शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

बैक्टीरिया कार्बन डाइऑक्साइड खाएगा और चीनी बनाएगा

बैक्टीरिया कार्बन डाइऑक्साइड खाएगा और चीनी बनाएगा



इजरायल में 10 साल रिसर्च कर खोजा गया यह बैक्टीरिया
एजेंसी 
तेल अवीव। इजरायल के वैज्ञानिकों ने 10 वर्ष की रिसर्च के बाद एक ऐसा बैक्टीरिया बनाया है जो कार्बन डाइऑक्साइड को खाएगा और शक्कर को बनाएगा साथ ही यह वातावरण को भी शुद्ध करेगा। यह खोज वेइजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस द्वारा की गई है। तेल अवीव के सेंट्रल इजरायल के रेहोवोट में स्थित इस रिसर्च सेंटर को 1934 में डैनियल सीफ इंस्टीट्यूट के रूप में स्थापित किया गया था। इस संस्थान को प्राकृतिक और सटीक विज्ञान में खोज करने के लिए दुनिया के नंबर वन रिसर्च सेंटर्स में माना जाता है।
जर्नल सेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉली बैक्टीरिया को लगभग एक दशक की लंबी प्रक्रिया के बाद चीनी से पूरी तरह हटाया गया। इन्हें हटाने के बाद इजरायल के वैज्ञानिक इनकी री-प्रोग्रामिंग करने में सफल रहे। दरअसल ये बैक्टीरिया शुगर कंज्यूम करने के बाद कॉर्बन डाइऑक्साइड को प्रोड्यूस करते थे, लेकिन इनकी री-प्रोग्रामिंग करने के बाद ये कॉर्बन डाइऑक्साइड कंज्यूम करके शुगर का निर्माण करने लगे। इसके लिए ये बैक्टीरिया अपनी बॉडी का निर्माण पर्यावरण में मौजूद कॉर्बन डॉइऑक्साइड से करेंगे और फिर शुगर प्रड्यूस करेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने अपने शोध पर दावा किया है कि ये बैक्टीरिया हवा में मौजूद कार्बन से अपने शरीर के पूरे बायोमास का निर्माण करते हैं। इससे उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में इन बैक्टीरियाओं की मदद से वातावरण में ग्रीनहाउस गैस के संचय को कम करने के लिए तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते खतरे को कम किया जा सकेगा।
इस शोध को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों ने उन जीन्स को मैप किया जो इस प्रक्रिया के लिए जरूरी हैं और उनमें से कुछ को अपनी प्रयोगशाला में बैक्टीरिया के जीनोम में शामिल कर लिया। अथक परिश्रम के बाद शोधकर्ता इन बैक्टीरिया की री-प्रोग्रामिंग में सफल रहे।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...