रविवार, 21 जून 2020

चीन की गोद में बैठ नेपाल ने तरेरी आंख

चीन की गोद में बैठ नेपाल ने तरेरी आंख



बिहार के मोतिहारी जिले की जमीन पर दावा कर तटबंध निर्माण का काम रूकवाया
एजेंसी
मोतिहारी। भारत और चीन की तनातनी के बीच नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। उसने उत्तराखंड के तीन भारतीय क्षेत्रों पर दावा करने के बाद अब बिहार में पूर्वी चंपारण जिले की जमीन पर अपना दावा किया है। नेपाल यहीं तक नहीं रूका बल्कि उसने जिले के ढाका ब्लाक में लाल बकैया नदी पर तटबंध निर्माण का काम भी रुकवा दिया। इसको लेकर डीएम कपिल अशोक ने जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया और बिहार सरकार को जानकारी देते हुए विवाद को सुलझाने का अनुरोध किया है।
डीएम कपिल ने कहा कि नेपाली अधिकारियों ने तटबंध के आखिरी हिस्से के निर्माण पर आपत्ति की थी जो कि सीमा के अंतिम बिंदु के पास है। इसके बाद उन्होंने नेपाल के रौतहट के अधिकारियों के साथ बातचीत भी की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। बता दें कि नेपाल ने दावा किया है कि निर्माण का कुछ हिस्सा उसके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में है। नेपाल के अनुसार यह कथित विवादित स्थान मोतिहारी जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी उत्तर-पश्चिम में इंटरनेशनल बार्डर पर है। हालांकि यह मुद्दा एक पखवाड़े पहले ही उठा था लेकिन पूर्वी चंपारण के डीएम ने जब भारत के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की मांग की तब इसका खुलासा हुआ।
गौरतलब है कि बिहार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने बहुत पहले ही तटबंध का निर्माण किया था और मानसून से पहले हर साल की तरह इसकी मरम्मती का काम शुरू ही किया था, लेकिन नेपाली अधिकारियों ने इस कार्य पर आपत्ति जताते हुए इस काम को उत्तरी छोर पर रोक दिया। सबसे खास बात ये है कि यह पहली बार है जब इस स्थान को नेपाल अपने क्षेत्राीय अधिकार क्षेत्र में होने का दावा कर रहा है।


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