मंगलवार, 6 जुलाई 2021

शादी के समय दुल्हन को पहनाया जाता है मंगलसूत्र

 शादी के समय दुल्हन को पहनाया जाता है मंगलसूत्र



प0नि0डेस्क

देहरादून। वर द्वारा वधु को मंगलसूत्र पहनाना विवाह की मुख्य रस्मों में से एक है। यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। दुल्हन का ये मुख्य आभूषण होता है। प्राचीन समय से ही मंगलसूत्र की बड़ी महिमा बताई गई है। ये हिंदू सनातन धर्म की मुख्य परंपरा है। मंगलसूत्र सोने के पैंडेट और काले मोतियों से बना होता है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार काले मोती भगवान शिव को दर्शाते हैं जो बुरी नजर से बचाव करते हैं और सोना मां पार्वती का प्रतीक है।

सोने का मंगलसूत्र समृद्वि की निशानी माना जाता है। मान्यता है कि मंगलसूत्र अमंगल की आशांकाओं से सुहाग की रक्षा करता है। साथ ही बुरी नजर से बचाता है। सोना पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और इसे सुख-समृद्वि का प्रतीक भी माना जाता है। सोना धारण करने से सूर्य ग्रह भी मजबूत होकर अपना शुभ प्रभाव देेने लगता है।

ऐसी भी मान्यता है कि दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाने से कुंडली में मंगल दोष का बुरा असर नहीं पड़ता है। इसका मुख्य धार्मिक कारण यही होता है कि ये पति की रक्षा करता है। मंगलसूत्र अकसर सोने का ही पहनाया जाता है। ज्योतिष में सोने का संबंध गुरु ग्रह से होता है। गुरु वैवाहिक जीवन में खुशहाली का कारक होता है। साथ ही मंगलसूत्र में जड़े काले मोतियों का संबंध शनि से माना गया है। शनि स्थायित्व का प्रतीक है। इसलिए मंगलसूत्र पहनने से शनि और गुरु ग्रह का शुभ प्रभाव वैवाहिक जीवन पर पड़ता है।

धार्मिक मान्यताओं अनुसार मंगलसूत्र का टूटना अशुभ माना जाता है। क्योंकि इसका संबंध सीधे सुहाग से होता है। मंगलसूत्र को कभी भी छिपाना नहीं चाहिए।


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