शनिवार, 7 दिसंबर 2019

पेंशन सुधारों के खिलाफ हड़ताल से फ्रांस ठप

पेंशन सुधारों के खिलाफ हड़ताल से फ्रांस ठप



फ्रांस में पेंशन सुधारों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल से जनजीवन पर ख़ासा असर हुआ
एजेंसी
पेरिस। फ्रांस में कामकाजी वर्ग पेंशन योजना में प्रस्तावित सुधारों से नाराज़ हैं नए प्रस्तावों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की योजना है। तय समय से पहले रिटायर होने वालों को कम भुगतान मिलेगा। कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं और पेरिस में अब तक 87 लोगों को हिरासत में लिए जाने की ख़बर है।
पेंशन सुधारों के खिलाफ हड़ताल में शिक्षकों और परिवहन कर्मचारियों के साथ पुलिस, वकील, अस्पतालों के कर्मचारी, हवाई अड्डे के कर्मचारी और अन्य कामकाजी लोग भी शामिल हो गए हैं।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस में एक यूनिवर्सल प्वाइंट बेस्ड पेंशन प्रणाली शुरू करना चाहते हैं। उनका इरादा इसे फ्रांस की मौजूदा पेंशन स्कीम की जगह लागू करने का है। फिलहाल फ्रांस में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 42 अलग-अलग पेंशन स्कीम चल रही हैं। इनमें रिटायमेंट की उम्र और लाभ अलग-अलग हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद से मैक्रों सुधारों के लिए प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने श्रमिक कानूनों में रियायतें दी हैं और व्यापार के लिए करों में कटौती की है।
फ्रांस के 40 शहरों में शाम चार बजे तक साढ़े चार लाख लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। इनमें पेरिस के प्रदर्शनकारियों को नहीं जोड़ा गया है। सीजीटी यूनियन के मुताबिक अकेले पेरिस में ढाई लाख लोगों ने पेंशन सुधारों के खिलाफ़ मोर्चा निकाला। सीजीटी यूनियन के मुताबिक श्रमिकों ने देश की आठ तेल रिफाइनरी में से सात को बाधित कर दिया है और अगर हड़ताल जारी रही तो ईधन की कमी हो सकती है। पेरिस में एफ़िल टॉवर समेत दूसरे पर्यटक को बंद कर दिया गया।
कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई हैं। अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय समय के अनुसार  पेरिस में पुलिस ने 87 लोगों को हिरासत में लिया था। पश्चिमी शहर नान्ट में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। ट्रेड यूनियनों के कुछ नेताओं का कहना है कि जब तक मैक्रों रिटायरमेंट सिस्टम में आमूलचूल बदलाव लाने की योजना ताक पर नहीं रखते तब तक हड़ताल जारी रहेगी। एक ओपिनयन पोल में हड़ताल के पक्ष में 69 फ़ीसदी जन समर्थन बताया गया है। हड़ताल का समर्थन करने वालों में 18 से 34 साल के लोग बहुतायत में हैं। हड़ताल में किसान हिस्सा नहीं ले रहे हैं। देश में उनकी पेंशन सबसे कम है। 
मैक्रों का कह रहे हैं कि उनका सुझाया एकीकृत यानी यूनिफाइड सिस्टम ज्यादा बेहतर होगा। इसमें कर्मचारियों को हर दिन के काम की कीमत मिलेगी। उन्होंने मिलने वाले प्वाइंट्स से भविष्य में पेंशन के लाभ हासिल होंगे। हाल में हुए एक पोल के नतीजे बताते हैं कि 75 फ़ीसदी लोग मानते हैं कि पेंशन सुधार जरूरी हैं लेकिन सिर्फ़ एक तिहाई को ही ये यकीन है कि सरकार ऐसा कर सकती है।


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