बुधवार, 1 सितंबर 2021

कोरोना महामारी के दौरान कैलाश ओमेगा कैंसर केंद्र में कैंसर उपचार

 उपयुक्त प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए किया सौ से अधिक रोगियों का इलाज  



कोरोना महामारी के दौरान कैलाश ओमेगा कैंसर केंद्र में कैंसर उपचार

संवाददाता

देहरादून। कोरोना महामारी की दूसरी लहर भीषण थी और बड़ी संख्या में पाजीटिव रोगियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। वहीं अधिकांश अस्पतालों ने कोविड़ संक्रमण के जोखिम के कारण गैर.कोविड रोगियों को भर्ती करना बंद कर दिया।

ऐसे मौके पर कैलाश ओमेगा कैंसर सेंटर में उपचार की सेवाएं दी जा रही थीं। अस्पताल के स्टाफ बिना डर के अपने कर्तव्य का पालन कर रहें थे। अस्पताल के वरिष्ठ सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और विभाग के प्रमुख डा0 आकाश गैंद ने बताया कि कैंसर सर्जरी अर्ध आपात स्थिति है क्योंकि यह रोग तेजी से फैलता रहता है। इसलिए अत्यधिक सावधानी बरतते हुए कैंसर की सर्जरी करनी पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि कैलाश ओमेगा कैंसर केंद्र में हमने बायो बबल बनाकर महामारी के दौरान जटिल कैंसर सर्जरी की एक श्रृंखला की। 

उन्होंने कहा कि यह वार्ड, कॉरिडोर, लिफ्ट क्षेत्रों और ऑपरेशन थिएटर सहित पूरे क्षेत्र को साफ करके किया गया, जहां जहां मरीज को ले जाया गया था। मरीज के संपर्क में रहने वाले डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और हाउसकीपिंग सहित सभी स्टाफ सदस्यों की बार-बार आरटी पीसीआर जांच की गई। केवल एक आरटी पीसीआर निगेटिव अटेंडेंट को ही मरीज से मिलने की इजाजत थी। इस बायो बबल के निर्माण के कारण हमारे किसी भी मरीज में ऑपरेशन के बाद की अवधि में कोविड़ संक्रमण नहीं मिला और उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के साथ छुट्टी दी गई।

विकिरण ऑन्कोलॉजी विभाग के सलाहकार और प्रमुख डा0 सौरभ बंसल ने जानकारी दी कि कोविड महामारी के दौरान कैंसर के उपचार को अर्ध.आपातकालीन मानते हुए हमारे विभाग ने उपयुक्त प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए हमारी मशीन पर करीब सौ रोगियों का इलाज किया है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारा विभाग फोटॉन बीम (3डी-सीआरटी, आईएमआरटी, वीएमएटी), एचडीआर  ब्रेकीथेरेपी तकनीकों की सुविधाओं से लैस है। इसमें कीमोथेरेपी, सहायक देखभाल और ऑन्कोलॉजी आपात स्थितियों के प्रबंधन के लिए डे केयर और इंडोर वार्ड भी हैं।


न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के सलाहकार और प्रमुख डा0 पंकज पाल के मुताबिक हमारी नवीनतम पीईटी/सीटी प्रणालीए उत्कृष्ट छवि गुणवत्ता और बुद्धिमान मात्रा दोनों को सक्षम बनाती हैए जिससे चिकित्सकों को सर्वाेत्तम संभव रोगी परिणाम देने में मदद मिलती है।


कोरोना काल के इस मुश्किल समय में रोगियों के लिए अलग प्रतीक्षा क्षेत्र, क्यूबिकल जैसे सुरक्षा उपाय, मशीनों की पूरी तरह से सफाई, पीईटी-सीटी से गुजरने वाले प्रत्येक रोगी की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट, पीईटी-सीटी इमेजिंग के दौरान कर्मचारियों द्वारा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग ने कोविड रोग की श्रृंखला को काटने में मदद की। 


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