क्वॉरेंटाइन सेंटर्स मामले में न्यायपालिका की फटकार सरकार के लिए काफी: मोर्चा
- क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखे जा रहे लोगों की हालत रोहिंग्या जैसी!
- लोगों के जीवन से किया जा रहा खिलवाड़
- सांप के डसने से हो चुकी बच्ची की मौत
- भोजन, सफाई, बिस्तर आदि की समुचित व्यवस्थाओं का है टोटा
- आपदा/चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के मुखिया हैं खुद त्रिवेंद्र
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश भर में क्वॉरेंटाइन किए जा रहे लोगों को जिस प्रकार बदहाल स्थिति में सैंटरो में रखा जा रहा है, उनकी हालत सरकार ने रोहिंग्या जैसी बना दी है।
नेगी ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास महामारी से संबंधित दोनों विभाग (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं आपदा) हैं, लेकिन इसके बावजूद उच्च न्यायालय को प्रदेश के लोगों को मुकम्मल सुविधाएं मुहैया कराने, लोगों को हो रही असुविधा आदि मामले यथा उनके भोजन, साफ-सफाई, बिस्तर- चारपाई आदि तमाम असुविधाओं को लेकर जो फटकार लगाई है, वह इस बेशर्म सरकार के मुखिया लिए डूब मरने वाली बात है।
नेगी ने कहा कि इस अदूरदर्शी एवं गैर जिम्मेदार सरकार के लिए न्यायालय का हस्तक्षेप/चाबुक डूब मरने के लिए काफी है।
नेगी ने कहा कि दो-तीन दिन पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर में बच्ची की सांप द्वारा डसने से मौत होना बहुत चिंताजनक बात है। मोर्चा राजभवन से भी मांग करता है कि जनता के दर्द को दूर करने के लिए स्वयं व्यवस्थाओं का जायजा लें, जिससे इस महामारी से लड़ा जा सके।