शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

कब्ज-गैस की समस्या तो मिट्टी के तवे पर पकायें रोटी

 कब्ज-गैस की समस्या तो मिट्टी के तवे पर पकायें रोटी



प0नि0डेस्क 

देहरादून। समय के साथ हमारी आदतों में कई तरह के बदलाव आए हैं। पहले के लोग मिट्टी के तवे पर रोटी सेकते थे, लेकिन धीरे-धीरे स्टील, एल्युमिनियम, लोहे और अब नान-स्टिक तवे का इस्तेमाल होने लगा है। 

समय बचाने के लिहाज से मेटल के तवे भले ही फायदेमंद हों, लेकिन इससे स्वास्थ्य खराब हो रहा है। मिट्टी के तवे पर रोटी सेकना बीमारियों से हरदम बचे रहने का स्वस्थ तरीका है।

आयुर्वेद के अनुसार मिट्टी के बर्तन में पका ह़ुआ खाना खाने से व्यक्ति कई बीमारियों से दूर रहता है। मिट्टी के बर्तन में बना खाना न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि खाना 100 प्रतिशत पौष्टिक भी होता है। इन बर्तनों में खाना पकाने से इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। इसके अलावा मिट्टी के तवे पर पकी रोटी खाने से न सिर्फ पाचन स्वस्थ रहता है बल्कि कई बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं। 

गलत खानपान आजकल कब्ज का कारण बनता जा रहा है। इस समस्या से राहत पाने के लिए मिट्टी के तवे पर पकी रोटी को अपनी डाइट में शामिल करें। एक ही जगह पर घंटों काम करने से ज्यादातर लोगों में गैस की समस्या होने लगती है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो रोटी को लोहे या नान-स्टिक तवे के बजाय मिट्टी के तवे पर पकाकर खाएं। 

पाइल्स होने पर कई तरह के खाद्य पदार्थों को खाने की मनाही होती है। ऐसे में अगर रोटी भी मिट्टी के तवे पर सिकी हुई खाएंगे तो पाइल्स में बहुत आराम मिलेगा। जानकारों के मुताबिक मिट्टी के तवे पर रोटी सेकने से उसका कोई भी पोषक तत्व नष्ट नहीं होता। जबकि एल्युमिनियम के बर्तनों में रोटी पकाने से 87 प्रतिशत, पीतल के तवे पर 7 प्रतिशत और कांसे के तवे पर 3 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। 100 प्रतिशत पोषक तत्व केवल मिट्टी के बर्तन में बने भोजन में मौजूद होते हैं।

दरअसल मिट्टी में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व रोटी में अवशोषित हो जाते हैं, जिससे गेहूं के आटे के गुण नष्ट नहीं होते। बल्कि ये कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं।

मिट्टी के तवे पर कभी तेज आंच में रोटी न सेकें। ऐसा करने से आपका तवा पफट या चटक सकता है। इस तवे का उपयोग करने से पहले इस पर पानी लगा लेना चाहिए। उपयोग के बाद तवे को कमरे के तापमान पर आने दें और थोड़ी देर के लिए पानी में भिगो दें।

मिट्टी के बर्तन को कभी साबुन से नहीं धोना चाहिए। ऐसा करने से यह साबुन को सोख लेगा। मिट्टी के तवे को साफ करने के लिए साफ कपड़े का ही इस्तेमाल करें। बदलती जीवनशैली में व्यस्तता इतनी ज्यादा है कि किसी के पास धीरे-धीरे रोटी बनाने का टाइम नहीं है। लेकिन अपने स्वास्थ्य को देखते हुए सप्ताह में एक बार मिट्टी के तवे पर पकी हुई रोटी जरूर खाएं। इससे आप खुद को नहीं बल्कि पूरे परिवार को सुरक्षित रख पाएंगे।


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