सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

सैनिकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ सकती है 

सैन्य पेंशन के बढ़े बोझ को कम करने पर सीडीएस बिपिन रावत का फोकस, 
सैनिकों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ सकती है 



एजेंसी
नई दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के एजेंडे में सबसे पहला काम सेना के संसाधनों को मजबूत करना होगा। सैन्य पेंशन के लगातार बढ़ते बोझ को कम करने और आंतरिक संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल पर उनका फोकस होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक रिटायर्ट कर्मियों की पेंशन के बढ़ते बोझ को कम करने के मकसद से रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुखों के बीच इसे लेकर गहनता से बातचीत चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे सैनिकों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाई जा सकती है, जिन्हें मोर्चे पर तैनाती नहीं दी जाती। बता दें कि वन रैंक वन पेंशन और 7जी पे कमिशन की सिफारिशों को लागू किए जाने के चलते पेंशन के बजट में बड़ा इजाफा हुआ है।
बजट में 2020-21 के लिए सरकार की ओर से सैन्य पेंशन के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गई है। बीते 15 सालों में सैनिकों की पेंशन में 10.5 गुना का इजाफा हुआ है। सैन्य पेंशन का यह आंकड़ा केंद्र सरकार के कुल खर्च के 4.4 फीसदी और जीडीपी के 0.6 पर्सेंट के बराबर है। इस स्थिति से निपटना जनरल बिपिन रावत के लिए अहम होगा।
माना जा रहा है कि सैन्य नेतृत्व की ओर से ऐसी सैनिकों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा सकती है, जो मोर्चे पर तैनात न हों। इसके अलावा हथियारों की खरीद और सेना की छावनी में ही सैनिकों के आवास की पर्याप्त व्यवस्था के लिए संसाधन तैयार करने पर जनरल बिपिन रावत का फोकस होगा।
सेनाध्यक्ष रहे जनरल बिपिन रावत को मेडिकल और अन्य सेवाओं में जुटे सैनिकों की सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाने का पक्षधर माना जाता रहा है। उनका मानना रहा है कि ऐसे सैनिकों की रिटायरमेंट की उम्र को 39 से बढ़ाकर 58 किया जाना चाहिए। इससे सेना पर पेंशन का बोझ भी कम होगा और सैनिकों को लंबे समय के लिए रोजगार रहेगा।
सैन्य पेंशन का बोझ सेना पर कितनी तेजी से बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है। 2019-20 में सेना का पेंशन का बजट 1.13 लाख करोड़ रुपये था, जिसे 2020-21 के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस तरह से सिर्फ एक वित्तीय वर्ष के अंदर ही सेना पर पेंशन का बोझ 20,000 करोड़ रुपये बढ़ गया है। जानकारों का मानना है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाए जाने से सरकार को हर साल पेंशन के बजट में 4,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकेगी।


 


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