रविवार, 12 दिसंबर 2021

तब्लीगी जमात पर सऊदी अरब द्वारा प्रतिबंध

 तब्लीगी जमात पर सऊदी अरब द्वारा प्रतिबंध का ऐलान

सऊदी प्रशासन ने तब्लीगी जमात को आतंकवाद का द्वार बताया



एजेंसी

रियाद। सऊदी अरब ने सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन तब्लीगी जमात को प्रतिबंधित कर दिया है। सऊदी सरकार ने इसे आतंकवाद का प्रवेश द्वार और समाज के लिए खतरा करार दिया है। सऊदी अरब के इस प्रतिबंध का तब्लीगी जमात पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। भारत में कोरोना महामारी के शुरुआत में दिल्ली में तब्लीगी जमात के जलसे को लेकर भारी बवाल हुआ था।

सऊदी इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने मस्जिदों को शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद तकरीर में लोगों को उनके साथ जुड़ने के खिलाफ चेतावनी देने का निर्देश दिया। देश के इस्लामी मामलों के मंत्री ने सोशल मीडिया पर सुन्नी इस्लामी संगठन को आतंकवाद का द्वार बताते हुए प्रतिबंध का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात समाज के लिए खतरा है।

एक के बाद एक किए गए ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि इस्लामिक मामलों के महामहिम मंत्री डा0 अब्दुल्लातिफ अल अलशेख मस्जिदों और मौलवियों से जुमे की तकरीर के दौरान तब्लीगी जमात से लोगों को न जुड़ने की चेतावनी देने का निर्देश दिया। यह उन मस्जिदों के लिए भी प्रभावी होगा, जहां जुमे की नमाज अस्थायी रूप से की जाती है।

सऊदी के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि जुमे की नमाज के बाद दिए जाने वाली तकरीर में ये विषय शामिल होने चाहिए। इस समूह से लोगों के भटकने और ब्रेन वाश होने का खतरा, यह आतंकवाद का एंर्ट्री गेट में से एक है। भले ही वह कुछ और दावा करें। उनकी सबसे प्रमुख गलतियों का जिक्र करें। लोगों को बताएं कि यह संगठन समाज के लिए खतरा है। यह भी बताएं कि सऊदी अरब में तब्लीगी सहित सभी पक्षपातपूर्ण समूहों से संबंध रखना गैर कानूनी है। 

तब्लीगी जमात की शुरुआत लगभग 100 साल पहले देवबंदी इस्लामी विद्वान मौलाना मोहम्मद इलयास कांधलवी ने एक धार्मिक सुधार आंदोलन के रूप में की थी। तब्लीगी जमात का काम विशेषकर इस्लाम के मानने वालों को धार्मिक उपदेश देना होता है। पूरी तरह से गैर-राजनीतिक इस जमात का मकसद पैगंबर मोहम्मद के बताए गए इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान (सिद्वातों) कलमा, नमाज, इल्म-ओ-जिक्र (ज्ञान), इकराम-ए-मुस्लिम (मुसलमानों का सम्मान), इखलास-एन-नीयत (नीयत का सही होना) और तफरीग-ए-वक्त (दावत और तब्लीग के लिए समय निकालना) का प्रचार करना होता है। दुनियाभर में एक प्रभावशाली आध्यात्मिक आंदोलन के रूप में मशहूर जमात का काम अब पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाली गुटबाजी का शिकार हो गया है।


आप सीधे parvatiyanishant.page पर क्लिक कर खबरों एवं लेखों का आनंद ले सकते है।

मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी

 मालन पुल के मरम्मत का कार्य धीमी गति से होेने पर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जतायी संवाददाता देहरादून। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण न...