बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

मंत्री महाराज को इंसाफ दिलाओ सरकार, नही पूछ रहे अधिकारीः मोर्चा                     

मंत्री महाराज को इंसाफ दिलाओ सरकार, नही पूछ रहे अधिकारीः मोर्चा 


                  
- मंत्री खुद पूछ रहे अपनी भूमिका!           
- योजनाएं चयन करने में नहीं ली जा रही थी विभागीय मंत्री की सहमति 
- अधिकारी मंत्री को ही नही पूछ रहे तो जनता की कैसे होगी सुनवाई!                    
संवाददाता
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि डबल इंजन की (इंजन रहित) सरकार में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की पीड़ा देखकर सहज ही अनुमान जा सकता है कि प्रदेश के अधिकारी कितने निरंकुश हो गए हैं! ऐसे में जनता को न्याय की उम्मीद कितनी संभव है, अनुमान लगाया जा सकता है!                  
नेगी ने कहा कि खुद विभागीय मंत्री ने शासन के अधिकारियों से पूछा है कि योजनाएं चयन करने में विभागीय मंत्री की भूमिका क्या है और योजनाएं चयन के पश्चात मंत्री के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करने का औचित्य एवं आधार क्या है?                       नेगी ने कहा कि वर्ष 2017 में जल संचय एवं जल संवर्धन की दिशा में 4 योजनाएं, जिनकी डीपीआर सिंचाई विभाग में तैयार थी, को नाबार्ड से वित्त पोषित कराने के मामले में सिंचाई मंत्री को दरकिनार कर योजनाएं चयन के लिए पेयजल मंत्री के साथ तो बैठक कर ली गई थी, लेकिन विभागीय मंत्री को इसकी जानकारी न देकर सीधे फाइल अनुमोदन के लिए भेज दी गई। 
उन्होंने कहा कि उक्त कृत्य से खफा होकर विभागीय मंत्री महाराज द्वारा टिप्पणी की गई तथा भविष्य में विभागीय मंत्री को भी विश्वास में  लिए जाने हेतु कहा गया। नेगी ने कहा कि जीरो टॉलरेंस की (इंजन रहित सरकार) में जनता की परेशानियों में लगातार इजाफा हो रहा है।


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