शनिवार, 11 जनवरी 2020

नेटबंदी से 9245 करोड़ का नुकसान

देशभर में एक साल में 106 बार हुई नेटबंदी
नेटबंदी से 9245 करोड़ का नुकसान



इराक और सूडान के बाद भारत दुनिया में इंटरनेट बंदी से आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला दुनिया का तीसरा देश है। पिछले साल 2019 में देश के कई इलाकों में कई बार इंटरनेट बंद होने की वजह से देश को करीब 9245 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


एजेंसी


नई दिल्ली। वर्ष 2019 में देश के कई इलाकों में कई बार इंटरनेट बंद होने की वजह से देश को करीब 9245 करोड़ रुपये (1.3 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ है। इराक और सूडान के बाद भारत दुनिया में इंटरनेट बंदी से आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला दुनिया का तीसरा देश है। एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है। स्टडी के मुताबिक वर्ष 2019 में भारत में 106 बार इंटरनेट शटडाउन किया गया।
गौरतलब है कि कश्मीर में 4 अगस्त को इंटरनेट बंद किया गया था और इसे किसी देश द्वारा की गई सबसे लंबी इंटरनेट बंदी मानी जा रही है। वहां इंटरनेट बंद हुए 158 दिनों से ज्यादा हो गया है। इराक में करीब 209 घंटों की इंटरनेट बंदी से 2.3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ, जबकि सूडान में 864 घंटों की बंदी से 1.87 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार इंटरनेट पर पाबंदी, धारा 144, ट्रैवल पर रोक से जुड़े सभी आदेशों को पब्लिश करना होगा। इसके साथ ही 7 दिन के अंदर इन फैसलों का रिव्यू करने का आदेश दे दिया है। इंटरनेट रिसर्च फर्म टाप टेन वीपीएन की स्टडी द ग्लोबल कॉस्ट ऑफ इंटरनेट शटडाउंस में वर्ल्ड बैंक, आईटीयू, यूरोस्टैट और यूएस सेंसस से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इंटरनेट बंद होने से दुनिया भर में कुल 8.05 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यह वर्ष 2015-16 के मुकाबले 235 फीसदी ज्यादा है। इसमें एक एनजीओ सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ फाउंडेशन के द्वारा जुटाए गए आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया गया है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक इस स्टडी में कहा गया है कि भारत दूसरे देशों के मुकाबले अक्सर इंटरनेट पर ज्यादा प्रतिबंध लगाता दिख रहा है। वर्ष 2019 में 100 से ज्यादा बार ऐसा किया गया है। यहां तक कि कई शहरों में कानून-व्यवस्था की बहाली के लिए घंटों तक इंटरनेट बंद कर दिया जाता है। इस रिपोर्ट में व्यापक क्षेत्रवार बंदी पर ध्यान दिया गया है और कई छोटी घटनाओं को तो छोड़ ही दिया गया है। इसलिए इसका पूर्ण आर्थघ्कि असर देखें तो यह हमारे 1.3 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो सकता है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में इंडियन कौंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (प्बतपमत) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जाहिर किया गया था कि 2012-17 के दौरान भारत में इंटरनेट शटडाउन का आर्थिक असर करीब 3.04 अरब डॉलर का था और कुल 16,315 घंटें तक इंटरनेट बंदी हुई।


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