शनिवार, 11 सितंबर 2021

प्रमुख वन संरक्षक ने दिए आरोपों पर जांच के आदेश

 राजाजी टाईगर रिजर्व के पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक कोमल सिंह की मुश्किलें बढ़ी 

प्रमुख वन संरक्षक ने दिए आरोपों पर जांच के आदेश 



संवाददाता

हरिद्वार। पीपुल्स पफार एनिमल्स संस्था के पदाधिकारी आदित्य शर्मा ने सूचना का अधिकार के तहत सूचना प्राप्त कर पाया कि पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक कोमल सिंह द्वारा अनिमितता कर लाखोंं रूपयों का गबन किया गया हैं। इस बारे में शर्मा ने बताया कि अवैध तरीके से एक ही जगह 8 वर्षाे तक अपनी जड़ें जमाये हुए कोमल सिंह पर हरिद्वार में तैनाती के दौरान अतिक्रमण कराने, इनके द्वारा 8 वर्षाे में केवल हरिद्वार में ही 60 से 70 बीघा टाईगर रिजर्व की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर पक्के मकान बनवा कर कालोनियां काटने का आरोप है। इसके बावजूद इनके द्वारा इतना बड़ा अवैध अतिक्रमण न तो कागजो में दर्ज हुआ और न ही उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई। क्योंकि हर अतिक्रमण कराने का हिस्सा अपने आप कोमल सिंह की जेब में पहुंच जाता था। 

इतना ही नही कोमल सिंह के द्वारा 8 वर्षाे तक अवैध रूप से नियम विरुद्व वन्यजीव प्रतिपालक कार्यालय से एक अवैध तार का कटवा डाल कर 8 वर्षाे तक अवैध विद्युत कनेक्शन लेकर अपने सरकारी आवास एवं सर्वेंट आवास पर उपभोग करते रहे जबकि उसका बिल सरकारी कार्यालय में जुड़ता रहा। शर्मा ने कहा कि हरिद्वार तैनाती के दौरान अवैध रूप से वाहन दिखाकर कोमल सिंह ने लाखो रुपयों का गबन किया। जिस अवैध वाहन पर राजाजी टाईगर रिजर्व के निदेशक द्वारा रोक लगा दी गई, उसका धडल्ले से इस्तेमाल होता रहा। 

पदोन्नति के 2 या तीन महीने पहले ही कोमल सिंह द्वारा टाईगर रिजर्व में ही उप निदेशक के बोर्ड लगवाने पर भी संस्था द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया था। हरिद्वार रेंज में हरनाल बीट में सबमर्सीबल पंप मोटर सहित लगाया गया लेकिन वह आज तक चला ही नही ओर न ही उसे चलाने के लिए लगाए गए बिजली का बिल एवं मीटर लगाने की रसीद ही सूचना के अधिकार के तहत मांगने पर दे पाएं है। 

वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए 11 लाख रुपये खर्च कागजों में दिखा दिए, वो भी ठेकेदार को नगद भुगतान किया गया। हिल बाईपास खड़खड़ी बिट में नया पुल निर्माण में जब पहाड़ काटकर रास्ता निकाला जा रहा था तो पहाड़ काट कर जो मिट्टी टाइगर रिजर्व की थी, हरिद्वार से ऋषिकेश तक बेची गई। इसकी शिकायत करने पर भी नियम विरुद्व उसी बिट दरोगा से जांच कराकर शिकायत को निराधार बताकर मामला दबा दिया गया। जबकि शर्मा ने दावा किया कि उक्त मिट्टी 4 हजार रुपये प्रति डम्पर बेचे जाने के वीडियो हरिद्वार से ऋषिकेश तक सैकड़ों डम्पर बेचने के वीडियो जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दिये जायेंगे।

शिकायत कर्ता ने कहा कि हरिद्वार तैनाती के दौरान बेरिवाड़ा रेंज में शिकायत पर एक टीम बना कर काम्बिंग की गई जिसमें मोके पर 368 पेड़ो का अवैध पातन निकला जिसकी क्षतिपूर्ति हेतु निर्णय में पिछले पांच सालों से तैनात वन रक्षक, वन दरोगा व रेंज अधिकारी पर वसूली के आदेश दिए गये। पिछले 8 सालों से वन्यजीव प्रतिपालक कोमल सिंह भी तैनात रहे है तो इनका भी उतना ही दायित्व था जितना कि अन्य कर्मचारी व अधिकारी का था। इनको पूरा स्टाफ, गाड़ी, डीजल, सुरक्षा हेतु तीन सरकारी हथियार बंद अधीनस्त रेंजों में गश्त के लिए दिए जाते रहे तो इन पर भी क्षतिपूर्ति हेतु भार डालना जरूरी था।

शर्मा के मुताबिक हरिद्वार तैनाती के दौरान राजाजी टाईगर रिजर्व की डा0 आदिति से भी कोमल सिंह ने अभद्र व्यवहार किया व उच्च अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन करने व अपने नीचे के अधिकारियों व कर्मचारियों से अभद्र भाषा का प्रयोग करना व हमेशा विवाद खड़े करना एवं दुराचरण इनकी आदतों में शामिल हैं। पदोन्नति उपरान्त गोविंद पशु विहार पुरोला में उप निदेशक के पद पर भी जाते ही वहां भी अनियमितता कर गबन शुरू कर दिया। वहां भी उक्त अवैध वाहन कोविड़-19 में फायर में लगा दिखा कर सरकारी धन की लूट शुरू कर दी। इनके साक्ष्य शर्मा ने अपनी शिकायत के साथ संलग्न किये है। इसके अलावा गोविंद पशु विहार पुरोला में उप निदेशक बनने के बाद वहां सुअर व वन्यजीव रोधी दीवार कार्य अधूरा छोड़ कर ठेकेदार को पूर्ण भुगतान दिखाया गया। 

शिकायतकर्ता की मानें तो पुरोला में ओर भी कई गंभीर आरोप कोमल सिंह पर लगे है। जैसे वाहन चालक के आवास की मरम्मत में 1 लाख का भुगतान दिखाया लेकिन कार्य अधूरा छोड़ा। 14 लाख इको विकास में दिखाकर कार्य अधूरे छोड़े। 12 लाख केंट प्लान जैव विविधा समिति में दिखाए। वन विश्राम भवन में 8 लाख का गबन किया।

इन सभी गम्भीर आरोपों पर संस्था की शिकायत व साथ लगाए साक्ष्यों के आधार पर प्रमुख वन संरक्षक द्वारा जांच अधिकारी नामित कर प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को जांच अधिकारी नामित कर 10 दिन के अंदर जांच आख्या मांगी हैं। बता दें कि पिफलहाल गोविंद पशु विहार पुरोला में अनियमितताओं के चलते उप निदेशक कोमल सिंह अटैच चल रहे है।


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