शुक्रवार, 11 जून 2021

बिर्थी फाल की बूंद-बूंद में होते हैं प्रकृति की अनमोल सुंदरता के दर्शन

 बिर्थी फाल की बूंद-बूंद में होते हैं प्रकृति की अनमोल सुंदरता के दर्शन

                                                       हल्द्वानी से पहुंचे सैलानी दीपक पाठक 




पवन नारायण रावत

गंगोलीहाट। उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण विश्वभर के पर्यटकों की मुख्य पसंद है तो उसमें भी यहां के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित झरने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। यूं तो इस देवभूमि में एक से बढ़कर एक जलप्रपात आपको अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अपनी लगातार प्रवाहमान हैं। बिर्थी फाल उन्हीं में से एक है जो अपनी नैसर्गिक खूबसूरती के चलते पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

बिर्थी जोकि सीमान्त जिले पिथौरागढ़ में थल से मुन्स्यारी जाते हुए मुख्य मार्ग के नजदीक ही लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गांव है। इसी मार्ग पर जाते हुए यह खूबसूरत झरना मुन्स्यारी से लगभग 33 किमी पूर्व ही मुख्य मार्ग के बायीं तरपफ स्थित है। तेजम से इसकी दूरी मात्र 14 किमी है।

                                      बिर्थी फाल ट्रैकिंग से हल्द्वानी के सैलानी पाठक परिवार संग 




हमारी यात्रा गंगोलीहाट से प्रारम्भ होने के कारण पहले यहां से बेरीनाग, उड़्यारी बैंड। वहां से थल और पिफर नाचनी होते हुए मुन्स्यारी मुख्य मार्ग पर प्राकृतिक सुंदरता का आनन्द लेते हुए आप गंगोलीहाट से लगभग 3-3.5 घण्टे में आराम से बिर्थी पहुंच जाते हैं। यहां पहुंचते ही आपको मुख्य मार्ग से लगभग 3-4 किमी दूरी से ही बिर्थी फाल की खूबसूरती के दर्शन हो जाते हैं। फाल के ठीक नजदीक पहुंचकर चारों ओर के वातावरण में आप झरने की खूबसूरती को महसूस कर सकते हैं। साथ ही इसकी अविराम बहती निर्मल जलधारा की संगीतमयी लय से भी एकाकार हो सकते हैं।

बिर्थी फाल का आंनद लेते सैलानी


बिर्थी पहुंचते ही मुख्य सड़क मार्ग से बायीं तरफ लगभग 400 फीट की ऊंचाई से चट्टानों से टकराता हुआ झरना आपको अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। अपनी ही लयताल में उछल-उछल कर आगे बढ़ता हुआ झरना आपके अन्दर शीघ्र ही उसके पास पहुंच जाने की उत्कंठा को बढ़ा देता है। हमने भी बिना देर किए कदम बढ़ाए और मुख्य मार्ग से लगभग एक किमी ट्रैकिंग करते हुए आखिरकार झरने के समीप पहुंच ही गये। झरने तक पहुंचने का पैदल मार्ग जो बेहद खूबसूरत हरियाली के बीच पगडंडी से होकर गुजरता है। झरने तक पहुंचने में एक मिनी ट्रैकिंग का कार्य करता है जो झरने के रोमांच को और बढ़ा देता है। झरने के व्यू पाइन्ट पर पहुंचते ही आपकी थकान वाकई छूमंतर हो जाती है। झरने को इस जगह से निहारना, ध्यान में खो जाने सरीखा है।

                                                          हल्द्वानी से पहुंचे सैलानी दीपक पाठक 




इस स्थान से आप सिर्फ झरने को निहारते रहिए, बस निःशब्द। बिर्थी फाल की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने हल्द्वानी से आये सैलानी दीपक पाठक की आवाज झरने की मधुर ध्वनि के बीच में से होती हुई कानों से आ टकराई। पेशे से इलैक्ट्रिकल इंजीनियर पाठक शहरों की भागमभाग भरी जिन्दगी से सुकून के कुछ पल प्रकृति के साये में गुजारने के लिए सपरिवार बिर्थी फाल पहुंचे थे। झरने के रूबरू दर्शन और नैसर्गिक सुंदरता ने उन्हें जीवन की आपाधापी में सुकून के वो पल दिए जो उनके लिए जीवन का एक यादगार एवं महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए। उनके परिवार के लिए यह एक अनमोल तोहफा था। प्रकृति के साये में शांति और सुकून महसूस करना ही आज इंसान के अंदर बची हुई संवेदना की सबसे बड़ी निशानी है। लगभग एक घण्टे झरने को अविराम बहते हुए एवं उसके निर्मल प्रवाह को अपने मन मस्तिष्क में महसूस करने के उपरान्त कुछ ऐसा ही विचार मन में लहराने लगा।

                                               बिर्थी फाल में देहरादून से पहुंचे नन्हें पर्यटक 




बिर्थी फाल में सालभर पानी अपनी खूबसूरती के साथ बना रहता है। बरसात में पानी इतना बढ़ जाता है कि जलप्रपात से गिरती बूंदें चट्टानों में टकराकर दूर-दूर तक उछलती हुई मुख्य सड़क मार्ग से देखी जा सकती हैं। गर्मियों के महीने में भी मुन्स्यारी के खलियाटाप के समीप की बर्फ पिघलकर इस प्राकृतिक जलप्रपात की सुंदरता को अक्षुण्ण बनाये रखती है।

बिर्थी में शानदार जलप्रपात की खूबसूरती का आकर्षण तो है ही, इसके अलावा भी यह खूबसूरत क्षेत्र साहसिक खेलों में रुचि रखने वाले सैलानियों के लिए तमाम सम्भावनाएं समेटे हुए है। अनुभवी पैराग्लाइडिंग पायलट शंकर बताते हैं कि यहां झरने के ऊपर से पैराग्लाइडिंग का अलग ही रोमांच है। यह आनन्द शब्दों से परे है। उनके अनुसार यहां साहसिक खेलों और पर्यटन के लिहाज से अनेक सम्भावनाएं हैं। हाल ही में साहसिक पर्यटन से जुड़ी संस्था आइस ने बिर्थी फाल में रैफलिंग कर एक नया रिकार्ड स्थापित किया है। संस्था के सदस्यों ने 148 मीटर ऊंचे बिर्थी जलप्रपात में सफलतापूर्वक रैफलिंग कर राष्ट्रीय रिकार्ड स्थापित किया है। इससे पूर्व यह रिकार्ड आंध्र प्रदेश के 125 मीटर ऊंचे कृतिका वाटर फाल पर रैफलिंग के नाम दर्ज था। इसके अलावा यहां का विविधतापूर्ण प्राकृतिक वातावरण बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए भी एक बेहतरीन साइट है।

जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से बिर्थी लगभग 100 किमी दूरी पर है। हल्द्वानी से अल्मोड़ा, बेरीनाग, थल होते हुए लगभग 270 किमी की दूरी तय कर यहां पहुंचा जा सकता है। यहां रात्रि विश्राम करने वालों के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम का आवासगृह मौजूद है। नजदीक ही स्थानीय युवकों द्वारा रेस्टोरेंट भी संचालित किए जा रहे हैं।

मुन्स्यारी घूमने वाले सैलानी अवश्य ही बिर्थी फाल की सुंदरता का लुफ्रत उठाते हैं। और क्यों नहीं, आखिरकार प्रकृति का इतना सुन्दर तोहफा आखिर हमें यही सीख देता है कि जिस प्रकार बूंद-बूंद से मिलकर एक खूबसूरत झरने का निर्माण होता है। ठीक उसी प्रकार जीवन में निरन्तर बढ़ती भागदौड़ की श्रृंखला में तन और मन का विश्राम ही वह सुकून की बूंदे हैं। जो आधुनिक तनाव से भरी जीवनशैली में सफलता रूपी खूबसूरत झरने का निर्माण करती हैं।

बिर्थी का बेहतरीन सफर और बिर्थी फाल की बेहद खूबसूरत स्मृतियों के साथ हमारी यात्रा अपने पड़ाव तक पहुंचती है। बिर्थी से चलते हुए दूर से निहारने पर ऐसे लगा मानों झरना बूंद-बूंद उछलकर कह रहा हो, फिर आओगे ना, कब!


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