रविवार, 15 सितंबर 2019

उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा 

उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा 



फील्ड में तैनात समस्त कर्मियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ होने से वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे
प0नि0संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन की बैठक संगठन भवन माजरा में आहूत की गयी। बैठक में एसोसिएशन द्वारा यूपीसीएल में अवर अभियंता से सहायक अभियंता के रिक्त पदों पर प्रोन्नति को लेकर अब तक किये गये ध्यानाकर्षण कार्यक्रम की समीक्षा की गयी। 
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि एसोसिएशन ने प्रोन्नति को लेकर प्रबन्धन से लम्बे समय तक वार्ता की एवं तय समय सीमा तक इंतजार किया। प्रबन्धन द्वारा लगातार प्रोन्नति किये जाने का सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा परन्तु प्रोन्नतियां नहीं की गयीं, जबकि अन्य संवर्गों में प्रोन्नतियां कर दी गयीं। अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों की प्रोन्नति को बेवजह कोर्ट केस का हवाला देकर विवादित बनाने के लिये कमेटी बनाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
 वक्ताओं ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि निगम में जिन अवर अभियंताओं की प्रोन्नति होनी है, उनकी प्रोन्नति किये जाने के स्थान पर उनमें से कई को सहायक अभियंता के पद का प्रभार दिया गया है। उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन अवर अभियंताओं की कमी पूरी करने के लिये नयी भर्ती करने एवं आपरेटिंग संवर्ग से प्रोन्नति किये जाने के लिये गंभीरता से प्रयासरत नहीं है। प्रबन्धन द्वारा दिये गये अतिरिक्त प्रभार की वजह से समस्त अवर अभियंताओं पर कार्य का अतिरिक्त दबाव होने से उनकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, वहीं उन्हें शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक विसंगतियों से जूझना पड़ रहा है, इससे अवर अभियंताओं की कार्यक्षमता घटने से इसका प्रतिकूल प्रभाव निगम पर ही पड़ रहा है। प्रबन्धन द्वारा दिया गया अतिरिक्त प्रभार एवं अनियंत्रित कार्यबोझ इसके लिये पूर्णतः उत्तरदायी है। 
केन्द्रीय अध्यक्ष जीएन कोठियाल ने निगम प्रबन्धन पर लगातार ऊर्जा सचिव को अवर अभियंता से सहायक अभियंता की प्रोन्नति मामले में गुमराह किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की हठधर्मिता एवं एसोसिएशन के प्रति द्वेषपूर्ण भावना के चलते ही अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों की प्रोन्नति नहीं हो पायी। उन्होंने कहा कि प्रबन्धन की कार्मिकों के प्रति सकारात्मक नीति नहीं होने के कारण ही ऊर्जा कार्मिकों को छठवें वेतन आयोग में लंबे संघर्ष से प्राप्त हुआ। एसीपी में 9/5/5 का लाभ सातवें वेतन आयोग में समाप्त हो गया एवं आज तक प्राप्त नहीं हो पाया। प्रबंधन की कुनीतियों एवं कार्मिकों के प्रति नकारात्मक रवैये के कारण ही यूपीसीएल आज घाटे की स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यूपीसीएल में फील्ड में तैनात समस्त कर्मियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ होने से वे स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रबन्धन ने एसोसिएशन के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम में शामिल पदाधिकारियों एवं सदस्यों का नियम विरुद्व एवं मनमाने तरीके से स्थानातरण कर दिया परन्तु फिर भी समय रहते अवर अभियंता संवर्ग के सदस्यों की प्रोन्नति नहीं की। इससे सदस्यों में भारी रोष है। अब एसोसिएशन यूपीसीएल में उत्तराखंड के मूल निवासी संवर्ग के साथ हो रहे अन्याय एवं इन समस्त मुद्दों पर अपनी बात विस्तारपूर्वक मुख्यमंत्री के समक्ष रखेगा एवं यूपीसीएल प्रबंधन पर जीरो टालरेन्स पालिसी के तहत कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने की मांग करेगा।
बैठक में कर्ण सिंह, राहुल अग्रवाल, प्रकाश चौहान, नितिन तिवारी, संदीप पँवार, आनंद रावत, सुधीर बडोनी आदि मौजूद रहे।


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