रविवार, 25 अप्रैल 2021

एल्युमिनियम स्क्रैप रीसाइक्लिंग करने की तकनीक विकसित

 एल्युमिनियम स्क्रैप रीसाइक्लिंग करने की तकनीक विकसित



एजेंसी

चैन्नई। वैज्ञानिकों की एक टीम ने एल्युमिनियम स्क्रैप को रीसाइक्लिंग करने के लिए कम लागत वाली तकनीक विकसित की है। इस तकनीक से रीसाइक्लिंग करने पर मेटेरियल का भी कम नुकसान होता है। इस नई तकनीक का उपयोग लघु और मध्यम उद्योगों द्वारा किया जा सकता है।



डा0 सी0 भाग्यनाथन एसोसिएट, प्रोफेसर रामकृष्ण इंजीनियरिंग कालेज कोयम्बटूर, डा0 पी0 करुप्पुस्वामी, प्रोफेसर रामकृष्ण इंजीनियरिंग कालेज और डा0 एम0 रवि, सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीएसआईआर-एनआईआईएसटी त्रिवेंद्रम ने मिलकर नई प्रौद्योगिकी प्रणाली विकसित की है जो औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मूल्य वर्धित/गैर-मूल्य वर्धित और खतरनाक/गैर-खतरनाक कचरे, एल्यूमीनियम मिश्र धातुओं और मिश्रित स्क्रैप्स को कंबाइन कर उन्हें कुशलतापूर्वक रीसायकल कर सकती है। यह नई तकनीक विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सपोर्ट से चलाए जा रहे उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के तहत विकसित की गई जिसे भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का भी साथ मिला है। विकसित तकनीक का उपयोग छोटे और कुटीर उद्योग, लघु उद्योग और एमएसएमई एल्यूमीनियम ढलाई और रीसाइक्लिंग उद्योगों में किया जा सकता है।



परम्परागत एल्युमीनियम रीसाइक्लिंग तकनीक से लौह (एपफई), टिन (एसएन), लेड (पीबी) और क्रूसिबल रेट हाट से एमजी को जलाकर प्रसंस्करण करने में बड़े निवेश की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया में मैग्नीशियम मिश्र धातुओं, फेरस मिश्र और उच्च सिलिकान मिश्र धातुओं आदि को मैन्युअल छंटाई भी करनी होती है। इसके बावजूद इससे निकाला गया मैग्नीशियम पर्यावरण के लिए खतरनाक होता है। इन मिश्र धातुओं का गलन ग्रेडेड एल्यूमीनियम स्क्रैप के रूप में होता है। उद्योग रासायनिक संरचना के आधार पर सिल्लियां बेचते हैं।

नई तकनीक से रीसाइक्लड एल्यूमीनियम की शुद्वता और गुणवत्ता बढ़ जाएगी। नई तकनीक में मिश्रित एल्यूमीनियम स्क्रैप (मिश्रित), सुखाना और चुल्हा को गर्म करना, पिघलने वाली भट्टी में बुनियादी अशुद्वियों को दूर करना, वायुमंडल में नाइट्रोजन के स्तर को नीचे रखना और भट्ठी में मिश्र धातु तत्वों को मिलाना और पिघली धातु डालना शामिल है। प्रक्रिया के दौरान तीन समस्याओं का समाधान किया जाता है। लोहे और सिलिकान सामग्री को अलग करना, मैग्नीशियम के नुकसान को रोकना और निर्धारित सीमा के तहत मैकेनिकल प्रापर्टी को सुधार करने के लिए क्रोमियम, स्ट्रोंटियम, जिरकोनियम और अन्य तत्वों को मिलाना मौजूदा तकनीक में रूपांतरण दर 54 प्रतिशत है और नई तकनीक विकसित होने के साथ स्क्रैप के विभिन्न मामलों के आधार पर रूपांतरण दर 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक बढ़कर हो गई है।

यह नई तकनीक टेक्नोलाजी रेडीनेस लेवल (टीआरएल) में 7वें चरण पर है और डा0 सी0 भाग्यनाथन की टीम ने कोयम्बटूर में कई औद्योगिक भागीदारों के साथ साझेदारी की है जैसे रूट्स कास्ट, लक्ष्मी बालाजी डाइकास्ट, एनकी इंजीनियरिंग वर्क्स, आदर्श लाइन एसेसरीज, सुपर कास्ट, स्टार फ्रलो टेक। आगे के विस्तार के लिए विभिन्न घटकों को जोड़ने के लिए इलेक्ट्रिकल हाउसिंग ब्रैकेट, आटोमोबाइल केसिंग और वाल्व कम्पोनेंट, मोटर हाउसिंग ब्रैकेट, मोटर इम्पेलर घटकों आदि से साझेदारी की है। यह टीम प्रौद्योगिकी के लिए एक पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया में है और इसे स्वयम इंडस्ट्रीज, कोयम्बटूर, सर्वाे साइंटिफिक इक्विपमेंट कोयम्बटूर में स्थानांतरित कर दिया है।

यह नई तकनीक उन्नतम एल्युमिनियम मेल्टिंग और होल्डिंग फरनेस, एक डीगैसिंग यूनिट, फिल्टरिंग सेटअप, एक औद्योगिक वाशिंग मशीन और ओवन से भी लैस है।

डा0 सी0 भाग्यनाथन की टीम आगे मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए एल्यूमीनियम रीसाइक्लिंग भट्ठी विकसित करने पर काम कर रही है। वे छोटे पैमाने पर भट्ठियों के साथ बड़े पैमाने पर भट्ठी के लिए प्राप्त परिणामों की मैपिंग करने और एल्यूमीनियम शोधन के बाद शुद्वता पर अध्ययन करने की प्रक्रिया में हैं। इस तकनीक को और उन्नत किया जाएगा, जिससे उन्नत एल्यूमीनियम इंडक्शन भट्ठी बनाया जा सके, जो लघु उद्योगों में सफलतापूर्वक लगाया जा सके।


अब लिंक का इंतजार कैसा? आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।

माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग

  माईगव हेल्पडेस्क पर डिजिलाकर सेवाओं का उपयोग व्हाट्सएप उपयोगकर्ता $91 9013151515 पर केवल नमस्ते या हाय या डिजिलाकर भेजकर कर सकते है चैटबाट...