शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

रोजाना 132 करोड़ रुपये की घूस देते है ट्रक ड्राइवरः रिपोर्ट

रोजाना 132 करोड़ रुपये की घूस देते है ट्रक ड्राइवरः रिपोर्ट



एक खबर के मुताबिक यह घूस यातायात या राजमार्ग पुलिस को दी जाती है। एनजीओ सेवलाइपफ फाउंडेशन की अध्ययन में कहा गया है कि ट्रक ड्राइवरों को हर साल 48000 करोड़ रुपये रोजाना 132 करोड़ रुपये बतौर घूस चुकानी पड़ती है।
एजेंसी
नई दिल्ली। देश में ट्रक ड्राइवर और उनके मालिक रोजाना घूस के तौर पर सालाना 48 हजार करोड़ रुपये चुकाते है। एक खबर के मुताबिक यह घूस यातायात या राजमार्ग पुलिस को दी जाती है। एनजीओ सेवलाइफ फाउंडेशन के अध्ययन में कहा गया है कि ट्रक ड्राइवरों को हर साल 48000 करोड़ रुपये रोजाना 132 करोड़ रुपये बतौर घूस चुकानी पड़ती है। यह अध्ययन 10 प्रमुख परिवहन और ट्रांसपोर्ट केंद्रों में किया गया था। 82 फीसदी से अधिक डाइवरों और ट्रक मालिकों का कहना है कि रोड पर चलते समय उन्हें एक या दो विभागों के अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है। यहां तक कि पूजा समितियों जैसे स्थानीय समूह भी घूस लेकर उनके ट्रक निकलने देते हैं। इस तरह से हर चक्कर में ट्रक डाइवरों को औसत 1257 रुपये चुकाने होते हैं।
इस अध्ययन में शामिल ट्रांसपोर्ट हबों में गुवाहाटी सबसे खराब था, जहां 97.5 पफीसदी ड्राइवरों ने दावा किया था कि उन्होंने रिश्वत दी थी। इसके बाद चेन्नई 89 फीसदी और दिल्ली 84.4 फीसदी का स्थान रहा। रिपोर्ट का दावा है कि आरटीओ भी घूस मांगते हैं। 44 फीसदी डाइवरों ने माना है कि आरटीओ भी उनसे घूस लेते हैं। खूसखोरी में सबसे ज्यादा आरटीओ बंगलुरू के आगे हैं।
इतना ही नहीं रिपोर्ट से पता चला है कि ड्राइवरों के एक बड़े हिस्से करीब 47 फीसदी ने अपने ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू करने के लिए रिश्वत देने की बात स्वीकार की है। मुंबई के लगभग 93 पफीसदी ड्राइवरों और ट्रक मालिकों ने दावा किया कि उन्हें इसके लिए रिश्वत देनी पड़ी, इसके बाद गुवाहाटी 83 फीसदी और दिल्ली-एनसीआर 78 फीसदी का स्थान मिला।
औसतन एक ड्राइवर ने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए 1,789 रुपये का भुगतान किया, दिल्ली में रिश्वत की राशि अधिकतम 2,025 रुपये थी।


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