शनिवार, 18 जनवरी 2020

नागरिकता साबित करने के लिये इन दस्तावेतों की जरूरत

नागरिकता साबित करने के लिये 01 जुलाई 1987 से पहले के दस्तावेतों की जरूरत



कानूनी जागरूकता पुस्तकों के लेखक नदीम उद्दीन (एडवाकेट) द्वारा  नागरिकता कानून व एनआरसी का परिचय पुस्तक जारी
संवाददाता


काशीपुर। भारतीय नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिये 01 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्म साबित करने वाले दस्तावेजों की जरूरत होगी। 01 जुलाई 1987 से 02 दिसम्बर 2004 तक जन्में लोगों को अपने माता या पिता के 01 जुलाई 1987 से पहले जन्म साबित करने के दस्तावेज तथा अपना उनसे सम्बन्ध साबित करने वाले दस्तावेजों तथा 02 दिसम्बर 2004 के बाद जन्में लोगों के अपने माता-पिता दोनों के ऐसे दस्तावेजों तथा उनसे सम्बन्ध साबित करनेे वाले दस्तावेजांे की जरूरत होगी।



उक्त जानकारी 44 कानूनी व जागरूकता पुस्तकों के लेखक तथा 29 वर्षों के अनुभवी अधिवक्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने अपनी 44 वी पुस्तक ‘नागरिकता कानून व एनआरसी का  परिचय’ आम जनता केे लिये जारी करते हुये दी।
नदीम द्वारा लिखित तथा युग निर्माता पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस कानून जागरूकता पुस्तक ‘नागरिकता कानून व एनआरसी का परिचय’ मेें दो भाग 10 अध्याय तथा 1 परिशिष्ट  है। इसके विरोध तथा समर्थन, कारण, समस्या हल वाले भाग 1 में नागरिकता संषोधन अधिनियम का परिचय व प्रभाव, एनआरसी का परिचय व परिणाम, पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक उत्पीड़न की समस्या व हल, देश में विदेशी घुसपैठ की समस्या व हल, नागरिक डॉटा बेस (एनआरसी) बनानेे का आसान तरीका, अध्याय शामिल हैै।
पुस्तक के नागरिकता व एनआरसी सम्बन्धी कानूनी प्रावधान वाले भाग 2 में भारतीय नागरिकता, नागरिकता सम्बन्धी संवैधानिक प्रावधान, नागरिकता प्राप्त करने सम्बन्धी प्रावधान, नागरिकता सम्बन्धी अन्य प्रावधान, भारतीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) प्रावधान शामिल हैै। पुुस्तक में परिशिश्ट के रूप से 10 जनवरी 2020 तक संशोधित नागरिकता अधिनियम 1955 केे अंग्रेजी पाठ को शामिल किया गया हैै। 
नदीम ने बताया कि उनका इस पुुस्तक को प्रकाशित करने का उद्देश्य नागरिकता कानून तथा एनआरसी के सम्बन्ध में लोगों को कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ सीएए तथा एनआरसी के समर्थकों तथा विरोधियोें की भ्रांतियों का समाधान करके वास्तविकता बताने का प्रयास हैै। साथ ही नागरिकता कानून के प्रावधानों तथा एनआरसी नियमों तथा असम एनआरसी के आधार पर सम्भावित दस्तावेेजोें की जानकारी देने का प्रयास हैै ताकि लोग अधिक पुराने दस्तावेज अनावश्यक रूप से प्राप्त करने को अपना धन व समय बर्बाद न करें। 
नदीम की इससे पूर्व सूचना अधिकार, मानवाधिकार, उपभोक्ता अधिकार, भ्रष्टाचार, चुनाव, आयकर, वैट, जीएसटी आदि विषयोें पर 43 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैै।


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