शुक्रवार, 27 मार्च 2020

कोरोना लॉक डाउन में अव्यवस्थाओं, उत्पीड़न व मानवाधिकार हनन की मुख्यमंत्री को शिकायत

कोरोना लॉक डाउन में अव्यवस्थाओं, उत्पीड़न व मानवाधिकार हनन की मुख्यमंत्री को शिकायत



संवाददाता
काशीपुर। 23 वर्षों से कार्यरत प्रतिष्ठित समाजसेवी संस्था मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ई-मेल द्वारा ज्ञापन/शिकायत भेेजकर कोरोना लॉक डाउन में अव्यवस्थाओं, उत्पीड़न व मानवाधिकार हनन की मुख्यमंत्री को शिकायत प्रेषित की है। माकाक्स ने इस शिकायत/ज्ञापन में केन्द्र सरकार की लॉक डाउन गाइड लाइन का पालन करते हुये लोेगोें का जीवन कम से कम प्रभावित करते हुये लॉक डाउन लागू करने की मांग की गयी हैै।
माकाक्स केे केन्द्रीय अध्यक्ष नदीम उद्दीन (एडवोकेट) द्वारा मुख्यमंत्री को भेेजे गयेे ज्ञापन में लॉक डाउन में केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन करके पुलिस तथा प्रशासन द्वारा मनमानी करने, कुछ लोगों को अवैध लाभ पहुंचानेे, आवश्यक सेवायें व सामान निरन्तर उपलब्ध न कराने तथा पुुलिस द्वारा अवैध हिंसा, गांली गलौैच, मारपीट व उत्पीड़न करने की शिकायत मुुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से ई-मेल भेजकर की गयी हैै इसकी प्रति प्रदेश के मुख्य सचिव को भी ई-मेल से भेेजी गयी हैै।
नदीम द्वारा प्रेषित शिकायत में केर्न्द्र सरकार की गाइड-लाइन के विपरीत जरूरी सामान, सेवाओं, क्लीनिक, नर्सिंग होम आदि की सेवायें निरन्तर उपलब्ध न कराके, लॉक डाउन करानेे केे नाम पर पुुलिस कर्मियों द्वारा लोगोें से मारपीट करनेे अवैध रूप से मुर्गा बनाने, गाल-गलौैच करने तथा उसके वीडियो व फोटोे लेकर अपने फेसबुक व व्हाट्सऐप से वायरल करनेे तथा मीडियो को उपलब्ध कराने, मरीजों को क्लीनिक व अस्पताल न पहुंचने देने आदि की शिकायत शामिल हैै। इन शिकायतों में गाइड लाइन के विपरीत आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बिल्कुल बंद रखने तथा अपनी पसंद के मनमाने रूप से चयन किये गये दुकानदारोें को आवश्यक वस्तुुऐं सप्लाई की छूूट देने की श्किायत की है जिससे न तो ग्राहकों को उनकी पसंद का आवश्यक सभी सामान सभी क्षेत्रों में मिल पा रहा है औैर न ही अधिक लोगों को अपने स्टाक में रखा सामान बेचने का ही मौका मिल पा रहा है।
नदीम ने ज्ञापन में 7 मांगे की है जिसमें आवश्यक वस्तुओं की दुकाने पूरे दिन खुलने, उन्हें होम डिलीवरी से अपने ग्राहकों को सामान उपलब्ध कराने को प्रोत्साहित करने तथा सोशल डिस्टेेंसिंग बनाकर सामान उपलब्ध करानेे, क्लीनिक, नर्सिंग होम व मेडिकल स्टोर आदि पूरे समय खुले रखने तथा मरीजोें को आने जाने की छूट देनेे, सरकारी राशन कार्ड धारकों को घरोें पर सरकारी राश्न वितरित करानेे, आंगनबाड़ी केन्द्रों सेे छोटे बच्चोें व गर्भवती व धात्री महिलाओें को मिलने वालेे पोेषाहार को माह के शुरू में ही घरों पर वितरित कराने, स्कूल में मिलने वाले मिड-डेे-मील की सामग्री के पैकेटोें को छात्र-छात्राओं के घरों पर पहुंचाने, पुुलिस द्वारा लॉक डाउन में मारपीट, अभद्रता गाली गलौैच तथा अपमानित करने वाले कृत्यों सहित मानवाधिकार हनन पर पूर्ण पाबंदी लगाने, गरीबों व मजदूरों के जीवन यापन के खतरे के चलते गुलाबी (अंत्योदय) राशन कार्ड धारकों कम से कम पांच हजार रूपयेे, सफेद (बीपीएल) राशन कार्ड धारकों को कम से कम चार हजार रूपये, खाद्य सुरक्षा योजना कार्ड धारकों को तीन हजार रूपये तथा अन्य राशन कार्ड धारकों को ढाई हजार रूपये की धनराशि एक मुश्त इस 21 दिन के लॉक डाउन में जीवन यापन हेतु इनके बैंक खातों में डलवाने की मांग शामिल हैै।


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