शनिवार, 22 अगस्त 2020

श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री से पर्यावरण प्रभाव आकलन नियमों के मसौदे को वापस लेने का आग्रह किया

श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री से पर्यावरण प्रभाव आकलन नियमों के मसौदे को वापस लेने का आग्रह किया



एजेंसी
नयी दिल्ली। केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) 2020 अधिसूचना के मसौदे को वापस लेने का आग्रह किया। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों का कहना है कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन संधि को लेकर जताई गई प्रतिबद्वता और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है।
ट्रेड यूनियनों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि हम अपनी चिंता आपके समक्ष रख रहे हैं। आपसे निवेदन है कि लोगों और पर्यावरण संरक्षण के हित में इस प्रस्ताव को वापस लिया जाए।
पत्र में उन्होंने कहा है कि हम केंद्रीय श्रमिक संगठनों का संयुक्त मंच ईआईए 2020 के नियमों के प्रस्तावित नियमों के मसौदे पर अपना विरोध जताते हैं। यह भारत की अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन संधि के साथ-साथ पर्यावरण रूप से संवेदनशील क्षेत्रों के संरक्षण के हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ है।
श्रमिक संगठनों ने पत्र में लिखा है कि पर्यावरण प्रभाव आकलन 2020, ईआईए 2006 से पूरी तरह से अलग है। ऐसा लगता है कि इसके जरिये कोयला और अन्य खनिजों का निजी कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक खनन को सुगम बनाया गया है। साथ ही यह विभिन्न क्षेत्रों में सरकार के तथाकथित सुधारों के जरिये भूमि उपयोग व्यवस्था को पुनर्गठित करने का प्रयास है। पत्र के अनुसार सरकार को सतत वैश्विक विकास लक्ष्यों को लेकर प्रतिबद्व रहना चाहिए जबकि प्रस्तावित नियमों का मसौदा इसके उलट है।
पत्र भेजने वाले दस केंद्रीय श्रमिक संगठन इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी है। देश में 12 केंद्रीय श्रमिक संगठन हैं जिसमें आरएसएस से संबद्व भारतीय मजदूर संघ भी शामिल हैं।


माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...