बुधवार, 4 दिसंबर 2019

एफडी में निवेश करते समय कुछ बातें गौर करनी चाहिये

एफडी में निवेश करते समय कुछ बातें गौर करनी चाहिये



प0नि0डेस्क
देहरादून। निवेश के मामले में पूंजी के नुकसान से बचने वाले निवेशकों के लिए पिफक्स्ड डिपाजिट एफडी निश्चित रिटर्न पाने का शानदार रास्ता है। तय रिटर्न के साथ इसमें शेयर बाजार वगैरह की तरह पूंजी के नुकसान की संभावना नहीं होती है। इस लिहाज से यह निवेशकों के लिए मानसिक तौर पर सुकून वाला निवेश माध्यम भी है। 
हमारे देश में आज भी अधिकतर लोग निवेश के लिए एफडी ही चुनते हैं। मगर एफडी करवाते समय कुछ ऐसी बातें हैं, जिन्हें ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप निवेश के लिए एपफडी को चुनते हैं तो जानकारी और कुछ सावधानी रखने से अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं। एफडी के समय आवेदन को बैंक से फिक्स्ड डिपाजिट रसीद मिलती है, जिसमें आवेदक का नाम, आयु, पता, जमा राशि, जमा पर ब्याज दर इत्यादि जैसी जानकारी होती है। यह फिक्स्ड डिपाजिट रसीद किसी व्यक्ति के एफडी खाते का सबूत भी होती है।
अलग-अलग बैंकों में एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर भी अलग हो सकती है। दरअसल बैंक एफडी की अवधि, निवेश रकम और जमाकर्ता की आयु के आधार पर ब्याज दर तय करते हैं। मगर एफडी ब्याज दर निवेश की पूरी अवधि में एक समान रहती है। बैंकों में वार्षिक ब्याज दर आम तौर पर 4 से 8 पफीसदी तक होती है, लेकिन एफडी पर यह अधिक होती है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर नियमित दर की तुलना में 0.5 फीसदी अधिक रहती है।
अपना आयकर रिटर्न भरते वक्त एफडी से होने वाली आय की जानकारी देनी होगी, क्योंकि एफडी से होने वाली आय पूरी तरह टैक्सेबल होती है। अपनी कुल आय में एफडी ब्याज आय जोड़नी होगी, उसी हिसाब से कुल आय पर लागू टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
ब्याज दर के साथ-साथ एक दूसरा महत्वपूर्ण पहलू बैंक की विश्वसनीयता है। आम तौर पर एफडी सुरक्षित होती है, क्योंकि कोई भी राष्ट्रीय बैंक कभी एफडी राशि का भुगतान करने में चूका नहीं है। मगर डीआईसीजीसी के जमाकर्ता बीमा कार्यक्रम के तहत केवल 1 लाख रुपये की राशि का बीमा किया जाता है। ऐसे में बैंक जानकारी लेने के लिए उसकी रेटिंग के बारे में पता करना चाहिए।
इसके अलावा यदि आप अपनी एफडी उसकी तय अवधि से पहले तोड़ते हैं यानी किसी वजह से अपने पैसे वापस निकालते हैं तो उस स्थिति में आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। आम तौर पर बैंक जुर्माने के रूप में लागू ब्याज दर को 0.5 से 1 फीसदी तक कम कर देते हैं। जुर्माना शुल्क अलग-अलग बैंकों में भिन्न हो सकते हैं। इसलिए एफडी के समय उन बैंकों की तलाश करें जमा तय समय से पहले निवेश पूंजी निकालने पर कम जुर्माना लगे।
एक खास लोन की सुविधा एफडी में निवेश करने पर मिलती है। आप किसी भी आर्थिक इमरजेंसी के समय एफडी पर लोन प्राप्त कर सकते हैं। बैंक एफडी पर लिये गये लोन पर लागू एफडी ब्याज दर से 0.5 से 2 फीसदी तक ब्याज लेते हैं।


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