डब्ल्यूआईटी कार्मिकों की सेवा बहाली को एसीएस से मोर्चा ने लगाई गुहार
संवाददाता
देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय) में पूर्व में कार्यरत शिक्षकों एवं लैब टेक्नीशियनों की मानवीय आधार पर सेवा बहाली अथवा पत्रावली वार्ता हेतु मुख्यमंत्री को प्रेषित करने को लेकर अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा श्रीमती राधा रतूड़ी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। श्रीमती रतूड़ी ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। नेगी ने कहा कि महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून में वर्ष 2012 से 2016-17 तक शिक्षकों एवं लैब टेक्नीशियनों द्वारा निरंतर अपनी सेवाएं संस्थान को प्रदान की तथा अगले वर्ष हेतु अपनी संविदागत सेवा के नवीनीकरण हेतु संस्थान निदेशक से आग्रह किया, लेकिन निदेशक द्वारा आनाकानी के उपरांत कार्मिकों द्वारा आंदोलन चलाया गया। अपनी सेवा बहाली न होते देख कार्मिकों द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई, जिसमें इनको काफी राहत प्रदान की गई, लेकिन संस्थान को यह सब नागवार गुजरा एवं उक्त फैसले के खिलाफ संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में एसएलपी योजित की, जिस पर संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को एक तरह निस्तारित कर दिया। नेगी ने कहा कि अपनी पीड़ा को लेकर कार्मिकों द्वारा जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री से सेवा बहाली की मांग की गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव, तकनीकी शिक्षा को वार्ता हेतु निर्देशित किया गया था , लेकिन विभाग द्वारा पत्रावली को प्रतीक्षा में रखने के निर्देश दिए गए, जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। प्रतिनिधिमंडल में सुशील भारद्वाज मौजूद थे।