घाट आंदोलन के समर्थन में आगे आए हरदा
माल्टा उत्पादको व नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग चौड़ीकरण की मांग के समर्थन में किया मौन उपवास
संवाददाता
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण के संघर्ष के आन्दोलनकारियों व उत्तराखण्ड़ के माल्टा उत्पादकों के समर्थन में अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए अपने देहरादून राजपुर स्थित आवास 18 ओल्ड़ मसूरी रोड़ पर एक घंटे मौन उपवास पर बैठे। उनके साथ कांग्रेस नेता सुरेन्द्र कुमार ने भी मौन उपवास में भाग लिया।
उपवास के समापन्न पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग का चौड़ीकरण को लेकर घाट क्षेत्र के भाई-बहन लम्बे समय से आन्दोलनरत है। मेरी भावना उनके साथ है। उन्होंने कहा कि एक छोटी मांग है मगर सरकार केवल मोड़ कटान पर अड़ी पड़ी है। सरकार सड़क चौड़ीकरण से क्यों बचना चाहती है, वे समझ नहीं पा रहे है। उन्होंने कहा कि घाट क्षेत्र के भाई-बहनों के साथ-साथ अगस्तमुनि विकासखण्ड़ के औरिंग गांव के काश्तकार अजीत सिंह कंड़ारी बेबसी मे अपने माल्टे के पेड़ों पर आरी चलाना चाहते है और उन्हांेने शासन से माल्टे के पेड़ काटने की अनुमति भी मांगी है।
हरदा ने कहा कि माल्टे से पेड़ लदे पड़े है मगर एमएसपी इतनी कम है कि खरीद केन्द्र तक ले जाने की ढुलाई भी उससे नही निकल पा रही है। उन्होने कहा कि यदि सरकार हल नहीं निकाल पाई तो वे फरवरी माह में अपना उपवास मुख्यमंत्री आवास अथवा सचिवालय के सम्मुख करेंगे। उन्होंने कहा कि नंदप्रयाग-घाट के भाई-बहनो के साथ और औरिंग गांव के माल्टा किसान अजीत सिंह कंड़ारी के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करने के लिये वे अपने आवास पर एक घंटा मौन उपवास पर बैठे है। उन्होने यह भी कहा कि सरकार इसका समाधान ढूढने में असफल होती है तो उन्हें विवश होकर सचिवालय अथवा मुख्यमंत्री अवास पर इसके लिये उपवास पर बैठना होगा।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गाजीपुर में बैठे किसान आन्दोलन के नेता राकेश टिकैत सहित पंजाब के किसान व प्रमुख कांग्रेस नेताओं से किसान आन्दोलन के सम्बन्ध में अपनी एकजुटता किसानों के साथ प्रदर्शित करने के सम्बन्ध में फोन पर बात की है।
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