शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

वेलमेड फेस्ट फूड में स्वाद व पोषण एक साथ

 वेलमेड फेस्ट फूड में स्वाद व पोषण एक साथ



वेलमेड हॉस्पिटल ने नए साल पर लोगों को पोषणयुक्त खाने को लेकर किया जागरुक
संवाददाता
देहरादून। टर्नर रोड़ स्थित वेलमेड हॉस्पिटल ने नववर्ष के उपलक्ष में एक फूड फेस्ट का आयोजन किया। जिसमें लोगों को सही व पोषणयुक्त भोजन के प्रति जागरुक किया गया। इस फेस्ट में हॉस्पिटल के स्टॉफ की 10 टीमों ने स्वाद व स्वास्थ्यवर्धक खाने का स्टॉल लगाया। स्टॉल में पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाले फाइबरयुक्त स्वीट कार्न, नए तरीके से बनाई गई  कम कैलोरी की वेज बिरयानी, विटामिन्स, कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर गाजर का हलवा जैसी कई डिश बनाई गई, जिनको डायटिशियन की देख-रेख में बनाया गया। इस फूड फेस्ट में खाना इतना स्वादिष्ट था कि मात्र तीन घंटों में ही सारा खाना खत्म हो गया था।
इस मौके पर वेलमेड हॉस्पिटल के सीएमडी डा0 चेतन शर्मा ने कहा कि गलत खान-पान की आदतें हमारी शरीर पर भारी पड़ जाती है। लोग स्वाद के लिए अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं और कई सारी बीमारियों को न्यौता देते हैं, इसीलिए हमने सोचा कि नए साल पर लोगों को पोषणयुक्त भोजन के प्रति जागरुक करेंगे। स्वाद और पोषण दोनों एक साथ मिल सकते हैं, इसके लिए हमारे स्टॉफ ने बड़ी मेहनत से फूड फेस्ट में प्रतिभाग किया और स्वाद के साथ-साथ न्यूट्रिशन का भी पूरा ध्यान रखा गया।
वेलमेड हैल्थकेयर सोसायटी के कोऑर्डिनेटर महेश पांडे व अन्य सदस्यों ने हॉस्पिटल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि अस्पताल हर बार किसी न किसी नए विषय पर लोगों को जागरुक करता है और इस फेस्ट के जरिए हमें भी हैल्दी और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ नए साल का स्वागत करने का मौक मिला।
इस मौके पर डा0 ईशान शर्मा, विशाल सेठी, सम्राट देब, डा0 निशांत, सुनील कुकरती, राजेन्द्र पुनेठा आदि मौजूद रहें।

लक्ष्य निर्धारित करने से मिलती हैं सफलता:वृक्षमित्र डा0 सोनी

 लक्ष्य निर्धारित करने से मिलती हैं सफलता:वृक्षमित्र डा0 सोनी



संवाददाता
देहरादून। वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में ग्रामसभा मरोडा सकलाना में ग्रामीणों के साथ बैठक की गई जिसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ बच्चों के अच्छे भविष्य बनाने का संकल्प लिया। 
वृक्षमित्र डा0 त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि अगर हम लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो सफलता निश्चित ही हमें मिलेगी। लेकिन हम अपना लक्ष्य निर्धारित नही कर पाते हैं जिस कारण हमें अपने लक्ष्य से भटकना पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक को बच्चों से ज्यादा जागरूक होना चाहिए। यही जागरूकता बच्चों के भविष्य को सवार सकती हैं। 
डा0 सोनी ने कहा कि हम विषम भौगोलिक दशाओ में रहते है। हमारा उद्देश्य अपने बच्चों की सुंदर भविष्य के लिए कार्य करना चाहिए और नये वर्ष में अपना लक्ष्य को निर्धारित करते हुए नई उमंग व उल्लास से कार्य करना चाहिए तभी हमें सफलता मिल सकती हैं। 
बैठक में विमला देवी, अनिता देवी, संध्या, कनिका, संगीता देवी, सरोजनी देवी, एकादशी देवी, विनीता देवी, सुरेंद्र सिंह नेगी, भरत सिंह पंवार, विक्रम सिंह मनवाल, इंदरसिंह, राजेन्द्र सिंह, राहुल हटवाल, दीपक हटवाल, केंद्र सिंह, इंद्र सिंह हटवाल आदि मौजूद थे।

गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

मोर्चा ने गरीब वृद्धजनों को 500 रुपये केंद्रीय अंश देने की मांग रखी

मोर्चा ने गरीब वृद्धजनों को 500 रुपये केंद्रीय अंश देने की मांग रखी



# राज्य में वृद्धावस्था पेंशन पति- पत्नी में से सिर्फ एक को दिए जाने का है प्रावधान                
# 80 वर्ष के बुजुर्गों को मिलती है  ₹500 केंद्र अंश के रूप में     
# सरकार नहीं देना चाहती गरीबों को लाभ                  
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में वृद्धजनों हेतु वृद्धावस्था पेंशन पति-पत्नी (दंपति) में से मात्र एक को ही दिए जाने का प्रावधान रखा गया है, जबकि 4-5 वर्ष पहले तक पति-पत्नी  दोनों को पेंशन मिलती थी। *
महत्वपूर्ण तथ्य है कि उक्त मामले में केंद्र सरकार द्वारा पति-पत्नी दोनों को पेंशन दिए जाने का प्रावधान है तथा केंद्रीय अंश  के रूप में 60 से 79 वर्ष के वृद्धों हेतु ₹200 तथा 80 से ऊपर आयु के गरीब बुजुर्गों हेतु 500 रुपए का प्रावधान है, लेकिन सरकार गरीबों को इसका लाभ नहीं देना चाहती। अगर सरकार 80 वर्ष के ऊपर आयु वर्ग के वृद्धावस्था पेंशन से वंचित वृद्धजनों को  पेंशन के रूप में केंद्रीय अंश ही जारी कर दे तो गरीबों की मुश्किलें काफी हल हो सकती हैं।               
नेगी ने कहा कि राज्य सरकार अगर केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता ₹500 ही दे दे तो राज्य सरकार पर कोई वित्तीय  भार  भी नहीं पड़ेगा। बड़े शर्म की बात है कि जब विधायकों/सांसदों को अपनी पेंशन, वेतन- भत्तों व सुविधाओं को बढ़ाना होता है तो एक ही झटके में बिल पास हो जाता है, लेकिन गरीबों के समय बजट/ धन का अभाव हो जाता है।                        
नेगी ने कहा कि अधिकांश गरीब दंपत्ति इसी पेंशन के सहारे अपनी गुजर-बसर कर रहे थे, लेकिन सरकार को यह नागवार गुजर रहा है।                        
मोर्चा ने सरकार से मांग करता है कि 80 से ऊपर की आयु के गरीब वृद्ध जनों को कम से कम केंद्रीय अंश ₹500 प्रतिमाह पेंशन के रूप में ही जारी कर दे। 
पत्रकार वार्ता में अमित जैन व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।

बुधवार, 29 दिसंबर 2021

एसजेवीएन अरुणाचल में जलविद्युत के दोहन के लिए निवेश करेगा

एसजेवीएन अरुणाचल में जलविद्युत के दोहन के लिए निवेश करेगा



संवाददाता
नई दिल्ली। एसजेवीएन केअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के साथ जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए रोड मैप पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में एक बैठक की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को 5097 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 5 जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन को स्वीकार कर लिया है, जिसके लिए शीघ्र ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। बैठक के दौरान एके सिंह निदेशक (वित्त), एसजेवीएन भी उपस्थित रहे।
एटालिन एचईपी (3097 मेगावाट), अटुनली एचईपी (680 मेगावाट), एमिनी एचईपी (500 मेगावाट), अमुलिन एचईपी (420 मेगावाट) और मिहुमडोन एचईपी (400 मेगावाट) नामक यह परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश के दिबांग बेसिन में स्थित हैं। शर्मा ने कहा कि वह हमेशा से एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की अवधारणा की वकालत करते रहे हैं। इसके अनुसार एक नदी बेसिन में एक डेवलपर को जल विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने से जनशक्ति, आधारभूत संरचना और वित्तीय संसाधनों का इष्टतम उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस अवधारणा को स्वीकृत करते हुए इन परियोजनाओं को आबंटित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
एनएल शर्मा सीएमडी एसजेवीएन ने आश्वस्त किया कि एसजेवीएन के पास चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और संचालन का एक सफल  ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 60,000 करोड़ रूपए के संभावित निवेश वाली इन परियोजनाओं की कमीशनिंग एसजेवीएन द्वारा अगले 8-10 वर्षों में कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कमीशनिंग होने पर इन परियोजनाओं से संचयी आधार पर सालाना लगभग 20,000 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन होने की संभावना है। इनमें से कुछ परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है जबकि कुछ परियोजनाएं सर्वेक्षण एवं अन्वेक्षण चरण में हैं। 
शर्मा ने अवगत कराया कि इन परियोजनाओं के आबंटन के साथ एसजेवीएन देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करेगा जिससे कंपनी क्षेत्र की विकास प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनेगी।
उन्होंने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार का जल विद्युत् परियोजनाओं के विकास और राज्य की समग्र समृद्धि में भागीदार बनने के लिए एसजेवीएन को अवसर प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। उप-मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं के निष्पादन के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार से पूर्ण सहयोग एवं समर्थन का आश्वासन दिया। 
एसजेवीएन एक अग्रणी विद्युत् सीपीएसई है जिसका भारत सहित पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में हाइड्रो, सोलर, विंड, थर्मल और पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में विविधीकृत पोर्टफोलियो है। हाल के वर्षों में कंपनी के पोर्टफोलियो में तीव्र वृद्धि हुई है तथा अब 16000 मेगावाट से अधिक की क्षमता के साथ इसकी 41 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।


मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

पुलिसकर्मियों के एसीपी मामले की घोषणा को धरातल पर न उतारना वादाखिलाफी: मोर्चा

 पुलिसकर्मियों के एसीपी  मामले की घोषणा को धरातल पर न उतारना वादाखिलाफी: मोर्चा  



# मुख्यमंत्री ने अक्टूबर में 4600 ग्रेड पे की करी थी घोषणा 
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष  मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को एसीपी (4600 ग्रेड पे) का लाभ दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस शहीद दिवस 21 अक्टूबर को की गई थी, लेकिन अब तक घोषणा को धरातल पर उतारना दुर्भाग्यपूर्ण है।        
नेगी ने कहा  कि पूर्व में पुलिस विभाग में समयमान वेतन के लाभ के रूप में पदोन्नति पद की प्रास्थिति के अनुरूप कार्मिकों को अगला वेतनमान अनुमन्य था,  परंतु एमएसीपी व्यवस्था लागू होने के उपरांत जिन पदों का वेतनमान एवं ग्रेड वेतन/मैट्रिक्स लेवल अनुमन्य कराया जा रहा है, वह पद उस संवर्ग के ढांचे में विद्यमान नहीं है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के क्रम में एमएसीपी व्यवस्था के अंतर्गत शासनादेशानुसार पदोन्नति पद का लाभ  स्वीकृत न होकर अगला ग्रेड वेतन स्वीकृत होने के कारण क्रमशः 10-20-30 वर्ष की सेवा पर स्तरोन्नयन का लाभ स्वीकृत होने के उपरांत एक ही पद पर कार्य तथा एक ही वर्ष के भर्ती कार्मिक अपने समकक्ष वरिष्ठ पदोन्नत कर्मी के समान वेतनमान एवं ग्रेड वेतन/ वेतन मैट्रिक्स का लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे, जिससे विसंगति होना लाजिमी है। पुलिस विभाग में 2800 ग्रेड पे यानी एएसआई का पद विभागीय ढांचे में विद्यमान नही है, जिस कारण उनको अगला  ग्रेड पे 4600 अनुमन्य होना चाहिए। उक्त विसंगति के चलते कार्मिकों को 10-15 हजार का आर्थिक नुकसान प्रतिमाह होना लाजिमी है, क्योंकि पुलिस विभाग में अराजपत्रित अधिकारियों/ कर्मचारियों पर स्टाफिंग पैटर्न की व्यवस्था लागू नहीं है तथा पदोन्नति के सोपान भी अन्य विभागों की तुलना में बहुत कम हैं। अधिकांश पुलिसकर्मी भर्ती के पद से ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं।                        
नेगी ने कहा कि सरकार को तत्काल अपनी घोषणा पर अमल करना चाहिए।              
प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे।

सोमवार, 27 दिसंबर 2021

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एसजेवीएन की तीन परियोजनाओं का शुभारम्भ

सरकार ने एसजेवीएन की विशेषज्ञता में विश्वास रखा



संवाददाता

शिमला। प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी द्वारा एसजेवीएन की 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 और 66 मेगावाट धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की आधारशिला तथा 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का शुभारंभ किया गया। 

हिमाचल के मंडी में एक भव्य समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने शिमला और कुल्लू जिले में स्थित 210 मेगावाट लूहरी स्टेज-1 जलविद्युत परियोजना और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिले में स्थित 66 मेगावाट धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी। मोदी ने  शिमला और मंडी में स्थित 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी शुभारंभ किया।

इस अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केन्द्रीय मंत्री सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे।

परियोजनाओं को एसजेवीएन द्वारा बिल्ड-ओन-आपरेट-मेंटेन (बूम) के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। लूहरी स्टेज-1जल विद्युत परियोजना और सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना सतलुज नदी पर और धौलासिद्व जल विद्युत परियोजना ब्यास नदी पर स्थित है। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-1 जल विद्युत परियोजना के लिए 1810 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी गई। परियोजना को जनवरी 2026 तक कमीशन किया जाना निर्धारित है। कमीशनिंग के उपरांत यह परियोजना सालाना 758.20 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी। 

शर्मा ने बताया कि लूहरी स्टेज-1 परियोजना की मुख्य विशेषता है कि परियोजना में 80 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण किया जाना है। बांध से दो मुख्य पेनस्टाक और दो सहायक पेनस्टाक क्रमशः 80 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों और 25 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेंगे। 

शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 66 मेगावाट की धौलासिद्व जलविद्युत परियोजना की 687.97 करोड़ रुपए की परियोजना लागत को मंजूरी दी है और इस परियोजना के लिए 21.6 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता भी प्रदान की गई है। शर्मा ने कहा कि धौलासिद्व परियोजना की मुख्य विशेषताओं में 70 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी स्टोरेज बांध का निर्माण होना है, जो क्रमशः 33 मेगावाट प्रत्येक की दो टर्बाइनों का प्रचालन करेगा। शर्मा ने 382 मेगावाट सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना के बारे में संक्षिप्त रूप से बताते हुए कहा कि परियोजना की लागत 2614.51 करोड़ रुपए आंकी गई है और परियोजना के पूरा होने पर सालाना 1382 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन अनुमानित है। 

शर्मा ने कहा कि तीनों परियोजनाओं के निर्माण में कुल परिव्यय 5113 करोड़ रुपए सम्मलित है तथा देश की विद्युत क्षमता में सालाना 2444 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन की बढोतरी होगी। शर्मा ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया कि मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और प्रचालन में एसजेवीएन की अनुकरणीय विशेषज्ञता में विश्वास रखा है। 

एसजेवीएन जलविद्युत, थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन और पावर ट्रांसमिशन में व्यावसायिक रुचि रखता है, जिसकी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में भी उपस्थिति दर्ज है।


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शान्ति पहले से ही प्रत्येक मनुष्य के हृदय में विराजमानः प्रेम रावत

 राजविद्या केन्द्र के तत्वाधान में शांति के सन्देश कार्यक्रम का आयोजन

शान्ति पहले से ही प्रत्येक मनुष्य के हृदय में विराजमानः प्रेम रावत



संवाददाता

देहरादून। राजपुर रोड स्थित सेंट जोसेफ अकादमी के सभागार में राजविद्या केन्द्र के तत्वाधान में एक शांति के सन्देश कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रेम रावत के विभिन्न संदेशों एवं अनुभव को वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया, जिसमें शहर के अनेक गणमान्य लोगों प्रतिभाग किया।

शांतिदूत प्रेम रावत विगत 53 वर्षों से शांन्ति के सन्देश को सुनाकर विश्वभर के कोने-कोने में जाकर लोगों को प्रेरित करते आ रहे हैं। उनके अनुसार शान्ति पहले से ही प्रत्येक मनुष्य के हृदय में विराजमान है और हर एक मनुष्य स्वयं ही अपने हृदय में उसका अनुभव कर सकता है। प्रेम रावत ने मानव एवं मानवता के लिए अपना सारा जीवन लगाया है। चार वर्ष की अलपायु में ही उन्होंने यह शान्ति का सन्देश लोगों को सुनाना शुरु कर दिया था।

आज विश्व को 75 भाषाओं में उनके सन्देश का अनुवाद किया जाता है तथा 106 देशों में इस सन्देश को देखा व सुना जाता है। इसी महान कार्य के लिए उन्हें  संयुक्त राष्ट्र  द्वारा ।उइंेेंकवत व िच्मंबम ( शांतिदूत ) की उपाधि से सम्मानित किया हो गया है।

इस संदेश को निरंतर रूप से सुनने अपने जीवन में उतारने वाले लोगो का  कहना है कि उन्होंने जीवन को एक नए व सरलतम नज़रिये से देखना शुरु किया  है, जिनसे वे हर पल खुशी और शांति का एहसास करते हैं। कार्यक्रम को सुनकर यहां उपस्थित श्रोतों का भी यही अनुभव रहा कि प्रेम रावत अपने संदेश को सरल शब्दों, जीवन से जुडी छोटी-छोटी कहानियों, उद्वारणों व आसान तरीके से लोगों को समझाते हैं। इस कारण आज विश्व के प्रसिद्ध प्रतिष्ठानों, संस्थाओं, संसद व विधानसभाओं यहां तक कि विभिन्न जेल में भी लोग उन्हें सुनने के लिए उत्सुक रहते हैं, क्योंकि उनका कहना है कि जब स्वयं के अंदर शांति होगी तभी पूरे विश्व में शांति होगी।


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ऐरी ने केएल आर्य को नैनीताल प्रभारी नियुक्त किया

 चुनाव को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के मुद्दों और रणनीति पर चर्चा 



ऐरी ने केएल आर्य को नैनीताल प्रभारी नियुक्त किया

संवाददाता

नैनीताल। नैनीताल क्लब में उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के आगमन पर उक्रांद की एक सभा हुई जिसमें 2022 के चुनाव को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के मुद्दों और रणनीति पर चर्चा की गई साथ ही केएल आर्य को नैनीताल प्रभारी नियुक्त करते हुए उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी द्वारा अहम जिम्मेदारी सौंपी गईं।

इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी एडवोकेट हरिश चंद्र उर्फ राहुल जोशी को दल की सदस्यता दिलाई गई साथ ही कई अन्य लोगों ने दल की सदस्यता ग्रहण कीं इस अवसर पर ऐरी ने कहा कि उक्रांद एक राजनीतिक दल होने के साथ-साथ क्रांतिकारी दल भी है और हमने जो कहा वह करके दिखाया। राज्य बनाने के लिए हम दिलो जान से लड़े और अब राज्य बचाने के लिए भी यह मुहिम जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियों के 21 साल के धोखे का जवाब जनता इस बार क्षेत्रीय दल उक्रांद को जीता कर देगी। पूर्व विधायक नैनीताल डॉक्टर जंतवाल ने कहा कि उक्रांद क्षेत्रीय दल होने के नाते क्षेत्र की समस्याओं, दर्द को समझता है और इस बात को अब जनता भी समझने लगी है। इस बार जनता का भरपूर समर्थन उक्रांद के साथ है।

इस अवसर पर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चंद्र शेखर कापड़ी, केंद्रीय सचिव युवा उत्तम सिंह बिष्ट, जिला अध्यक्ष युवा अशोक बोहरा, प्रकाश पांडे, वीरेंद्र आर्य, भुवन राम, मीना ममता, हेमा देवी, लीला देवी सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


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अल्लू अर्जुन की साउथ मूवी पुष्पा ने बाक्स आफिस पर आग लगा दी

 अल्लू अर्जुन की साउथ मूवी पुष्पा ने बाक्स आफिस पर आग लगा दी



फिल्म ने रिलीज के 10 दिनों के अंदर 200 करोड़ की कमाई कर ली

एजेंसी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से बाक्स आफिस पर पिछले एक-डेढ़ साल में ज्यादा फिल्में रिलीज नहीं हुईं। लेकिन पिछले 1-2 महीनों में कई सारी फिल्मों को रिलीज किया गया जो लंबे समय से अपनी रिलीज का इंतजार कर रही थीं। बालीवुड और हालीवुड के अलावा इसमें साउथ की फिल्में भी शामिल हैं। 

बड़े नाम की बालीवुड फिल्में उम्मीद के हिसाब से जरा कम चल रही हैं मगर साउथ की फिल्में देखने के लिए आडियंस की भारी भीड़ नजर आ रही है। पहले बालीवुड फिल्मों की टक्कर हालीवुड से हुई और अब अल्लू अर्जुन की साउथ मूवी पुष्पा ने बाक्स आफिस पर आग लगा दी है। फिल्म ने रिलीज के 10 दिनों के अंदर 200 करोड़ की कमाई कर ली है।

ऐसा माना जा रहा है कि फिल्म इस वीकेंड पर 36 करोड़ रुपये के करीब की कमाई कर सकती है। इसके अलावा दूसरे हफ्रते फिल्म 55 करोड़ का कलेक्शन कर सकती है। क्रिसमस के त्योहार के बाद नए साल की शुरुआत में भी फिल्म को देखने की होड़ लग सकती है। मूवी ब्लाकबस्टर साबित हुई है और इसने अपने कलेक्शन से सभी को चौंका दिया है।

ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि मूवी भारत में 300 करोड़ की कमाई कर लेगी। देखने वाली बात होगी कि फिल्म नए साल का कितना फायदा उठा पाती है। पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि रणवीर की 83 के रिलीज होने के बाद इसकी कमाई पर निगेटिव इफेक्ट पड़ेगा मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ, उल्टा पुष्पा ने 83 के ही नंबर्स बिगाड़ दिए।


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शनिवार, 25 दिसंबर 2021

राजभवन, शासन के आदेश हो रहे बौने साबित: मोर्चा

 राजभवन, शासन के आदेश हो रहे बौने साबित



ऐसे में कैसे मिलेगा जनता को न्याय: मोर्चा 
# राजभवन के आदेश पर शासन तीन-चार महीने तक नहीं करता कार्रवाई           
# शासन के आदेशों का मातहत अधिकारी 2-2 साल तक नहीं देते जवाब           
# अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने पर भी नहीं होती कार्रवाई 
# जनता जब अपने पत्रों को खोजती है, तब जाकर होती है कार्रवाई शुरू                  
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि उनके शिकायती पत्र, मांग पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, विभागों में पत्र ढूंढे नहीं मिलते। कई बार व्यक्तिगत प्रयास से एवं खोजबीन करने के बाद पत्र मिलता है, तो तब जाकर कहीं कार्रवाई शुरू होती है।      नेगी ने कहा कि शासन के अधिकारियों में राजभवन का खौफ लगभग समाप्त हो चुका है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजभवन द्वारा शासन को संदर्भित पत्र पटल पर पड़े-पड़े दम तोड़ रहे हैं तथा जब पीड़ित पक्ष अपने पत्रों की व्यक्तिगत रूप से खोजबीन करता है तब जाकर पत्रावली मूवमेंट करती है। कमोवेश यही हाल विभागीय अधिकारियों का है, जो  शासन के पत्रों पर कार्रवाई तो दूर, उनको खोजने की जहमत तक नहीं उठाते। कई मामलों में विभागीय अधिकारी 2-2 साल बीत जाने पर भी आख्या तक उपलब्ध नहीं कराते। कई बार शासन इतना लाचार हो जाता है कि अनुस्मारक पर अनुस्मारक भेजने के बाद भी जवाब नहीं मिलता।                 
नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा। पत्रकार वार्ता में विजय राम शर्मा, भीम सिंह  बिष्ट व प्रवीण शर्मा पिन्नी भी मौजूद थे।

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन हस्‍ताक्षरित

एसजेवीएन तथा डीवीसी द्वारा फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन हस्‍ताक्षरित





संवाददाता
देहरादून। एसजेवीएन लिमिटेड ने डीवीसी कमांड क्षेत्र के अंतर्गत उपलब्ध लगभग 2000 मेगावाट की संभावित सौर ऊर्जा के दोहन के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए एसजेवीएन तथा डीवीसी कमांड क्षेत्र के तहत उपयुक्त जलाशयों, जल निकायों एवं उपलब्ध भूमि को एसजेवीएन तथा डीवीसी संयुक्‍त रूप से चिन्हित करेंगे।
यह समझौता ज्ञापन अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्‍त), एसजेवीएन तथा एम रघुराम, सदस्य (तकनीकी), दामोदर वैली कारपोरेशन द्वारा एसजेवीएन तथा डीवीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्‍ताक्षरित किया गया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 26) में कहा कि भारत का वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्‍पन्‍न करने का लक्ष्‍य है।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि यह पहल भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है तथा यह एसजेवीएन को पूरे भारत में अपने फुटप्रिंट का विस्तार करने के साथ-साथ उत्‍पादन क्षमता में वृद्धि के अपने साझा विजन वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्‍थापित क्षमता को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।
शर्मा ने यह भी कहा कि आज हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत एसजेवीएन और डीवीसी के कमांड क्षेत्रों के भीतर विभिन्न स्थानों पर एसजेवीएन तथा डीवीसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के विकास के लिए एक संयुक्त उपक्रम कंपनी के गठन की संभावना की तलाश करेगा। डीवीसी के प्रबंधन के अंतर्गत बड़े जलाशय उपलब्‍ध हैं, जिनका उपयोग फ्लोटिंग सौर ऊर्जा फार्म स्थापित करते हुए सौर ऊर्जा के दोहन के लिए किया जा सकता है।
भारत सरकार ने सभी के लिए 24X7 निर्बाध तथा किफायती स्‍वच्‍छ ऊर्जा की परिकल्पना की है।

जितना देंगे, उसी अनुपात में वापस मिलेगा

 जितना देंगे, उसी अनुपात में वापस मिलेगा

अन्यथा आशीर्वाद तो दूर की ठहरी, कुछ नहीं मिलने वाला



हरीश बड़थ्वाल

नई दिल्ली। प्रकृति का विधान है, दिए बिना कुछ नहीं मिलेगा और देने या निःस्वार्थ सेवा की प्रवृत्ति होगी तो बिन मांगे मिलता रहेगा, सफलताएं कदम चूमेंगी। इसके विपरीत, मांगने की आदत होगी तो कुछ नहीं मिलेगा। एक प्रसंग रेलयात्रा में सेठ के सामने गिड़गिड़ाते भिखारी का है। सेठ ने दो टूक कहा, ‘मेरा उसूल है, एवज में कुछ पाए बिना किसी को एक धेला नहीं देता!’ भिखारी ने गंभीर मुद्रा में नजर गड़ाते सेठ को देखा और चल पड़़ा। सेठ की कही उसे लग गई थी। कुछ सप्ताह बाद उसी गाड़ी में सेठ ने कुछ फूल खरीदे। पैसे चुकाते वक्त फूलवाले को घूर कर देखा। दोनों ने एक दूसरे को पहचान लिया, फूल विक्रेता पिछले दिनों का भिखारी था। भावुक हो कर उसने जीने की सही राह दिखाने के लिए सेठ का अहसान जताया, ‘पाने के लिए पहले कुछ करने की आपकी नसीहत ने मेरे दिन पलट दिए!’

उपलब्धियां और सम्मान व्यक्ति को विशिष्ट पहचान दिलाते हैं, उसके सुचारु जीवन के लिए अपरिहार्य हैं। उसे अभिशप्त कहा जाएगा जिसकी कोई पूछ नहीं दिया जाता। ऐसा व्यक्ति कालांतर में परिवार-समाज ही नहीं, स्वयं पर बोझ बन जाएगा। तथापि एक स्वतंत्र अस्मिता बतौर व्यक्ति तभी उभरेगा जब उसमें दूसरों की बेहतरी की ठान रखी हो यानी उसमें देने का भाव मुखर हो। उपलब्धि के प्रकरण में ‘देने’ का स्थान ‘लेने’ से उच्चतर और गरिमापूर्ण है। किंतु स्मरण रहे, शुरुआत देने से होगी और पहल आपको करनी है। 

                                                                        हरीश बड़थ्वाल

देने का परिक्षेत्र धन या भौतिक वस्तुएं प्रदान करने से कहीं परे है। बीमारी, शोक या दुष्कर परिस्थिति से त्रस्त परिजन की व्यथा धैर्य से सुनने मात्र से आप उसे राहत पहुंचाते हैं। कुछ प्रसंगों में अपनी उपस्थिति मात्र तो कुछ में दूसरों के अंतरंग सरोकारों में सक्रिय भागीदारी से उनके लिए संबल बनते हैं। परिजनों, सहवासियों, सहयोगियों की बेहतरी में आपकी अभिरुचि जितनी वास्तविक रहेगी, योगदान मनोयोग से, स्वतः ही उच्च गुणवत्ता का तथा दूसरे के लिए उपयोगी रहेगा। असल और बनावटी में अंतर धुंधलाने के कारण सेवाएं या कुछ भी देने के लिए सुपात्र का चयन आजकल चुनौतीपूर्ण है, इसके लिए विशेष सूझबूझ और विवेकशीलता आवश्यक हैं।

उपलब्धि या सफलता स्वयं में लक्ष्य नहीं हो सकती बल्कि व्यक्ति के सतत निवेशों का स्वाभाविक प्रतिफल होती है। युवा मोटिवेशनल लेखक टोनी गास्किन कहते हैं कि प्रेम, धन-संपत्ति और सफलता के पीछे न दौड़ें। स्वयं को निरंतर निखारते रहें। तब आप एक नए संस्करण बतौर प्रस्तुत होंगे, तब इच्छित वस्तुएं आपके पास स्वतः खिंची चली आएंगी। भले ही निष्ठागत व्यवहार, लगनशीलता, उत्कृष्ट और परहितकारी तौरतरीकों को मान्यता या प्रसिद्वि मिलने में समय लगता है किंतु न भूलें, आपके पीछे विभिन्न दायरों में समय-समय पर आपकी मंशाओं, सोच और कार्यों की पड़ताल का सिलसिला जारी रहता है और उनकी राय आपके बारे में प्रायः सटीक रहती है। और इसी के साथ आपकी उपलब्धियों का लेखा-जोखा शुरू होता है। मन और निष्ठा से निष्पादित कार्य में व्यक्ति के समूचे कौशल प्रयुक्त होते हैं और उसमें दूसरों को देने का भाव प्रधान रहता है और सेवा या दी गई वस्तु लाजवाब होती है। ‘देने’ के भाव से अभिप्रेरित व्यक्ति स्वयं उन्नत और भीतर से अधिक सुदृढ़, परिपूर्ण और संतुष्ट रहेगा।

देन-लेन में निष्ठा का नियम आशीर्वाद के आदान-प्रदान में भी लागू होता है। अनेक व्यक्ति उन सयानों से आशीर्वाद पाना अपना अधिकार समझते हैं जिनकी सुध लेना तो दूर बल्कि जिन्हें हेय मानते हुए उनसे सदा दूरी बनाए रखी। आशीर्वाद तो बड़ी बात हुई, एक तुच्छ सी चीज आपको यूं ही कोई क्यों देगा? आशीर्वाद बर्गर या सिमकार्ड की भांति बाजार में सहज उपलब्ध होने वाली वस्तु नहीं है। जिससे हमें पाना है पहले उसे स्वयं से श्रेष्ठतर, उच्चतर मानना होगा, उसके समक्ष रस्मी तौर पर नहीं हृदय से नतमस्तक होना पड़ेगा। देने वाला असल और बनावटी मंशाओं और फितरत को बखूबी समझता है। आप भले ही कुछ न दें, यह भी आवश्यक नहीं कि आप उसके सानिध्य में रहें। किंतु उसके विचारों, भावनाओं को श्रेष्ठ समझते हुए वैसा करने का यत्न करेंगे तो वह हृदय से आप पर आशीर्वचन बरसाएगा और आप के दिन खुशनुमा हो जाएंगे।

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भाजपा पार्षद सहित 6 लोगों पर जमीन कब्जाने में परिवाद दर्ज

 भाजपा पार्षद व देहरादून महानगर महिला मोर्चा की अध्यक्ष कमली भट्ट सहित 6 लोगों पर जमीन कब्जाने में (परिवाद) कंपलेट केस दर्ज



- अनुसूचित जाति के व्यक्ति विनोद कुमार ने न्यायालय में लगाई थी न्याय की गुहार

- डांडा धर्मपुर बद्रीश कालोनी में विवादित जमीन का मामला

- पार्षद कमली भट्ट और उनके साथ आए असामाजिक तत्वों पर विनोद की भूमि कब्जाने का आरोप

संवाददाता

देहरादून। डांडा धर्मपुर के बद्रीश कालोनी निवासी शिकायतकर्ता विनोद कुमार के मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (एसी/एसटी एक्ट) पंचम अपर सत्र न्यायाधीश देहरादून आशुतोष कुमार मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए जमीन कब्जाने के मामले में भाजपा पार्षद व देहरादून महानगर महिला मोर्चा की अध्यक्ष कमली भट्ट सहित 6 लोगों पर (परिवाद) कंपलेट केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कमली भट्ट सहित अन्य 6 लोगों में अनिरूद्व भट्ट, अतुल शर्मा, सूरज रावल, धनंजय ठाकुर, प्रदीप भंडारी व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिये हैं।

                 एडवोकेट विकेश सिंह नेगी


विशेष न्यायाधीश (एसी/एसटी एक्ट) पंचम अपर सत्र न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट जीसी शर्मा व एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने पीड़ित व्यक्ति विनोद कुमार की तरफ से मामले की पैरवी की। अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय को अवगत कराया गया कि मामला 30 सितम्बर का है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा 8-10 अन्य असामाजिक लोगों के साथ आया और प्रार्थी की प्रापर्टी पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे और प्रार्थी को जाति सूचक गालियां दी। विनोद के मुताबिक उसे लाठी-डण्डों से भी पीटा गया। इन लोगों ने वहां अन्य लोगों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया और विवादित जमीन को कब्जाने की कोशिश की। विनोद कुमार के अधिवक्ता एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार विनोद ने इस घटना की जानकारी 112 नम्बर पर अपने फोन से दी। उसका आरोप है कि नेहरू कालोनी थाने में उसका शिकायती पत्र तथा मारपीट का मेडिकल की रिसीविंग भी नहीं दी गयी। इसके बाद उसने अगले दिन डाक के माध्यम से सूचना प्रेषित की गयी।

इसके दूसरे दिन पार्षद कमली भट्ट और उनके साथ आए असामाजिक तत्वों ने भी विनोद की भूमि कब्जाने की कोशिश की। अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी जानकारी में पुलिस ने विनोद के आरोपों और तथ्यों को गलत करार दिया।

एडवोकेट विकेश सिंह नेगी ने कहा इस पूरे मामले में खानापूर्ति के लिए उपनिरीक्षक से जांच करवायी गई जो नियम विरूद्व है। एसटीएसी मामले में केवल सीओ लेवल का अधिकारी ही जांच कर सकता है। विनोद हरिजन जाति का व्यक्ति है और विगत कई वर्षों से उक्त भूमि पर काबिज है और काश्त करता चला आ रहा है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने भाजपा पार्षद व देहरादून महानगर महिला मोर्चा की अध्यक्ष कमली भट्ट सहित 6 लोगों पर जमीन कब्जाने में (परिवाद) कंपलेट केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।


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बैलजूड़ी-गढ़ीनेगी व काशीपुर मानपुर मार्ग पर 131 अतिक्रमण

 बैलजूड़ी-गढ़ीनेगी व काशीपुर मानपुर मार्ग पर 131 अतिक्रमण



संवाददाता

काशीपुर। काशीपुर से बैलजूड़ी होते हुये गढ़ीनेगी जाने वाले 8 किमी लम्बे बैलजूड़ी-गढ़ीनेगी मार्ग पर लोक निर्माण विभाग द्वारा 75 अतिक्रमण तथा काशीपुर स्टेडियम से मानपुर होते हुये फिरोजपुर तक जाने वाले 2 किमी लम्बे मार्ग पर 56 कुल 131 अतिक्रमण चिन्हित किये गये हैं। काशीपुर-मानपुर मार्ग का एक भाग वर्तमान में रामनगर-जसपुर बाईपास के रूप मंें भी प्रयोग हो रहा हैै। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को लोक निर्माण विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।

 नदीम उद्दीन (एडवोकेट)


काशीपुर निवासी नदीम उद्दीन ने लोक निर्माण विभाग काशीपुर के लोक सूचना अधिकारी से रामनगर-जसपुर बाईपास के रूप में प्रयोग किये जाने वाले मार्ग की चौड़ाई मांगी थी। इसके उत्तर में निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग काशीपुर के लोक सूचना अधिकार्री इं0 आरपी उपाध्याय ने अपने पत्रांक 1995 से मानपुर रोड गढ़ीनेेगी मार्गों के 131 अतिक्रमणकारियों की सूची सहित सूचना उपलब्ध करायी हैै।

उपलब्ध सूचना के अनुसार बैलजूड़ी-गढ़ीनेगी के 8 किमी मार्ग से मार्ग की स्थाई भूमि की सूचना के अन्तर्गत इसकी किमी गढ़ीनेगी में चौैड़ाई रेलवे बाउन्ड्री से 35 फिट तथा किमी 5, 6 व 8 बैलजूड़ी मेेें 38 फिट दर्शायी गयी हैै। मानपुर रोड के दोनों किमी में मार्ग की स्थाई भूमि मार्ग के मध्य से 30 फिट दर्शायी गयी हैं। 

उपलब्ध अतिक्रमणकारियों की सूची में स्टेडियम रोड किमी 1 में कुल 43 अतिक्रमण दर्शाये गये हैैं। इसमें पक्का भवन, बाउण्ड्री वाल के रूप में अतिक्रमण दर्शाये गये हैं। इसमें अतिक्रमण करने वालों की सूची में सुनील छाबड़ा, इसरत जहां, रहीशुद्दीन, रफी अहमद, इमामन, अशोक कुमार, अमरजीत, भोजराज, महिपाल, कन्या देवी, विजेन्द्र सिंह, मुन्ना भटनागर, सुनील कुमार, अनील कुमार, वीरेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार, वीरेन्द्र सिंह रावत, आमोद कुमार, संजीव रावत, जसवन्त सिंह, बलजीत सिंह, डा0 सुन्दरियाल, कान्ति देवी, अतीक, अर्जुन सिंह के नाम शामिल हैं। जबकि किमी 2 में कचनाल गाजी के 13 अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के नाम शामिल हैै। इसमें भुवन चन्द्र सिंह, हिमांशु, उजाला हास्पिटल, संजना शर्मा, अर्जुुन सिंह, केशव सरन, आरके फ्रलोर मिल, स्वदेश कुमारी, भगवन्त सिंह के नाम शामिल हैैं।

उपलब्ध बैलजेड़ी-गढ़ीनेगी मार्ग पर अतिक्रमण की सूची के अनुसार कुल 75 अतिक्रमणोें में ग्राम बैलजूड़ी में सर्वाधिक 39, ग्राम बैंतवाला में 23 तथा गढ़ीनेगी में 13 अतिक्रमण दर्शाये गये हैैं। बैलजूड़ी में किमी 8 मेें 23 अतिक्रमण करनेे वालों में लईक हुसैन, जमील, आरिफ, इदरीश, मौैमिन, असगर अली, तसलीम, फारूख चौैधरी, हसीन खान, मौ0 हसन, अनीस, मौै0 यूसपफ, रईस अहमद, जरीना, हकीम अली, मौ0 नबी, हासिम अली के नाम शामिल हैै। बैैलजूड़ी में ही किमी 6 में 15 अतिक्रमण करनेे वालों में इदरीश, गुलाम हुसैन, मौ0 जान, कलुआ, बाजिद अली, इतवारी, शाकिर हुसैन, अब्दुल वाहिद, इब्ले हसन, गफ्रफार, मौ0 उमर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैलजूड़ी, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैलजूड़ी शामिल हैै। किमी 6 में ग्राम बैंतवाला के दो अतिक्रमणों में जयचन्द्र तथा जयप्रकाश के नाम हैै जबकि किमी 5 में ग्राम बैंतवाला के 21 अतिक्रमणों करनेे वालोें में वीरेन्द्र, पवन कुमार, राम कुंवर सिंह, देवी सिंह, कृपाल सिंह, मुगनेश, घनश्याम सिंह, ओम प्रकाश, शंकर, नारायण दास, प्रेम सिंह, विनोेद, धर्मेन्द्र सिंह, नरेश, बाबूराम, उजी अहमद, सलीम, सखावत हुसैन के नाम शामिल हैै। जबकि किमी 1 में ग्राम गढ़ीनेगी के 13 अतिक्रमण करने वालों में धर्मेन्द्र सिंह, दर्शन सिंह, काली चरन, छोटे लाल, पप्पू मोहन, अनिल तथा सुनील के नाम शामिल हैै।

उपलब्ध सूची में जहां कई नाम अनेक बार सम्पत्ति वार दर्ज किये गये हैं, वहीं ग्राम बैलजूड़ी के अतिक्रमणकारियों में 3 स्थानों पर नाम के स्थान पर अज्ञात दर्ज हैै।


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गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

होमगार्ड्स हवलदार प्रशिक्षक, प्लाटून कमांडर भर्ती शुरू कराओ सरकार: मोर्चा

 होमगार्ड्स हवलदार प्रशिक्षक, प्लाटून कमांडर भर्ती शुरू कराओ सरकार: मोर्चा 



# होमगार्ड्स कर्मियों की पदोन्नति भी हो रही प्रभावित  # रिक्तियों के बावजूद सरकार ने नहीं ली सुध 
# ढांचे में है आमूलचूल सुधार की जरूरत     संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते होमगार्ड्स कर्मियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि ढांचे में रिक्तियों के बावजूद भी कई वर्षों से भर्ती नहीं की गई, जिस कारण कर्मियों की पदोन्नति भी प्रभावित हो रही है एवं उनमें निराशा की भावना घर कर गई है।          
नेगी ने कहा कि ढांचे में विद्यमान प्लाटून कमांडर के 32 पदों के सापेक्ष मात्र 20 तैनात हैं, ब्लॉक ऑर्गेनाइजर के 13 पदों के सापेक्ष मात्र 4 तथा  हवलदार प्रशिक्षकों के 39 पदों के सापेक्ष मात्र 19 कार्यरत हैं।         
नेगी ने कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया में भी बहुत तेजी लाने की जरूरत है, जिससे कर्मियों को लाभ मिल सके। इसके अतिरिक्त होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा के ढांचे में  आमूलचूल परिवर्तन की भी दरकार है।       
मोर्चा ने सरकार से भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने व पदोन्नति की कार्रवाई त्वरित गति से कराने की मांग की है।           
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे।

बुधवार, 22 दिसंबर 2021

मोर्चा के हमलों के पस्त मंत्रीगण अपने चेहतों को नहीं बना पाए अवर अभियंता: नेगी

 मोर्चा  के हमलों के पस्त मंत्रीगण अपने चेहतों को नहीं बना पाए अवर अभियंता: नेगी   


    
           

# 100 अवर अभियंताओं की होनी थी नियुक्ति पेयजल विभाग में            
# पहले नियोजन उपनल से,फिर पीएमसी आउट सोर्स और फिर उपनल से कराने पर थे आमादा            
# अपने-अपने चेहतों को समायोजित कराने  की थी योजना     
# सिफारिश विहीन  युवाओं का भविष्य हो जाता चौपट  संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा जून 2021 को जल जीवन मिशन के तहत 100 अवर अभियंताओं के पद सृजित किए तथा शासन के निर्देश के क्रम में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन विभाग ने इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कराने को लेकर अधियाचन उपनल को प्रेषित किया, जिसको लेकर मोर्चा द्वारा सरकार की मुखालफत की गई थी तथा सरकार को जगाने का काम किया गया था तथा मांग की गई थी कि किसी चयन आयोग के माध्यम से नियोजन कराएं, जिसके फल स्वरूप सरकार द्वारा उपनल से यह जिम्मा छीन लिया गया तथा उक्त नियोजन की जिम्मेदारी पीएमसी/आउटसोर्स को दी गई। यहां सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि विभागीय आका अपने खास/करीबियों की नियुक्ति में अन्य नेताओं द्वारा अपना हिस्सा मांगने के कारण उपजे विवाद के चलते उपनल के स्थान पर पीएमसी/आउट सोर्स से कराने पर राजी हो गया, लेकिन फिर से अपना हित प्रभावित होता देख पेयजल विभाग ने यह जिम्मा फिर उपनल को दे दिया, जिसमें उपनल की भूमिका सिर्फ विभाग को अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराने भर थी। नेगी ने कहा कि मोर्चा के प्रयास से उक्त नियोजन/ नियुक्तियों पर ब्रेक लग गया, जोकि मोर्चा की बहुत बड़ी जीत है।                          
नेगी ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के उच्च शिक्षित एवं काबिल युवाओं को दरकिनार कर उनको छलने का काम किया जा रहा था।            
मोर्चा प्रदेश के काबिल, सिफारिश विहीन और उच्च शिक्षित युवाओं का शोषण नहीं होने देगा।

सीएम को अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता प्रेम रावत की पुस्तक भेंट की

सीएम को अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता प्रेम रावत की पुस्तक भेंट की



शांति दूत के नाम से ख्यात प्रेम रावत की पुस्तक 'हियर योरसेल्फ' उनके प्रतिनिधि पीएस नेगी ने सीएम को भेंट की
संवाददाता
देहरादून। शांति दूत के नाम से ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता प्रेम रावत द्वारा रचित प्रसिद्ध पुस्तक 'हीयर योरसेल्फ', (HEAR YOURSELF) को उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को सप्रेम भेंट की गई।
प्रेम रावत के स्थानीय प्रतिनिधि पीएस नेगी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके कार्यालय में मुलाकात कर उनकी पुस्तक भेंट की। इस दौरान नेगी ने सीएम की प्रशंसा करते हुए उन्हें उर्जावान सीएम बताया। वहीं सीएम ने पुस्तक प्रदान करने पर धन्यवाद व्यक्त किया।
गौर हो कि प्रेम रावत विगत 53 वर्षों से विश्व के कोने-कोने में जाकर सभी मनुष्यों को शान्ति का संदेश दे रहे हैं। उनके अनुसार  'शान्ति संभव है', जो कि पहले से ही स्वयं मनुष्य के हृदय में विराजमान है। प्रेम रावत ने इस पुस्तक में अपने जीवन के सभी अनुभवों का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरीके से हम इस शोर भरे संसार में शान्ति का अनुभव कर अपने जीवन को आनंद से बिता सकें।

शनिवार, 18 दिसंबर 2021

बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का डीआरडीओ द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण

 बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का डीआरडीओ द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण



एजेंसी

चांदीपुर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के तट पर डा0 एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। विभिन्न टेलीमेट्री, रडार, इलेक्ट्रो-आप्टिकल स्टेशन और पूर्वी तट के साथ स्थित डाउन रेंज जहाजों ने मिसाइल ट्रेजेक्टरी और मानकों को ट्रैक किया तथा उनकी निगरानी की। इस मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए अपने लक्ष्य का अनुसरण किया।

अग्नि पी डुअल रिडनडेंट नेविगेशन तथा मार्गदर्शन प्रणाली के साथ एक दो चरणों वाली केनिस्ट्राइज्ड सालिड प्रोपेलेंट बैलिस्टिक मिसाइल है। इस दूसरे उड़ान परीक्षण ने प्रणाली में एकीकृत सभी उन्नत प्रौद्योगिकियों के भरोसेमंद प्रदर्शन को साबित किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी और प्रणाली के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डा0 जी सतीश रेड्ढी ने कई अतिरिक्त विशेषताओं के साथ दूसरी विकास उड़ान परीक्षण करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की तथा एक ही कैलेंडर वर्ष के भीतर लगातार सफलता के लिए बधाई दी।


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विहिप का देशभर में 20 दिसंबर से धर्म रक्षा अभियान

 विहिप का देशभर में 20 दिसंबर से धर्म रक्षा अभियान



एजेंसी

नयी दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ऐलान किया है कि वह धर्मांतरण के खिलाफ 20 दिसंबर से 31 दिसंबर तक संपूर्ण देश में व्यापक रूप से धर्म रक्षा अभियान चलाएगी। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकारें अवैध धर्मांतरण के रोकने हेतु कठोर कानून बनाए ताकि लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण करवाने वालों पर कठोर दण्ड की व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर को हम पहले से ही ‘धर्म रक्षा दिवस’ के रूप में मनाते आए हैं। इस बार इस अभियान के अंतर्गत धर्मांतरण की साजिशों को उजागर करने के लिए साहित्य का वितरण, जन-सभाओं, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जन-जागरण किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना की भीषण आपदा के समय जब संपूर्ण देश कोरोना से जूझ रहा था और अधिकांश सामाजिक-धार्मिक संगठन सेवा कार्यों में लगे थे तब मौलवी और पादरी आक्रामक रूप से धर्मांतरण के कार्य कर रहे थे।

कुमार ने कहा कि लव जिहाद से हिन्दू महिलाओं की प्रताड़ना व हत्या के सुनियोजित षड्यंत्रों के समाचार देश के किसी न किसी क्षेत्रा से प्रतिदिन आ रहे हैं। अवैध धर्मांतरण के कारण भारत विभाजन, करोड़ों हिंदुओं के नरसंहार, आतंकवाद व दंगों की पीड़ा को झेल चुका हिंदू समाज अब इस नए परिदृश्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता।

विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जातियों के विकास के लिए कुछ सुविधाओं के प्रावधान किए गए जो धर्म बदले जाने के बाद स्वाभाविक रूप से समाप्त हो जाते हैं परंतु अनुसूचित जनजातियों के द्वारा धर्मांतरण करने के बाद उनके विशेषाधिकार कायम रहते हैं। अनुसूचित जनजातियों के जिन व्यक्तियों ने धर्मांतरण किया है वह अपने पूर्वजों की परम्परा, श्रद्वा और पूजा पद्वति से अलग हो जाते है। उनको जनजातियों को मिल रहे लाभों से वंचित करने के लिए भी आवश्यक संविधान संशोधन अतिशीघ्र करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि घर वापस आने वालों का खुले हृदय से स्वागत करना चाहिए और रोटी बेटी के सहज संबंध स्थापित करने चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिन्दू समाज के उत्पीड़न के विरोध में व्यापक वैश्विक जनमत बनाने की आवश्यकता है।

कुमार ने कहा कि वर्ष में एक बार भारत के सभी सांसदों से मिलकर राष्ट्रीयता और हिंदुत्व से जुड़े विषयों पर चर्चा का प्रयत्न करती है। इस अभियान के तहत अब तक 327 सांसदों से भेंट हुई है। इनमे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, शिवसेना, नेशनल कांप्रफेंस, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के सांसद शामिल हैं। इन सांसदों से विहिप ने धर्मांतरण रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने में सहयोग करने की मांग की है।


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सरफेसी एक्ट के दुरूपयोग पर बैंक पर मुआवजे का मुकदमा

 सरफेसी एक्ट के दुरूपयोग पर बैंक पर मुआवजे का मुकदमा



जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद दर्ज कर बैंक को किया नोटिस जारी

बैंक द्वारा नियत की गयी शिक्षा ऋण की 29,845 की किस्त के स्थान पर  53,715 की किस्त वसूलने के लिये किया दुरूपयोग 

संवाददाता

काशीपुर। बैक द्वारा सरफेसी एक्ट का दुरूपयोग करके शिक्षा ऋण लेने वालेे के गारंटर व अन्य व्यक्तियों की सम्पत्तियांे पर अवैध रूप से कब्जा करने से हुये नुकसान के मुआवजे का मुकदमा जिला उपभोक्ता आयोग उधमसिंह नगर में दर्ज किया गया है। आयोग ने विपक्षी बैंक को नोटिस जारी करके अपना उत्तर 24 जनवरी 2022 तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

काशीपुर निवासी जसवीर सिंह नरूला की पत्नी कंवलजीत नरूला तथा पुत्र रौनक नरूला की ओर से उनके अधिवक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता आयोग उधमसिंह नगर में उपभोक्ता केस दायर किया हैै। जिसमें सरफेसी एक्ट का दुुरूप्रयोग करके अवैध रूप से फार्म की भूमि व कृषि यंत्रों पर कब्जा करने से हुये नुकसान का 25 लाख रूपये मुुआवजा दिलानेे की प्रार्थना की गयी हैै। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह तथा सदस्य नवीन चंदौैला व महिला सदस्य श्रीमती देवेन्द्र कुमारी तागरा के आदेश सेे विपक्षी बैंक काशीपुर अर्बन कोपरेेटिव बैंक को नोटिस जारी करके 24 जनवरी 2022 तक अपना उत्तर दाखिल करनेे का आदेश दिया हैै।  

नदीम द्वारा श्रीमती कंवलजीत नरूला व रौनक नरूला की ओर से उपभोक्ता आयोेग में प्रस्तुत परिवाद में कहा गया है कि काशीपुर अर्बन कोपरेटिव बैैंक लि0 के कर्मचारियों द्वारा बतायी गयी बैंक के शिक्षा द्वण की आकर्षक सुविधाओं से आकर्षित होकर 19 लाख रूपये का रौैनक नरूला की शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण लिया गया था। इसके स्वीकृति पत्र दिनांक 21-10-12 के द्वारा मोरेटोरियम पीरियड के बाद 29,845 की 84 समान किस्तों में इसे वापस किया जाना तय किया गया था। नवम्बर 2019 में बैंक द्वारा एग्रीमेंट द्वारा निर्धरित किस्त से अधिक 53,715 रूपये की दर से मासिक किस्त जो 72 माह तक देय होेगी की मांग की जानेे लगी। जिस पर ऋणी ने कभी कोई स्वीकृति नहीं दी। इस अधिक धनराशि को वसूलनेे के लिये सरफैसी एक्ट 2002 के प्रावधानोें का दुरूपयोेग करके परिवादीगण व उसके रिश्तेदारोें की सम्पत्तियों पर कब्जा प्राप्त करके उनकी बिक्री आदि की कार्यवाही शुरू कर दी जबकि इन पर सरफैसी एक्ट के प्रावधान लागू भी नहीं होते थे। परिवादी कृषक के कृषि यंत्र कब्जे में लेने से उसकी खेती व जीविकोपार्जन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अनुचित व्यापारिक व्यवहार व सेेवा में कमी रूकवाने के लियेे अध्विक्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट के माध्यम सेे परिवादीगण द्वारा कानूनी नोटिस भिजवाया गया इस पर भी न तो उपभोक्ता सेवा में कमी व अनुचित व्यापारिक व्यवहार रोका गया औैर न ही मांगे गयेे नुकसान केे मुआवजे 25 लाख रूपये का भुगतान किया गया।

इसके बाद नदीम द्वारा उपभोक्ता आयोेग में 22 अक्टूबर 2021 को उपभोक्ता परिवाद प्राप्त कराया लेकिन उपभोक्ता आयोेग में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण उस पर सुनवाई नहीं हो सकी। नवम्बर के अन्त में अध्यक्ष के पद पर सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश सुरेन्द्र पाल सिंह तथा पुरूष सदस्य के पद पर पूूर्व अधिवक्ता नवीन चंदौैला तथा महिला सदस्य के पद पर पूर्व विभागाध्यक्ष व असिस्टेंट प्रोफेसर सनातन धर्म कन्या डिग्री कॉलेज रूद्रपुर देेवेन्द्र कुमारी तागरा के कार्यभार ग्रहण करनेे के उपरान्त 1 दिसम्बर 2021 से जिला उपभोक्ता आयोेग का कोरम पूर्ण होने पर न्यायिक कार्य प्रारंभ हो पाया। गत 14 दिसम्बर 2021 को परिवादीगण के अधिवक्ता नदीम की बहस सुनने केे उपरान्त केस सं0 44/2021 के रूप में इस केस को दर्ज करके आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह, सदस्य नवीन चंदौला, सदस्य श्रीमती देवेन्द्र कुमारी तागरा की पीठ द्वारा विपक्षी बैंक को नोटिस जारी करने व अगली तिथि 24 जनवरी 2022 तक अपना उत्तर आयोग में दाखिल करनेे का आदेश दिया है।


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शुक्रवार, 17 दिसंबर 2021

न्यायालय द्वारा एमडी नियुक्ति मामले में नोटिस के बावजूद अतिरिक्त प्रभार दिए जाने मामले में मोर्चा की आपत्ति

 न्यायालय द्वारा एमडी नियुक्ति मामले में नोटिस के बावजूद अतिरिक्त प्रभार दिए जाने मामले में मोर्चा की आपत्ति



# यूपीसीएल एमडी नियुक्ति प्रकरण उच्च न्यायालय में है लंबित 
# नियमों को तार-तार कर दी गई है नियुक्ति              #न्यायालय द्वारा एमडी को जारी गया है नोटिस # नियुक्ति पाए एमडी के खिलाफ प्रचलित है ट्रांसफार्मर घोटाला  
# काबिल अधिकारी हाशिए पर,सेटिंग बाज पा रहे मनमानी  नियुक्तियां          
संवाददाता
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रबंध निदेशक नियुक्ति प्रक्रिया में मापदंडों को तार-तार कर 29/10/2021 को प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल के पद पर अनिल कुमार को नियुक्ति प्रदान की गई। उक्त नियुक्ति के खिलाफ उच्च न्यायालय में प्रभावित पक्ष द्वारा याचिका दायर की गई, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 14/12/ 21 को प्रतिवादी नंबर 3 अनिल कुमार प्रबंध निदेशक यूपीसीएल को 4 सप्ताह के भीतर जवाब देने हेतु नोटिस जारी किया गया। एमडी की नियुक्ति प्रक्रिया हेतु विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड पूर्ण किए बगैर सेटिंग गेटिंग  के आधार पर बिना गोपनीय प्रविष्टियों की रिपोर्ट, 10 वर्ष की अनुशासनिक कार्रवाई का विवरण एवं सतर्कता प्रमाण पत्र की  औपचारिकता पूर्ण किए बिना ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया, जबकि हैरानी की बात यह है कि मापदंड पूर्ण करने हेतु सचिव, ऊर्जा द्वारा नियुक्ति के एक माह पश्चात 29/11/2021 को अनुस्मारक भेज कर उक्त प्रपत्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया यानी नियुक्ति हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा इनसे कोई प्रपत्र नहीं लिए गए। नेगी ने कहा कि प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ट्रांसफार्मर घोटाले में जिस अधिकारी के खिलाफ जांच प्रचलित लंबित है, ऐसे भ्रष्ट अधिकारी से बहुत बड़ी  डील कर नियुक्ति दे दी गई तथा उक्त डील के तहत ही उक्त भ्रष्ट अधिकारी को कल ही एमडी, पिटकुल का अतिरिक्त कार्यभार देकर सरकार ने अपना डील वाला वादा निभा दिया।              
नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर नियुक्तियां इसी तरह से सेटिंग गेटिंग के आधार पर होनी है तो क्यों नहीं टेंडर प्रक्रिया यानी मोटी रकम देने वाले सिस्टम के आधार पर ही नौकरियां बांट देनी चाहिए।                    
नेगी ने सरकार को आगाह किया कि इस पूरे प्रकरण में अपनी  जग हंसाई कराने के बजाए इस मामले में हस्तक्षेप करें।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

 मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

इन राज्यों में अगले दो दिन पड़ सकती है कड़क ठंड



एजेंसी

नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभागने अनुमान जताया है कि उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान में गिरावट आ सकती है। मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है कि 18 दिसंबर से चंडीगढ़ और उत्तरी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में शीत लहर के आसार हैं।

मौसम विभाग ने कहा है कि पंजाब में 20 दिसंबर तक और हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तरी राजस्थान में 18 से 20 दिसंबर तक शीतलाहर का प्रकोप देखने को मिल सकता है। अगले 2-3 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेंटीग्रेड की गिरावट आने के आसार हैं।

पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक चक्रवाती परिसंचरण देखने को मिल रहा है। जो जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के आस पास सक्रिय है। जिसके प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सा बन गया है। इसके प्रभाव से अगले 3 दिनों तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख,-गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी के आसार हैं। वहीं 16-17 दिसंबर को उत्तराखंड में और 16 दिसंबर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने के आसार हैं और इस सिस्टम के आगे बढ़ने से 17 दिसंबर के बाद से ठंड बढ़ने लगेगी। इस बीच देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार को दिल्ली वायु गुणवत्ता सूचकांक 337 दर्ज किया गया जो बेहद खराब श्रेणी में है। प्डक् ने बताया कि दिल्ली में 12 दिसंबर को मौसम का न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि दिल्ली में इस मौसम का सबसे कम तापमान है।


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सरकार देगी 18 महीने का डीए एरियर!

 केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार देगी 18 महीने का डीए एरियर!



एजेंसी

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी देने जा रही है, जिसका केंद्रीय कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं। पहले मोदी सरकार ने 31 फीसदी महंगाई भत्ता करने की इजाजत दी। कर्मचारियों को एक जगह राहत मिली, अब सरकार दूसरी जगह भी कर्मचारियों को जल्द राहत दे सकती है।

कर्मचारियों के 18 महीने के लटके डीए एरियर पर अब उम्मीद की किरण नजर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काउंसिल ने सरकार के सामने मांग रखी है कि डीए बहाल करते वक्त 18 महीने से अटके हुए डीए एरियर का भी वन टाइम सेटलमेंट कर दे। ऐसी उम्मीद भी की जा रही है कि दिसंबर में कैबिनेट सेक्रेटरी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है कि 18 महीने के डीए एरियर का वन टाइम सेटलमेंट किया जाए। 

अब डीए एरियर का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना है। अब ये 18 महीने के डीए के एरियर का फैसला पीएम करेंगे, इस बात से कर्मचारी खुश हैं। पीएम मोदी इस पर फैसला करते हैं और हरी झंडी दिखाते हैं तो कर्मचारियों के बैंक खाते में मोटी रकम आएगी। इससे पहले मोदी सरकार डीए को बढ़ाकर 31 फीसदी कर चुकी है। इसका फायदा केंद्र सरकार के 48 लाख कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को मिल रहा है।

भारतीय पेंशनर्स मंच ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के एरियर का बकाया देने के लिए भी पीएम मोदी से अपील की है। मंच ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखकर इस मामले में मदद करने के लिए कहा है। वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से मई 2020 में डीए बढ़ोतरी को 30 जून 2021 तक के लिए रोक दिया था। 1 जुलाई 2021 से इसे फिर से बहाल करने के लिए कहा गया है।


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सबसे सस्ता मोबाइल रीचार्ज

 सबसे सस्ता मोबाइल रीचार्ज



जियोः एक रुपए में 30 दिन की वैलिडिटी, 100 एमबी डेटा भी मिलेगा

एजेंसी

नई दिल्ली। जियो ने 1 रुपए वाला प्लान लान्च किया है। इस प्लान में 30 दिन की वैलिडिटी के साथ 100एमबी डेटा मिलेगा। ये प्लान जियो के मोबाइल ऐप पर दिख रहा है। इसे पैक वैल्यू सेक्शन में अदर प्लान में लिस्ट किया गया है।

इस प्लान के तहत केवल 10 रुपए में 1जीबी डेटा मिल जाएगा। यानी अगर आप 1 रुपए वाले प्लान से 10 बार रीचार्ज करते हैं तो आपको 1जीबी डेटा मिल जाएगा। अभी 1जीबी डेटा के लिए 15 रुपए वाला प्लान लेना होता था। लेकिन अब 1 रुपए वाले नए प्लान से आप 5 रुपए बचा सकते हैं।

कुछ दिनों पहले ही जियो ने अपने सबसे बेसिक डेली डेटा प्रीपेड प्लान को रिवाइज किया है, जिसकी कीमत 119 रुपए है। इस प्लान में यूजर को अनलिमिटेड कालिंग के साथ डेली 1.5जीबी डेटा दिया जा रहा है। इस प्लान में 14 दिनों की वैलिडिटी मिलती है। अन्य पफायदों के तौर पर जियो ऐप्स का प्रफी एक्सेस भी दिया गया है। इसके अलावा इसमें 300 एसएएमएस भी आफर किए जा रहे हैं।

एयरटेल और वीआई (वोडाफोन-आइडिया) के बाद जियो ने भी 1 दिसंबर से अपने रीचार्ज प्लान महंगे कर दिए हैं। जियो ने अपने प्लान में 21 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। जियो के 75 रुपए वाले प्लान के लिए 1 दिसंबर से 91 रुपए चुकाने होंगे।

129 रुपए वाला प्लान 155 रुपए, 399 वाला प्लान 479 रुपए, 1,299 वाला प्लान 1,559 रुपए और 2,399 वाला प्लान अब 2,879 रुपए में मिलेगा। डेटा टाप-अप की कीमत भी बढ़ाई गई है। अब 6जीबी डेटा के लिए 51 के बजाय 61, 12जीबी के लिए 101 के बजाय 121 रुपए और 50जीबी डेटा के लिए 251 रुपए के बजाय 301 रुपए खर्च करने होंगे।


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गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

विद्युत विभाग एसएचजी के बजाए संविदागत आधार पर ले श्रमिकों से काम: मोर्चा

विद्युत विभाग एसएचजी के बजाए संविदागत आधार पर ले श्रमिकों से काम: मोर्चा    


   
             

# 8-10 हजार रुपए में जीवन डाला जाता है जोखिम में          

# रात में भी लाइन फाल्ट/मरम्मत करने को ली जाती हैं सेवाएं  #यूपीसीएल व सरकार दोनों हो चुके संवेदनहीन         

#करंट लगने व विद्युत दुर्घटना से होने वाली मौत पर मुआवजा है बहुत कम   

संवाददाता 

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं  जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि यूपीसीएल/ सरकार द्वारा सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) यानी ठेकेदार के माध्यम से मात्र 10-11 हजार रुपए में इन गरीब श्रमिकों से विद्युत लाइन फॉल्ट को दूर करने, अनुरक्षण व शट डाउन के दौरान भारी भरकम काम, विद्युत संयोजन करने व विच्छेदित करने आदि कई तरह का जोखिम भरा काम लिया जाता है तथा कई बार रात-रात भर जागकर ये श्रमिक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी करते हैं, लेकिन इनका भविष्य आज भी अधर में है।  प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं से हर प्रकार की लूट खसोट एवं भारी भरकम टैक्स पर टैक्स लगाने के बावजूद भी यूपीसीएल का भला नहीं हो पा रहा है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश के गरीब श्रमिकों को मात्र 10-11 हजार देकर  उनका एवं उनके परिवार का भारी शोषण किया जा रहा है, जबकि इनका सरकारी तौर पर कोई भविष्य ही नहीं नहीं है यानी एक तरह से दिहाड़ी मजदूर हैं।     

नेगी ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालने वाले श्रमिकों के भविष्य के लिए यूपीसीएल एवं सरकार द्वारा न कोई संविदा गत और न ही भविष्य में कोई स्थाई /संविदागत नौकरी की योजना अपनाई गई है,जोकि एक तरह से सरासर प्रदेश के गरीबों से बहुत बड़ा मजाक है।       

मोर्चा गरीब श्रमिकों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का काम करेगा।   

पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह भी मौजूद थे।

बुधवार, 15 दिसंबर 2021

नासा के अंतरिक्ष यान ने पहली बार सूरज को किया टच

 नासा के अंतरिक्ष यान ने पहली बार सूरज को किया टच

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने पहली बार सूरज को स्पर्श किया 



एजेंसी

नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने पहली बार सूरज को स्पर्श किया है। इस प्रोब ने अब तक नहीं पता लगाए गए सूरज के वातावरण जो कोरोना से जाना जाता है, में घुसा। नासा के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जियोपिफजिकल यूनियन की बैठक के दौरान इस उपलब्धि की घोषणा की।

अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने वास्तव में अप्रैल महीने में सूरज के पास से अपनी 8वीं यात्रा के दौरान कोरोना से होते हुए गुजरा था। वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रोब से मिले डेटा को पाने में कई महीने लग गए और पिफर इसकी पुष्टि करने में कई महीने लग गए। 

जान हाकिंस यूनिवर्सिटी के इस प्राजेक्ट के वैज्ञानिक नोउर रावउफी ने कहा कि इस पार्कर सोलर प्रोब को साल 2018 में लान्च किया गया था। पार्कर ने जब पहली बार सौर वातावरण और सौर हवाओं को पार किया था, तब वह सूर्य के केंद्र से 13 मिलियन किलोमीटर दूर था। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस दौरान अंतरघ्क्षि यान पार्कर सोलर प्रोब कम से कम तीन बार कोरोना के अंदर घुसा था। 

यूनिवर्सिटी आफ मिशगिन के जस्टिन कास्पर ने मीडिया को बताया कि पहला और सबसे नाटकीय समय वो रहा था जब हम पांच घंटे तक नीचे रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्कर बहुत तेजी से गुजर रहा था और उस दौरान उसकी स्पीड 100 किमी प्रति सेकेंड थी। उन्होंने बताया कि कोरोना जितनी उम्मीद थी उससे ज्यादा धूल से भरा हुआ था। भविष्य के कोरोना के भ्रमण से वैज्ञानिकों को सौर हवाओं की उत्पति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। 

उन्होंने कहा कि आगे ये भी पता चलेगा कि कैसे यह गर्म होती है और अंतरिक्ष में कैसे बढ़ता है क्योंकि सूरज के पास ठोस सतह नहीं होती है, इसलिए कोरोना वहां होता है जहां क्रिया होती है। इस चुंबकीय रूप से गहन क्षेत्र की करीब से खोज करने से वैज्ञानिकों को सौर विस्फोटों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है जो यहां पृथ्वी पर जीवन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

प्राथमिक आंकड़ों से पता चलता है कि पार्कर अगस्त महीने में अपनी 9वीं यात्रा के दौरान कोरोना के अंदर चला गया, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी और अधिक विश्लेषण की आवश्यकता है। पार्कर ने पिछले महीने ही सूरज के नजदीक अपनी 10वीं यात्रा को पूरा किया है। पार्कर आगे लगातार सूरज के करीब आता रहेगा और साल 2025 में अपनी ग्रैंड फिनाले में कक्षा में प्रवेश करेगा।


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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना

 भारत में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये की स्वीकृति



इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना

एजेंसी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और भारत को इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से देश में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ डिजाइन के क्षेत्र में कंपनियों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करके इलेक्ट्रानिक सामग्रियों के निर्माण में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह सामरिक महत्व तथा आर्थिक आत्मनिर्भरता के इन क्षेत्रों में भारत के प्रौद्योगिकीय नेतृत्व के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।

सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले आधुनिक इलेक्ट्रानिक्स की नींव हैं, जो उद्योग 4.0 के तहत डिजिटल परिवर्तन के अगले चरण की ओर आगे बढ़ा रहे हैं। सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले प्रणालियों का उत्पादन बहुत जटिल तथा प्रौद्योगिकी की अधिकता वाला क्षेत्र है, जिसमें भारी पूंजी निवेश, उच्च जोखिम, लंबी अवधि और पेबैक अवधि तथा प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव शामिल हैं और इसके लिए अत्यधिक एवं निरंतर निवेश की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम पूंजी सहायता और प्रौद्योगिकीय सहयोग की सुविधा प्रदान करके सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले प्रणाली के उत्पादन को बढ़ावा देगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिलिकान सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टरों, सिलिकान फोटोनिक्स, सेंसर (एमईएमएस सहित) फैब, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग (एटीएमपी/ओएसएटी), सेमीकंडक्टर डिजाइन के काम में लगी हुई कंपनियों, संघों को आकर्षक प्रोत्साहन सहायता प्रदान करना हैं।

भारत में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले मैन्युफपैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए निम्नलिखित व्यापक प्रोत्साहनों को मंजूरी दी गई है-

सेमीकंडक्टर फैब और डिस्प्ले फैबः भारत में सेमीकंडक्टर फैब तथा डिस्प्ले फैब की स्थापना की योजना उन आवेदकों को परियोजना लागत के 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जो पात्र पाए गए हैं और जिनके पास प्रौद्योगिकी के साथ-साथ इस प्रकार की अत्यधिक पूंजी वाली तथा संसाधन केंन्द्रित परियोजनाओं के निष्पादन की क्षमता है। भारत सरकार देश में कम से कम दो ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर फैब तथा दो डिस्प्ले फैब स्थापित करने के लिए आवेदनों को मंजूरी देने हेतु भूमि, सेमीकंडक्टर ग्रेड जल, उच्च गुणवत्ता वाली बिजली, लाजिस्टिक्स तथा अनुसंधान प्रणाली के रूप में आवश्यक बुनियादी ढांचे वाले हाई-टेक क्लस्टर स्थापित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।

सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल)ः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह भी मंजूरी दे दी है कि इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) के आधुनिकीकरण तथा व्यवसायीकरण के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। यह मंत्रालय ब्राउनफील्ड फैब संयंत्र के आधुनिकीकरण के लिए एक वाणिज्यिक फैब पार्टनर के साथ एससीएल के संयुक्त उद्यम की संभावना तलाशेगा।

कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकान फोटोनिक्स/सेंसर (एमईएमएस सहित) पफैब तथा सेमीकंडक्टर एटीएमपी/ओएसएटी इकाइयांः भारत में कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकान फोटोनिक्स/सेंसर (एमईएमएस सहित) फैब्स और सेमीकंडक्टर एटीएमपी/ओएसएटी संयंत्रों की स्थापना हेतु योजना के तहत स्वीकृत इकाइयों को पूंजीगत व्यय की 30 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत सरकार के सहयोग से कंपाउंड सेमीकंडक्टरों और सेमीकंडक्टर पैकेजिंग की कम से कम 15 ऐसी इकाइयां स्थापित किए जाने की संभावना है।

सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियांः डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत पांच साल के लिए शुद्व बिक्री पर 6 प्रतिशत-4 प्रतिशत के पात्र व्यय एवं प्रोडक्ट डिप्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव के 50 प्रतिशत तक उत्पाद डिजाइन से जुड़े प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी), चिपसेट, सिस्टम आन चिप्स (एसओसी), सिस्टम एवं आईपी कोर तथा सेमीकंडक्टर लिंक्ड डिजाइन के लिए 100 घरेलू कंपनियों को सहायता प्रदान की जाएगी और आने वाले पांच वर्षों में 1500 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर हासिल करने वाली कम से कम 20 ऐसी कंपनियों को विकास की सुविधा प्रदान की जाएगी।

इंडिया सेमीकंडक्टर मिशनः सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले के उत्पादन की एक सतत प्रणाली विकसित करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष और स्वतंत्रा इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) स्थापित किया जाएगा। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का नेतृत्व सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले उद्योग के क्षेत्र से जुड़े वैश्विक विशेषज्ञ करेंगे। यह सेमीकंडक्टरों एवं डिस्प्ले प्रणाली पर आधारित योजनाओं के कुशल तथा सुचारू कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

भारत में 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ सेमीकंडक्टरों तथा डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के कार्यक्रम की मंजूरी के साथ, भारत सरकार ने इलेक्ट्रानिक घटकों, उप-संयोजनों और तैयार माल सहित आपूर्ति श्रृंखला के हर हिस्से के लिए प्रोत्साहन की घोषणा की है। बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई, आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई, स्पेक्स योजना तथा उन्नत इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना के लिए पीएलआई के तहत 55,392 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन सहायता राशि को मंजूरी दी गई है। 

इसके अलावा एसीसी बैटरी, आटो घटकों, दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों, सौर पीवी माड्यूल एवं व्हाइट गुड्स सहित संबद्व क्षेत्रों के लिए 98,000 करोड़ रुपये की पीएलआई प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की गई हैं। कुल मिलाकर भारत सरकार ने आधारभूत बिल्डिंग ब्लाक के रूप में देश को सेमीकंडक्टरों वाली इलेक्ट्रानिक सामग्रियों के निर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए 2,30,000 करोड़ रुपए की सहायता दी हैं।

वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में सेमीकंडक्टरों और डिस्प्ले के विश्वसनीय स्रोत रणनीतिक महत्व रखते हैं तथा महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। स्वीकृत कार्यक्रम भारत की डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देगा तथा घरेलू क्षमताओं का निर्माण करेगा। यह देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के लिए अत्यधिक कुशल रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

सेमीकंडक्टर एवं डिस्प्ले प्रणाली के विकास का वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ गहन एकीकरण के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रानिक सामग्रियों के उत्पादन में उच्च घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देगा और 2025 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डालर की डिजिटल अर्थव्यवस्था और 5 ट्रिलियन अमेरिकी डालर के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।


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मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

डब्ल्यूआईटी कार्मिकों की सेवा बहाली को एसीएस से मोर्चा ने लगाई गुहार

 डब्ल्यूआईटी कार्मिकों की सेवा बहाली को एसीएस से मोर्चा ने लगाई गुहार  



संवाददाता      
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय) में पूर्व में कार्यरत शिक्षकों एवं लैब टेक्नीशियनों की मानवीय आधार पर सेवा बहाली अथवा पत्रावली वार्ता हेतु मुख्यमंत्री को प्रेषित करने को लेकर अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा श्रीमती राधा रतूड़ी से मुलाकात कर  ज्ञापन सौंपा। श्रीमती रतूड़ी ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।        नेगी ने कहा कि महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में वर्ष 2012 से 2016-17 तक शिक्षकों एवं लैब टेक्नीशियनों द्वारा निरंतर अपनी सेवाएं संस्थान को प्रदान की तथा अगले वर्ष हेतु अपनी संविदागत सेवा के नवीनीकरण हेतु संस्थान निदेशक से आग्रह किया, लेकिन निदेशक द्वारा आनाकानी के उपरांत कार्मिकों द्वारा आंदोलन चलाया गया। अपनी सेवा बहाली न होते देख  कार्मिकों द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई, जिसमें इनको काफी राहत प्रदान की गई, लेकिन संस्थान को यह सब नागवार गुजरा एवं उक्त फैसले के खिलाफ संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में एसएलपी योजित की, जिस पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को एक तरह निस्तारित कर दिया।      नेगी ने कहा कि अपनी पीड़ा को लेकर कार्मिकों द्वारा जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री से सेवा बहाली की मांग की गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा को वार्ता हेतु निर्देशित किया गया था , लेकिन विभाग द्वारा पत्रावली को प्रतीक्षा में रखने के निर्देश दिए गए, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी।  प्रतिनिधिमंडल में सुशील भारद्वाज मौजूद थे।

सोमवार, 13 दिसंबर 2021

एसपी सभरवालः एक युग का पटाक्षेप

 छह दशक की पत्रकारिता का अनुभव रखने वाला जीवट पत्रकार

      एसपी सभरवालः एक युग का पटाक्षेप



                                                              चेतन सिंह खड़का

देहरादून। देहरादून के वयोवृद्व पत्रकार शिव प्रकाश (एसपी) सभरवाल का निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। उन्होंने 9 दिसंबर को अपने निवास में सुबह अंतिम सांस ली। अपने पीछे वे बहन संतोष, पुत्र मनु, पुत्रवधु दलजीत कौर, पौत्रियों नयना और प्रतिष्ठा को छोड़ गए। 

अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री लेने वाले सभरवाल वर्ष 1960 के दशक में फिरोजपुर से देहरादून आ गए। उन्होंने पत्रकारिता में 23 वर्ष की आयु में कदम रखा। कालेज की पढ़ाई के दौरान ही 1956 में करंट इवेंट्स नामक राष्ट्रीय अंग्रेजी पत्रिका में अंशकालिक सम्पादक के रूप में यह यात्रा आरम्भ की। तीन वर्ष बाद वे उसी पत्रिका के पूर्णकालिक सम्पादक बने। करंट इवेंट्स पत्रिका को इंग्लिश बुक डिपो के सोहन लाल द्वारा प्रकाशित किया जाता था। सोहन लाल दून के प्रसिद्व नटराज पब्लिकेशन के संस्थापक भी थे।

दस वर्ष तक इसी पत्रिका में काम करने के बाद 1966 में उन्होंने देहरादून के सर्वप्रथम दैनिक समाचार पत्र नार्दन पोस्ट का प्रकाशन शुरू किया। जो उस समय के लोकप्रिय समाचारपत्रों में से एक रहा। 1975 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश से हिमाचल स्टार शीर्षक से अंग्रेजी दैनिक निकाला। 1975 में एमरजेंसी कीे दौरान वे देहरादून जेल में 6 माह तक निरूद्व रहे। उस समय उनके प्रेस को सील कर दिया गया। 

जेल में उन्होंने तत्समय वहीं निरूद्व प्रोफेसर नित्यानन्द स्वामी से योग का प्रशिक्षण दिया। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने पुनः दोनांे समाचार पत्रों का प्रकाशन सुचारू किया। एसपी सभरवाल उस वक्त के राजनीतिज्ञ ज्ञानी सुजान सिंह और नित्यानन्द स्वामी के काफी निकटवर्ती रहे। उनके साथ उन्होंने रिश्तों को ईमानदारी से निभाया भी। सभरवाल अपने जमाने में एक सफल वकील भी रहे।     

अपने जाने के दौरान वे 88 वर्ष के थे। अपने अंतिम दो दशकों में सभरवाल पत्रकारिता के अलावा अपना समय वृद्वावस्था में होने वाली बीमारियों से बचाव तथा उनके सुलभ उपचार की ओर लगा रहे थे। इन उपचार पद्वतियों में चुम्बकों तथा चुम्बक प्रभावित पानी का इस्तेमाल, पित्त व गुर्दे की दिक्कतों के लिए होम्योपैथिक इलाज तथा अनेक बीमारियों में आराम के लिए हाईड्रोजन परौक्साइड यानि आक्सीजन थैरेपी का उपयोग शामिल हैं। 

सभरवाल को उनके परिचितों के बीच पत्रकारिता के इनसाइक्लोपीडिया के तौर पर माना जाता था। वे विभिन्न विषयोें में बहुत व्यापक जानकारी एवं ज्ञान रखते थे। अक्सर उनके साथ ज्ञानवर्धक चर्चा के लिए उनके परिचित आया करते थे। लेकिन दुनिया भर के ज्ञान को अपने में समेटे सभरवाल ने खुद को एक सीमित जगह तक समेट लिया था। जबकि वे अपने आप में एक विशाल कैनवास की तरह थे, जहां जितने भी कलेवर, जितने भी रंग भर दो, कम हो जाते है। 



पिछले महीने राज्य स्थापना दिवस के दिन विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा उनको सम्मानित भी किया गया था। हालांकि इन चीजों से बहुत आगे निकल गए थे। जबकि वे चाहते तो बहुत कुछ हासिल करने की क्षमता उनमें थी। लेकिन जैसे उन्होंने सन्यास ले लिया था। संसारिक क्रिया कलापों से उन्हें विरक्ति सी हो गई। लेकिन पत्रकारिता नहीं छूटी। आखिरी समय तक उन्होंने अपना काम नहीं छोड़ा।

अपने काम के प्रति ऐसी प्रतिबद्वता आज के दौर में कम ही देखने को मिलती है। इसलिए कहा जा सकता है कि सभरवाल का जाना एक युग का पटाक्षेप जैसा है। वास्तव में करीब छह दशक से अधिक समय तक पत्रकारिता का अनुभव रखने वाले वे एक जीवट पत्रकार थे जिन्होंने एक प्रतिबद्वता के साथ अपने पेशे को नया आयाम दिया। 

उनके सानिध्य में सिखने का अवसर भाग्य की बात है। सभरवाल के अवसान पर उनकी तुलना दून के अंग्रेजी पत्रकारिता के आखिर लाइट हाउस के तौर पर की जा रही है। लेकिन एसपी सभरवाल कोई यों ही नहीं बन जाता। इसके लिए एक लंबी उम्र और उससे भी ज्यादा अपने काम करने के प्रति प्रतिबद्वता और लंबे समय तक एक जगह पर टिके रहने की काबलियत जरूरी है। उनके जाने से जो क्षति हुई वह कभी पूरी नहीं हो सकती।


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