बुधवार, 29 दिसंबर 2021

एसजेवीएन अरुणाचल में जलविद्युत के दोहन के लिए निवेश करेगा

एसजेवीएन अरुणाचल में जलविद्युत के दोहन के लिए निवेश करेगा



संवाददाता
नई दिल्ली। एसजेवीएन केअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के साथ जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए रोड मैप पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में एक बैठक की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को 5097 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 5 जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन को स्वीकार कर लिया है, जिसके लिए शीघ्र ही समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। बैठक के दौरान एके सिंह निदेशक (वित्त), एसजेवीएन भी उपस्थित रहे।
एटालिन एचईपी (3097 मेगावाट), अटुनली एचईपी (680 मेगावाट), एमिनी एचईपी (500 मेगावाट), अमुलिन एचईपी (420 मेगावाट) और मिहुमडोन एचईपी (400 मेगावाट) नामक यह परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश के दिबांग बेसिन में स्थित हैं। शर्मा ने कहा कि वह हमेशा से एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की अवधारणा की वकालत करते रहे हैं। इसके अनुसार एक नदी बेसिन में एक डेवलपर को जल विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने से जनशक्ति, आधारभूत संरचना और वित्तीय संसाधनों का इष्टतम उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस अवधारणा को स्वीकृत करते हुए इन परियोजनाओं को आबंटित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
एनएल शर्मा सीएमडी एसजेवीएन ने आश्वस्त किया कि एसजेवीएन के पास चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में मेगा हाइड्रो परियोजनाओं के डिजाइन, निर्माण और संचालन का एक सफल  ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 60,000 करोड़ रूपए के संभावित निवेश वाली इन परियोजनाओं की कमीशनिंग एसजेवीएन द्वारा अगले 8-10 वर्षों में कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कमीशनिंग होने पर इन परियोजनाओं से संचयी आधार पर सालाना लगभग 20,000 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन होने की संभावना है। इनमें से कुछ परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है जबकि कुछ परियोजनाएं सर्वेक्षण एवं अन्वेक्षण चरण में हैं। 
शर्मा ने अवगत कराया कि इन परियोजनाओं के आबंटन के साथ एसजेवीएन देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करेगा जिससे कंपनी क्षेत्र की विकास प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनेगी।
उन्होंने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार का जल विद्युत् परियोजनाओं के विकास और राज्य की समग्र समृद्धि में भागीदार बनने के लिए एसजेवीएन को अवसर प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। उप-मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं के निष्पादन के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार से पूर्ण सहयोग एवं समर्थन का आश्वासन दिया। 
एसजेवीएन एक अग्रणी विद्युत् सीपीएसई है जिसका भारत सहित पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में हाइड्रो, सोलर, विंड, थर्मल और पावर ट्रांसमिशन के क्षेत्र में विविधीकृत पोर्टफोलियो है। हाल के वर्षों में कंपनी के पोर्टफोलियो में तीव्र वृद्धि हुई है तथा अब 16000 मेगावाट से अधिक की क्षमता के साथ इसकी 41 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।


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