बना गया

देहरादून। गूगल फार इंड़िया 2018 इवेंट के दौरान गूगल ने नेक्स्ट बिलियन यूजर नेतृत्व के तहत प्रोजेक्ट नवलेखा की घोषणा की थी। इवेंट में गूगल की तरफ से कई बड़े ऐलान हुए थे। कंपनी ने गूगल तेज का नाम बदलकर गूगल पे कर दिया। गूगल का प्रोजेक्ट नवलेखा खासतौर पर क्षेत्रीय भाषा में कंटेंट लिखने वाले पब्लिशर्स की मदद कर रहा है ताकि वह अपने कंटेंट को आनलाइन पब्लिश कर सकें।
गूगल ने ट्वीट करते हुए कहा कि अंग्रेजी की तुलना में भारतीय भाषा में कंटेंट केवल 1 प्रतिशत है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि क्षेत्रीय भाषा के पब्लिशर को इंटरनेट पर कंटेंट ले जाने के लिए काफी मुश्किल प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है। गूगल के प्रोजेक्ट नवलेखा के तहत आसान ऐप्लिकेशन प्रोसेस की मदद से वेबपेज बना सकेंगे। गूगल के भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के वाइस प्रेजिडेंट राजन आनंदन ने ब्लाग पोस्ट में कहा है कि नवलेखा शब्द संस्कृत से लिया गया है। नवलेखा का मतलब लिखने का एक नया तरीका है।
प्रोजेक्ट नवलेखा  हिंदी पब्लिकेशन के लिए उपलब्ध है। इच्छुक यूजर गूगल के नवलेखा पेज पर जाकर निःशुल्क पब्लिकेशन वेबसाइट के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। गूगल के नवलेखा प्रोग्राम से जुड़ने के लिए सबसे पहले साइन-अप करें। इसके बाद गूगल की टीम आपके ऐप्लिकेशन को रिव्यू कर आपसे संपर्क में रहेगी। पंजीकृत भारतीय पब्लिकेशन भी वेबपेज पर जाकर साइन-अप कर सकते हैं। साइन-अप करने के बाद आपको इस बात की जानकारी मिलती रहेगी कि अन्य भाषाओं को कब जोड़ा जाएगा।
गूगल ने दावा किया कि भारत में 135,000 प्रिंट पब्लिशर्स में से 90 प्रतिशत ऐसे हैं जिनकी खुद की वेबसाइट नहीं है। गूगल के नए प्रोजेक्ट के तहत कंपनी का यही उद्देश्य है कि वह आफलाइन पब्लिशर्स को इतना समर्थ बनाए कि वह अपने कंटेंट को आनलाइन लेकर आ सकें। गूगल का प्रोजेक्ट नवलेखा पब्लिशर्स को सुंदर वेबपेज, ब्रांड डोमेन पर अनलिमिटेड निःशुल्क होस्टिंग और एडसेंस सपोर्ट मिलेगा। गूगल ने कहा कि पब्लिशर्स को ट्रेनिंग और सपोर्ट भी मिलेगा।
गौर करने वाली बात यह है कि गूगल एक वेबसाइट को सेटअप करने के लिए विशेषज्ञ सहायता प्रदान कर रहा है। इसके लिए किसी भी तरह के शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। कंपनी ने कहा कि हम आपकी सहायता करेंगे ताकि आप अपने कंटेंट को आनलाइन ला सकें। गूगल ने कहा कि हम पब्लिकेशन टूल और डोमेन के लिए पहले तीन वर्षों के लिए शुल्क नहीं लेंगे।


बालकृष्ण को खाने में दी गई थी नशीली चीज!

बालकृष्ण को खाने में दी गई थी नशीली चीज!



एजेंसी
हरिद्वार। पतंजलि समूह के सी0ई0ओ0 आचार्य बालकृष्ण को खाने में नशीली चीज दी गई थी जिसके चलते वह करीब 5 घंटे बेहोश रहे। उन्हें खाने में दी गई संदिग्ध चीज का असर उनके दिमाग पर हुआ। यह खुलासा योग गुरु स्वामी रामदेव ने किया है। अचानक तबीयत बिगडऩे पर आचार्य बालकृष्ण को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। पहले चर्चा फैली कि बालकृष्ण ने सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें हार्ट अटैक आया है। बाद में इसे फूड प्वाइजनिंग कहा गया।
स्वामी रामदेव ने कहा कि उन्होंने एम्स के निदेशक ड0 रविकांत से सीधे बात की। उस समय कुछ पता नहीं चल रहा था। इतना तो पता था कि किसी ने पेड़ा खिलाया और उसके 15 मिनट बाद ही उनका बीपी डाऊन हुआ। फिर वह बेहोश हो गए। अस्पताल में जांच से पता चला कि हार्ट, लिवर, किडनी सब कुछ ठीक है। ब्रेन की एमआरआई भी की गई। फिर भी पता नहीं चल रहा था कि बेहोशी की स्थिति क्यों बनी। रात को 10-11 बजे यूरिन रिपोर्ट से पता चला कि खाने में कोई नशीली चीज दी गई थी। श्स्वास्थ्य ठीक होने पर आचार्य बालकृष्ण को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया।
स्वामी रामदेव ने जिस तरह से बालकृष्ण को नशीली चीज दिए जाने के मामले का खुलासा किया है, उससे साजिश की बू आ रही है। रामदेव ने कहा कि बड़ी दुर्घटना होते-होते बच गई। उनके मुंह से साजिश भी निकला लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि जाने-अनजाने में जो भी हुआ, उसकी जांच कराएंगे। हालांकि इस सबके पीछे कौन हो सकता है, इसका जवाब नहीं मिला।


पीवी सिंधू बनीं महिला बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन

पीवी सिंधू बनीं वर्ल्ड चैंपियन, ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं



वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पीवी सिंधू ने जापान की नोजामी ओकुहारा को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया
एजेंसी
नई दिल्ली। पीवी सिंधू वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी बन गई हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पीवी सिंधू ने जापान की नोजामी ओकुहारा को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने अपना पहला गेम 21-7 से जीता। वहीं दूसरा गेम भी 21-7 से ही जीता। सिंधु और ओकुहारा के बीच अब तक 15 मुकाबले खेले गए हैं, जिनमें सिंधु का रिकार्ड 8-7 रहा है। ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के सेमीफाइनल में शनिवार को चेन यू फेई को सीधे सेटों में मात देने के बाद फाइनल में जगह बनाई थी।
वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें पायदान पर काबिज सिंधु ने वर्ल्ड नंबर-3 चीन की प्रतिद्वंद्वी को 21-7, 21-14 से पराजित करते हुए लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई। भारत की दिग्गज खिलाड़ी सायना नेहवाल को भी चीनी खिलड़ियों के सामने खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन सिंधु लगातार चीन की खिलाड़ियों को मात देने में कामयाब रही हैं।
इससे पहले सेमीफाइनल में भारतीय खिलाड़ी ने मैच की दमदार शुरुआत के बाद पहले गेम में एकतरफा जीत दर्ज की। सिंधु शुरुआत से ही चीनी प्रतिद्वंद्वी पर हावी रहीं 6-2 से बढ़त बना ली। अपने बेहतरीन खेल के जरिए सिंधु ब्रेक तक 11-3 के बड़े अंतर से आगे रहीं। वर्ष 2017 और 2018 में रजत और 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु ने ब्रेक के बाद भी अपने खेल के स्तर को गिरने नहीं दिया, उन्होंने नेट पर शानदार खेल दिखाया और 18-5 की बढ़त बनाने के बाद 21-7 से गेम जीत लिया। फाइनल मुकाबले से पहले सिंधु ने कहा कि फाइनल मैच मुश्किल होगा, उन्होंने उम्मीद जताई थी कि वह अपना बेस्ट देंगी और सिंधू ने अपना बेस्ट ही दिया। ओकुहारा को दोनों गेम में आसानी से धूल चटा दिया। 


भारी डिस्काउंट पर सेना के जवान खरीद सकेंगे टाटा के फ्लैट्स

भारी डिस्काउंट पर सेना के जवान खरीद सकेंगे टाटा के


फ्लैट्स




जल्द ही भारतीय सेना के जवान देश के दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी टाटा रियेलटी के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में सस्ते दामों पर अपने सपनों का आशियाना खरीद सकेंगे। 
एजेंसी
नई दिल्ली। सेना के जवानों के लिये एक खुशखबरी है। जल्द ही भारतीय सेना के जवान देश के दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी टाटा रियेलटी के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में सस्ते दामों पर अपने सपनों का आशियाना खरीद सकेंगे। इसको लेकर आर्मी वेलफेयर हाउसिंग आर्गनाइजेशन और टाटा रियेलटी ने इसके लिये एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत सेना के जवानों को 11 से 27 फीसदी डिस्काउंट पर फ्रलैट मिलेंगे। 
इस करार पर हस्ताक्षर होने के बाद सेना के जवान टाटा रियेलटी एंड हाउसिंग के देश भर में 13 शहरों में मौजूद बने बनाये रेडी टू मूव इर्नी प्रोजेक्टस में अपना घर खरीद सकेंगे। गुरुग्राम, चेन्नई, बैंगलुरु, पुणे समेत कई दूसरे शहर देश के इन 13 शहरों में शामिल है जहां पर टाटा रियेलटी के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स मौजूद हैं। सबसे बड़ी बात ये भी है कि ये सभी फ्रलैट्स बनकर तैयार हैं। ये ही नहीं अब सेना के आर्मी वेलफेयर हाउसिंग आर्गनाइजेशन देश के नामी गिरामी बिल्डर्स से सस्ती दामों पर फ्रलैट भी मुहैया करायेंगे ताकि हर किसी का एक अदद घर का सपना पूरा हो सके।


संयुक्त अरब अमीरात में एक पत्नी द्वारा डाइवोर्स मांगने का दिलचस्प मामला

पति नेक दिल, दयालु और घरेलू काम-काज में बंटाता है हाथ,
संयुक्त अरब अमीरात में एक पत्नी द्वारा डाइवोर्स मांगने का दिलचस्प मामला



एजेंसी
आबूधबी। यूएई में एक पत्नी द्वारा तलाक मांगने का बड़ा दिलचस्प मामला सामने आया है। महिला शौहर द्वारा न तो प्रताड़ित है, न ही उसके साथ कभी कोई  बुरा बर्ताव हुआ है। इसके विपरीत उसका शौहर बेहद नेक दिल, दयालु और घरेलू काम-काज में खुशी-खुशी हाथ बंटाने वाला इंसान है। उसके इन्हीं अच्छे गुणों से उसकी बीवी परेशान है और उससे तलाक चाहती है। दोनों की शादी का एक साल हुआ है। पत्नी की शिकायत है कि इस एक साल में उसके शौहर ने कभी क्रूरता भरा कोई काम किया ही नहीं और यह उसकी परेशानी का सबब है।
उसका कहना था कि शौहर घरेलू काम में उसकी मदद करता है और समय-समय पर गिफ्रट देकर उसे खुश करता रहता है। महिला ने संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा की शरिया अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। उसकी शिकायत है कि उसे अत्यधिक प्यार किया जा रहा है, जिससे वह ठगा-सा महसूस करती है। महिला का कहना है कि बिना क्रूरता के इस शादी वाले संबंध से वह तंग आ गयी है। हालांकि फुजैरा की शरिया अदालत ने कहा पति का अत्यधिक प्यार तलाक की वजह नहीं बन सकता। 
महिला ने तलाक मांगने की अजीबोगरीब वजहें गिनायी हैं। उनसे कहा कि मैंने पति को वजन बढ़ाने के लिए कहा तो वह ज्यादा डाइट लेकर कसरत के लिए भी जाने लगा। इस दौरान उसकी एक टांग टूट गयी, लेकिन उसने कभी इसकी शिकायत तक नहीं की। ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई व्यक्ति इतना दयालु हो? 
पत्नी ने अदालत से शिकायत की है कि उसके पति ने कभी उससे बहस नहीं की। पत्नी ने बताया कि मुझे सच में बहस और चर्चा की जरूरत है एक व्यक्ति अपने वैवाहिक जीवन में इतना प्यारा और मददगार कैसे हो सकता है। मेरा वैवाहिक जीवन आज्ञाकारिता व प्रेम से भरा हुआ है इसलिए मुझे तलाक चाहिए।
पत्नी का कहना है कि मैं कोशिश करती हूं कि कम-से-कम एक दिन तो पति मुझसे लड़ जाए, पर वह प्यार से मुझे माफ कर देता है और मेरे सारे किये कराये पर प्यार से पानी फेर देता है। पति अपने पत्नी से ज्यादा प्यार करता है और उसकी हर चाहत पूरी करता है।   
 


शनिवार, 24 अगस्त 2019

बिहार के इंजिनियर ने 3 पदों पर 30 साल तक की नौकरी

बिहार के इंजिनियर ने 3 पदों पर 30 साल तक की नौकरी
बिहार में एक साथ तीन सरकारी नौकरी करने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोपी इंजिन‍ियर सुरेश राम 30 साल तक तीन पदों पर काम करता रहा और इसकी क‍िसी को भनक तक नहीं लगी।
एजेंसी
पटना। बिहार सरकार के एक सहायक इंजिनियर ने फर्जीवाड़े की दुनिया में इतिहास रच दिया है। सरकारी इंजिनियर ने चालबाजी करके एक साथ तीन अलग-अलग पदों पर 30 साल तक नौकरी की और सैलरी ली। यही नहीं इंजिनियर को तीनों ही पदों पर समयबद्ध प्रमोशन भी मिला। अत्‍याधुनिक तकनीक के इस दौर में अंततः इंजिनियर की चालबाजी पकड़ी गई। 
आरोपी इंजिनियर सुरेश राम पटना जिले के बभौल गांव का रहने वाला है। वृहद वित्‍तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) ने सहायक इंजिनियर के फर्जीवाड़े को पकड़ लिया और उसकी पोल खुल गई। दरअसल, सीएफएमएस में बिहार सरकार के हरेक कर्मचारी को अपना आधार, जन्‍मदिन और पैन डिटेल भरना होता है। सुरेश राम ने जब अपना डिटेल भरा तो उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।
सुरेश राम के सहयोगी और बिल्डिंग कंस्‍ट्रक्‍शन डिपार्टमेंट में कार्यकारी इंजिनियर मधुसूदन कुमार कर्ण की शिकायत के बाद पिछले सप्‍ताह किशनगंज पुलिस स्‍टेशन में सुरेश राम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सुरेश अगले कुछ साल में रिटायर होने वाला था। एफआईआर दर्ज होने के बाद वह फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक टीम रवाना की है। 
एफआईआर के मुताबिक सहायक इंजिनियर सुरेश को सबसे पहले राज्‍य सड़क निर्माण विभाग में 20 फरवरी 1988 को पटना में नियुक्‍त किया गया था। अगले साल 28 जुलाई 1989 को उसे जल संसाधन विभाग में नौकरी मिली। इसी साल सुरेश राम को जल संसाधन विभाग में ही एक और नौकरी मिल गई। उसे सुपौल जिले में तैनात किया गया।
सड़क निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, 'सुरेश एक के बाद एक पोस्‍ट से रिटायर हो गया होता, अगर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी के लिए सीएफएमएस नहीं आया होता।' 


 



  • बिहार के सहायक इंजिनियर ने एक साथ तीन अलग-अलग पदों पर 30 साल तक नौकरी की

  • आरोपी सरकारी इंजिनियर ने सैलरी ली और उसे तीनों ही पदों पर समयबद्ध प्रमोशन भी मिला

  • साफ्टवेयर ने सहायक इंजिनियर सुरेश राम के फर्जीवाड़े को पकड़ लिया और उसकी पोल खुली


अपने अधिकारों के लिए पत्रकारों को एकजुट होने की जरूरतः पीके दास

मीडिया रेस्क्यू टीम और जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड की संयुक्त बैठक का आयोजन
अपने अधिकारों के लिए पत्रकारों को एकजुट होने की जरूरतः पीके दास



संवादाता
देहरादून। आज मीडिया रेस्क्यू टीम एवं जन लिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड की एक संयुक्त बैठक परेड ग्राउंड स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में आयोजित की गई। बैठक में पीसीआई सदस्य प्रभात कुमार दास बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस दौरान पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को सुनने और समझने के साथ ही दास ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए पत्रकारों को जागरूक और एकजुट होने की जरूरत है।
बैठक में सर्वप्रथम रेस्क्यू टीम के संयोजक मनमोहन लखेड़ा एवं बैठक के अध्यक्ष राकेश डोभाल ने दास का स्वागत किया। वहीं जर्नलिस्ट यूनियन आपफ उत्तराखंड के अध्यक्ष अरुण प्रताप सिंह एवं महामंत्री रमाशंकर प्रवीण मेहता ने उनका शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। इसके पश्चात् आईजेयू के नेशनल काउंसलर गिरीश पंत ने पीके दास से टीम के सदस्यों का परिचय कराया।
बैठक के दौरान पत्रकारों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया और प्रदेश के सूचना विभाग के भेदभाव पूर्ण नीतियों की आलोचना की। पत्रकारों का कहना था कि पिछले 18 वर्षों से प्रदेश में पत्रकार मान्यता समिति का गठन नहीं हुआ है। लिहाजा अफसरशाही की कृपा से पत्रकारों को मान्यता प्रदान की जा रही है। वही डीएवीपी और आरएनआई के मनमाने रवैया तथा छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों के उत्पीड़न और उनकी उपेक्षा की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया।
बैठक में सुधीर गोयल ने सूचना विभाग की नीतियों पर सवाल करते हुए उसकी शिकायत दर्ज कराई। चेतन सिंह खड़का ने डीएवीपी द्वारा समाचार पत्रों के उत्पीड़न का मामला उठाया साथ ही आरएआई की असहयोगात्मक रवैये की आलोचना की। अविनाश गुप्ता और अशोक खन्ना द्वारा पत्रकारों की मान्यता के मापदंडों पर प्रश्न उठाया गया। उन्होंने गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने की मांग की। सुभाष त्यागी ने दास को अपनी समस्या और सूचना विभाग द्वारा उनकी उपेक्षा से अवगत कराया।
पीसीआई सदस्य प्रभात कुमार दास ने कहा कि देहरादून के पत्रकार इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं क्योंकि पहली बार ऐसा हो रहा है कि विभिन्न पद पत्रकार यूनियनों के सदस्य एक साथ बैठे हैं, उनका मीडिया रेस्क्यू टीम के माध्यम से आपस में संवाद हो रहा है, यह एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि कुछ मठाधीश लोग हैं जो मठ छोड़ना नहीं चाहते जिस वजह से दिक्कतें पेश आती हैं।
प्रभात कुमार दास ने कहा कि वक्त आ गया है कि पत्रकारों द्वारा अधिकारों की लड़ाई को मिलकर लड़ा जाए। उन्होंने बताया कि जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड का जुलाई महीने में शिकायत पत्र प्राप्त हुआ था। उसमें की गई शिकायत को पीसीआई ने राष्ट्रीय स्तर की समस्या के तौर पर माना है। हर एक जगह पत्रकारों के साथ यह समस्या है। हम आपस में बंटे हुए हैं और इस प्रवृत्ति को बदला नहीं जा सकता।
उन्होंने बताया कि पीसीआई ने सभी राज्यों से उनकी विज्ञापन नीति, मान्यता नीति एवं पत्रकारों को उनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का विवरण मांगा था। इसका उत्तराखंड सहित 24 राज्यों ने विवरण उपलब्ध कराया है। वही जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड द्वारा प्रेषित की गई शिकायत के आधार पर पीसीआई ने उत्तराखंड सरकार से जवाब तलब किया है। उन्होंने कहा कि अगले 10 से 12 दिन तक जवाब आ जाएगा तब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दास ने बताया कि आज का पीसीआई पहले वाला बिना दांत नाखून वाला शेर नहीं है। पीसीआई चाहता है कि पत्रकारिता में स्वाधीनता रहे लेकिन जिम्मेदारी के साथ रहे। उन्होंने कहा कि सभी यूनियनों को पीसीआई अध्यक्ष जस्टिस सीके प्रसाद को चिट्ठी लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराना चाहिये। वहां निश्चित तौर पर उनको समस्याओं का समाधान मिलेगा।
उन्होंने कहा कि डीएवीपी और आरएनआई दोनों पीसीआई के अधीन आते हैं इसलिए इन दोनों संस्थानों के खिलाफ कोई भी शिकायत हो तो निःसंकोच पीसीआई से उसकी शिकायत करें। उन्होंने कहा कि पीसीआई आरएनआई एवं डीएवीपी को निर्देशित कर सकता है उनको टाइम बाउण्ड़ समस्या का हल करने को कह सकता है। उन्होंने कहा कि पीसीआई पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को कटिबद्व है।
दास ने बताया कि 2017 के बाद पीसीआई ने 25,000 से कम सरकुलेशन वाले छोटे एवं मझोले समाचार पत्र के लेवी शुल्क एवं उसके एरियर को माफ किया है। लेकिन यदि किसी समाचार पत्र को जो लेवी शुल्क के दायरे से बाहर है और लेवी शुल्क के लिए नोटिस आए तो वह पीसीआई तक आरएनआई के माध्यम से सरकुलेशन के दस्तावेज पहुंचाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि डीएवीपी द्वारा अपने विज्ञापन बजट में से 15 फीसद छोटे समाचार पत्रों को विज्ञापन देता है। दास ने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष में प्रदेश सरकार चाहे जिसको रखें लेकिन पीसीआई द्वारा चार संस्थानों को मान्यता दी गई है उनके प्रतिनिधियों को भी इस कमेटी में जगह देनी होगी। उन्होंने बताया कि पीसीआई हर वर्ष उत्कृष्ट कार्याे के लिए पत्रकारों को अवार्ड देता है लेकिन इसके लिए देश भर से महज 150 से 170 प्रविष्ठियां ही आती है जो निराशाजनक है। उन्होंने अपील की कि अगली बार कम से कम उत्तराखंड से ही इतनी प्रविष्टियां आनी चाहिए।
मीडिया रेस्क्यू टीम के संयोजक मनमोहन लखेड़ा, जर्नलिस्ट यूनीयन आफ उत्तराखण्ड़ के प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह ने पीसीआई सदस्य पीके दास एवं उपस्थित सदस्यों का आभार जताया। वहीं बैठक के अध्यक्ष राकेश डोभाल ने सबका धन्यवाद अदा किया। अंत में पूर्व वित्तमंत्री अरूण जेटली के दंहात पर उन्हें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वांजलि दी गई।
बैठक में गोपाल सिंघल, चैतराम भट्ट, कंवर सिंह सिद्वू, द्विजेन्द्र बहुगुणा, जाहिद अली, समीना, ज्योति भट्ट ध्यानी, ललिता बलूनी, संजीव पंत, आरडी पालीवाल, सत्य प्रसाद उनियाल, संजीव शर्मा, अध्ीर मुखर्जी, मो0 खालिद, अभिनव नायक, सुभाष त्यागी, सूर्य प्रकाश शर्मा, अनूप रतूड़ी, अमित सिंह नेगी, विनोद सिंह पुण्डीर, मूलचंद शीर्षवाल, विरेश रोहिल्ला, केएस बिष्ट आदि मौजूद रहे। 


आयुध कारखानों की हड़ताल खत्म

आयुध कारखानों की हड़ताल खत्म
एजेंसी
नई दिल्ली। आयुध फैक्ट्रियों की हड़ताल खत्म हो गई है। 14 अगस्त से शुरू हुई बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखते हुए डीडीपी के सचिव की अध्यक्षता में एआईडीईएफ, आईएनडीडबल्यूएफ, बीपीएमएस और सीडीआरए के पदाधिकारियों की कल चौथी बैठक हुई। 
इस बात की पुष्टि करते हुए कि ओएफबी के प्रस्तावित निगमीकरण का सरकार अध्ययन कर रही है, डीडीपी सचिव ने कर्मचारी संघों द्वारा व्यक्त इन चिंताओं को ध्यान से सुना कि ओएफबी के निगमीकरण से कर्मचारियों के वेतन, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य सेवाओं से जुड़े लाभ/हित कैसे प्रभावित हो सकते हैं? 
कर्मचारी संघ ने अन्य बातों के अलावा सुझाव दिया कि प्रस्तावित इकाई के कारोबार को मौजूदा स्तर से बढ़ाने के लिए रोडमैप तैयार करते समय उनके विचारों पर गौर किया जाए। विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, सरकार से यह सिफारिश करने के बारे में सहमति बनी कि कर्मचारियों की चिंताओं और अन्य पहलुओं का अध्ययन करने के लिए कर्मचारी संघों के साथ बातचीत करने के उद्देश्य से एक उच्च स्तरीय आधिकारिक समिति का गठन किया जाए। 
कर्मचारी संघ ने जारी हड़ताल को वापस लेने और बातचीत की प्रक्रिया जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही कर्मचारी अब 26 अगस्त से अपने काम पर लौट आएंगे। 


दून की समाज सेविका रमनप्रीत कौर को इंदौर में किया जाएगा सम्मानित 

दून की समाज सेविका रमनप्रीत कौर को इंदौर में किया जाएगा सम्मानित 



इंदौर में  क्रिएटिव इंडियन आइकान अवार्ड से नवाजा जाएगा
प0नि0 संवाददाता
देहरादून। दून की रमनप्रीत कौर को वुमन पावर सोसाइटी द्वारा आयोजित इको क्रिएटिव इंडियन अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। इस अवार्ड के लिए पूरे भारत में उत्कृष्ट सामाजिक कार्य सामाजिक कार्य करने वालों को पुरूस्कृत किया जाता है।
बताते चलें कि रमनप्रीत कौर को प्रथम नारी सम्मान 2018 में मिल चुका है साथ ही देहरादून में होने वाले घुघूती महोत्सव में भी उनको सम्मान हो चुका है। वह सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को स्टेशनरी व जरूरतमंद समान मुहैया कराकर सेवा में दे चुकी है और यह सम्मान उनके लिए एक बहुत मायने रखता है। 
रमनप्रीत इस तरह के सामाजिक ेकार्य करती रहती है। अभी हाल ही में उत्तरकाशी से आए आपदा में घायल लोगों को उन्होंने दून अस्पताल जाकर खुद उनका हाल जाना और उनके दुख दर्द को बांटा। जिस तरह से उन्होंने हर गरीब की मदद करने की ठानी है उनके काम की सराहना पूरा प्रदेश करता है।


सरकार नैफेड के पास रखे अपने बफर स्टाक से प्याज की दैनिक आपूर्ति में काफी वृद्वि करेगी

सरकार नैफेड के पास रखे अपने बफर स्टाक से प्याज की दैनिक आपूर्ति में काफी वृद्वि करेगी

नई दिल्ली। उपभोक्ता कार्य विभाग ने आज सचिव उपभोक्ता कार्य अविनाश के0 श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के साथ प्याज, दाल और तिलहन जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा की। समिति ने दिल्ली में सरकार के बफर स्टाक से प्याज की दैनिक आपूर्ति में काफी वृद्वि करने का निर्णय लिया और इसके साथ ही नैफेड को पीएसएफ बफर से स्टाक जारी करने का निर्देश दिया, ताकि उचित दरों पर ज्यादा उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। समिति ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि प्याज का आयात मुक्त खुले सामान्य लाइसेंस के तहतध है और वर्तमान में सरकारी बफर में प्याज का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर प्याज की आपूर्ति में और ज्यादा वृद्वि की जा सकती है।
दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों के पुलिस प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे और उनसे नियमित रूप से बैठकें करने को कहा गया, ताकि विशेषकर दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ आसपास के राज्यों में भी जमाखोरी की निरंतर चेकिंग सुनिश्चित की जा सके। दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों के पुलिस अधिकारियों से जमाखोरों और मुनाफाखोरों से जुड़े अपने उपलब्ध डेटा को साझा करने को भी कहा गया जिससे कि अंतर-राज्य प्रवर्तन और ज्यादा कारगर ढंग से संभव हो सके। समिति ने पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर के आसपास के प्रवेश केंद्रों की समुचित चेकिंग करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपूर्ति किया गया माल सीमा पर ही न अटका रहे और इस वजह से प्याज की कृत्रिम किल्लत न हो।  


शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

बडगाम चापर क्रैश मामले में वायुसेना के बड़े अधिकारियों का हो सकता है कोर्ट मार्शल

बडगाम चापर क्रैश मामले में वायुसेना के बड़े अधिकारियों का हो सकता है कोर्ट मार्शल
जांच में पाया गया है कि हेलीकाप्टर के दुर्घटना होने का कारण श्रीनगर एयरबेस से ही दागी गई एक मिसाइल है। जांच में ये साफ हो गया है कि मी-17 हेलीकाप्टर फ्रेंडली फायरिंग में गिरा था। इस मामले में वायुसेना के पांच बड़े अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।



एजेंसी
नई दिल्ली। 27 फरवरी को पाकिस्तान से डाग-फाइट के दौरान श्रीनगर के करीब बडगाम में भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर क्रैश मामले में वायुसेना के पांच बड़े अधिकारियो पर गाज गिर सकती है। जांच में साफ हो गया है कि वायुसेना का एमआई-17 हेलीकाप्टर फ्रेंडली फायरिंग में गिरा था। इस क्रैश में हेलीकाप्टर में सवार सभी 6 वायुसैनिक मारे गए थे। इस घटना में एक स्थानीय नागरिक की भी जान चली गई थी।
सूत्रों के मुताबिक क्रैश के कारणों के लिए गठित कोर्ट आफ इंक्वायरी ने अपनी जांच रिपोर्ट वायुसेना मुख्यालय को सौंप दी है। जांच में पाया गया है कि हेलीकाप्टर के दुर्घटना होने का कारण श्रीनगर एयरबेस से ही दागी गई एक मिसाइल है। यही वजह है कि जांच रिपोर्ट में श्रीनगर एयरबेस के चीफ आपरेटिंग आफिसर सीओओ और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर सहित कुल पांच अधिकारियों को फ्रेंडली फायरिंग सेना की परिभाषा में अपने ही साथियों पर फायरिंग करने का दोषी पाया है। इन अधिकारियों के खिलाफ अब कोर्ट मार्शल की कारवाई भी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक एयर-हेडक्वार्टर इस रिपोर्ट पर लीगल-एडवाइज ले रहा है जिसके बाद वायुसेना प्रमुख तय करेंगे कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कोर्ट मार्शल की कारवाई की जायेगी या नहीं।
बता दें कि 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने एलओसी पर भारत के सैन्य ठिकानों और छावनियों पर मिसाइलों से हमला करना शुरू कर दिया था। इस हमले का जवाब देने के लिए श्रीनगर सहित पंजाब के दो एयरबेस से भारतीय वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों को हमला के जवाब देने के लिए भेजा था। इन लड़ाकू विमानों में श्रीनगर एयर बेस से अपने मिग 21 बाईसन से उड़े विंग कमांडर अभिनंदन भी शामिल थे।
इसी दौरान भारतीय वायुसेना का एक एमआई-17 हेलीकाप्टर श्रीनगर एयरबेस की तरफ आ रहा था। डागफाइट में श्रीनगर एयरबेस के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में मौजूद अधिकारियों ने इस हेलीकाक्टर को दुश्मन का एयरक्राफ्रट समझकर जमीन से आसमान में मार करने वाली स्पाई़र मिसाइल दाग दी थी, जिसके कारण ये एमआई-17 हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था और उसमे सवार सभी 6 वायुसैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
सूत्रों के मुताबिक क्रैश हुए हेलीकाप्टर का फैंड और फो सेंसर आन नहीं था जिसके चलते कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में मौजूद अधिकारी ये समझ नहीं पाए कि ये अपना हेलीकाप्टर है या दुश्मन का इसीलिए उसपर मिसाइल दाग दी गई। जांच रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि फाग आफ वार यानि जब युद्व जैसे हालात होते हैं तो इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन ऐसे समय में भी दोषी अधिकारियों ने एसओपी यानि स्टंडर्ड ओपरटिंग प्रोसिजर्स का पालन नहीं किया था इसीलिए माना जा रहा है कि इन पांचों अधिकारियो पर बड़ी गाज गिर सकती है।


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