बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

70 साल पुराना केस: 40 दिन चली सुनवाई

70 साल पुराना केस: 40 दिन चली सुनवाई



सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरी हो गई। हिंदू पक्ष की ओर से निर्माेही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास की ओर से दलीलें रखी गईं तो वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से उनके वकील ने अपनी दलीलें रखीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। 1949 में पहली बार ये मामला अदालत में गया था, लेकिन 6 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई शुरू हुई जो अब खत्म हुई है।
एजेंसी
नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है। 23 दिन में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। सुनवाई तय समय से एक घंटा पहले ही खत्म हो गई।  अदालत ने कहा कि अगले तीन दिन तक इस मामले में दस्तावेज जमा कराए जा सकते हैं।
मुस्लिम और हिंदू पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें अदालत के सामने पेश कीं। इस दौरान कोर्टरूम में ड्रामा देखने को मिला। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया।
इससे पहले मंगलवार को सीजेआई ने कहा था कि सभी पक्ष 16 अक्तूबर तक मामले से संबंधित दलीलें पेश कर दें क्योंकि फिर उन्हें फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय लगेगा। 
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की एक किताब का हवाला दिया और मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने किताब के नक्शे को फाड़ दिया। वकील के इस रवैये से सीजेआई रंजन गोगोई नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह उठकर चले जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद की सुनवाई अंतिम दौर में पहुंचते ही अयोध्या में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। अयोध्या जिले में 10 दिसंबर तक धारा 144 लगा दी गई है, इसके अलावा शहर में संतों का पहुंचना शुरू हो गया है। अयोध्या में किसी तरह से हालात ना बिगड़े इसके लिए सुरक्षाबल भी मुस्तैद हैं।


 


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