बुधवार, 15 अप्रैल 2020

कामयाबी को बरकरार रखने की जरूरत

लाकडाउन पीरियड के खत्म होने से पहले बढ़ाने की दरकार



कामयाबी को बरकरार रखने की जरूरत
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। हर बार तुलना करना बेशक उचित नही होता लेकिन दुनियाभर में कोरोना वायरस से युद्व के हालातों पर नजर डाले तो यह तुलना करना जरूरी लगता है। क्योंकि अपने से बेहतर बुनियादी सुविधाओं वाले विकसित देशों की तुलना में हम कामयाब रहे। आबादी के लिहाज से घनी आबादी वाले देश का लाकडाउन उसे उबार कर ले गया। 
हालांकि इस दौरान बंटवारे के दौरान दिखाई देने वाले पलायन की दर्दनाक तस्वीर भी देखने को मिली। लेकिन जिन्दगी के लिए जिन्दगी की यह तकलीफ कुछ भी नहीं है। पूरा देश लाकडाउन की तकलीफ को झेल रहा है। शिकन भी दिखाई देती है लेकिन हम एक दूसरे से कितना जुड़े हुए है, यह पीएम के ताली-थाली और मोमबती जलाने की अपील के समर्थन में उमड़े उत्साह से साफ दिखायी दिया। 
कोरोना योद्वाओं का सम्मान और एक दूसरे के प्रति आदर का भाव दुनिया भर में यहीं देखने को मिल सकता है। यदाकदा कुछ जाहिलों की कुत्सित मानसिकता देशवासियों की मेहनत पर पानी फेरने का प्रयास जरूर करती रहती है लेकिन जीत हमेशा धैर्य की होती है, हर बार यह साबित होता रहता है। 
इस बार युद्व ऐसे शत्रु के खिलाफ लड़ा जा रहा है जहां वीरता को समझदारी नही कहा जा सकता। क्योंकि कोरोना के आगे जो डर गया, वहीं बच पायेगा। आगे दौड़ने से ज्यादा अहम है पीछे रह जाना। काम करने से अधिक घर में रहकर खुद को सुरक्षित रखना देशभक्ति को साबित करने का तरीका बन गया है। यानि हर परिभाषा को कोरोना वायरस के कहर ने बदल कर रख दिया है।  
दुनियाभर के अन्य देशों से अपने यहां के हालातों की तुलना करें तो हमने मिलकर सफलता पायी है। ज्यादा आबादी होने के बाद भी सावधानी और परहेज से कम संक्रमण और कम से कम मौतें। जबकि अमेरिका और इटली में तो कोरोना का कहर बरपा हुआ है। ऐसे में देखा जाये तो लाकडाउन का साहसिक फैसला लेकर सरकार ने देश की जनता का ख्याल रखा। जनता को भी इसका ख्याल था इसलिए उसने भी पूरा साथ दिया। 
आज हम दुनिया भर के लिए एक आदर्श माडल बन गए है तो ऐसे में जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। आज की डेट में कामयाबी को बरकरार रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी हो गई है। ताकि पूरे विश्व को सिखाया जा सके कि सब्र का फल हमेशा मीठा होता है। आज जिन्दगी के लिए लाकडाउन 2.0 की जरूरत है ताकि कोरोना को उसकी औकात दिखाई जा सके।


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