शनिवार, 17 अक्तूबर 2020

कितने साल के लिए फिक्स डिपोजिट कराने में फायदा!

कितने साल के लिए फिक्स डिपोजिट कराने में फायदा!



प0नि0डेस्क
देहरादून। जब भी निवेश की बात हो, अधिकांश लोगों को आज भी फिक्स डिपाजिट यानि एफडी करना बेहतर लगता है। फिर एफडी निवेश का सुरक्षित जरिया भी माना जाता है। हालांकि यदि आप एफडी का गणित नही जानते तो इससे ब्याज का नुकसान करा बैठते है। 
यदि एफडी कर रहे हैं तो उसे लंबे वक्त के लिए न करके कम वक्त के लिए करें। मन में सवाल उठ रहें हो कि ऐसा क्यों? तो जानिये कि कम वक्त की एफडी फायदे का सौदा किस तरह बन जाता है।
लंबी अवधि की एफडी कराने में यदि उस दौरान ब्याज दर बढ़ जाती है तो उसका लाभ नहीं मिल पाता। ऐसा भी मुमकिन है कि उस दौरान कोई दूसरा बैंक किसी तरह का खास आफर दे, जिसका फायदा नहीं मिल पाएगा। मान लीजिए 5 साल के लिए एफडी करा दी और दूसरे ही साल ब्याज दरें बढ़ गईं तो नुकसान हो सकता है। लेकिन यदि 1 साल और उससे लंबी अवधि की एफडी की ब्याज दर में बड़ा फर्क दिखता है तो अवश्य ही लंबी अवधि को चुन सकते हैं, लेकिन ऐसे आफर कभी-कभार ही मिलते हैं।
लंबे समय की एफडी करवाने का एक तर्क यह भी कि यदि कोई अच्छा आफर होगा तो एपफडी तुड़वा लेंगे, लेकिन ऐसा करने पर बैंक कुछ चार्ज काटते हैं जो अमूमन 1 फीसदी होता है। यानी यदि 5 फीसदी की दर से 3 साल के लिए एफडी कराई तो एफडी तोड़ने पर 1 फीसदी का चार्ज लगने के बाद सिर्फ 4 फीसदी की दर से ही फायदा मिलेगा।
बैंकों की ब्याज दरें देखेंगे तो उसमें एक साल और उससे अधिक की एफडी में बहुत बड़ा अंतर नहीं होता। ऐसे में अभी बैंक में 1 साल के लिए एफडी करा लें। मैच्योरिटी से पहले देखते रहें कि बैंक कोई और भी खास आफर मिल रहा है! या ब्याज दरों में कोई बदलाव हुआ है! अगर कहीं और उससे अधिक ब्याज मिले तो पैसे वहां निवेश कर दें। इस तरह से एफडी पर अधिक से अधिक ब्याज कमा सकते हैं।


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