सोमवार, 9 सितंबर 2019

अवसाद और गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्ति ही करते हैं सबसे ज्यादा आत्महत्या: प्रोजेक्ट बुरांश

कल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाएगा


अवसाद और गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्ति ही करते हैं सबसे ज्यादा आत्महत्या: प्रोजेक्ट बुरांश

संवाददाता

देहरादून। प्रोजेक्ट बुरांश संस्थान ने जानकारी देते हुए कहा कि कल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाएगा। संस्थान की निदेशक कारेन ने बताया कि अवसाद और गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति ही सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं।

लैंसडाउन चौक स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रोजेक्ट बुरांश की निदेशक कारेन ने कहा कि भारत में 15 से 35 वर्ष की आयु के युवाओं में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है। दुनिया भर में आत्महत्या करने वाली एक तिहाई महिलाएं हमारे देश से हैं। भारत में आत्महत्या की दर विश्व से 3 गुना ज्यादा है।

प्रोजेक्ट बुरांश के फील्ड कोऑर्डिनेटर जीत बहादुर थापा ने कहा कि आत्महत्या को रोका जा सकता है। यदि हम और साबित व्यक्ति को गंभीरता से सुने। उन्होंने बताया कि ऐसा व्यक्ति एकांत प्रिय, निराशाजनक बातें करता है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रोजेक्ट बुरांश समुदाय स्तर पर ऐसे लोगों को निशुल्क सहायता प्रदान करता है। मसलन काउंसलिंग, पारिवारिक सहयोग, मनोचिकित्सक से उपचार दिलवाना आदि। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही इस समस्या का समाधान है।

इस अवसर पर प्रोजेक्ट ऑफिसर लक्ष्मण, सैमसंन राणा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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