बुधवार, 30 जून 2021

सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकी की जरूरत

 जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले से बदलेगी रणनीति! 



सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकी की जरूरत

प0नि0ब्यूरो

देहरादनू। हालांकि जम्मू के वायु स्टेशन में ड्रोन हमले से पहले ही ऐसे हमले का अंदेशा लगाया जा रहा था इसके बावजूद सरुक्षा व्यवस्था में चूक हो गई और देश के दुश्मनों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। हालांकि इसको आतंकी हमला कहना ठीक नहीं होगा क्योंकि ऐसी तकनीक सिवाय पाकिस्तानी सेना के अन्य के पास मौजूद नहीं है। जबकि हमारे आसपास मौजूद आतंकी इतने एडवांस नही है।

इसका सीधा सा मतलब है कि पाकिस्तानी सेना से देश को ललकारा है। भले ही वह इसके लिए आंतकी संगठनों की आड़ ले रहा हो लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह पाकिस्तानी सेना की कायराना हरकत का नमूना मात्र है। ऐसा करके उसने दुःसाहस का परिचय दिया है। यह आंतकी घटना नहीं बल्कि एक मुल्क द्वारा किया गया आक्रमण है। 

संभव है कि निकट भविष्य में देशवासी जल्द ही इसका प्रतिकार हमारी सेना द्वारा लेते हुए देखेंगे। निश्चित तौर पर ऐसा किया जाना भी बेहद जरूरी है ताकि हमारा पडोसी देश दोबारा ऐसी हरकत न कर सके। हालांकि अब भी वह चीन के इशारों में ऐसा दुःसाहस कर रहा है। संभवतया इस बार भी उसने चीनी तकनीक के सहारे भारत पर हमले की रिहर्सल की है।

ऐसा पहली बार है कि देश के रक्षा प्रतिष्ठान पर ड्रोन से हमले को अंजाम दिया गया है। भले ही संयोग से यह हमला नाकाम हो गया और हमें जानमाल के नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन इस हमले ने अहसास करा दिया हैं कि हमारी तमाम सुरक्षा व्यवस्था को नये सिरे से सुसज्जित करने का वक्त आ गया है। हमें भी इजरायल की तरह बार्डर पर आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए चाक चौबंद इंतजामात करने होंगे। 

निश्चित तौर पर सीमा पर सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक की जरूरत है। जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद हमारी सुरक्षा की रणनीति में बदलाव आयेगा। साथ ही तकनीकी के दम पर सुरक्षा व्यवस्था भी व्यापक होगी। फिलहाल हमारे पास इस तरह की व्यवस्था की नितान्त कमी है। लेकिन हाल फिलहाल के इस हमले ने चेतावनी दी है कि हमारे पास सुरक्षा की रणनीति में बदलाव के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। यही एक तरीका है जिसकी बदौलत हम अपनीे सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता कर सकते है और दुश्मन को कड़ा संदेश भी दिया जा सकता है।


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