बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

1962 में कैंची आए थे नीम करोली महाराज

1962 में कैंची आए थे नीम करोली महाराज



दीपक नौगांई अकेला
हल्द्वानी। 24 मई 1962 को नीम करोली महाराज के कदम कैंची धाम में पड़े थे। स्थानीय भक्त पूर्णानंद तिवारी के सहयोग से मंदिर स्थापना हेतु उस स्थान का चयन किया गया जहां सोमवारी महाराज ने ध्यान लगाया था।
15 जून 1964 को हनुमान मंदिर की स्थापना की गई। सोमवारी महाराज की धूनी के अवशेष आज भी सुरक्षित हैं। 15 जून 1973 को विंध्यवासिनी देवी तथा 15 जून 1974 को वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना की गई।
नीम करोली महाराज ने 10 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपनी देह का परित्याग किया था। उनकी भस्मी से युक्त कलश तथा उनकी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 15 जून 1976 को कैंची मंदिर में की गई।
फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स भी महाराज के भक्त रहे हैं। हर साल 15 जून को कैंची मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन होता है और देश-विदेश से बाबा के भक्त हजारों की संख्या में वहां जुटते हैं।


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