जनवरी में पूर्व जवानों के पेंशन में डीए शामिल नहीं!
पेंशन विभाग की लापरवाही हो सकती है इसकी वजह
एजेंसी
नई दिल्ली। जनवरी 2022 की पेंशन स्लिप देख कर सेना के पूर्व सैनिक परेशान हैं। गौर हो कि सेना के कई अधिकारी और जवान रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए पेंशन पर निर्भर रहते हैं।
जनवरी 2022 के लिए पूर्व सैनिकोें की जो पेंशन आई है, उनमें डीए अलाउंस या महंगाई भत्ता शामिल नहीं है। सरकार की पेंशन बांटने वाली अथारिटी ने इस बारे में उन्हें कोई जानकारी भी नहीं दी है। सेना के पूर्व जवानों के बैंक अकाउंट में जो पेंशन आया है उसमें डीए शामिल नहीं है।
केंद्र सरकार के एंप्लाई और पेंशनर को बेसिक पे या पेंशन के 31 फीसदी रकम के बराबर डीए मिलता है। समस्या यह है कि रिटायर्ड कर्नल जैसे एक्स आर्मी जवानों को जनवरी महीने में 31,000 रूपये तक कम पेंशन मिला है, जबकि कई पूर्व लेफ्रिटनेंट जनरल की पेंशन 37,000 रूपये तक कम आई है।
पूर्व जवान पेंशन के मामले में कई परेशानी का सामना कर रहे हैं खासतौर पर जब से सरकार ने आनलाइन पेंशन डिसबर्सिंग सिस्टम लागू किया है तब से उनकी परेशानी बढ़ गई है।
आनलाइन पेंशन डिसबर्सिंग सिस्टम को इलाहाबाद में मौजूद प्रिंसिपल कंट्रोलर आफ डिफेंस अकाउंट्स (पेंशन) डील करता है। आनलाइन पेंशन डिसबर्समेंट सिस्टम को स्पर्श नाम दिया गया है। यह पूर्व जवानों के बैंक खाते में सीधे पेंशन की रकम ट्रांसफर करता है, इसमें किसी बैंक की भी जरूरत नहीं होती है। साल 2016 के बाद रिटायर हुए जवानों को नई पेंशन सिस्टम की वजह से समस्या आ रही है।
बात जनवरी 2022 की करें तो 1,28,000 से अधिक पेंशनर को अलग-अलग बैंक अकाउंट से स्पर्श सिस्टम में माइग्रेट किया गया है, इनमें से 1058 लोगों को पेंशन में डीए नहीं मिला है।
पूर्व सैनिकोें के लिए सबसे दिक्कत की बात यह है कि उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई कि उनके पेंशन में डीए क्यों शामिल नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि पीसीडीए ने स्पर्श सिस्टम पर स्विच करने से पहले अपना होमवर्क सही तरीके से नहीं किया है। नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक लेफ्रिटनेंट जनरल ने कहा कि यह पेंशन विभाग की लापरवाही की वजह से हो सकता है।