बुधवार, 1 जुलाई 2020

आसमानी बिजली से बचने के कुछ सरल उपाय

आसमानी बिजली से बचने के कुछ सरल उपाय



प0नि0डेस्क
देहरादून। बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली अक्सर जानलेवा साबित होती है। खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने पर इसकी चपेट में आने की संभावना रहती है। पर कुछ उपाय हैं जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है। 
जब घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें। तार वाले टेलीपफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। खिडकियां व दरवाजे बंद कर दें। बरामदे और छत से दूर रहें। इसके अलावा ऐसी वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं उनसे भी दूर रहना चाहिए। धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहना चाहिए। 
बिजली गिरने की स्थिति में इन बातों का ध्यान रखें कि अगर किसी पर बिजली गिर जाए तो फौरन डाक्टर की मदद मांगे। ऐसे लोगों को छूने से आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। अगर किसी पर बिजली गिरी है तो फौरन उनकी नब्ज जांचे और अगर प्राथमिक उपचार देना जानते हैं तो जरूर दें। बिजली गिरने से अकसर दो जगहों पर जलने की आशंका रहती है- वो जगह जहां से बिजली का झटका शरीर में प्रवेश किया और जिस जगह से उसका निकास हुआ जैसे पैर के तलवे।
ऐसा भी हो सकता है कि बिजली गिरने से व्यक्ति की हड्ढियां टूट गई हों या उसे सुनना या दिखाई देना बंद हो गया हो। इसकी जांच करें। बिजली गिरने के बाद तुरंत बाहर न निकलें। अधिकांश मौतें तूफान गुजर जाने के 30 मिनट बाद तक बिजली गिरने से होती हैं। अगर बादल गरज रहे हों और रोंगटे खड़े हो रहे हैं तो ये इस बात का संकेत है कि बिजली गिर सकती है। ऐसे में नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठ जाए। 
अपने हाथ घुटने पर रख लें और सर दोनों घुटनों के बीच। इस मुद्रा के कारण जमीन से कम से कम संपर्क होगा। यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और सिर के बाल खड़े हो जाएं व त्वचा में झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे झुककर कान बंद कर लें। क्योंकि यह इस बात का सूचक है कि आसपास बिजली गिरने वाली है।
छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। धातु के जरिए बिजली शरीर में घुस सकती है। ये मिथक है कि बिजली एक ही जगह पर दो बार नहीं गिर सकती।
बिजली गिर जाये तो बिजली का झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को सीपीआर, कार्डियो पल्मोनरी रेसिटेंशन यानि कृत्रिम सांस देनी चाहिए। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
आसमानी बिजली का असर ह्यूमन बाडी पर कई गुना होता है। डीप बर्न होने से टिशूज डैमेज हो जाते हैं। उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। हार्ट अटैक होने से मौत हो जाती है। इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है।
आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है। धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।


 


 


 


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