मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

हैप्पी एयरफोर्स डे

हैप्पी एयरफोर्स डे
वायुसेना दिवस पर विशेषः ऐसे हुई इंडियन एयरफोर्स की शुरुआत
न्यूज डेस्क
देहरादून। आज 8 अक्टूबर को इंडियन एयरफोर्स डे मनाया जा रहा है। 87 साल पहले 8 अक्टूबर को ही इंडियन एअरफोर्स की स्थापना हुई। इस दिन को वायुसेना धूमधाम से मनाती है। रंगारंग कार्यक्रम होते है और आज के दिन भव्य परेड और एयर शो आयोजित किए जाते है।
गौर हो कि आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण था। एयरफोर्स को आर्मी से आजाद करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट ही वायुसेना के पहले चीफ एयर मार्शल नियुक्त किए गए और 3 साल तक वो इस पद पर रहे। वो 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे।
देश की आजादी से पहले भारतीय वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ)  के नाम से जाना जाता था। इसका गठन अंग्रेजों ने 1 अप्रैल 1933 को किया था। वायुसेना के पहले दस्ते में 6 आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाही थे। भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर जब देश को आजादी मिली तो एयरफोर्स को भी आजादी मिली। अब ये इंडियन एयरफोर्स बन गई और इसकी जिम्मेदारियां भी पूरी तरह बदल गई थीं
भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य नभः स्पृशं दीप्तम हैं ये श्रीमद् भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया हैं। ये वाक्य महाभारत युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से पृथक, नीले रंग का है जिसके प्रथम एक चैथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बना हुआ है। इसके बीच वाले हिस्से में तिरंगे के तीनों रंगों केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। इंडियन एयरफोर्स ने ये ध्वज 1951 में अपनाया था।


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