अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी डूफलो को अर्थशास्त्र का नोबेल
एजेंसी
ओस्लो। भारतीय मूल के अमरीकी इकानामिस्ट अभिजीत बनर्जी को इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अभिजीत बनर्जी के साथ इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से ये सम्मान देने की घोषणा की गई है।
इन तीनों को दुनिया भर में गरीबी दूरे करने के लिए एक्सपेरिमेंट अप्रोच के लिए ये सम्मान दिया गया है। माना जा रहा है कि बीते दो दशक के दौरान इस अप्रोच का सबसे अहम योगदान रहा। दुनिया भर में गरीबों की आबादी 70 करोड़ के आसपास मानी जाती है।
अभिजीत बनर्जी के ही एक अध्ययन पर भारत में विकलांग बच्चों की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, जिसमें करीब 50 लाख बच्चों को फायदा पहुंचा है। तीन लोगों में अभिजीत बनर्जी की पत्नी इश्तर डूफलो भी शामिल हैं, जो अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला हैं। अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाली वे महज दूसरी महिला हैं।
पुरस्कार की घोषणा होने के बाद इश्तर डूफलो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि महिलाएं भी कामयाब हो सकती हैं ये देखकर कई महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी और कई पुरुष औरतों को उनका सम्मान दे पाएंगे।
कोलकाता यूनिवर्सिटी से 1981 में बीएससी करने के बाद अभिजीत बनर्जी ने 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई पूरी की। 1988 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की।
अभिजीत बनर्जी के बारे में ये भी कहा जा रहा है कि उन्होंने राहुल गांधी के न्याय योजना की रुपरेखा तैयार की थी। इसकी पुष्टि खुद राहुल गांधी ने भी की है, उन्होंने ट्वीट किया है कि अभिजीत ने न्याय योजना को तैयार किया था, जिसमें गरीबी को नष्ट करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की क्षमता है।