मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बजट के फोकस से उत्तरी राज्यों को फायदाः अभिमन्यु मुंजाल

 प्रधानमंत्री की गतिशक्ति योजना भारत के उत्तरी क्षेत्र को दुनिया के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद करेगाः सीआईआई उत्तरी क्षेत्र

आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बजट के फोकस से उत्तरी राज्यों को फायदाः अभिमन्यु मुंजाल



संवाददाता

देहरादून। सीआईआई के अध्यक्ष अभिमन्यु मुंजाल ने कहा कि वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट ने एक विकासोन्मुखी, विस्तारवादी बजट पेश किया है और स्पष्ट रूप से बढ़े हुए पूंजीगत व्यय के माध्यम से सतत विकास पर सरकार के फोकस का संकेत दिया है। सीआईआई उत्तरी क्षेत्र में हम अर्थव्यवस्था को शांत करने के साथ-साथ पूंजीगत व्यय में वृद्वि के माध्यम से इसे बढ़ावा देने के लिए किए गए संतुलन की सराहना करते हैं। इंप्रफास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान देते हैं एवं देश के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं।

उन्होंने कहा कि सीआईआई उत्तरी क्षेत्र को यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि बजट ने जीवन, आजीविका और विकास के सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया है जो अर्थव्यवस्था को एक समावेशी विकास पथ पर ले जाएगा। हम राज्यों की सहायता के लिए 50 वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का स्वागत करते हैं। यह पूंजीगत व्यय और परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्यों की क्षमता को और उत्प्रेरित करेगा।

उत्तरी राज्यों के लिए बजट घोषणाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कई उत्तरी राज्य एमएसएमई के केंद्र हैं और इस क्षेत्र के लिए कई सकारात्मक हैं जैसे कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना का 2023 तक विस्तार, 2 लाख रुपये का अतिरिक्त क्रेडिट एमएसएमई के लिए करोड़ और एमएसएमई प्रदर्शन कार्यक्रम को बढ़ाने और तेज करने की घोषणा। इन सभी कदमों से एमएसएमई क्षेत्र को अधिक लचीला, प्रतिस्पर्धी और कुशल बनने में मदद मिलेगी।

पहाड़ी राज्यों में कनेक्टिविटी हमेशा सबसे अहम मुद्दा रहा है। सीआईआई राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत करता है जो कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करेगा और विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा। इसके अलावा केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना के लिए 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि से उत्तर प्रदेश के क्षेत्र जिनमंे पानी की कमी है, विशेष रूप से बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को लाभ होगा।

तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती व्यापक योजना की घोषणा और किसान ड्रोन के इस्तेमाल से कृषि प्रधान राज्य जैसे पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान आदि को काफी फायदा होगा। इसके अलावा कृषि के लिए स्टार्टअप्स को फाइनेंस करने के लिए फंड की घोषणा उत्तरी राज्यों में कृषि आधारित स्टार्टअप के विकास को गति देगा।

विपुल डावर अध्यक्ष सीआईआई उत्तराखंड ने कहा कि वित्त मंत्री ने सार्वजनिक निवेश और पूंजीगत व्यय को बढ़ावा दिया है जो एक अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव रखेगा। कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के लिए कृषि और ग्रामीण उद्यमों में वित्त स्टार्ट-अप की स्थापना से कृष स्टार्टअप को बहुत आवश्यक बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने की सरकार की मंशा और प्राकृतिक, शून्य-बजट और जैविक खेती एवं आधुनिक कृषि की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय कृषि को वैश्विक बाजारों में अधिक पहुंच और स्वीकार्यता देने में मदद मिलेगी।

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