शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

भारत में बाहर से नहीं आए थे आर्य

भारत में बाहर से नहीं आए थे आर्य राखीगढ़ी डीएनए स्टडी का दावा 



हरियाणा के राखीगढ़ी में खुदाई में मिले नरकंकालों के अवशेषों के अध्यन्न से कई अहम खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में उन दावों को पूरी तरह खारिज किया गया है, जिसमें कहा गया था कि आर्य बाहर से भारत में आए थे।
एजेंसी
नई दिल्ली। हरियाणा के राखीगढ़ी में खुदाई में मिले नरकंकालों के अवशेषों के अध्यन्न से कई अहम खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट में उन दावों को पूरी तरह खारिज किया गया है, जिसमें कहा गया था कि आर्य बाहर से भारत में आए थे। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि शिकार करना, खेती और पशुपालन भारत के मूल निवासियों ने सीखा था।
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली टीम के प्रमुख प्रोफेसर वसंत शिंदे ने कहा कि इन पेपर्स में इस तरफ इशारा करते हैं कि आर्यन हमले और आर्यन्स के बाहर आने दावें निराधार हैं। इसके अलावा यह भी साफ है कि शिकार-संग्रह से आधुनिक समय के सभी विकास यहां के लोगों ने खुद किए थे।
इस स्टडी को पूरा करने में 3 साल का समय लगा है। स्टडी करने वाली टीम में भारत के पुरातत्वविद और हारवर्ड मेडिकल स्कूल के डीएनए एक्सपर्ट शामिल हैं। इस टीम ने ही गुरुवार को साइंटिफिक जनरल ल अंडर द टाइटल नाम से रिपोर्ट पब्लिश की है। हरियाणा के राखीगढ़ी से मिले एक नरकंकाल के अध्यन्न के आधार पर यह रिपोर्ट ली गई है।
रिपोर्ट में तीन बिंदुओं को मुख्य रूप से दर्शाया गया है। पहला, प्राप्त कंकाल उन लोगों से ताल्लुक रखता था, जो दक्षिण एशियाई लोगों का हिस्सा थे। दूसरा, 12 हजार साल से एशिया का एक ही जीन रहा है। भारत में विदेशियों के आने की वजह से जीन में मिक्सिंग होती रही। तीसरा, भारत में खेती करने और पशुपालन करने वाले लोग बाहर से नहीं आए थे। हड़प्पा सभ्यता के बाद आर्यन बाहर से आए होते तो अपनी संस्कृति साथ लाते।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...