पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्वि के खिलाफ किसानों का देशव्यापी विरोध
संवाददाता
लालकुआं। अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा और अखिल भारतीय इन्कलाबी नौजवान सभा के संयुक्त आह्वान पर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। तीनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहीं संयुक्त तो कहीं अलग-अलग इन कार्यक्रमों को आयोजित किया। सैकड़ों जगह प्रधानमंत्री के पुतले फूंके गए। कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे ‘18 रुपए का पैट्रोल 80 रुपये में क्यों? मोदी जवाब दो!’
कार्यकर्ताओं ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरे हैं पर मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल की बेतहाशा मूल्यवृद्वि कर आम आवाम की जेब पर डाका डाला है। डीजल मूल्य वृद्वि से किसानों की प्रति एकड़ लागत में 1000 रुपया बढ़ोतरी हो चुकी है। कोरोना महामारी से किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान की कमर पहले ही टूट चुकी है। उपर से मंहगाई की ये मार साफ दर्शाती है कि यह आम आदमी की हितैषी सरकार नहीं है।
पेट्रोल डीजल मूल्य वृद्वि का विरोध कर रहे राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के ऊपर जिस तरह भाजपा शासित राज्य की पुलिस बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज कर रही है वह घोर निंदनीय तथा लोकतंत्र विरोधी कारवाई है। उत्तराखंड़ के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, प0 बंगाल, त्रिपुरा, झारखंड, हरियाणा, पंजाब में भी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान आंदोलनकारियों ने मांग की कि डीजल पेट्रोल के बढ़े हुए दाम वापस लो तथा इसे हवाई जहाज के ईंधन के दाम के बराबर यानी लगभग दो तिहाई कम करो। डीजल पेट्रोल के दाम को बढ़ाकर लाकडाउन से जूझ रही जनता पर अतिरिक्त बोझ डालना बंद करो।