रविवार, 30 अगस्त 2020

पर्यटन सचिव ने उद्योग से मांगा सहयोग

पर्यटन सचिव ने उद्योग से मांगा सहयोग



आनलाइन बैठक में क्वारंटनाइन अवधि कम करने के आए सुझाव
संवाददाता
देहरादून। राज्य में कोविड-19 के कारण पर्यटन उद्योग पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव तथा उनसे जुड़ी समस्याओं एवं सुझावों पर विचार करने के लिए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के नेतृत्व में एक आनलाइन बैठक हुई। होटल, राफ्रिटंग, एयरोस्पोर्ट्स, सीआईआई और फिक्की के 20 से अधिक प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों ने साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को खोले जाने का सुझाव दिया। पर्यटन सचिव ने सरकार की तरफ से उद्योग के कर्मियों को उपलब्ध करायी जा रही मदद की जानकारी दी और उद्योग से सरकार को सहयोग करने की अपेक्षा जाहिर की।
बैठक में होटल उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा कोविड टेस्ट को लेकर हो रही असमंजस की स्थिति के सम्बन्ध में बताया। इसके साथ ही पर्यटकों हेतु क्वारंटाइन पीरियड 7 दिन से कम किये जाने का सुझाव दिया गया। राज्य के बार्डर पर पर्यटक सहायता केन्द्र भी स्थापित किये जाने के सुझाव दिये गये। शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों से सम्बन्धित आयोजनों में अधिकतम 50 अतिथियों की सीमा के स्थान पर प्रति वर्ग मी0 के आधार पर अतिथियों की संख्या के निर्धारण करने का सुझाव दिया गया है।
आनलाईन बैठक के दौरान राफ्रिटंग व साहसिक पर्यटन से जुड़े प्रतिनिधियों द्वारा साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को खोले जाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही ट्रैकिंग गतिविधियों को खोलने के लिए वन विभाग को दिशा-निर्देश जारी किये जाने का भी सुझाव दिया गया। साहसिक पर्यटन की गतिविधियों के संचालन हेतु एडवेंचर टुअर आपरेटर एसोसिएशन आफ इण्डिया एटीएएआई द्वारा तैयार की गई गाईडलाइन्स को प्रयोग में लाने का सुझाव दिया गया।
सीआईआई के प्रतिनिधि ने पर्यटकों से जुड़ी समस्याओं एवं उनके समाधान के लिए काल सेंटर स्थापित किये जाने का सुझाव दिया। पिफक्की के प्रतिनिधि द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से पर्यटकों को इनसन्टिव डिस्काउंट दिये जाने के साथ ही सकारात्मक प्रचार अभियान चलाये जाने का भी सुझाव दिया गया। कोविड से सम्बन्धित सभी प्रोटोकाल गाईडलाइन्स पर स्पष्ट आदेश जारी किये जाने के सुझाव दिये गये, जिसमें किसी प्रकार का असमंजस न हो।
सचिव पर्यटन द्वारा सभी प्रतिनिधियों को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग के कार्मिकों को तात्कालिक सहायता के रूप में 1000 रूपये प्रति कार्मिक उपलब्ध कराये जाने हेतु धनराशि जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराई गई है, जिसमें लगभग 2.50 करोड़ की धनराशि वितरित भी की जा चुकी है। राज्य सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल को क्रियान्वित करने हेतु पर्यटन उद्योग से सहयोग की अपेक्षा की गई।


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