बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

उत्तराखंड जैव विविधता प्रधिकरण के अधिकारियों से मैड की मुलाकात

एयरपोर्ट विस्तार मामले में उत्तराखंड जैव विविधता प्रधिकरण के अधिकारियों से मैड की मुलाकात



संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड सरकार की जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के तहत थानो स्थित जंगल के भीषण कटान के विरोध में मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था नें उत्तराखंड जैव विविधता प्राधिकरण के क़धिकारियों से मुलाकात की।
संस्था नें अपनी बात रखते हुये प्रदेश सरकार की इस परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से विनाशकारी करार दिया। संस्था ने बताया कि 10,000 पेड़ों का कटान, वह भी ऐसे क्षेत्र में जो वन्य जीवन बाहुल्य है, जहां बाघ और हाथियों को भी नियमित रुप से देखा जाता रहा है, और जहां कई दुर्लभ पक्षी भी देखे जाते हैं, जहां साल के पेडांे की भरमार हैं जिनको एक बार काटने के बाद दुबारा से पोषित करना कठिन कार्य है, ऐसे क्षेत्र में ऐसे प्रोजेक्ट का आना उत्तराखंड की जैव विविधता के लिये बहुत बड़ा खतरा साबित होगा और साथ ही साथ इस वजह से मानव वन्यजीव संघर्ष भी बढ़ेगा।
संस्था ने प्राधिकरण के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि ग्रीन सी इंडिया कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड ग़ाज़ियाबाद कंपनी इस योजना के पर्यावरण पर प्रभाव के नज़रिए से अध्ययन कर रही है, की ओर से एक बेहद झूठी रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें कहा गया है कि जिस जगह पर यह योजना लाई जा रही है, वहां ना कोई घना जंगल है और न ही वहां पर शेड्यूल वन फौना हैं तथा संस्था ने मामलें की गंभीरता को समझते हुए अनुभाग 23 के तहत जैव विविधता प्राधिकरण से इस परियोजना के विषय मे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। यह भी बताया कि संस्था विकास विरोधी नहीं बल्कि सतत विकास के पक्ष मे हैं और सरकार को पर्यावरण को अहमियत देते हुये इस परियोजना के विषय में पुनर्विचार करना चाहिए।


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