शुक्रवार, 22 मई 2020

सेना की योजना- नागरिक तीन साल के लिए बनेंगे सैनिक

सेना की योजना- नागरिक तीन साल के लिए बनेंगे सैनिक



सेना ने ‘टूअर ऑफ डयूटी’ के नाम से एक प्रस्ताव तैयार किया
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। थल सेना के मुताबिक यह नौकरी स्वैच्छिक होगी। ऐसे युवाओं के लिए यह फायदेमंद साबित होगा, जो सेना में 10 साल के लिए नहीं आना चाहते। लेकिन इसके लिए गुणवत्ता में कोई समझौता होगा। उम्र की सीमा और डिग्री वही होगी और साथ में प्रशिक्षण में कोई समझौता नहीं होगा।
वित्तीय तौर पर इसे सेना के लिए लाभकारी बताया जा रहा है। तीन साल के लिए अगर कोई युवा सेना में शामिल होता है तो वित्तीय भार कम पड़ेगा। कई तरह के भत्ते, ग्रेच्युटी, पेंशन जैसी सुविधाएं देने से सेना बच जाएगी। अगर कोई अधिकारी दस साल बाद सेना छोड़ता है तो उस पर सेना को करीब पांच करोड़ खर्च आता है। इसी तरह 14 साल तक सेना में कोई अधिकारी रहता है तो उसपर करीब पौने सात करोड़ खर्च आता है। अगर कोई तीन साल तक अधिकारी रहता है तो उसपर 80 से 85 लाख रुपए का ही खर्च आएगा। सेना ने यह फैसला एक अध्ययन के आधार पर किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक कई युवा ऐसे हैं जो कुछ साल के लिए वर्दी पहनना चाहते हैं, लेकिन इसे अपना करिअर नहीं बनाना चाहते। यह प्रस्ताव सेना में अधिकारी स्तर पर अफसरों की कमी को पूरा करने के लिए दिया गया है। गौर हो कि सेना में 40,000 अफसर होने चाहिए, लेकिन अफसरों की भारी कमी है। जूनियर रैंक के अफसरों में दो-ढाई हजार पद खाली पड़े हुए हैं।
सेना का  मानना है कि आजकल युद्ध की जगह कम तीव्रता वाले संघर्ष ज्यादा होते हैं और उनमें जूनियर अफसरों की अहम भूमिका होती है। जूनियर अधिकारियों के रैंक पर ऐसे लोगों की भर्ती की जरूरत अरसे से महसूस की जा रही है, जो युवा हों और तंदुरुस्त हों। अनुमान है कि तीन साल की योजना के जरिए सेना 1,100 सैनिकों पर 11,000 करोड़ रुपए बचा पाएगी, जिनका इस्तेमाल सेना की दूसरी जरूरतें पूरी करने के लिए किया जा सकेगा।
साथ ही युवाओं को तीन साल बाद सरकारी और कॉरपोरेट नौकरियों में भी प्राथमिकता मिलेगी। उच्च तकनीकी और ऑटोमेशन के इस युग में दुनिया का जोर सैन्य बलों की संख्या कम करके उनका तकनीकी कौशल और मैदानी दक्षता बढ़ाने पर है। ऐसे स्मार्ट सैनिक विकसित करने का है, जो कई स्रोतों से आ रही सूचनाओं का उपयोग करते हुए अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों के बल पर अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकें।


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