चीनी उद्यमों के खिलाफ कारवाई को बंद करे भारत
चीन का आरोप- जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही भारत सरकार
प0नि0ब्यूरो
देहरादून। चीन ने कहा है कि भारत चीनी उद्योगों के खिलाफ कारवाई को बंद करे। उसका कहना है कि चीन और भारत के बीच गलवान घाटी मुठभेड़ के बाद भारत ने चीन विरोधी कदम उठाए। भारत ने 59 चीनी एप्स के इस्तेमाल पर पाबंदी लगायी और चीनी उद्यमों के भारत के आधारभूत ढांचे के निर्माण में भाग लेने पर पाबंदी लगायी। भारत के कुछ बंदरगाहों में चीन से आयातित कार्गाे को भी समस्या हो रही है।
उसने हेकड़ी दिखाते हुए कहा कि भारतीय बिजली मंत्री राज कुमार सिंह ने कहा कि भारत विभिन्न राज्यों को चीन और पाकिस्तान से किसी भी वस्तु का आयात करने की अनुमति नहीं देगा। जबकि लम्बे अरसे से चीन के बिजली उत्पादों पर भारत की बड़ी निर्भरता रही है। भारत लम्बे अरसे से चीनी उपकरणों के सहारे बिजली का उत्पादन करता रहा है, ताकि भारतीय लोग सस्ते दाम में बिजली का इस्तेमाल कर सकें। हालांकि इस नये नियम से कुछ भारतीय कंपनियों को लाभ मिलेगा, लेकिन दीर्घकालीन दृष्टिकोण से भारत में संभवतः बिजली की कीमतों में इजाफा होगा।
वहीं अपने को भारतीयों का हितैषी होने का नाटक करते हुए रेडियो चाइना कहता है कि चीनी एप्स पर पाबंदी लगाने के बाद भारतीय यूजर्स को झटका लगा है। सोशल मीडिया पर कई भारतीय लोगों के लिए एप्स पर पाबंदी लगाने से उनका आमदनी का स्रोत खत्म हो जाएगा। इस के अलावा अनेक चीनी एप्स की कंपनियों ने भारत में दफ्रतर खोले हैं और बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारियों को काम पर रखा है। उन लोगों की नौकरी जाने की बड़ी संभावना है।
हाल में भारत महामारी, रेगिस्तानी टिड्ढी की आपदा आदि सिलसिलेवार समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे वक्त में भारत सरकार ने चीन और पाकिस्तान पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है। 2 जुलाई को चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता काओ फंग ने कहा कि चीन ने भारतीय उत्पादों और सेवाओं के खिलाफ कोई भेदभाव का कदम नहीं उठाया है। भारत की संबंधित कार्यवाइयों ने विश्व व्यापार संगठन के संबंधित नियमों और इस संगठन में भारत के वचनों का उल्लंघन किया है। चीन ने आशा जताई कि भारत चीन और चीनी उद्यमों के खिलाफ भेदभाव की कार्यवाइयों को बंद करेगा।