गुरुवार, 26 मार्च 2020

पेंशनरों को रिटायरमेंट के 15 साल बाद फुल पेंशन

पेंशनरों को रिटायरमेंट के 15 साल बाद फुल पेंशन



1 अप्रैल से लागू होंगे पेंशन के नए नियम, जानें फायदें
एजेंसी 
प0नि0डेस्क
देहरादून। श्रम मंत्रालय ने 2009 में इस नियम को वापस ले लिया था लेकिन अब एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के पारा 12बी के तहत जिन्होंने 12ए के तहत कम्युट का विकल्प चुना है या चुनेंगे उन्हें इसका सीधा फायदा पहुंचेगा।
1 अप्रैल से एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (ईपीएस) के पेंशनरों को रिटायरमेंट के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था फिर से लागू होने जा रही है। श्रम मंत्रालय ने इस बाबत अधिसूचना जारी की है। पेंशन के नए नियमों के मुताबिक ईपीएफओ के वे पेंशनधारक जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद पेंशन कम्युट का विकल्प चुना था उन्हें एक अप्रैल से बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी। वे कर्मचारी जो अप्रैल, 2005 को रिटायर हुए थे अब उन्हें 1 अप्रैल, 2020 से ज्यादा पेंशन मिलेगी।
बता दें कि श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 में संशोधन किया है। श्रम मंत्रालय ने 2009 में इस नियम को वापस ले लिया था लेकिन अब एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के पारा 12बी के तहत जिन्होंने 12ए के तहत कम्युट का विकल्प चुना है या चुनेंगे उन्हें इसका सीधा फायदा पहुंचेगा।
मालूम हो कि मौजूदा व्यवस्था में एक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर पेंशन की 40 फीसदी रकम एडवांस में दी दी जाती है जबकि इसके बाद हर महीने मिलने वाली पेंशन से 8 हजार रुपये काट लेती है। ऐसा आखिर तक किया जाता है लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत ऐसा 15 साल तक ही संभव होगा। 15 साल बाद पेंशनरों को फुल पेंशन मुहैया करवाई जाएगी। इससे करीब 6.3 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
पुराने नियमों के मुताबिक यदि कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के बाद अपनी पेंशन से कम्यूटेशन की सुविधा लेता है, यानि की पेंशन फंड में से कुछ राशि एक साथ लेता है तो फिर कर्मचारी को बाकी पेंशन राशि के हिसाब से कम पेंशन का भुगतान किया जाता है।


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