रविवार, 24 मई 2020

लद्दाख में चीन का शक्ति प्रदर्शन

लद्दाख में चीन का शक्ति प्रदर्शन



मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने भेजी एक्स्ट्रा फोर्स
लद्दाख में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन की सेना लगातार क्षमता बढ़ा रही 
एजेंसी
लद्दाख। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों ने वहां पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। खबरों के मुताबिक गल्वान घाटी में चीन ने पिछले दो हफ्रते के भीतर करीब 100 टेंट गाड़ दिए और बंकरों के निर्माण के भारी उपकरण भेजे हैं। भारत भी पैगोंग झील और गल्वान घाटी में सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। कई इलाकों में भारत की पोजिशन चीन से बेहतर है।
चीन ने भारी संख्या में बार्डर डिपफेंस रेजिमेंट के जवानों को तैनात किया है। भारत ने भी मिरर डिप्लायमेंट की रणनीति अपनाई है। चीन ने सैनिकों के अलावा झील में नावों की संख्या भी बढ़ा दी है। हवाई निगरानी के लिए गल्वान घाटी में हेलिकाप्टर्स उड़ रहे हैं। भारत ने लेह की इन्फैट्री डिजिवन की कुछ यूनिट्स को आगे भेजा है। कई और बटालियंस भी लद्दाख में मूव कराई गई हैं। भारतीय सेना ने भी स्पष्ट किया है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चीनी घुसपैठ की अनुमति नहीं देंगे और उन क्षेत्रों में गश्त को और भी मजबूत करेंगे।
5 मई को पूर्वी लद्दाख में करीब 250 चीनी सैनिक और भारतीय जवान आपस में भिड़ गए। इसमें दोनों ओर से करीब 100 सैनिक घायल हुए। कुछ दिन बाद उत्तरी सिक्किम में फिर दोनों देशों के सैनिक भिड़े। इसके बाद से ही पूर्वी लद्दाख तनाव का केंद्र बना हुआ है। 
सीमा पर चीन ने हमेशा सैनिकों की तैनाती रखी है। भारत जरूरत पड़ने पर सैनिक भेजता है। मगर इन दिनों चीन जैसी हरकतें कर रहा है। दोनों देशों की लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की सीमाएं विवादित हैं। भारत कहता है कि एलएसी 3,488 किलोमीटर लंबी है जबकि चीन इसे 2,000 किलोमीटर लंबी ही मानता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता। लद्दाख और सिक्किम में एलएसी से लगे कई इलाकों पर चीन अपना अधिकार जताता है। 
दोनों सेनाएं एलएसी पर रेगुलर पैट्रोल करती हैं और कई बार सैनिकों में झड़प होती रहती है। हालांकि 1962 के बाद से हालात इतने तनावपूर्ण नहीं हुए थे कि बात युद्व तक पहुंचे। 2017 में सिक्किम का डोकलाम विवाद जरूर भारत-चीन के बीच तल्खी की वजह बना था मगर करीब ढाई महीने में वो मसला सुलझा लिया गया था।
इस बीच भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने लद्दाख में 14 कोर के मुख्यालय लेह का दौरा किया और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बलों की सुरक्षा तैनाती की समीक्षा की। उन्होंने उत्तरी कमान (एनसी) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ एलएसी की जमीनी स्थिति को जाना।
भारत की ओर से चीन के इस आरोप को खारिज करने के बाद कि भारत के सैनिकों ने तनाव शुरू किया और लद्दाख व सिक्किम सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया, सैन्य प्रमुख ने यहां का दौरा किया और जमीनी स्थिति की जानकारी ली।


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